अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।

मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।

इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
अपराध
देवबंद की पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट, कई मजदूरों की मौत

सहारनपुर, 26 अप्रैल। उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले स्थित देवबंद में शनिवार सुबह एक पटाखा फैक्ट्री में भीषण विस्फोट हुआ, जिसमें कई मजदूरों की मौत हो गई। यह हादसा निहालखेड़ी गांव के पास स्टेट हाईवे-59 पर स्थित एक अवैध फैक्ट्री में सुबह करीब 7 बजे हुआ। घटना के समय फैक्ट्री में 9 कर्मचारी काम कर रहे थे। विस्फोट इतना जोरदार था कि पूरी इमारत ध्वस्त हो गई, और मजदूरों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर तक बिखर गए। आशंका है कि मलबे में कुछ लोग दबे हो सकते हैं।
विस्फोट की आवाज 2 किलोमीटर तक सुनाई दी, जिससे आसपास के गांव दहल गए। एक व्यक्ति का आधा शरीर और दूसरे का हाथ 150 मीटर दूर मिला। घटना का वीडियो दिल दहला देने वाला है।
घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें मौके पर पहुंचीं। पुलिस ने इलाके को सील कर दिया और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों के परिजन मौके पर पहुंचे, जिनका रो-रोकर बुरा हाल है। गुस्साए ग्रामीणों ने हाईवे जाम कर दिया और पुलिस-प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। कई थानों की पुलिस फोर्स को बुलाया गया ताकि स्थिति को नियंत्रित किया जा सके।
सूत्रों के मुताबिक, यह फैक्ट्री अवैध रूप से चल रही थी, जहां प्रतिबंधित पटाखे बनाए जा रहे थे। विस्फोट इतना तेज था कि मजदूरों को बाहर निकलने का मौका ही नहीं मिला। मलबे में कई लोगों के दबे होने की आशंका है। हादसे में मरने वालों की पहचान अभी स्पष्ट नहीं हो सकी है।
यह सहारनपुर में इस तरह का पहला हादसा नहीं है। इससे पहले 2 मई 2022 को सरसावा थाना क्षेत्र के सौराना गांव में भी एक अवैध पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट हुआ था, जिसमें तीन लोगों की मौत हुई थी और एक व्यक्ति गंभीर रूप से घायल हुआ था। उस समय भी मृतकों के शव के टुकड़े 200 मीटर दूर बिखरे थे।
स्थानीय लोग प्रशासन की लापरवाही से नाराज हैं। उनका कहना है कि अवैध फैक्ट्रियां बार-बार हादसों का कारण बन रही हैं, लेकिन प्रशासन केवल हादसे के बाद कार्रवाई करता है। पुलिस मामले की जांच कर रही है और मलबे से लोगों को निकालने का प्रयास जारी है।
अपराध
ठाणे : 48 लाख कीमत की ‘म्याऊ-म्याऊ’ ड्रग्स के साथ तस्कर गिरफ्तार

ठाणे, 26 अप्रैल: महाराष्ट्र के ठाणे पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल ने घोड़बंदर रोड पर एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 21 वर्षीय ड्रग तस्कर को गिरफ्तार किया है। आरोपी के पास से 242 ग्राम म्याऊ-म्याऊ यानि मेफेड्रोन (एमडी ड्रग्स) बरामद की गई है, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 48 लाख रुपये से अधिक आंकी गई है।
आरोपी के खिलाफ कासारवडवली पुलिस स्टेशन में नारकोटिक्स ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट के तहत मामला दर्ज कर उसे हिरासत में ले लिया गया है।
पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि एक ड्रग्स तस्कर घोड़बंदर रोड इलाके में नशीले पदार्थों की सप्लाई करने वाला है। इस जानकारी के आधार पर ठाणे क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक्स सेल ने जाल बिछाकर आरोपी को धर दबोचा। गिरफ्तार किए गए आरोपी की पहचान घेवरम पटेल (21) के रूप में हुई है, जो हैदराबाद का निवासी है और मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है।
पुलिस के अनुसार, बरामद मेफेड्रोन, जिसे म्यो-म्यो या म्याऊ-म्याऊ नाम से भी जाना जाता है एक खतरनाक सिंथेटिक ड्रग है, जिसका इस्तेमाल नशे के लिए किया जाता है। इसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में काफी अधिक है, जिससे इसकी तस्करी बड़े पैमाने पर की जाती है। आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उसे आगे की जांच के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
ठाणे पुलिस अब इस मामले की जांच कर रही है। पुलिस को संदेह है कि यह ड्रग्स तस्करी का मामला अंतरराज्यीय ड्रग माफिया से जुड़ा हो सकता है। जांच में यह पता लगाने की कोशिश की जा रही है कि आरोपी ने मेफेड्रोन कहां से खरीदी और इसे किन-किन लोगों तक पहुंचाने की योजना थी। पुलिस अन्य संदिग्धों और इस नेटवर्क से जुड़े लोगों की तलाश में भी जुट गई है।
वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ठाणे पुलिस नशे के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर रही है। इस तरह की कार्रवाइयों से ड्रग्स तस्करी पर अंकुश लगाने में मदद मिलेगी।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश : पुलिस ने तीन श्रीलंकाई नागरिकों को छुड़ाया, दोस्त ने फिरौती के लिए किया था किडनैप

ढाका, 25 अप्रैल। बांग्लादेश में पुलिस ने फिरौती के लिए किडनैप तीन श्रीलंकाई नागरिकों को छुड़ा लिया है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, तीनों लोग सोशल मीडिया पर मिले एक दोस्त के बुलावे पर बांग्लादेश आए थे।
बांग्लादेश के पुलिस उप महानिरीक्षक (खुलना रेंज) मोहम्मद रजाउल हक ने गुरुवार को स्थानीय पत्रकारों से बात करते हुए बताया कि पुलिस ने अपहरण मामले में विदेशी नागरिकों को बुलाने वाले व्यक्ति समेत तीन स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया।
किडनैप किए गए तीन श्रीलंकाई नागरिकों में एक महिला भी शामिल थी।
बांग्लादेश के अखबार ‘द डेली स्टार’ की रिपोर्ट के अनुसार, गिरफ्तार किए गए चार बांग्लादेशी काजी इमदाद हुसैन, शाहिदुल शेख, जोनी शेख और एसएम शम्सुल आलम ने स्थानीय फोन नंबर से श्रीलंकाई नागरिकों के परिवारों से संपर्क किया और फिरौती की मांग की।
बांग्लादेश के बागेरहाट जिले के पुलिस अधीक्षक तौहिदुल आरिफ के अनुसार, तीनों श्रीलंकाई नागरिक दक्षिण अम्बारी गांव में इमदाद काजी के घर पर पाए गए।
बांग्लादेशी मीडिया आउटलेट बीडी न्यूज 24 ने एसपी तौहिदुल आरिफ के हवाले से बताया, “हाल ही में इमदाद सोशल मीडिया पर तीन श्रीलंकाई नागरिकों से मिला। इमदाद ने उन्हें व्यापार के अवसरों का हवाला देते हुए बांग्लादेश बुलाया। तीनों श्रीलंकाई नागरिक मंगलवार को बांग्लादेश पहुंचे और वहां पहुंचने के बाद उन्हें बंधक बना लिया गया।”
पुलिस अधिकारी ने बताया, “उनके परिवार वालों ने श्रीलंका से फोन करके हमें बताया कि उनका अपहरण कर लिया गया है। उन्हें बताया गया था कि अगर फिरौती नहीं दी गई, तो उन्हें नहीं छोड़ा जाएगा।”
हाल ही में अमेरिका ने अपने नागरिकों को बांग्लादेश की यात्रा पर फिर से सोचने के लिए यात्रा सलाह जारी की थी। एडवाइजरी में देश में नागरिक अशांति, अपराध और आतंकवाद का हवाला दिया गया।
अमेरिकी विदेश विभाग की यात्रा सलाह में कहा गया कि बांग्लादेश में आतंकवादी हमलों और अन्य हिंसक गतिविधियों का खतरा भी है।
इससे पहले, ब्रिटेन ने भी बांग्लादेश के लिए अपनी यात्रा सलाह को अपडेट किया था और अपने नागरिकों को चटगांव हिल ट्रैक्ट्स जैसे क्षेत्रों में केवल जरूरी यात्रा करने की सलाह दी थी और किसी भी अन्य यात्रा से बचने को कहा था।
ब्रिटेन के विदेश राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय की सलाह में कहा गया, “आतंकवादी हमले बिना चेतावनी के हो सकते हैं और इनमें उन जगहों को भी निशाना बनाया जा सकता है, जहां विदेशी नागरिक जाते हैं, जैसे: भीड़-भाड़ वाले इलाके, धार्मिक स्थल और राजनीतिक रैलियां।”
मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के तहत बांग्लादेश में कानून और व्यवस्था की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। स्थानीय मीडिया ने राजमार्ग पर डकैतियों की संख्या में चिंताजनक बढ़ोतरी की सूचना दी है।
बांग्लादेश हाईवे पुलिस मुख्यालय के अनुसार, अगस्त 2024 में पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना की अवामी लीग सरकार के पतन के बाद से ऐसी डकैतियों में बढ़ोतरी हुई है।
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