महाराष्ट्र
मुंबई लोकल में सफर के लिए बन रहा ऐप, कैसे मिलेगा टिकट और फोटो पास? जानिए पूरी डीटेल

महाराष्ट्र सरकार ने अब मुंबई की लोकल ट्रेनों में आम लोग लोगों को भी 15 अगस्त से यात्रा की अनुमति दे दी है। इसके लिए अब रेलवे ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं। लोगों पास और टिकट देने के लिए एक खास ऐप को बनाया जा रहा है। जो आने वाले दो दिनों में तैयार हो जाएगा।
इसके अलावा मुंबई के 65 रेलवे स्टेशनों पर ऐप के माध्यम से टिकट और पास के लिए क्यूआर कोड भी दिया जाएगा। बीएमसी के वार्ड ऑफिस में भी ऑफलाइन क्यूआर कोड देने का बंदोबस्त किया जाएगा ताकि यात्रियों को दिक्कत न होने पाए। जिन यात्रियों के पास क्यूआर कोड नहीं होगा उन्हें फोटो पास (टिकट) नहीं दिया जाएगा। क्यूआर कोड को मोबाइल ऐप या फिर बीएसमी वार्ड ऑफिस से बनवा सकते हैं।
कोरोना वैक्सीन की दोनों डोज़ अनिवार्य
सबसे जरूरी और अहम बात है कि आपके पास कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद मिलने वाले दोनों सर्टिफिकेट का होना जरूरी है। उसी आधार पर आपको क्यूआर कोड और फोटो पास मिलेगा। दूसरी डोज़ के 14 दिन बाद ही यात्रियों को लोकल ट्रेन में सफर करने की अनुमति दी गई है। रेलवे और बीएमसी के अधिकारी मिलकर इसके लिए रूपरेखा तैयार कर रहे हैं।
एक आला अधिकारी के अनुसार राज्य सरकार का आदेश मिलने के बाद आरपीएफ, कमर्शल और ऑपरेटिंग विभाग की बैठक चल रही है। इसमें कमर्शल को टिकटिंग के लिए, आरपीएफ को भीड़ व्यवस्थापन के लिए और ऑपरेटिंग को ट्रेनों की सर्विस बढ़ाने के लिए चर्चा के शामिल किया गया है।
मध्य रेलवे पर अभी 1612 सर्विस चल रही है, जबकि 1774 कुल सर्विस संख्या है। पश्चिम रेलवे पर 1201 सर्विस चल रही हैं, जबकि कुल सर्विस 1367 है। एक अधिकारी ने बताया कि 15 अगस्त के बाद यात्री संख्या के मुताबिक सर्विस संख्या के इजाफा किया जाएगा।
22 मार्च, 2020 के बाद पहली बार ऐसा होगा, जब किसी सामान्य व्यक्ति (दो डोज ले चुके) को पूरे दिन यात्रा की छूट दी जाएगी। पिछली बार लोकल ट्रेनों में सामान्य लोगों को शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति तो मिल गई थी, लेकिन शर्तें लागू थीं।1 फरवरी से आम लोगों को नॉन पीक ऑवर्स यानी सुबह पहली लोकल चलने से लेकर सुबह 7 बजे तक फिर दोपहर 12 बजे से शाम 4 बजे तक और फिर रात 9 बजे के बाद आखिरी लोकल चलने तक यात्रा की अनुमति दी गई थी। इस बार फिलहाल ऐसी कोई शर्त नहीं रखी गई है।
रेलवे के अनुसार अभी फिलहाल 25 लाख के करीब यात्री चल रहे हैं, जबकि पीक आवर्स की स्थिति देखकर लगता है कि 35-40 लाख यात्री चल रहे हैं। रेलवे के आंतरिक आंकलन के अनुसार 15 अगस्त के बाद यात्रियों की संख्या 50 लाख तक पहुंच सकती है और तीसरी लहर के मुहाने खड़ी मुंबई के लिए ये चुनौतीपूर्ण होगा। पिछले साल लॉकडाउन के दौरान अतिआवश्यक सेवाओं से जुड़े लोगों के लिए रेलवे ने 15 जून 2020 से लोकल ट्रेनें शुरू की थी। शुरुआत में रोजाना केवल 30 हजार लोग यात्रा कर रहे थे।
नवंबर, 2020 में महिला यात्रियों को समय की शर्तों के साथ यात्रा की अनुमति दी गई थी, जिसके बाद यात्रियों की संख्या करीब 9-10 लाख पहुंच गई थी। इसके बाद 29 जनवरी 2021 तक यात्रियों की संख्या 19 लाख पहुंच गई। 1 फरवरी से सामान्य लोगों को समय की शर्तों के साथ अनुमति मिलने के बाद प्रतिदिन लगभग 36-37 लाख यात्री सफर करने लगे।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुखों से 8 घंटे काम कराया जाना चाहिए: विधान परिषद में विपक्ष के नेता अंबादास दानवे

Ambadas Danve
मुंबई: महाराष्ट्र विधान परिषद में पुलिस को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने पर शिवसेना विरोधी पक्ष नेता अंबादास दानवे ने कहा कि पुलिस विभाग में आम अधिकारियों की स्थिति बहुत दयनीय है और उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पुलिस अधिकारियों को 8 घंटे की जगह 12 घंटे ड्यूटी करनी पड़ती है, जिससे उनके स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। पुलिस अधिकारियों को घर के नजदीक ड्यूटी देने की बजाय दूर-दराज की ड्यूटी दी जाती है। वरिष्ठ अधिकारियों के तत्काल तबादले और पदोन्नति पर ध्यान दिया जाता है, लेकिन सरकार पुलिस अधिकारियों की ओर से आंखें मूंदे बैठी है। कई अधिकारियों ने डीजी ऋण के लिए आवेदन किया है, लेकिन अभी तक उन्हें यह ऋण उपलब्ध नहीं कराया गया है। कई पुलिस अधिकारी अपनी ड्यूटी करने के लिए वसई, विरार और पालघर से दो से चार घंटे की यात्रा करते हैं। इन पुलिस अधिकारियों को सुविधाएं प्रदान करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि पुलिस के स्वास्थ्य को लेकर उन्हें यह व्यायाम और योग करने की सलाह दी जाती है। ऐसी स्थिति में अधिकारियों के पास योग और व्यायाम करने का समय नहीं है। उन्होंने कहा कि जिस तरह से सरकार आईपीएस अधिकारियों के तबादले और पदोन्नति पर ध्यान देती है, उसी तरह अधिकारियों के स्वास्थ्य और तबादलों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महत्वपूर्ण व्यक्तियों की ड्यूटी और व्यवस्था पर भी पुलिस अधिकारी तैनात रहते हैं। 2 से 10 अधिकारी सुरक्षा पर तैनात रहते हैं, लेकिन मुख्यमंत्री ने महत्वपूर्ण व्यक्तियों की सुरक्षा कम कर दी है, जिसके लिए वह सराहनीय हैं, इसलिए मैं मांग करता हूं कि पुलिस की सुविधाओं पर ध्यान दिया जाए। उन्होंने कहा कि पुलिस अधिकारियों के पास घर भी नहीं है और आवास नीति में दिए गए घर भी जीर्ण-शीर्ण हालत में हैं, इस पर विचार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि मुंबई में 51 हजार पुलिस अधिकारियों की क्षमता है, लेकिन बल की कमी है, इसलिए पुलिस की भर्ती करने की जरूरत है।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र विधानसभा में तीसरे दिन विपक्ष ने 3000 करोड़ के भ्रष्टाचार को लेकर किया प्रदर्शन

मुंबई: मुंबई में महाराष्ट्र विधानसभा के तीसरे दिन विपक्ष ने सत्ताधारी पार्टी पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया और विधान भवन की सीढ़ियों पर प्रदर्शन करते हुए सरकार पर अपनी पसंद की हर कंपनी को ठेका देने का आरोप लगाया। राज्य के निर्माण और विकास विभाग ने महायोति सरकार की मेघा इंजीनियरिंग कंपनी को 3000 करोड़ रुपये का ठेका दिया है। इस कंपनी के काम में कई कमियां पाई गई हैं, लेकिन इसके बावजूद यह सरकार को प्रिय है। इसलिए विधान भवन की सीढ़ियों पर नारे लगाए गए कि इस कंपनी को ठेका देना निंदनीय है। विपक्षी सदस्यों ने ठेकेदार मेघा इंजीनियरिंग का बैनर पोस्टर भी थामा हुआ था, जिसमें मेघा कंपनी के मालिक की तस्वीर भी दिखाई दे रही थी। महायोति सरकार में भ्रष्टाचार के खिलाफ विपक्ष ने अपना विरोध तेज कर दिया है। विधान भवन की सीढ़ियों पर शिवसेना के विपक्ष नेता अंबादास दानवे, कांग्रेस सदस्यों और कांग्रेस समेत सभी दलों ने पूरे जोर-शोर से विरोध प्रदर्शन किया और सरकार का ध्यान इस ओर दिलाया।
महाराष्ट्र
हाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर

मुंबई: मुंबई हाईकोर्ट ने आज पांच मस्जिदों द्वारा दाखिल की गई याचिका पर कार्रवाई करते हुए मुंबई पुलिस अधिकारियों और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) को नोटिस जारी किया है। यह नोटिस उन मामलों से संबंधित है जिसमें मस्जिदों ने लाउडस्पीकर हटाने और अनुमति पत्र न मिलने के कारण हुई कार्रवाई को लेकर आपत्ति जताई है।
आवेदनकर्ताओ का आरोप है कि पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई बिना अनुमति और अवैध है, और उनके धार्मिक अधिकारों का उल्लंघन किया जा रहा है। उनका मानना है कि इन कार्रवाइयों को पारदर्शिता और न्यायसंगत प्रक्रिया के बिना अंजाम दिया गया है, जिससे धार्मिक गतिविधियों में विघ्न पड़ा है।
अदालत ने पुलिस को यह भी निर्देश दिया है कि वह जुलाई 9, 2025 को होने वाली अगली सुनवाई से पहले संबंधित रिकॉर्ड और विवरण के साथ एक हलफनामा दाखिल करे। इससे कानून प्रवर्तन एजेंसियों में जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया है।
याचिकाकर्ताओं की तरफ से वरिष्ठ वकील यूसुफ मुसैलाह ने केस का प्रतिनिधित्व किया। उनके साथ वकील मुबीन सोलकर भी इस मामले में पक्ष रख रहे हैं। अन्य जूनियर वकील भी उपस्थित थे, जिन्होंने इस मामले के गंभीरता और संवेदनशीलता को दर्शाया।
यह मामला खासतौर पर तब महत्वपूर्ण हो जाता है जब कानून-व्यवस्था और धार्मिक समुदायों के बीच लाउडस्पीकर और अन्य धार्मिक उपकरणों के उपयोग को लेकर विवाद जारी है। अदालत के अगले आदेश का बेसब्री से इंतजार है, क्योंकि इससे धार्मिक स्वतंत्रता और कानून के पालन के बीच संतुलन स्थापित करने का संकेत मिल सकता है।
इस केस की सुनवाई में यह देखना दिलचस्प रहेगा कि कानून और धार्मिक अधिकारों के बीच कैसे तालमेल स्थापित होता है। उम्मीद है कि आगामी सुनवाई में निष्कर्ष सकारात्मक और संतोषजनक होंगे।
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