अंतरराष्ट्रीय
एडिडास ने भारत में पहला फ्लैगशिप स्टोर-‘द होम ऑफ पॉसिबिलिटीज’ लॉन्च किया

स्पोर्ट्सवियर की दिग्गज कंपनी एडिडास ने भारत में अपना पहला फ्लैगशिप स्टोर लॉन्च किया है। राष्ट्रीय राजधानी – कनॉट प्लेस के केंद्र में स्थित, ‘द होम ऑफ पॉसिबिलिटीज’ स्टोर कई डिजिटल टच पॉइंट्स, सस्टेनेबिलिटी जोन का मिश्रण है और उपभोक्ताओं के लिए रिटेल एक्सपीरियंस के भविष्य का प्रतीक है।
4 मंजिल में 5,900 वर्ग फुट के रिटेल एरिया में फैले, स्टोर की अवधारणा ब्रांड की ‘ओन द गेम’ रणनीति से प्रेरित है। यह 3 महत्वपूर्ण पहलुओं पर केंद्रित है जो अनुभव, स्थिरता और विश्वसनीयता पर आधारित हैं।
कनॉट प्लेस में एडिडास फ्लैगशिप स्टोर उपभोक्ताओं को एक नवीन तकनीकी अनुभव प्रदान करता है। स्टोर में 32 डिजिटल टच पॉइंट हैं जो हरित ऊर्जा द्वारा संचालित हैं, स्टोर उन्नत तकनीक के उपयोग को समाहित करता है जिसमें ग्राहकों को बेहतर डिजिटल खरीदारी का अनुभव देने के लिए इमर्सिव स्क्रीन, डिजिटल प्लिंथ और सीलिंग स्क्रीन शामिल हैं।
स्टोर फ्लोरिंग पर्यावरण प्रदूषण से एकत्रित कार्बन से बने अपसाइक्लिंग कार्बन टाइल्स से बना है। यह देश का पहला एलईईडी प्रमाणित एडिडास स्टोर है।
एडिडास की दीर्घकालिक दृष्टि और स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता के अनुरूप, फ्लैगशिप स्टोर में एक समर्पित ‘सस्टेनेबिलिटी जोन’ है।
एडिडास के लिए महिलाएं एक प्रमुख फोकस हैं और अधिक समावेशी स्थान बनाने के लिए, फ्लैगशिप स्टोर को इस तरह से क्यूरेट किया गया है, जो उत्पादों और खरीदारी के अनुभव को प्रोत्साहित करने और उनके खेल और फिटनेस यात्रा में उनका समर्थन करता है।
नए फ्लैगशिप स्टोर लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए, सुनील गुप्ता, सीनियर डायरेक्टर, ब्रांड एडिडास, इंडिया ने कहा, “हम भारत में अपना पहला फ्लैगशिप स्टोर राजधानी – कनॉट प्लेस के बीच में खोलकर रोमांचित हैं। एक बेजोड़ तरीके से हमारे सर्वश्रेष्ठ ब्रांड, जो एक छत के नीचे एक वैश्विक खरीदारी अनुभव प्रदान करता है। हमारा उद्देश्य नवाचार, रचनात्मकता और डिजाइन के माध्यम से भौतिक अनुभव की फिर से कल्पना करना है जो हमारे उपभोक्ताओं को एक अद्वितीय खरीदारी अनुभव प्रदान करता है। हमने स्टोर में कलाकृति के माध्यम से, हमारे राष्ट्रीय एथलीटों की विशेषता वाले क्षेत्र और अनुकूलन क्षेत्र में स्थानीय आटवर्क का इस्तेमाल कर स्थानीयता के तत्व को समाहित किया है।”
भारत के सार को आगे बढ़ाते हुए, फ्लैगशिप स्टोर में अनुकूलन, वैयक्तिकरण और स्थानीयकरण के लिए एक समर्पित अनुभाग है। दिल्ली प्रिंट शॉप उपभोक्ताओं को डिजिटल डीआईवी अनुभव प्रदान करता हैं। कलाकारों के सहयोग के साथ दिल्ली और भारत के कुछ विशिष्ट तत्वों को विशेष रूप से इस स्टोर के लिए डिजाइन किया गया है ताकि ग्लोबल प्लस लोकल का सही मिश्रण तैयार किया जा सके।
स्टोर हाइकिंग और ट्रेल रनिंग एडवेंचर्स के लिए स्काइलाईट सीलिंग के साथ एक समर्पित ‘आउटडोर’ कलेक्शन जोन पेश करता है। अंतरिक्ष में पुरुषों के प्रदर्शन और बास्केटबॉल खंड के साथ ‘संग्रह’ अवधारणा में एक समर्पित मूल खंड भी होगा। स्टोर में अपने खरीदारों के लिए फुटबॉल संग्रह के लिए समर्पित एक विशेष मंजिल है, जिसमें एक डिजिटल फुटवियर दीवार, विजय पुतला, लिट क्रेस्ट और छत पर एलईडी फील्ड लाइनें हैं।
शॉपर्स को स्पोर्ट परफॉर्मेंस परिधान और फुटवियर के साथ-साथ नवीनतम मूल डिजाइन और सहयोग सहित उत्पाद का सबसे अच्छा ब्रांड मिलेगा, जिसमें यीजी, एडिडास बाय स्टेला मेकार्टनी, वाई -3 और आईवीवाई पार्क शामिल हैं।
व्यापार
मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ने से कच्चे तेल की कीमतों में आया उबाल

नई दिल्ली, 16 जून। मध्य पूर्व में इजरायल और ईरान के बीच संघर्ष के कारण सोमवार को फिर कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखने को मिला।
अंतरराष्ट्रीय बाजार में ब्रेंट क्रूड आज 0.93 प्रतिशत की बढ़त के साथ 74.92 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड 1.16 प्रतिशत की बढ़त के साथ 73.83 डॉलर प्रति बैरल हो गया है।
13 जून को इजरायल की ओर से ईरान पर एयर स्ट्राइक करने के बाद से कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है और यह तब से अब तक करीब 7 प्रतिशत महंगा हो चुका है। 12 जून को ब्रेंट क्रूड का दाम 69.36 डॉलर प्रति बैरल और डब्ल्यूटीआई क्रूड का दाम 66.64 डॉलर प्रति बैरल था।
क्रूड ऑयल की कीमतों में बढ़त की वजह तेल संपन्न क्षेत्र में संघर्ष का लगातार बढ़ना है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इजरायल ने ईरान के साउथ पारस गैस फील्ड पर हमला किया है, जिसके कारण वहां उत्पादन को रोकना पड़ा है।
विश्लेषकों के अनुसार, उन्हें कच्चे तेल की कीमतों में कोई और वृद्धि की उम्मीद नहीं है, जब तक कि होर्मुज स्ट्रेट को बंद करने का प्रयास न किया जाए या यमन में ईरान समर्थित हौथी आतंकवादी जहाजों को निशाना न बनाया जाए।
जूलियस बेयर के इकोनॉमिक्स और नेक्स्ट जनरेशन रिसर्च के प्रमुख नॉर्बर्ट रकर ने कहा कि तेल ऐसे संघर्षों का सबसे बड़ा संकेतक है और कीमतों में भी इसी के अनुसार उछाल आया है। स्थिति में उतार-चढ़ाव बना हुआ है और आने वाले दिनों और हफ्तों में पता चलेगा कि यह कितना आगे तक जाएगा।
इजरायल की यह कार्रवाई अमेरिका और ईरान के बीच परमाणु समझौते पर बातचीत के खराब होने और तेहरान द्वारा यह कहने के कारण हुई है कि अगर उस पर हमला किया गया तो वह इराक और आसपास के देशों में अमेरिकी ठिकानों पर जवाबी कार्रवाई करेगा।
एमके ग्लोबल की एक रिपोर्ट के अनुसार, ईरान प्रतिदिन लगभग 3.3 मिलियन बैरल (एमबीपीडी) कच्चे तेल का उत्पादन करता है और लगभग 1.5 एमबीपीडी का निर्यात करता है, जिसमें चीन 80 प्रतिशत भागीदारी के साथ मुख्य आयातक है। ईरान होर्मुज स्ट्रेट के उत्तरी किनारे पर भी है, जिसके माध्यम से दुनिया में 20 एमबीपीडी से अधिक कच्चे तेल का व्यापार होता है।
होर्मुज स्ट्रेट मध्य-पूर्व में एक चोक प्वाइंट है। इस मार्ग से सऊदी अरब और यूएई आदि भी शिपिंग करते हैं और पहले भी ईरान ने इसे बंद करने की चेतावनी दी है।
राष्ट्रीय
लगातार 35वें महीने मासिक शिकायत निपटान 1 लाख के पार: केंद्र

नई दिल्ली, 14 जून। केंद्र सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार मई महीने में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों द्वारा कुल 1,24,101 शिकायतों का निवारण किया गया और लगातार 35वें महीने केंद्रीय सचिवालय में निपटान 1 लाख के पार हो गया।
प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) के अनुसार, 1 से 31 मई तक केंद्रीय मंत्रालयों/विभागों में शिकायतों के निपटान में औसत समय 16 दिन था।
केंद्रीकृत लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली (सीपीजीआरएएमएस) की मई की मासिक रिपोर्ट में लोक शिकायतों के प्रकार और श्रेणियों तथा निपटान की प्रकृति का विस्तृत विश्लेषण दिया गया है।
रिपोर्ट में मई में सीपीजीआरएएमएस पोर्टल के माध्यम से पंजीकृत नए उपयोगकर्ताओं के आंकड़े दिए गए हैं। मई महीने में कुल 60,499 नए उपयोगकर्ता पंजीकृत हुए, जिनमें सबसे अधिक 10,043 पंजीकरण उत्तर प्रदेश से हुए।
कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय के अनुसार, फीडबैक कॉल सेंटर ने मई 2025 में 65,601 फीडबैक एकत्र किए।
रिपोर्ट में मई में कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से दर्ज शिकायतों का मंत्रालय/विभागवार विश्लेषण भी दिया गया है।
सीपीजीआरएएमएस को कॉमन सर्विस सेंटर (सीएससी) पोर्टल के साथ इंटीग्रेट किया गया है और यह 5 लाख से अधिक सीएससी पर उपलब्ध है, जो 2.5 लाख ग्राम स्तरीय उद्यमियों (वीएलई) से जुड़ा है।
मई 2025 के महीने में सीएससी के माध्यम से लगभग 5,653 शिकायतें दर्ज की गईं।
मंत्रालय ने बताया कि इसमें उन प्रमुख मुद्दों/श्रेणियों पर भी प्रकाश डाला गया है, जिनके लिए सीएससी के माध्यम से अधिकतम शिकायतें दर्ज की गईं।
रिपोर्ट में समीक्षा बैठक मॉड्यूल का अवलोकन भी प्रस्तुत किया गया है, जिसे केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में क्रियान्वित किया गया है।
यह मॉड्यूल सार्वजनिक शिकायतों की सचिव स्तर की समीक्षा की सुविधा प्रदान करता है, जिससे निवारण तंत्र की दक्षता में वृद्धि होती है और नागरिक संतुष्टि में सुधार होता है।
इस वर्ष मई में केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों में कुल 28 समीक्षा बैठकें आयोजित की गई हैं। दूरसंचार विभाग, डाक विभाग और केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड मई के लिए समूह ए (500 से अधिक शिकायतों के बराबर) के भीतर शिकायत निवारण मूल्यांकन और सूचकांक में शीर्ष प्रदर्शन करने वालों में से थे।
व्यापार
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड के चेयरमैन और एमडी केवी प्रदीप ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली, 9 जून। ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक लिमिटेड ने सोमवार को बताया कि निजी कारणों के चलते कंपनी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक (एमडी) केवी प्रदीप ने इस्तीफा दे दिया है।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में कहा, “उनके इस्तीफे के प्रभावी होने की तारीख आने वाले समय में बताई जाएगी।”
हाल ही में राज्य सरकारों की ओर से दिए गए बड़े ऑर्डर एक के बाद एक रद्द होने के कारण ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक मुश्किल में है, जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ है।
मई के आखिर में महाराष्ट्र सरकार की ओर से कंपनी को दिया गया 5,150 बसों का कॉन्ट्रैक्ट रद्द कर दिया गया है।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में, महाराष्ट्र के परिवहन मंत्री प्रताप सरनाईक ने कहा कि कंपनी 22 मई तक सौंपे जाने वाले 1,000 बसों में से एक भी बस देने में विफल रही है। आपूर्तिकर्ता की निष्क्रियता के कारण अधिकारियों को 5,150 बसों के लिए टेंडर रद्द करने का निर्देश दिया गया है।
माना जा रहा है कि इस कॉन्ट्रैक्ट के रद्द होने से कंपनी को 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हुआ है।
महाराष्ट्र सरकार की ओर से कॉन्ट्रैक्ट रद्द करने के साथ ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक की ऑर्डर बुक 10,000 बसों से घटकर लगभग 5,000 रह गई है।
इसके अलावा तेलंगाना सरकार की ओर से दिए 50 इंटरसिटी बसों के कॉन्ट्रैक्ट को छोटा किए जाने से कंपनी को करीब 70 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। जानकारी के मुताबिक, यह कॉन्ट्रैक्ट 6 मार्च, 2023 को कंपनी को दिया गया था और इसे जुलाई 2024 तक पूरा किया जाना था। लेकिन, इस ऑर्डर के तहत केवल 10 बसों की ही डिलीवरी हो पाई, जिसके कारण राज्य सरकार ने ऑर्डर में बसों की संख्या को घटाने का फैसला किया।
ओलेक्ट्रा ग्रीनटेक का शेयर 0.22 प्रतिशत की बढ़त के साथ नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 1,224.60 पर बंद हुआ। मौजूदा समय में शेयर अपने 52 हफ्तों के उच्चतम स्तर 1,960 रुपए से करीब 37.5 प्रतिशत नीचे है।
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