राष्ट्रीय समाचार
मुंबई में वायु गुणवत्ता खराब; डॉक्टरों ने बाहर न निकलने की चेतावनी दी
मुंबई: नई दिल्ली की तरह ही मुंबईकरों को भी सुबह की सैर, बगीचे में योग और हंसी-मज़ाक सेशन से डर लगने लगा है। गुरुवार को खराब और अस्वस्थ वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) विशेष रूप से चिंताजनक था, जिसमें पूरे दिन नंगी आँखों से भी कण दिखाई दे रहे थे। क्या बीएमसी की धूल कम करने की योजनाएँ सही समाधान हैं? “उम्मीद है कि नगर निगम बिना निगरानी के निर्माणों पर कार्रवाई कर सकता है।
दक्षिण मुंबई की निवासी और कार्यकर्ता रोटना दास ने कहा, “हमारे सुझाव/आपत्तियां अनसुनी कर दी गईं।” जहां तक नागरिक निकाय का सवाल है, 25 दिसंबर तक इसकी टीमों ने 868 निर्माण स्थलों का दौरा किया और प्रदूषण नियंत्रण दिशानिर्देशों का पालन नहीं करने के लिए 28 को नोटिस जारी किए। गुरुवार को अपने विशेष अभियान के तहत बीएमसी ने जमा धूल को हटाने के लिए स्वीपर, वाटर स्प्रिंकलर, मिस्टिंग, एंटी-स्मॉग और अन्य मशीनों का उपयोग करके 263 किलोमीटर में फैली 128 सड़कों की सफाई की और उन्हें धोया। कुल 197 टन निर्माण मलबा और कचरा भी एकत्र किया गया और चूककर्ताओं से 97,100 रुपये का जुर्माना वसूला गया। बांद्रा की एक नागरिक कार्यकर्ता नाजिश शाह ने इन्हें अस्थायी उपाय बताते हुए आरोप लगाया कि सरकार नागरिकों के स्वास्थ्य से ज्यादा बुनियादी ढांचे के कामों को प्राथमिकता देती है।
सड़कों पर अधिक वाहन प्रदूषण बढ़ाते हैं- नाजिश शाह
शाह ने कहा, “अधिकारियों को बेहतर योजना बनानी चाहिए और एक ही समय में सड़कों की खुदाई और नए निर्माण की अनुमति नहीं देनी चाहिए। पूरे शहर में, प्रमुख सड़कें खोदी गई हैं और सड़क मार्ग से उपनगरों में यात्रा करने में एक घंटे से अधिक समय लगता है। सड़कों पर अधिक वाहन प्रदूषण बढ़ाते हैं।” शाह ने सार्वजनिक परिवहन पर ध्यान केंद्रित करने का सुझाव दिया, जैसे कि बेस्ट बसों की संख्या बढ़ाना। तटीय सड़क के किनारे रहने वाले निवासियों ने यह भी आरोप लगाया कि बीएमसी बढ़ते वायु प्रदूषण की शिकायतों पर ध्यान नहीं देती है।
महालक्ष्मी खाड़ी की निवासी जिया एस ने कहा, “एक महीने से मैं परियोजना इंजीनियरों को निर्माण के लिए जमा किए गए सीमेंट/रेत के ढेर के कारण धूल को हमारे घरों में प्रवेश करने से रोकने के लिए उपाय करने के लिए कह रही हूं। हालांकि, कोई कार्रवाई नहीं हुई है और निवासियों को सांस लेने में समस्या का सामना करना पड़ रहा है।” स्मॉग से वातस्फीति, क्रोनिक ब्रोंकाइटिस, श्वसन संक्रमण, आंखों में जलन और सर्दी के प्रति प्रतिरोधक क्षमता में कमी जैसी स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। ठंडी हवा में सांस लेने से गले और नाक के मार्ग भी सिकुड़ सकते हैं, जिससे सांस लेने में तकलीफ और नाक बंद हो सकती है।
ठंड के मौसम और प्रदूषण के बीच सांस संबंधी समस्याएं बढ़ जाती हैं। पीडी हिंदुजा अस्पताल के पल्मोनोलॉजिस्ट और महामारी विशेषज्ञ डॉ. लैंसलॉट पिंटो ने कहा, “सर्दियों के दौरान, रात के तापमान में गिरावट से ठंडी हवा की चादर बन जाती है जो निचले वायुमंडल में पार्टिकुलेट मैटर और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे प्रदूषकों को फंसा लेती है।” मुंबई सेंट्रल के वॉकहार्ट हॉस्पिटल्स के पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ. सुलेमान लधानी ने कहा कि उन्होंने मरीजों के आने-जाने में 50% से अधिक की वृद्धि दर्ज की है, जिसका मुख्य कारण फ्लू जैसी बीमारी और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) और अस्थमा का बढ़ना है।
उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में AQI के बिगड़ने की आशंका एक गंभीर चिंता का विषय है। “यह महत्वपूर्ण है कि लोग प्रदूषण के चरम घंटों के दौरान घर के अंदर रहें, एयर प्यूरीफायर का उपयोग करें और बाहर निकलते समय मास्क पहनें। बच्चों और बुजुर्गों सहित कमज़ोर समूहों को अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए,” उन्होंने कहा। नानावटी ~ मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल के पल्मोनोलॉजी और स्लीप मेडिसिन के निदेशक डॉ. सलिल बेंद्रे ने भी पुष्टि की कि सांस लेने में कठिनाई के लिए आउट पेशेंट विभाग में आने वाले लोगों की संख्या दोगुनी हो गई है।
राष्ट्रीय समाचार
संभल की जामा मस्जिद के निकट बन रही पुलिस चौकी
संभल, 27 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के संभल स्थित जामा मस्जिद के पास पुलिस चौकी बनाई जाएगी। इसके लिए पुलिस विभाग ने शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के बाद जामा मस्जिद के निकट खाली पड़े मैदान में पैमाइश कर चूने से मार्किंग की।
संभल के एएसपी श्रीश चन्द्र ने बताया कि आसपास के इलाके को देखते हुए यहां पर एक स्थायी पुलिस चौकी बन रही है। जिससे पुलिस बल आसानी से रह सके और यहां सुरक्षा व्यवस्था में कार्य कर सके। इस परिसर की संवेदनशीलता और सुरक्षा को देखते हुए यहां पर एक पुलिस चौकी जरूरी थी। इसी कारण चौकी का निर्माण किया जाएगा।
इसके पहले जब पुलिस फोर्स मस्जिद के बाहर पहुंची तो मस्जिद कमेटी और आसपास के लोग अपनी जमीनों के कागजात लेकर उनके पास पहुंचे।
पुलिस ने बताया कि कागजात की जांच की जाएगी। पुलिस टीम ने उस जगह की नाप की है, जहां चौकी का निर्माण किया जाना है। जिस जगह पर चौकी का निर्माण किया जाएगा, उस जगह को चूना डालकर चिह्नित किया गया है।
संभल में 24 नवंबर को हिंसा हुई थी। इसके बाद से यहां पर पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं। हिंसा के बाद पुलिस प्रशासन एहतियाती कदम उठा रहा है। संभल में तमाम पुलिस फोर्स तैनात की गई है। इसके अलावा धर्मगुरुओं के साथ भी संवाद किया गया है।
बता दें कि संभल के कई इलाकों में खुदाई की जा रही है। इस दौरान धार्मिक मान्यताओं से जुड़े कई प्रतीक चिन्ह और अवशेष मिले हैं।
दूसरी तरफ फिरोजपुर गांव स्थित फिरोजपुर किले के बाहर किए गए अवैध अतिक्रमण को हटाने का काम ग्रामीणों ने खुद ही शुरू कर दिया है। ग्रामीणों ने फिरोजपुर किले के प्रवेश द्वार पर किए गए अवैध निर्माण को हटा दिया है।
इससे पहले प्रशासन ने पुरातत्व विभाग के अधिकारियों के साथ फिरोजपुर किले के अंदर का सर्वेक्षण किया था। निरीक्षण के दौरान गेट पर मौजूद अवैध निर्माण हटाने को लेकर चेतावनी भी दी थी। इसके बाद स्थानीय लोगों ने खुद ही अवैध अतिक्रमण हटा लिया।
राजनीति
इंदौर के युग पुरुष आश्रम की मान्यता निरस्त
इंदौर, 27 दिसंबर। मध्य प्रदेश की व्यापारिक नगरी इंदौर में बच्चों की मौत के कारण चर्चा में आए युग पुरुष बौद्धिक विकास केंद्र आश्रम की मान्यता निरस्त कर दी गई है। मान्यता निरस्त करने की कार्रवाई सामाजिक न्याय विभाग संचालनालय द्वारा की गई है।
पिछले दिनों बच्चों की मौत के कारण युगपुरुष बौद्धिक विकास केंद्र आश्रम चर्चा में आया था। यहां दो सौ से ज्यादा बच्चे रहते थे और एक के बाद एक कर 10 बच्चों की मौत हो गई थी। इस मामले में जिला प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई की और अब सामाजिक न्याय विभाग संचालनालय द्वारा मान्यता ही निरस्त कर दी गई है। यह सरकारी अनुदान प्राप्त संस्था है। बच्चों की मौत की वजह खून की कमी और संक्रमण बताया जा रहा है।
ज्ञात हो कि इस आश्रम में प्रदेश से करीब 200 से अधिक मानसिक-शारीरिक दिव्यांग अनाथ बच्चों को रखा जाता था। युगपुरुष संस्था द्वारा दिव्यांग बच्चों के आश्रम के अलावा अस्पताल भी संचालित किया जाता है। वहां करीब हर तरह के प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध होने का दावा किया जाता था।
बताया गया है कि इस आश्रम में बच्चों की मौत के बाद जांच कराई गई। इस जांच में कई लापरवाही सामने आई। पाया गया कि बच्चों के खाने पीने में गंभीर कोताही बरती गई। इसके साथ बच्चों की बीमारी सामने आने पर भी उपचार के पर्याप्त इंतजाम नहीं किए गए। बच्चों की मौत के बाद परिजनों की सहमति से अन्य बच्चों को सेवा धाम आश्रम में स्थानांतरित करना पड़ा था।
इंदौर के इस आश्रम में गड़बड़ियां सामने आने से पहले राज्य के अन्य हिस्सों में संचालित अन्य आश्रमों में भी गड़बड़ियां भी सामने आ चुकी थी। ऐसी संस्थाओं के खिलाफ विभिन्न स्तरों पर कार्रवाई भी हुई है।
अपराध
तमिलनाडु : तिरुपुर से चेन्नई जा रही एंबुलेंस राष्ट्रीय राजमार्ग पर पलटी
चेन्नई, 27 दिसंबर। तमिलनाडु के तिरुपुर से चेन्नई जा रही एक एंबुलेंस राष्ट्रीय राजमार्ग पर पलट गई, जिससे यातायात प्रभावित हुआ और छह महिलाएं घायल हो गईं। यह हादसा चेंगलपट्टू जिले के मधुरांतकम में हुआ, जब एक निजी एंबुलेंस मरीज को लेकर त्रिची से चेन्नई जा रही थी।
एंबुलेंस अय्यनार कोविल के पास पलट गई, जिसके कारण मरीज के साथ यात्रा कर रही महिलाएं भी घायल हो गईं।
इस घटना के कारण राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगभग एक घंटे तक ट्रैफिक जाम रहा। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर एंबुलेंस को हटा दिया और यातायात को सामान्य किया।
26 दिसंबर को भी एक और सड़क दुर्घटना में एक व्यक्ति और उनके दो बच्चों की मौत हो गई थी। यह घटना गुरुवार को चेन्नई-तिरुचि राजमार्ग पर चेंगलपट्टू जिले में हुई थी।
पुलिस फिलहाल दुर्घटना के कारणों की जांच कर रही है। प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक एंबुलेंस के पलटते ही हाहाकार मच गया। वाहन में मौजूद तीमारदारों और मरीज को बचाने के लिए सब पहुंचे और पुलिस को सूचित किया। हादसे में छह महिलाएं घायल हो गई।
गणपति (40), उनकी बेटी हेमा (13) और बेटे बाला (10) की कार एक अन्य वाहन से टकरा गई थी, जिससे उनकी जान चली गई। गणपति की पत्नी सरन्या (35), बहन जया (30) और बेटी दिव्या (3) को चोट आई और उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
पुलिस ने अपने बयान में बताया था कि गणपति और उनका परिवार चेन्नई से डिंडीगुल जा रहे थे, जब विपरीत दिशा से आ रही एक कार ने नियंत्रण खो दिया और उनकी कार से टकरा गई थी, जिससे यह दर्दनाक हादसा हुआ था।
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