राजनीति
कांग्रेस के ‘असंतुष्ट’ कार्यसमिति की बैठक में पत्र के कटेंट पर चर्चा न होने से नाराज
कांग्रेस कार्य समिति की बैठक के अगले दिन मंगलवार को पार्टी के असंतुष्टों का कहना है कि उनके लिखे पत्र के कंटेंट पर बैठक में कोई चर्चा ही नहीं हुई। सोमवार को चिट्ठी की टाइमिग को लेकर सवाल उठाए गए और सभी ने इसे गांधी परिवार की वफादारी से जोर दिया। सात घंटों तक चली कांग्रेस कार्य समिति की सोमवार को हुई बैठक में पत्र में की गई मांग पर कोई खास विमर्श नहीं हुआ और गांधी परिवार के ‘वफादारों’ ने असंतुष्टों को घेरने की कोशिश की।
असंतुष्टों को लगा कि उनके पत्र पर इस बैठक में विचार होगा, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ, इस बात से पार्टी के असंतुष्ट नाराज हैं। कार्य समिति की बैठक में कु छ नेताओं ने सवाल उठाया कि चिट्ठी लिखने की क्या जरूरत थी, इस बात को पार्टी के फोरम में भी उठाया जा सकता था। जवाब में चिट्ठी पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं ने कहा कि कोई मीटिंग जब हुई ही नहीं तो मुद्दा कहां उठाते।
कार्यसमिति की बैठक के बाद सोमवार को ही गुलाम नबी आजाद के निवास पर पत्र पर हस्ताक्षर करने वाले नेताओं की एक बैठक हुई, जिसमें भविष्य की रणनीति के बारे में विचार किया गया। सूत्रों की मानें तो पार्टी में असंतोष अभी खत्म नहीं हुआ है और वे सही वक्त का इंतजार कर रहे हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री मनीष तिवारी, शशि थरूर, मुकुल वासनिक, आनंद शर्मा, कपिल सिबल ने सोमवार को करीब एक घंटे तक गुलाम नबी आजाद के निवास पर चर्चा की थी, लेकिन ये नहीं पता चल पाया है कि उन्होंने क्या बातचीत की। इन सभी को गांधी परिवार के ‘वफादारों’ ने कार्य समिति की बैठक के दौरान घेरा और उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी।
इधर असंतुष्टों का कहना है कि पत्र सोनिया गांधी के खिलाफ नहीं था, बल्कि पार्टी में सुधार की मांग को लेकर पार्टी अध्यक्ष को लिखा गया था। उनका ये भी कहना है कि लेटर लीक नहीं होना चाहिए था।
मंगलवार सुबह पार्टी के एक असंतुष्ट नेता संजय झा ने ट्वीट किया, “ये एक अंत की शुरुआत है।”
इस बीच, कांग्रेस जल्द ही एक पैनल का गठन करेगी जो सोनिया गांधी को पार्टी में बदलाव के लिए सहयोग करेगा।
सोमवार को कार्य समिति की बैठक में सोनिया गांधी को अध्यक्ष पद पर बरकरार रहने का फैसला लिया गया। साथ ये भी फैसला लिया गया कि कांग्रेस पार्टी अगले छह महीनों में नेतृत्व परिवर्तन को लेकर उचित कदम उठाएगी।
राजनीति
यूपी के संभल में अतिक्रमण के खिलाफ चला बुलडोजर
संभल, 11 जनवरी। उत्तर प्रदेश के संभल की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के पुनरुद्धार की दिशा में प्रशासन लगातार प्रयास कर रहा है। इसी क्रम में शनिवार को पापमोचन तीर्थ क्षेत्र के रास्ते पर हुए अवैध अतिक्रमण को हटाने को लेकर बुलडोजर पहुंचा। इस दौरान एसडीएम वंदना मिश्रा भी अधिकारियों के साथ पहुंची थीं।
एसडीएम वंदना मिश्रा की मौजूदगी में तिवारी सराय में पापमोचन तीर्थ क्षेत्र और होलिका दहन स्थल के आस-पास के अतिक्रमण को हटाया जा रहा है। बीते दिनों इन स्थलों का जिलाधिकारी ने अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था।
एसडीएम और पालिका ईओ की मौजूदगी में बुलडोजर ने रास्ते में हुए अवैध अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया।
शनिवार को संभल की सदर कोतवाली संभल क्षेत्र के बहजोई रोड स्थित मोहल्ला तिवारी सराय में पाप मोचन तीर्थ एवं होलिका दहन के रास्ते पर हुए अवैध अतिक्रमण पर बुलडोजर की कार्रवाई हुई है। एसडीएम वंदना मिश्रा राजस्व की टीम के साथ मौके पर पहुंची थीं।
इस दौरान बुलडोजर की कार्रवाई को देखकर आस-पास के लोगों में हलचल मच गई, जिन लोगों ने रास्ते में अवैध अतिक्रमण कर रखा था। यहां पर बांस-बल्ली रखी थी, उन्होंने एसडीएम से गुहार लगाई कि थोड़ा समय दिया जाए, वे अपना सामान हटा लेंगे। इसी के साथ लोगों ने अपना अवैध अतिक्रमण हटाना भी शुरू कर दिया।
इसके पहले शुक्रवार को डीएम डॉ. राजेंद्र पैंसिया एवं एसपी कृष्ण विश्नोई ने पाप मोचन तीर्थ और होलिका दहन स्थल पर हुए अवैध कब्जे को लेकर निरीक्षण किया था और एसडीएम संभल को निर्देश दिया था कि इसे हटाने के निर्देश दिए थे। संभल के तिवारी सराय स्थित मुन्नी माता मंदिर के आसपास अतिक्रमण था।
डीएम ने कहा कि जनपद की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों को पुनर्जीवित और संरक्षित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि सभी तीर्थों और कूपों का मानचित्र और साइनेज तैयार किया जाए ताकि श्रद्धालु आसानी से इन स्थलों तक पहुंच सकें। इसके लिए एक व्यवस्थित योजना बनाई जाएगी।
राष्ट्रीय समाचार
चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देश की विकास दर बढ़ने की उम्मीद : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 11 जनवरी। बैंक ऑफ बड़ौदा की एक हालिया रिपोर्ट के अनुसार, डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, सेवा क्षेत्र की गतिविधियों, हवाई यात्रियों की संख्या, बढ़ते टोल और जीएसटी कलेक्शन जैसे सकारात्मक सूचकांकों के साथ चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में देश की विकास दर बढ़ने की उम्मीद है।
वित्त वर्ष 2024-25 में कृषि क्षेत्र में 3.8 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि दर्ज होने की उम्मीद है, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 1.4 प्रतिशत थी। अब तक, रबी की बुवाई पिछले साल की तुलना में अधिक रही है और यह कृषि विकास के लिए अच्छा संकेत है।
वित्त वर्ष 2024-25 की तीसरी तिमाही में जीएसटी कलेक्शन में भी 8.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो उपभोग मांग में तेजी का संकेत है।
रिपोर्ट के अनुसार, कृषि की बेहतर संभावनाओं से ग्रामीण मांग को बढ़ावा मिलेगा, जबकि शहरी मांग में भी सुधार के संकेत मिलते हैं। दिसंबर 2024 में मुद्रास्फीति में कमी आई और आने वाले महीनों में इसमें और कमी आने की उम्मीद है। हालांकि, रुपये का अवमूल्यन एक प्रमुख जोखिम है।
रिपोर्ट में कहा गया है, “अमेरिका के नव-निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तहत अमेरिकी नीतियों पर अधिक स्पष्टता होने तक वैश्विक और घरेलू फाइनेंशियल सिस्टम में कुछ हद तक अनिश्चितता बनी रहने की संभावना है। हम 2025 में भारत की विकास संभावनाओं को लेकर आशावादी बने हुए हैं।”
कुछ हाई फ्रिक्वेंसी सूचकांकों ने डिजिटल पेमेंट, बिजली की मांग, इलेक्ट्रॉनिक आयात और फर्टिलाइजर बिक्री में वृद्धि के साथ मांग में तेजी का संकेत दिया है।
हालांकि, रिपोर्ट में बताया गया है कि त्योहारों के बाद की इन्वेंट्री और सीमित नए लॉन्च के कारण यात्री वाहनों की कुल बिक्री कम रही।
ग्रामीण फ्रंट पर, नकदी प्रवाह के मुद्दों और ईवी बाजार की ओर रुख के कारण दोपहिया वाहनों की बिक्री में भी भारी गिरावट देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि विशेष रूप से पहले अग्रिम अनुमान के अनुसार, निजी खपत वृद्धि वित्त वर्ष 2023-24 के चार प्रतिशत के मुकाबले वित्त वर्ष 2024-25 में 7.3 प्रतिशत रहेगी, जिससे आने वाले महीनों में स्थिर वृद्धि की संभावना बढ़ गई है।
इसमें यह भी बताया गया है कि नवंबर 2024 तक (12 मनी मार्केट अकाउंट के आधार पर) केंद्र का राजकोषीय घाटा 5.1 प्रतिशत पर स्थिर था। मौजूदा वित्त वर्ष में अप्रैल से नवंबर 2024 तक कुल व्यय में 3.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो अक्टूबर 2024 में भी उसी स्तर पर थी।
राजस्व व्यय की वृद्धि अक्टूबर 2024 तक 8.7 प्रतिशत थी जो नवंबर 2024 तक के आंकड़े में घटकर 7.8 प्रतिशत रह गई। वहीं, इस दौरान पूंजीगत व्यय की गिरावट की दर कम हुई।
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि आय के मामले में, नवंबर 2024 तक केंद्र की शुद्ध राजस्व वृद्धि भी 8.7 प्रतिशत पर स्थिर रही। प्रत्यक्ष कर संग्रह में सुधार हुआ (11.1 प्रतिशत के मुकाबले 12.1 प्रतिशत), जबकि अप्रत्यक्ष कर संग्रह की वृद्धि थोड़ी धीमी हुई (10.5 प्रतिशत के मुकाबले 9.2 प्रतिशत) जबकि गैर-कर संग्रह स्थिर रहा।
राष्ट्रीय समाचार
पुडुचेरी में भी एचएमपीवी की दस्तक, 5 वर्षीय बच्ची संक्रमित
नई दिल्ली, 11 जनवरी। पुडुचेरी में एचएमपीवी ने दस्तक दे दी है। 5 साल की बच्ची संक्रमित पाई गई है जिसे इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करा दिया गया है।
5 वर्षीय बच्ची को बुखार के लक्षणों के साथ जिपमेर अस्पताल में भर्ती कराया गया। जिपमेर अस्पताल प्रशासन ने बताया, संदेह के आधार पर डॉक्टरों ने बच्ची का एचएमपीवी परीक्षण किया और बच्ची के एचएमपीवी से संक्रमित होने की पुष्टि हुई। अस्पताल प्रशासन के मुताबिक बच्ची स्वस्थ है।
गौरतलब है कि स्वास्थ्य विभाग ने पहले ही लोगों को एचएमपीवी वायरस को लेकर घबराने की सलाह नहीं दी थी।
भारत के विभिन्न राज्यों में इस वायरस से संक्रमित होने की रफ्तार धीमी है पर कई मामले सामने आने लगे हैं। एचएमपीवी अन्य वायरस की तरह ही है जो सांस संबंधी समस्याएं पैदा कर सकता है, लेकिन भारत में नागपुर, बेंगलुरू, अहमदाबाद, चेन्नई और सलेम में इस वायरस के मामले सामने आए हैं।
सरकार ने भी इसके लिए कमर कस ली है। हालांकि विशेषज्ञों का मानना है कि इससे घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने इस वायरस को लेकर सभी राज्यों से सावधानी और सतर्कता बरतने को कहा है। इस वायरस को लेकर देश के अलग-अलग राज्यों ने अलर्ट जारी किया है।
देश में शुक्रवार (10 जनवरी) तक कर्नाटक (2), गुजरात (1) और तमिलनाडु (2) समेत एचएमपीवी के सात मामले सामने आए हैं। सभी मामले 3 महीने से 13 साल की उम्र के बच्चों में पाए गए।
भारत में एचएमपीवी के मामले सबसे पहले कर्नाटक में मिले थे। इसके बाद से भारत में अहमदाबाद, चेन्नई और सलेम में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के मामले सामने आए हैं।
मौसमी वायरस कहे जाने वाले एचएमपीवी को लेकर पूरी दुनिया अलर्ट मोड में है। हालांकि कहा जा रहा है यह सिर्फ एक मौसमी वायरस है। चीन में इस वायरस के कई केस आने के चलते भारत में स्वास्थ्य मंत्रालय को गाइडलाइंस तक जारी करनी पड़ी हैं।
यह वायरस हल्के से लेकर गंभीर लक्षण पैदा कर सकता है।
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