राजनीति
आंध्र प्रदेश ने राज्य सुरक्षा आयोग में विपक्ष के नेता को भी शामिल किया
आंध्र प्रदेश सरकार ने विपक्ष के नेता एन. चंद्रबाबू नायडू को राज्य के सुरक्षा आयोग में शामिल करने का फैसला किया है। राज्य सरकार ने आयोग को लेकर 10 अक्टूबर को जारी पहले के सरकारी आदेश में संशोधन किया है जिसमें अब नायडू भी शामिल हैं।
संशोधित आदेश में कहा गया, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेशों के अनुपालन में आंध्र प्रदेश के राज्यपाल ने राज्य सुरक्षा आयोग के नियमों में निम्नलिखित संशोधन किया है।
आयोग का नेतृत्व राज्य के गृह मंत्री मेकाथोती सुचरिता कर रहे हैं और इसमें विधानसभा में विपक्ष के नेता नायडू भी प्रतिनिधित्व करेंगे।
अन्य सदस्यों में मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) और पांच अन्य व्यक्ति शामिल हैं।
नियम के तहत 5 व्यक्तियों में से, कम से कम एक पिछड़ा वर्ग से होना चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
महामारियों से पहले सामाजिक-आर्थिक असमानताओं से निपटना जरूरी, दुनिया दे ध्यान: यूएन रिपोर्ट

नई दिल्ली, 3 नवंबर: असमानता महामारी से लड़ने के राष्ट्रीय और वैश्विक प्रयासों को कमजोर कर रही है, जिससे बीमारियां ज्यादा नुकसान पहुंचा रही हैं और जानलेवा साबित हो रही हैं। यूएनएड्स की सोमवार को जारी एक ग्लोबल रिपोर्ट इस ओर ध्यान दिलाती है।
दुनिया के जाने-माने अर्थशास्त्रियों, पब्लिक हेल्थ एक्सपर्ट्स और राजनेताओं की रिपोर्ट में बताया गया है कि कैसे असमानता महामारी से निपटने के आड़े आ रही है और उन्हें ज्यादा कमजोर बना रही है। रिपोर्ट यूएनएड्स के ग्लोबल काउंसिल ऑन इनइक्वलिटी, एड्स और पैनडेमिक ने प्रकाशित की है।
इसमें बताया गया है कि देशों के अंदर और देशों के बीच उच्च स्तर की असमानता महामारी को लंबे समय तक टिकाए रख रही है।
दूसरी ओर, महामारी भी असमानता को बढ़ावा दे रही है, जिससे एक ऐसा चक्र बन रहा है जो न केवल कोविड-19, बल्कि एड्स, इबोला, इन्फ्लूएंजा, एमपॉक्स और अन्य बीमारियों में भी देखा गया है।
रिपोर्ट सुझाव देती है कि दुनिया को अब भविष्य में ऐसी किसी भी महामारी से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए। इसमें महामारी आने से पहले असमानता को दूर करने का आह्वान किया गया है ताकि दुनिया को अगली वैश्विक बीमारी के संकट से मौजूदा तैयारियों के प्रयासों की तुलना में ज्यादा प्रभावी ढंग से बचाया जा सके।
यूएनएड्स की कार्यकारी निदेशक और संयुक्त राष्ट्र की अवर महासचिव विनी ब्यानिमा ने कहा, “यह रिपोर्ट दिखाती है कि नेताओं को उन असमानताओं से निपटने की तत्काल आवश्यकता क्यों है जो महामारी को बढ़ावा देती हैं, और यह उन्हें दिखाती है कि वे ऐसा कैसे कर सकते हैं। देशों के अंदर और देशों के बीच असमानताओं को कम करने से सभी के लिए बेहतर, निष्पक्ष और सुरक्षित जीवन संभव होगा।”
ये नए निष्कर्ष ऐसे समय में आए हैं जब जी20 के स्वास्थ्य मंत्री एवियन फ्लू और एमपॉक्स के अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नए और बढ़ते प्रकोप की रिपोर्ट्स के बीच मिलने की तैयारी कर रहे हैं, और जब एचआईवी रोकथाम के लिए ड्रग नियंत्रक नई दवाओं को मंजूरी दे रहे हैं।
रिपोर्ट में स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए एक नए दृष्टिकोण का आह्वान किया गया है जो राष्ट्रीय और वैश्विक दोनों स्तरों पर महामारी के सामाजिक और आर्थिक असमानता-महामारी चक्र को तोड़ने में सक्षम हो।
इसने वैश्विक ढांचे में वित्तीय बाधाओं को दूर करने का भी आग्रह किया ताकि सभी देशों को महामारी को बढ़ावा देने वाली असमानताओं को दूर करने के लिए पर्याप्त वित्तीय मदद मिल सके।
रिपोर्ट में कहा गया है, “स्थानीय और क्षेत्रीय उत्पादन के साथ-साथ अनुसंधान और विकास के एक नए शासन का निर्माण करें जो पैनडेमिक्स को रोकने के लिए आवश्यक सार्वजनिक वस्तुओं के रूप में प्रौद्योगिकी के बंटवारे को सुनिश्चित करने में सक्षम हो।”
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ इक्विटी के निदेशक प्रोफेसर सर माइकल मार्मोट ने कहा, “सबूत बिल्कुल साफ हैं। अगर हम असमानताओं को कम करते हैं – जिसमें अच्छे घर, उचित काम, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और सामाजिक सुरक्षा शामिल हैं – तो हम महामारी के जोखिम को उसकी जड़ से कम करते हैं। असमानता से निपटने के लिए कार्रवाई करना ‘अच्छा होगा’ वाली बात नहीं है; वो महामारी से पहले तैयारी और उससे निपटने के लिए आवश्यक हैं।”
राजनीति
नीतीश कुमार 14 नवंबर के बाद एनडीए में सार्वजनिक रूप से नहीं दिखेंगे: सांसद संजय यादव

पटना, 3 नवंबर: राजद सांसद संजय यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को निशाने पर लेते हुए कहा है कि वे 14 नवंबर के बाद एनडीए में सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देंगे। उन्होंने पटना में हुई रोड शो को लेकर कहा कि संदेश साफ है कि 14 नवंबर के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार एनडीए नेताओं के बीच सार्वजनिक रूप से दिखाई भी नहीं देंगे।
राजद सांसद संजय यादव ने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार कह रहे हैं कि एनडीए की सरकार बनेगी और उसमें कहीं भी मुख्यमंत्री का नाम नहीं है। यहां गठबंधन की राजनीति पढ़ने की जरूरत नहीं है, यह स्पष्ट है कि 14 नवंबर के बाद नीतीश कुमार एनडीए में सार्वजनिक रूप से दिखाई नहीं देंगे।
उन्होंने कहा कि वैसे नीतीश कुमार 14 नवंबर के बाद दिखाई देंगे या नहीं, हमें इससे कुछ भी लेना-देना नहीं है। बस बिहार में अगली सरकार एनडीए नहीं बना रही है। प्रदेश की जनता तेजस्वी यादव के नेतृत्व में महागठबंधन की सरकार बनाने जा रही है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के तालाब में मछली पकड़ने को लेकर भाजपा नेताओं के बयान पर राजद सांसद संजय यादव ने कहा कि पीएम मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह बिहार में हैं। मीडिया को भाजपा के नेताओं से सवाल करना चाहिए कि देश में बहुत काम है और वे बिहार में हैं। मुख्यमंत्रियों से लेकर केंद्रीय मंत्रियों तक बिहार में डेरा डाले हुए हैं।
राहुल गांधी का बचाव करते हुए उन्होंने कहा कि राहुल गांधी अच्छे स्विमर हैं। उन्होंने गांव में एक पोखर में मछली पकड़कर दिखाया कि वह आम आदमी तक पहुंचने का दम रखते हैं। क्या भाजपा के नेता तालाब में उतर सकते हैं?
राहुल गांधी ने मल्लाह समाज के साथ तालाब में मछली पकड़ी और दिखाया कि उन्हें कोई भी काम करने से परेशानी नहीं है। भाजपा के लोग कह रहे हैं कि राहुल गांधी के पास कोई काम नहीं है। हर चीज में भाजपा के लोगों को नकारात्मक बातें ही ढूंढनी हैं। कुछ जगहों पर उन्हें सकारात्मक बातें भी खोजनी चाहिए।
राष्ट्रीय समाचार
अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में राशन दुकानदारों की बैठक, लंबित कई समस्याओं का किया गया निपटारा

अहमदाबाद, 3 नवंबर: अहमदाबाद कलेक्ट्रेट में सोमवार को खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग की प्रमुख सचिव मोना खंधार की अध्यक्षता में सरकारी उचित मूल्य दुकानदारों (राशन दुकानदारों) के साथ एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। इसमें दुकानदारों की लंबित मांगों और समस्याओं पर विस्तृत चर्चा हुई तथा सरकार की ओर से सकारात्मक पहल की गई।
बैठक में प्रमुख सचिव मोना खंधार ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल और संबंधित मंत्री ने दुकानदारों की एसोसिएशन द्वारा उठाए गए मुद्दों पर पूर्णतः सकारात्मक रुख अपनाया है। उन्होंने कहा, “कुल 20 मुद्दों में से 11 मुद्दों को तत्काल प्रभाव से स्वीकार कर लिया गया है। शेष 9 नीतिगत मुद्दों पर भी प्रक्रिया तेज गति से चल रही है और जल्द ही इन्हें हल किया जाएगा।”
खंधार ने दुकानदारों से अपील की कि वे गरीब और जरूरतमंद लोगों की सेवा में सक्रिय भागीदार बनें। उन्होंने कहा, “उचित मूल्य की दुकानें समाज के सबसे कमजोर वर्ग तक सरकारी सहायता पहुंचाने का माध्यम हैं। आप सभी का दायित्व है कि पारदर्शिता और नियमितता के साथ राशन वितरण सुनिश्चित करें।”
जिला कलेक्टर सुजीत कुमार ने भी दुकानदारों से कहा कि चालान समय पर भरें और राशन का नियमित वितरण करें। दुकानदारों की समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन पूरी तरह प्रतिबद्ध है। उन्होंने चेतावनी दी कि किसी भी प्रकार की अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
बैठक में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के निदेशक मयूर मेहता, खाद्य नियंत्रक विमल पटेल, जिला आपूर्ति अधिकारी सहित कई वरिष्ठ अधिकारी और गुजरात राज्य उचित मूल्य दुकानदार एसोसिएशन के पदाधिकारी एवं सदस्य उपस्थित रहे।
दुकानदारों ने सरकार के इस सकारात्मक कदम का स्वागत किया और कहा कि लंबे समय से लंबित कई मुद्दों का समाधान होने से उनकी कार्यक्षमता बढ़ेगी।
एसोसिएशन के अध्यक्ष ने बताया कि सरकार का यह रुख दुकानदारों के मनोबल को बढ़ाने वाला है। हम पूरी ईमानदारी से जनसेवा करते रहेंगे।”
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