व्यापार
2027 तक एजेंटिक एआई अपनाने में 383 प्रतिशत वृद्धि संभव : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 26 मई। भारत में ह्युमन रिसोर्स इंडस्ट्री के लीडर्स को उम्मीद है कि 2027 तक एजेंटिक एआई अपनाने में 383 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा सकती है। यह जानकारी सोमवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
एजेंटिक एआई को ऐसी तकनीक के रूप में परिभाषित किया जाता है, जो एआई एजेंटों को इस प्रकार सक्षम बनाती है कि वे मानवीय निगरानी के बिना स्वायत्त रूप से कार्य कर सकें।
अमेरिकी क्लाउड-बेस्ड सॉफ्टवेयर कंपनी सेल्सफोर्स द्वारा 200 ग्लोबल ह्यूमन रिसोर्स अधिकारियों के सर्वे के आधार पर बनाई गई रिपोर्ट से पता चलता है कि डिजिटल लेबर केवल एक ट्रेंड नहीं है, बल्कि यह एक व्यावसायिक रणनीति में क्रांति है।
उन्हें उम्मीद है कि अगले दो वर्षों में एआई एजेंटों को अपनाने में 383 प्रतिशत की वृद्धि होगी, जिससे उत्पादकता में 41.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा सकती है।
निष्कर्षों से पता चलता है कि भारत में चीफ ह्यूमन रिसोर्स ऑफिसर (सीएचआरओ) अपने कर्मचारियों के लगभग एक चौथाई (24.7 प्रतिशत) को फिर से स्थापित करने की उम्मीद करते हैं क्योंकि उनके संगठन डिजिटल लेबर को अपनाते हैं।
88 प्रतिशत एचआर प्रमुखों ने एआई एजेंटों द्वारा आकार दिए गए बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी होने के लिए अपने कर्मचारियों को फिर से प्रशिक्षित करने की योजना बनाई है।
इनमें से अधिकांश लीडर्स (81 प्रतिशत) इस बात से भी सहमत हैं कि रिलेशनशिप बिल्डिंग और सहयोग जैसे सॉफ्ट स्किल्स और भी अधिक महत्वपूर्ण होंगे क्योंकि मनुष्य एजेंटों के साथ काम करते हैं।
सेल्सफोर्स के प्रेसिडेंट और चीफ पीपल ऑफिसर नथाली स्कार्डिनो ने कहा, “हर इंडस्ट्री को नौकरियों को फिर से डिजाइन करना होगा। हर कर्मचारी को डिजिटल श्रम क्रांति में सफल होने के लिए नए ह्यूमन, एजेंट और व्यावसायिक कौशल सीखने की आवश्यकता होगी।”
रिसर्च से मिली महत्वपूर्ण जानकारी से पता चलता है कि भारत में एचआर लीडर्स का मानना है कि डिजिटल लेबर भविष्य है और इसका इंटीग्रेशन उनकी भूमिका के लिए महत्वपूर्ण है।
लगभग 85 प्रतिशत का मानना है कि पांच वर्षों के भीतर, अधिकांश वर्कफोर्स में ह्यूमन और एआई एजेंट/डिजिटल श्रमिक एक साथ काम करेंगे।
केवल 12 प्रतिशत भारतीय सीएचआरओ का कहना है कि उनके संगठन ने एजेंटिक एआई को पूरी तरह से लागू किया है। 60 प्रतिशत से अधिक भारतीय एचआर प्रमुखों का कहना है कि उनके कर्मचारी इस बात से अनजान हैं कि एआई एजेंट उनके काम को कैसे प्रभावित करेंगे।
व्यापार
आरबीआई ने बैंकों को अधिग्रहण के लिए लोन की राशि बढ़ाने का ड्राफ्ट सर्कुलर किया जारी

मुंबई, 25 अक्टूबर : भारतीय रिजर्व बैंक ने एक नया ड्राफ्ट सर्कुलर जारी किया है, जिसमें भारतीय कंपनियों को घरेलू या विदेशी फर्मों में पूरा या कंट्रोलिंग स्टेक खरीदने के लिए बैंकों द्वारा लोन की राशि बढ़ाने का प्रस्ताव दिया गया है। केंद्रीय बैंक की ओर से इन मानदंडों को 1 अप्रैल 2026 से लागू करने का प्रस्ताव दिया गया है।
बैंक द्वारा दिया जाने वाला यह लोन शॉर्ट-टर्म फाइनेंशियल रीस्ट्रक्चरिंग के बजाय लॉन्ग-टर्म वैल्यू बनाने वाले स्ट्रेटेजिक इन्वेस्टमेंट का हिस्सा होगा।
हालांकि, आरबीआई ने एक्वायर करने वाली कंपनियों को लेकर यह भी स्पष्ट किया है कि यह कंपनियां लिस्टेड होनी चाहिए और इनकी नेट वर्थ भी अच्छी होनी चाहिए, जिसके लिए इन कंपनियों के पिछले तीन वर्ष का प्रॉफिट रिकॉर्ड भी ध्यान रखा जाएगा।
आरबीआई के ड्राफ्ट के अनुसार, “बैंक अधिग्रहण मूल्य का अधिकतम 70 प्रतिशत फंड कर सकता है। अधिग्रहण मूल्य का कम से कम 30 प्रतिशत हिस्सा अधिग्रहण करने वाली कंपनी को अपने धन का इस्तेमाल कर इक्विटी के रूप में फंड करना होगा।”
आरबीआई द्वारा इस तरह के एक्विजिशन फाइनेंस में किसी बैंक के कुल एक्सपोजर को उसके टियर-I कैपिटल के 10 प्रतिशत तक सीमित करने का प्रस्ताव दिया गया है।
सर्कुलर में कहा गया है कि बैंक सीधे एक्वायरिंग कंपनी को ही लोन दे सकते हैं या इस कंपनी द्वारा टारगेट एंटिटी को खरीदने के लिए सेट अप किए गए स्टेप-डाउन स्पेशल पर्पस व्हीकल (एसपीवी) को लोन दिया जा सकता है।
इसके अलावा, केंद्रीय बैंक का कहना है कि लोन देने वाले बैंकों के पास एक्विजिशन फाइनेंस पर एक पॉलिसी होनी चाहिए। इस तरह की पॉलिसी में उधार लेने वालों की एलिजिबिलिटी, सिक्योरिटी, रिस्क मैनेजमेंट, मार्जिन और मॉनिटरिंग टर्म्स की लिमिट, नियर और शर्तों की जानकारी मौजूद होनी चाहिए।
केंद्रीय बैंक ने प्रस्ताव दिया है कि बैंकों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत होगी कि एक्वायरिंग कंपनी और एक्विजिशन के लिए बनाई गई एसपीवी नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल कंपनियां या अल्टरनेटिव इन्वेस्टमेंट फंड जैसे फाइनेंशियल इंटरमीडियरी न हो।
बैंकों को यह भी वेरिफाई करने की जरूरत होगी कि एक्वायर करने वाली कंपनी और टारगेट कंपनी आपस में रिलेटेड पार्टी न हों।
नियमों के अनुसार, टारगेट कंपनी की एक्विजिशन वैल्यू बाजार नियामक सेबी के नियमों के तहत तय की जानी चाहिए। इसके अलावा, क्रेडिट असेस्मेंट के लिए बैंकों को दोनों कंपनियों की कम्बाइन्ड बैलेंसशीट को चेक करना होगा।
खेल
शानदार कैच लपकने के बाद चोटिल हुए श्रेयस अय्यर, दर्द से तड़पते हुए छोड़ना पड़ा मैदान

सिडनी, 25 अक्टूबर : भारतीय क्रिकेटर श्रेयस अय्यर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ सिडनी क्रिकेट ग्राउंड में जारी तीसरे वनडे मैच में चोटिल हो गए, जिसके बाद उन्हें मैदान छोड़कर बाहर जाना पड़ा।
यह घटना ऑस्ट्रेलियाई पारी के 34वें ओवर की है। हर्षित राणा के ओवर की चौथी गेंद पर ऑस्ट्रेलियाई विकेटकीपर-बल्लेबाज एलेक्स कैरी ने हवाई शॉट खेला।
इस बीच श्रेयस ने कैच लपकने के लिए विपरीत दिशा में दौड़ना शुरू किया। अय्यर ने गेंद लपकने के लिए छलांग लगाई और गेंद को पकड़ने में कामयाब रहे। इस बीच वह फिसल गए। बाईं ओर गिरे, जिसके बाद अय्यर पसलियों को पकड़कर दर्द से कराहते नजर आए।
एक ओर एलेक्स कैरी आउट होकर पवेलियन लौट रहे थे, तो दूसरी ओर मैदान पर गिरे अय्यर दर्द से छटपटा रहे थे। इसी बीच फिजियो मैदान पर आए और चोट की जांच करने के बाद अय्यर को अपने साथ मैदान से बाहर ले गए।
मुकाबले में टॉस जीतकर बल्लेबाजी के लिए उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम को कप्तान मिचेल मार्श और ट्रेविस हेड की सलामी जोड़ी ने शानदार शुरुआत दिलाई। दोनों खिलाड़ियों के बीच 9.2 ओवरों में 61 रन की साझेदारी हुई।
हेड 25 गेंदों में 29 रन बनाकर आउट हुए, जिसके बाद कप्तान मार्श ने मोर्चा संभाला, लेकिन अर्धशतक से चूक गए। मार्श ने 50 गेंदों में एक छक्के और 5 चौकों के साथ 41 रन की पारी खेली।
ऑस्ट्रेलियाई टीम 88 के स्कोर तक सलामी बल्लेबाजों का विकेट गंवा चुकी थी। यहां से मैथ्यू शॉर्ट ने मैट रैनेशॉ के साथ तीसरे विकेट के लिए 36 रन जोड़ते हुए टीम को संभालने की कोशिश की। शॉर्ट ने 30 रन का योगदान टीम के खाते में दिया।
ऑस्ट्रेलियाई टीम 124 के स्कोर तक 3 विकेट गंवा चुकी थी। यहां से मैट रैनेशॉ ने एलेक्स कैरी के साथ चौथे विकेट के लिए 59 रन जोड़ते हुए टीम को 200 के करीब पहुंचाया।
फिलहाल, 39 ओवरों के खेल तक ऑस्ट्रेलियाई टीम 7 विकेट खोकर 201 रन बना चुकी है।
अपराध
दिल्ली के महरौली में मुठभेड़, बदमाश कनिष्क उर्फ कुकू गिरफ्तार

महरौली, 25 अक्टूबर : राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के महरौली थाना क्षेत्र में शनिवार तड़के करीब 4 बजे पुलिस और बदमाश के बीच मुठभेड़ हो गई। पुलिस ने बदमाश कनिष्क उर्फ विशाल उर्फ कुकू को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस के अनुसार मुखबिर की सूचना पर पुलिस कनिष्क उर्फ विशाल उर्फ कुकू को गिरफ्तार करने गई थी। पुलिस ने जैसे ही महरौली के पास बदमाश को रोका, उसने रोकने के बजाय पुलिस पर ही फायरिंग कर दी।
बदमाश ने पुलिस टीम पर चार राउंड फायरिंग की, जिसमें हेड कांस्टेबल रविंद्र घायल हो गए। वहीं, दो अन्य पुलिसकर्मियों के ब्लडप्रूफ जैकेट पर भी गोलियां लगीं, जिससे वे बाल-बाल बच गए।
पुलिस की ओर से जवाबी कार्रवाई में महरौली थाना पुलिस ने चार राउंड फायरिंग कर बदमाश को दबोच लिया। मुठभेड़ के दौरान बदमाश के दाहिने पैर में गोली लगी, जिसके बाद उसे तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया। सूचना मिलने पर पुलिस के आलाधिकारी भी घटनास्थल पर पहुंचे।
गिरफ्तार आरोपी की पहचान कनिष्क उर्फ विशाल उर्फ कुकू के रूप में हुई है। पुलिस के अनुसार, वह अंबेडकर नगर थाना क्षेत्र का निवासी है और उसके खिलाफ कई मामले आर्म्स एक्ट के तहत पहले से दर्ज हैं।
घटनास्थल से पुलिस ने दो पिस्टल और एक बाइक बरामद की है, जिसका उपयोग आरोपी वारदात के दौरान कर रहा था।
फिलहाल पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि वह हाल में किन वारदातों में शामिल रहा है और हथियार कहां से लाया था। पुलिस का कहना है कि आरोपी का आपराधिक इतिहास खंगाला जा रहा है और उसके नेटवर्क के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है। इसके ऊपर पहले से भी कई मुकदमे दर्ज हैं और पुलिस काफी समय से इसकी तलाश कर रही है।
पुलिस के अधिकारियों ने बताया कि घायल हेड कांस्टेबल और बदमाश विशाल को जल्द ही अस्पताल से छुट्टी दे दी जाएगी। विशाल के साथियों की गिरफ्तारी के लिए टीम का गठन किया जा रहा है। इससे पूछताछ में कई खुलासे हो रहे हैं।
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