राजनीति
संदिग्ध व्यक्ति के सीएम बनर्जी के घर में घुसने की घटना के बाद प्रशासन अलर्ट, कड़ी की गई सुरक्षा व्यवस्था

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के आधिकारिक आवास में शनिवार शाम एक संदिग्ध व्यक्ति के घुसने के बाद कोलकाता पुलिस ने वहां सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से बदलने का फैसला किया है। शहर के पुलिस आयुक्त, विनीत कुमार गोयल ने शीर्ष पुलिस अधिकारियों की एक विशेष बैठक बुलाई, जहां यह निर्णय लिया गया कि दक्षिण कोलकाता के कालीघाट में मुख्यमंत्री के आवास के अंदर और बाहर सुरक्षा कार्य को शहर पुलिस की विशेष यूनिट्स यानी विशेष शाखा (एसबी) और विशेष कार्य बल (एसटीएफ) में विभाजित किया जाएगा।
शहर के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा, “एसटीएफ के अधिकारियों को विशेष रूप से राज्य में आतंकवाद विरोधी गतिविधियों का मुकाबला करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है। हालांकि, स्थिति की गंभीरता को देखते हुए, एसटीएफ के अधिकारियों का एक वर्ग अब मुख्यमंत्री की सुरक्षा के लिए समर्पित होगा।”
उन्होंने कहा कि अब से सीएम आवास और उसके आसपास त्रिस्तरीय सुरक्षा घेरा रहेगा। आंतरिक रिंग, जो निवास के अंदर और साथ ही इसके आसपास के क्षेत्र में है, सादे कपड़े वाले एसबी अधिकारियों और वर्दीधारी रिजर्व फोर्स (आरएफ) कर्मियों की एक संयुक्त टीम द्वारा संचालित की जाएगी।
दूसरी रिंग, जो मुख्य सड़क होगी और मुख्यमंत्री आवास की ओर जाने वाली गलियां होंगी, एसटीएफ के अधिकारियों द्वारा संचालित की जाएगी। तीसरे और बाहरी रिंग में सुरक्षा व्यवस्था स्थानीय कालीघाट पुलिस स्टेशन और आरएफ कर्मियों की एक संयुक्त टीम द्वारा की जाएगी।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) मुरलीधर शर्मा ने ब्योरा देने से इनकार करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री आवास पर सुरक्षा कड़ी करने के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है।
संयोग से, 24 घंटे बीत जाने के बाद भी शहर की पुलिस ने अभी तक व्यक्ति की पहचान का खुलासा नहीं किया है या सीएम के आवास पर उसके छिपने के पीछे के मकसद का खुलासा नहीं किया है।
इस घटनाक्रम ने राज्य में विपक्षी नेताओं को घटना के बारे में सूक्ष्म कटाक्ष करने के लिए प्रेरित किया है। माकपा की केंद्रीय समिति की सदस्य और पश्चिम बंगाल विधानसभा में वाम दलों की पूर्व नेता सुजान चक्रवर्ती ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि जब भी मुख्यमंत्री राजनीतिक रूप से कठिन स्थिति में होती हैं, तो उनकी सुरक्षा से संबंधित कुछ न कुछ मुद्दे सामने आ जाते हैं।
उन्होंने कहा, “इस मामले में उचित जांच होनी चाहिए कि एक अतिक्रमी इतने उच्च सुरक्षा क्षेत्र में कैसे घुस सकता है।”
पश्चिम बंगाल में वयोवृद्ध सांसद और राज्य कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि यह घटनाक्रम दिखाता है कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान राज्य पुलिस की दक्षता में कमी आई है।
भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और पार्टी सांसद दिलीप घोष ने कहा कि शायद मुख्यमंत्री के पास अपने आवास पर छिपाने के लिए कुछ है और इसलिए इसे लेकर काफी प्रशासनिक गतिविधि शुरू हो गई है।
बता दें कि शनिवार की रात पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की सुरक्षा में बड़ी चूक सामने आई थी। सीएम बनर्जी के आवास में एक संदिग्ध शख्स घुस आया था, जिसे बाद में पुलिस ने पकड़ लिया। शनिवार देर रात संदिग्ध व्यक्ति सीएम आवास में घुसा और एक कोने में ही बैठे रहा। कालीघाट पुलिस की ओर से संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर उससे पूछताछ की जा रही है।
राजनीति
शिरसाट ने 5 करोड़ रुपए का घोटाला किया, सीएम करें सिडको रिपोर्ट की जांच : रोहित पवार

मुंबई, 25 अगस्त। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता रोहित पवार ने सोमवार को शिवसेना विधायक संजय शिरसाट पर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप दोहराया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सिडको (शहर एवं औद्योगिक विकास निगम) रिपोर्ट दस्तावेजों को देखने की मांग की।
एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने मिडिया से कहा, “सिडको प्रमुख शिरसाट ने 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। सिडको की कानूनी रिपोर्ट में ही जमीन के हस्तांतरण का विरोध किया गया है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो राज्य सरकार और सिडको एक ही व्यक्ति को जमीन क्यों बेच रहे हैं? दो दिन में 42 टेबलों पर फाइल चली, शिरसाट ने कागजात पर हस्ताक्षर किए। अगर आप दस्तावेजों को पढ़ेंगे तो समझ आ जाएगा। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे दस्तावेजों को देखें।”
उन्होंने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले व्यक्ति के बारे में पूछा और बाद में खुद जवाब दिया कि हनुमान जी थे। रोहित पवार ने कहा, “हम सभी को शुभांशु शुक्ला पर गर्व है, वे अंतरिक्ष से लौटे हैं। प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया, उन्हें अनुराग ठाकुर के साथ बैठकर बहस करनी चाहिए। हम सभी जानते हैं कि पहला अंतरिक्ष यात्री कौन था। यह विज्ञान पर आधारित तथ्य है, जिसका अध्ययन जरूरी है, लेकिन अनुराग ठाकुर ने राजनीतिक बयान दिया है।”
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट एशिया कप को लेकर उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले में 26 से 27 लोगों की जान चली गई। दूसरी ओर, जब पाकिस्तानी अधिकारी अमेरिका जाते हैं, तो वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में अपनी ही बात कहते हैं, जो पूरी तरह से गलत है। हम बीसीसीआई से अपील करते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच नहीं होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाए जाने वाले विधेयक पर उन्होंने कहा, “जब प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ा विधेयक पेश किया गया था, तो हमें उम्मीद थी कि यह एक स्वतंत्र संस्था होने के नाते भ्रष्ट व्यवसायों के खिलाफ काम करेगा, लेकिन बाद में प्रवर्तन निदेशालय क्या कर रहा है? विपक्ष को निशाना बनाकर 98 प्रतिशत कार्रवाई विपक्ष के खिलाफ की गई। सरकार की ओर से प्रवर्तन निदेशालय काम कर रहा है, इसलिए उन्हें जो कहना है, कहने दीजिए, लेकिन यह विधेयक लोकतंत्र विरोधी है।”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को यह तय करने का अधिकार है कि किसे मंत्रिमंडल में रखना है। आप मुख्यमंत्री की शक्ति छीन रहे हैं, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है। आपने जेपीसी का गठन किया है, लेकिन उसमें आप केवल हमारी बात सुनते हैं, जबकि हमारी राय पर कभी अमल नहीं करते। प्रधानमंत्री के खिलाफ कौन आपत्ति करेगा? यह बहुत अस्पष्ट विधेयक है। यह विपक्ष पर दबाव बनाने की रणनीति मात्र है; उन्हें लगता है कि 2029 में वे महाराष्ट्र में सत्ता खो देंगे, इसलिए नेताओं को नियंत्रित करने के लिए वे यह विधेयक ला रहे हैं।”
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा नेता नितेश राणे के वराह जयंती मनाने वाले बयान पर रोहित पवार ने कहा, “नितेश राणे को खबरों में रहना पसंद है। यही एकमात्र कारण है कि वे वराह जयंती मना रहे हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
कस्टोडियन जमीन मामले में ईडी की कार्रवाई, जम्मू और उधमपुर में छापेमारी के दौरान दस्तावेज जब्त

जम्मू, 25 अगस्त। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जम्मू-कश्मीर में कस्टोडियन जमीन मामले में कई जगहों पर मनी लॉन्ड्रिंग के तहत कार्रवाई की। यह कार्रवाई कस्टोडियन भूमि (पाकिस्तान चले गए प्रवासियों द्वारा छोड़ी गई भूमि) के अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की गई है।
ईडी के मुताबिक, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), जम्मू उप-क्षेत्रीय कार्यालय ने 22 अगस्त को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए), 2002 के तहत जम्मू और उधमपुर के विभिन्न स्थानों पर तलाशी अभियान चलाया। यह कार्रवाई कस्टोडियन भूमि (पाकिस्तान चले गए प्रवासियों द्वारा छोड़ी गई भूमि) के अवैध कब्जे और भ्रष्टाचार से जुड़े मामले में की गई, जिसमें लगभग 502.5 कनाल भूमि शामिल है।
ईडी ने जम्मू-कश्मीर पुलिस की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा (एसीबी) द्वारा दर्ज विभिन्न प्राथमिकियों (एफआईआर) के आधार पर जांच शुरू की।
जांच में खुलासा हुआ कि कई सरकारी राजस्व अधिकारियों, निजी व्यक्तियों, भूमि हड़पने वालों और बिचौलियों के गठजोड़ ने जम्मू और आसपास के क्षेत्रों में लगभग 502.5 कनाल सरकारी कस्टोडियन भूमि पर अवैध कब्जा किया। इस भूमि का अनुमानित मूल्य लगभग 20 करोड़ रुपए है।
जांच से पता चला कि 2022 से फर्जी और पुरानी तारीखों वाले म्यूटेशन रिकॉर्ड, पावर ऑफ अटॉर्नी, बिक्री पत्र और राजस्व रिकॉर्ड में झूठी प्रविष्टियों (मनगढ़ंत जानकारी) के जरिए यह अवैध कब्जा किया गया।
ईडी ने बताया कि ऐसी धोखाधड़ी से हड़पी गई सरकारी कस्टोडियन भूमि को बाद में जाली दस्तावेजों के माध्यम से बेच दिया गया और बिक्री से प्राप्त राशि (अपराध की आय) को आरोपियों के कई खातों के माध्यम से हस्तांतरित कर व्यक्तिगत उपयोग में लाया गया।
इस तलाशी अभियान के दौरान संपत्तियों, राजस्व रिकॉर्ड और डिजिटल साक्ष्यों से संबंधित कई आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए।
फिलहाल इस मामले में आगे की जांच जारी है।
राजनीति
राहुल-प्रियंका ने एसएससी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज को बताया अमानवीय

नई दिल्ली, 25 अगस्त। दिल्ली के रामलीला मैदान में एसएससी अभ्यर्थियों और शिक्षकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस घटना को न सिर्फ अमानवीय बल्कि डरपोक सरकार की पहचान बताया।
राहुल गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे एसएससी अभ्यर्थियों और शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज—शर्मनाक ही नहीं, एक डरपोक सरकार की पहचान है। युवाओं ने सिर्फ अपना हक मांगा था—रोजगार और न्याय। मिली क्या? लाठियां। साफ है—सरकार को न देश के युवाओं की चिंता है, न उनके भविष्य की। क्यों हो? ये सरकार जनता के वोटों से नहीं, वोट चुराकर सत्ता में आई है।”
राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लगातार जनता के अधिकार छीन रही है। उन्होंने आगे लिखा, “पहले वोट चुराएंगे, फिर परीक्षा चुराएंगे, फिर नौकरियां चुराएंगे, फिर आपका हक और आवाज – दोनों कुचल देंगे! युवाओं, किसानों, गरीबों, बहुजनों और अल्पसंख्यकों – आपका वोट इन्हें चाहिए नहीं, इसलिए आपकी मांगें कभी इनकी प्राथमिकता नहीं होंगी। अब वक्त है – डरने का नहीं, डटकर मुकाबला करने का।”
कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने भी छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग को अमानवीय और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे एसएससी छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग अमानवीय और शर्मनाक है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हर परीक्षा में धांधली, हर भर्ती में घोटाला और पेपर लीक से पूरे देश के युवा त्रस्त हैं। भाजपा राज में भर्ती प्रक्रियाओं और परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है। उसे ठीक करने और युवाओं की बात सुनने की जगह उन पर लाठियां बरसाना दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्रों पर क्रूरता बरतने के बजाय उनकी बात सुनी जानी चाहिए।”
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