महाराष्ट्र
वक्फ की मिल्कियत पर बना ऐ एम रेजिडेंसी: बिल्डर की बेइमानी की मिसाल? या मुस्लिम नेताओं का समझौता मिशन वक्फ संपत्ति?
मुंबई: हमारी पिछली खबर में हमने बताया था कि कैसे भ्रष्टाचारी अधिकारी और बिल्डरों की सांठगांठ से गरीब और मजलूम फुटपाथ झोपड़ा वासियों के घर अमीरों को बेचे जा रहे हैं। मुंबई प्रेस की खबर के बाद सरकारी महकमा हरकत में आया और मझगांव स्थित ऐ एम रेजिडेंसी पर बीएमसी के अधिकारियों की फौज पहुंच गई। इसके बाद बड़े अधिकारियों की आंखों में धूल झोंकने का काम शेरू ने शुरू कर दिया है। मिली जानकारी के अनुसार, ऐ एम रेजिडेंसी के ईमानदार बिल्डर सलीम मोटरवाला ने अपने बयान में बीएमसी के अधिकारियों को बताया कि उन्होंने सभी 20 झोपड़ा मालिकों को अपने कॉम्प्लेक्स में घर दे दिए हैं और बीएमसी अधिकारियों को सभी 20 घरों के एलॉटमेंट लेटर दिखाए। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि उन सभी घरों को सिर्फ एलॉटमेंट लेटर दिए गए, घर नहीं दिए गए। इसके बाद, मोटरवाला की कंपनी ने उन घरों को उनके रिश्तेदारों के नाम ट्रांसफर कर दिया और उन्हें उन घरों का मालिक बना दिया।
हालांकि, बीएमसी की फाइनल रिपोर्ट अभी सबमिट होनी बाकी है, जिसमें यह तय होना है कि मोटरवाला ग्रुप को क्लीन चिट मिलती है या गरीब झोपड़ा वासियों को घर मिलता है।

अब हम आपको बताते हैं कि ऐ एम रेजिडेंसी के मामले में सभी मुस्लिम नेता खामोश तमाशाई क्यों बने हुए हैं।
अगर सरकारी दस्तावेजों की मानें तो ऐ एम रेजिडेंसी मझगांव की 3596 स्क्वायर मीटर जमीन महाराष्ट्र वक्फ बोर्ड के अधीन आती थी और यह जमीन महाराष्ट्र कलेक्टर ने दाऊद भाई मूसा भाई जरीवाला चैरिटी ट्रस्ट को 99 सालों के लिए लीज पर दी थी, ताकि ट्रस्ट मुस्लिम गरीबों के लिए खिदमत का काम कर सके। इस जमीन का असल मालिकाना हक महाराष्ट्र सरकार के पास था, जो उसने ट्रस्ट को 99 साल के लिए दिया था, जो 1882 से शुरू होकर 1978 को खत्म होता है। 1978 के बाद ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड को यह जमीन महाराष्ट्र सरकार को वापस करनी थी। परंतु हिंदुस्तान में ऐसा बहुत कम होता है कि सरकारी जमीन सरकार को ईमानदारी से वापस की जाए। इस जमीन पर भी ऐसा ही हुआ। ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड ने इस पर अपना हक जमाए रखा और 2009 में, लगभग 30 साल बाद, वक्फ बोर्ड ने गैरकानूनी तरीके से यह जमीन सलीम मोटरवाला और उसके सहयोगी सुहैल खादिर को रीडेवलपमेंट के लिए दे दी। इसके बाद, सरकार की हजारों करोड़ों की संपत्ति को हड़प लिया गया। यह जमीन मुसलमानों के लिए स्कूल, कॉलेज या अस्पताल बनाने के लिए दी गई थी, पर ट्रस्ट और वक्फ बोर्ड ने 99 साल इस जमीन को बेकार रखकर बिल्डरों को रिश्वत लेकर बेच दिया।
जब मुंबई प्रेस ने इस बारे में मुंबई के कलेक्टर को जानकारी दी, तो वह अचंभित हो गए क्योंकि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं थी कि वक्फ ने सरकार को जमीन वापस देने की बजाय बिल्डरों को बेच दी, और वह उस पर घर बना कर मुसलमानों को ही करोड़ों में बेच रहे थे। मुंबई प्रेस ने इस जानकारी को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को दी, जिनके बाद उन्होंने जांच के आदेश दिए हैं। जब मुंबई प्रेस ने सलीम मोटरवाला से यह जानने की कोशिश की कि एक दीनी मुसलमान होने के बावजूद उन्होंने मुसलमानों की भलाई के लिए वक्फ की गई संपत्ति पर कब्जा क्यों किया, तो उन्होंने इस मामले पर बात करने से बचते हुए कोई भी जवाब नहीं दिया।
महाराष्ट्र
मुंबई महानगरपालिका चुनाव 15 जनवरी को, मतगणना 16 जनवरी को

ELECTIONS
मुंबई: (कमर अंसारी) राज्य निर्वाचन आयोग ने बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) सहित राज्य की 29 नगर निगमों के चुनाव कार्यक्रम की घोषणा कर दी है। आयोग के अनुसार, सभी नगर निगम चुनावों के लिए नामांकन पत्र केवल ऑफलाइन माध्यम से ही स्वीकार किए जाएंगे। मतदाता सूची 25 जुलाई 2025 की अंतिम निर्वाचक नामावली के आधार पर तैयार की जाएगी।
मुंबई के ये चुनाव महाराष्ट्र में होने वाले स्थानीय निकाय चुनावों का अहम हिस्सा हैं। बीएमसी कई वर्षों से बिना निर्वाचित सदन के प्रशासनिक नियंत्रण में कार्य कर रही है। आगामी चुनावों से शहर में निर्वाचित जनप्रतिनिधियों की वापसी की उम्मीद जताई जा रही है।
राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा जारी चुनाव कार्यक्रम इस प्रकार है:
चुनाव कार्यक्रम
- नामांकन अवधि: 23 दिसंबर से 30 दिसंबर 2025
- नामांकन पत्रों की जांच: 31 दिसंबर 2025
- नाम वापसी की अंतिम तिथि: 2 जनवरी 2026
- अंतिम उम्मीदवार सूची एवं चुनाव चिन्ह आवंटन: 3 जनवरी 2026
- मतदान: 15 जनवरी 2026
- मतगणना: 16 जनवरी 2026
चुनाव को लेकर सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। सड़कों की हालत, जल आपूर्ति, कचरा प्रबंधन, बाढ़ नियंत्रण, आवास पुनर्विकास और पर्यावरण संरक्षण जैसे मुद्दे चुनावी चर्चा में प्रमुख रहने की संभावना है।
राज्य निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष, पारदर्शी और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक प्रशासनिक और सुरक्षा व्यवस्थाएं शुरू कर दी हैं।
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र: अबू आसिम आज़मी ने धार्मिक नफ़रत और ईशनिंदा के खिलाफ़ सदन में बिल पेश किया, ड्राफ्ट बिल में मकोका और यूएपीए का इस्तेमाल भी शामिल

abu asim aazmi
मुंबई : मुंबई नागपुर समाजवादी पार्टी के नेता और MLA अबू आसिम आज़मी ने महाराष्ट्र विधानसभा में ईशनिंदा और धार्मिक नफ़रत फैलाने वालों के ख़िलाफ़ एक प्राइवेट बिल पेश किया। बिल में नफ़रत फैलाने वाले तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की गई है और धार्मिक नफ़रत फैलाने वालों के ख़िलाफ़ MCOCA और UAPA के तहत कार्रवाई करने के अलावा दस साल की सज़ा और 2 लाख रुपये की ज़मानत की मांग की गई है ताकि सांप्रदायिक तत्वों को ज़मानत न मिले और धार्मिक नफ़रत फैलाने के ऐसे मामलों पर रोक लगे। उन्होंने सदन को बताया कि देश में ईशनिंदा के मामलों में बढ़ोतरी हुई है और ऐसे में देश में तनाव पैदा होता है। कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐसे तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई होनी चाहिए। यह तभी मुमकिन होगा जब ऐसे सांप्रदायिक तत्वों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी जो बोलने की आज़ादी की आड़ में नफ़रत फैलाने वाले एजेंडे को बढ़ावा देते हैं। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी नफ़रत फैलाने वाले तत्वों और बदमाशों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई का आदेश दिया है और भड़काऊ और नफ़रत फैलाने वाली बातों पर रोक लगाई है। ऐसे में, महाराष्ट्र में धार्मिक नफ़रत फैलाने और अहम लोगों के ख़िलाफ़ नफ़रत भड़काने वालों के ख़िलाफ़ कार्रवाई करने के लिए बिल को औपचारिक रूप से सदन में पेश किया गया है। ड्राफ्ट बिल में सांप्रदायिक तत्वों के खिलाफ मकोका (UAPA) की धारा के तहत केस दर्ज करने का प्रस्ताव है, जिसमें अधिकतम दस साल की सजा का प्रावधान है, ताकि ऐसे तत्वों को बेल न मिल सके।
महाराष्ट्र
मुंबई में फ्यूल चोरी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, 13 आरोपी गिरफ्तार चोरों के गैंग ने नवंबर में भी फ्यूल चोरी करने की कोशिश की थी।

crime
मुंबई : मुंबई पुलिस ने पेट्रोल चोरी करने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ करने का दावा किया है। आरोपियों को मुंबई के आरसीएफ पुलिस स्टेशन की सीमा के अंतर्गत 14 नवंबर को सुबह करीब 3:30 बजे बीपीसीएल कंपनी से पेट्रोल चोरी करने का प्रयास करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया। मुंबई गडकरी रोड पर भूमिगत 18-इंच मुंबई मानव निर्मित बहु-उत्पाद पाइपलाइन से ईंधन चोरी करने का प्रयास करने की शिकायत दर्ज की गई थी। तकनीकी जांच और एक मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर विनोद देवचंद पंडित को 17 नवंबर को चेंबूर से गिरफ्तार किया गया। उनकी जांच में पता चला कि इस रैकेट के मास्टरमाइंड रियाज अहमद अयूब (59), सलीम मोहम्मद अली, विनोद देवचंद पंडित ने ईंधन चोरी करने की योजना बनाई थी। गोपाल नारायण, मोहम्मद इरफान, विनय शशिकांत, अहमद खान जुमान खान, निशान जगदीश, मुस्तफा मंजूर, नासिर शौकत, इम्तियाज आसिफ समेत 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। यह ऑपरेशन मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर एडिशनल कमिश्नर महेश पाटिल और DCP समीर शेख ने किया।
-
व्यापार6 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र6 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
