राजनीति
यूपी में सपा का मार्च रोका तो विधायकों के साथ धरने पर बैठे अखिलेश यादव
यूपी विधानमंडल सत्र से पहले समाजवादी पार्टी के विधायको और कार्यकर्ताओं ने सोमवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के नेतृत्व में मार्च निकाल कर प्रदर्शन किया। पुलिस ने मार्च रोका तो वह धरने पर बैठ गए। अखिलेश यादव पार्टी विधायकों व कार्यकर्ताओं के साथ सपा कार्यालय से विधानभवन की तरफ पैदल मार्च निकाल रहे थे। उसी दौरान रूट बदलने को लेकर सपाइयों ने नाराजगी जताई। पहले से तयशुदा रूट पर जाने की मांग की।
पुलिस के अनुसार, सपा नेताओं ने पहले से तय रूट को फॉलो नहीं किया है। इसके बाद अखिलेश यादव अपने आवास के पास ही सड़क पर बैठ गए। यही धरना-प्रदर्शन शुरू हो चुका है। वहीं सपा नेता पुलिस पर उनकी आवाज दबाने का आरोप लगा रहे हैं। उनके हाथ में तख्तियां हैं। बेरोजगारी, महंगाई जैसे मुद्दों के स्लोगन लिखे हुए हैं।
अखिलेश ने प्रदर्शन के दौरान कहा, यूपी में योगी सरकार को दोबारा मौका मिला है। मगर सड़क पर हर तरफ गड्ढे हैं। बाढ़, जलभराव से किसान परेशान है। कुछ हिस्सों में सूखा पड़ा है। किसानों को राहत नहीं दी गई है। बड़े पैमाने पर जानवर बीमारी से मर रहे हैं। लंपी वायरस की वजह से हजारों गायों की मौत हो चुकी है। मगर सरकार नहीं सुन रही है। महंगाई देखिए कितनी हो गई है। दूध-दही पर जीएसटी लगा दिया है।
उन्होंने कहा कि खाने-पीने की चीजें महंगी होती जा रही है। नौकरी नहीं दे पा रहे हैं। प्राईवेट करना कोई विकल्प नहीं होता। कोई ऐसा विभाग नहीं, जो सरकार बेच न रही हो। फौज ही बची थी, लेकिन कोरोना में अग्निवीर लेकर आ गए। बिजली महंगी हो चुकी है। इसलिए सपा विधायक धरना देना चाहते हैं। सरकार ने रोक दिया। आज हम पैदल फिर निकले थे। मगर सरकार ने फिर रोक लिया। कैसी सरकार है ये। इतने वरिष्ठ नेताओं को सदन में नहीं जाने देना चाहती है। सरकार हर मुद्दे पर असफल है, इसलिए सरकार नहीं चाहती कि हम वहां पहुंचे और जनता की आवाज उठाएं।
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा यदि रोकना था तो कल परमिशन क्यों दिया? प्रशासन का कहना है कि जीपीओ के बजाय वीवीआइपी गेस्ट हाउस और एनेक्सी होते हुए विधानसभा जाएं। इस पर अखिलेश यादव व सपा विधायक सड़क पर ही धरने पर बैठ गए।
ज्ञात हो कि सपा ने बढ़ती महंगाई, किसानों की समस्याओं और कानून व्यवस्था के मुद्दे पर राज्य सरकार के विरोध में इस पदयात्रा का आयोजन किया है।
पदयात्रा को लेकर विक्रमादित्य मार्ग को छावनी बना दिया गया है। वीवीआईपी चौराहा से लेकर सपा कार्यालय तक बैरिकेडिंग कर भारी संख्या में फोर्स लगा दी गई है। इस रास्ते पर आम लोगों का आवागमन बंद कर दिया गया है।
अखिलेश के नेतृत्व में समाजवादी पार्टी का पैदल मार्च कर रहे सपा विधायकों के हाथ में पोस्टर और बैनर हैं। इन पर महंगाई और बेरोजगारी की समस्या को उजागर करने वाले नारे लिखे हैं। पैदल मार्च के बाद विधान सभा पहुंचने पर सपा विधायक सदन की कार्यवाही में शामिल होंगे।
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
मुंबई BMC चुनाव: समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट जारी, लेकिन वार्ड नंबर 211 पर कोई फैसला नहीं

BMC
मुंबई: मुंबई नगर निगम चुनाव में महायोति और महा विकास अघाड़ी के बीच अभी तक चुनावी समझौता नहीं हुआ है, जबकि कांग्रेस पार्टी, समाजवादी पार्टी और AIMIM ने नगर निगम के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। समाजवादी पार्टी ने 21 उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी की है, जिसमें 213 से जेब-उन-निसा मलिक को उम्मीदवार बनाया गया है, साथ ही 212 से शहजाद अब्राहनी को उम्मीदवार बनाया गया है। समाजवादी पार्टी में वार्ड नंबर 211 को लेकर खींचतान चल रही है, इसलिए पार्टी ने इस वार्ड के लिए अपना उम्मीदवार घोषित नहीं किया है। सपा नेता रईस शेख ने भी अपने भाई सलीम शेख को इस वार्ड के लिए उम्मीदवार के तौर पर पेश किया है। समाजवादी पार्टी ने अभी तक इस वार्ड में टिकट को लेकर कोई फैसला नहीं किया है, जबकि रईस शेख के भाई की उम्मीदवारी का भी विरोध हो रहा है। स्थानीय महिलाओं ने रईस शेख के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है और सपा की उम्मीदवारी के लिए दावेदारी भी पेश की है। ऐसे में समाजवादी पार्टी में 211 से किसे उम्मीदवार दिया जाएगा, यह अभी भी पेंडिंग है। समाजवादी पार्टी ने महा विकास अघाड़ी से अलग होकर अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान किया था, वहीं उद्धव और राज ठाकरे के बीच भी चुनावी समझौता हो गया है। इसके साथ ही अजित पवार और शरद पवार की NCP भी चुनावी समझौते को लेकर बातचीत कर रही है। अगर अजित पवार और शरद पवार के बीच चुनावी समझौता होता है, तो कांग्रेस पार्टी अकेले चुनाव लड़ने को तैयार है, ऐसा दावा कांग्रेस नेता जया विटवर्ड ने किया है। मुंबई BMC चुनाव में हर राजनीतिक पार्टी एक-दूसरे से आगे निकलने की कोशिश कर रही है, वहीं दोनों भाइयों ने मराठी मानस के मुद्दे पर गठबंधन किया है और मुंबई शहर में मराठी मानस के एक होने के बैनर भी लगाए जा रहे हैं।
राजनीति
बीएमसी चुनाव: एनसीपी ने 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी की, मुंबई में लगातार दूसरे दिन हुई बैठक

मुंबई, 27 दिसंबर: बृहन्मुंबई महानगर पालिका (बीएमसी) चुनावों में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। महायुति में सीट बंटवारे पर सहमति न बनने की स्थिति में एनसीपी ने मुंबई में अलग बैठक बुलाई है और उम्मीदवारों को लेकर चर्चा की गई है।
एनसीपी की महाराष्ट्र इकाई के अध्यक्ष सुनील तटकरे ने शनिवार को कहा कि पिछले तीन दिनों से सबके साथ बैठकें चल रही हैं और इस बारे में सारी जानकारी अजित पवार को बता दी गई है। उन्होंने कहा कि 30 दिसंबर की शाम तक स्थिति बिल्कुल स्पष्ट हो जाएगी और उस दिन दोपहर 3 बजे सीटों को लेकर घोषणा की जाएगी।
सुनील तटकरे ने यह भी कहा कि एनडीए में शामिल होने का नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी का फैसला फायदेमंद रहा है। राज्य के लोगों ने इस फैसले का समर्थन किया है और यह बदला नहीं जाएगा।
वहीं, एनसीपी विधायक सना मलिक ने मीडिया से बातचीत में कहा कि महायुति में हमारे प्रस्तावों पर बात आगे नहीं बढ़ी। इस स्थिति में हमने अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी की है। उम्मीदवारों के नामों को लेकर भी चर्चा हुई है और कार्यकर्ताओं को हर स्थिति के लिए तैयार रहने के लिए कहा गया है।
सना मलिक ने बताया कि बैठक में 62-65 सीटों पर लड़ने के लिए पार्टी की बैठक में चर्चा हुई है। पुराने साथी भी साथ लड़ने के लिए आ रहे हैं। कार्यकर्ताओं में भी जोश है। इस सबको देखते हुए पार्टी तकरीबन 100 सीटों पर चुनाव लड़ सकती है। एनसीपी पूरी ताकत के साथ बीएमसी चुनाव में उतरेगी। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि महायुति के साथ मिलकर लड़ने के बारे में पार्टी नेतृत्व फैसला लेगा।
पूर्व विधायक जीशान सिद्दीकी ने बैठक के बारे में बताया कि सुनील तटकरे के नेतृत्व में बैठक हुई थी, जिसमें संभावित जीत वाली सीटों को लेकर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि गठबंधन को लेकर पार्टी नेतृत्व की तरफ से फैसला होना है, लेकिन मुंबई में पार्टी के कार्यकर्ताओं में जोश है और हम अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी भी कर रहे हैं।
जीशान सिद्दीकी ने कहा कि मुंबई की जनता हमारे साथ है और बीएमसी चुनाव में एनसीपी अपना झंडा जरूर लहराएगी।
राजनीति
महाराष्ट्र: छत्रपति संभाजीनगर में एआईएमआईएम के टिकट को लेकर बवाल, पुलिस ने दर्ज किया मामला

FIR
मुंबई, 27 दिसंबर: महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर शहर का सियासी माहौल इन दिनों काफी गरमाया हुआ है। ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) में टिकट वितरण को लेकर अंदरूनी कलह खुलकर सामने आ गई है। वार्ड नंबर 12 से उम्मीदवार की घोषणा के बाद पार्टी के दो गुट आमने-सामने आ गए, जिसके चलते रैली के दौरान जमकर हंगामा और धक्का-मुक्की हुई। पुलिस ने इस संबंध में मामला दर्ज कर लिया।
जानकारी के अनुसार, एमआईएम ने हाल ही में छत्रपति संभाजीनगर शहर के 8 उम्मीदवारों के नाम घोषित किए हैं। इनमें वार्ड नंबर 12 से मोहम्मद असरार को पार्टी का अधिकृत उम्मीदवार बनाया गया। शुक्रवार शाम मोहम्मद असरार ने किराडपुरा इलाके से चुनावी रैली निकाली थी। इसी दौरान टिकट न मिलने से नाराज पूर्व नगरसेविका नसीम बी के बेटे हाजी इसाक खान के समर्थकों ने रैली को रोक दिया, जिससे विवाद शुरू हो गया।
बताया जा रहा है कि रैली रोकने के बाद दोनों पक्षों के कार्यकर्ताओं के बीच पहले कहासुनी हुई, जो देखते ही देखते धक्का-मुक्की और मारपीट में बदल गई। इस दौरान कुछ लोगों के साथ हाथापाई की गई। घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और चर्चा का विषय बना हुआ है। उम्मीदवारी को लेकर जवाब मांगने के दौरान दोनों गुटों के समर्थक आमने-सामने आ गए और जोरदार नारेबाजी शुरू हो गई।
हालात इतने तनावपूर्ण हो गए कि मोहम्मद असरार को रैली बीच में ही रोकनी पड़ी। घटना के बाद किराडपुरा इलाके में कुछ समय के लिए दहशत का माहौल बन गया। स्थिति बिगड़ते देख दोनों पक्ष जिन्सी पुलिस थाने पहुंचे। पुलिस ने अफसर खान हुसैन खान की शिकायत पर तीन लोगों के खिलाफ अदखलपात्र मामला दर्ज किया है। पुलिस का कहना है कि फिलहाल इलाके में शांति बनी हुई है और हालात पर लगातार नजर रखी जा रही है।
वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि हाजी इसाक खान पिछले करीब 10 वर्षों से क्षेत्र में सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं और इलाके में उनकी अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में एआईएमआईएम द्वारा किसी दूसरे कार्यकर्ता को टिकट दिए जाने से समर्थकों में नाराजगी है। खुद हाजी इसाक खान ने भी कहा है कि यदि उन्हें एआईएमआईएम से टिकट नहीं मिलता है, तो वह निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में उतरेंगे।
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