अपराध
आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री पर दिल्ली को गैंगस्टर और जबरन वसूली की राजधानी बनाने का आरोप लगाया

नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला करते हुए कथित तौर पर उन पर दिल्ली को भारत की “गैंगस्टर और जबरन वसूली की राजधानी” बनाने का आरोप लगाया।
दिल्ली में मीडिया से बात करते हुए अरविंद केजरीवाल ने राजधानी में बिगड़ती कानून व्यवस्था की आलोचना करते हुए कहा कि पिछले एक-दो सालों में गैंग हिंसा, व्यापारियों को जबरन वसूली के लिए फोन आने और लगातार गोलीबारी की घटनाओं में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। उन्होंने मौजूदा स्थिति की तुलना 1990 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड के वर्चस्व से की।
दिल्ली के पूर्व सीएम अरविंद केजरीवाल का बयान
उन्होंने कहा, “पिछले एक-दो साल में दिल्ली में कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब हुई है। हमने सुना है कि 1990 के दशक में मुंबई में अंडरवर्ल्ड का बोलबाला था – वहां खुलेआम गोलीबारी होती थी… हमने नहीं सोचा था कि दिल्ली में भी ऐसी स्थिति आएगी। दिल्ली पर गैंगस्टरों का कब्जा है, व्यापारियों के पास फिरौती के लिए फोन आ रहे हैं और गोलीबारी आम बात है। मैं यहां (नांगलोई) रोशन लाल से मिलने आया हूं, जिन पर कुछ दिन पहले उस समय गोलियां चलाई गईं, जब वे अपनी दुकान खोलने आए थे।”
आप के राष्ट्रीय संयोजक ने भाजपा पर उन्हें पीड़ित से मिलने से रोकने का आरोप लगाते हुए कहा, “भाजपा ने मुझे रोकने के लिए अपने हजारों लोगों को भेजा है। मुझे उनसे मिलने की अनुमति नहीं दी गई… इस सब के लिए कौन जिम्मेदार है? (केंद्रीय गृह मंत्री) अमित शाह के पास दिल्ली की कानून-व्यवस्था की जिम्मेदारी है और उनके अधीन, दिल्ली गैंगस्टर और जबरन वसूली की राजधानी बन गई है।”
अरविंद केजरीवाल ने कहा, “भाजपा मुझे उनसे मिलने क्यों नहीं दे रही है? वे क्या छिपाने की कोशिश कर रहे हैं? मैं चाहता हूं कि दिल्ली में कानून व्यवस्था सुधरे ताकि आम आदमी, व्यापारी और महिलाएं सुरक्षित रहें। दिल्ली के लोगों ने मुझे शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली की जिम्मेदारी दी थी, जिसे मैंने सुलझाया है। दिल्ली के लोगों ने कानून की जिम्मेदारी केंद्र को दी थी, जो बिगड़ गई है। लोग अपने घरों से बाहर निकलने से डर रहे हैं। लोगों को जबरन वसूली के लिए फोन आ रहे हैं। ऐसी एक से अधिक घटनाएं हैं।”
स्पेशल सीपी (लॉ एंड ऑर्डर) मधुप तिवारी ने आरोपों पर जवाब दिया
आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए विशेष पुलिस आयुक्त (कानून एवं व्यवस्था) मधुप तिवारी ने कहा कि नांगलोई में दो महीने पहले हुई गोलीबारी की घटना को दो व्यक्तियों की गिरफ्तारी और हथियारों की बरामदगी के साथ शीघ्रता से सुलझा लिया गया था।
उन्होंने कहा, “हमें सूचना मिली है कि यह घटना (नांगलोई गोलीबारी) – जो दो महीने पुरानी घटना है, फिर से उजागर हो रही है। हम स्पष्ट करना चाहते हैं कि दिल्ली पुलिस ने इसमें त्वरित कार्रवाई की और एक दिन के भीतर दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया तथा हथियार भी बरामद कर लिए। मुझे नहीं पता कि इसे फिर से क्यों उजागर किया जा रहा है, जबकि हमने बहुत प्रभावी कार्रवाई की थी।”
दिल्ली पुलिस ने जितेंद्र-गोगी गैंग के 2 शार्पशूटरों को किया गिरफ्तार
इससे पहले, दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने 30 सितंबर को जितेंद्र-गोगी गिरोह के दो शार्पशूटरों को गिरफ्तार किया था। यह घटना नांगलोई में एक मिठाई की दुकान पर कथित जबरन वसूली के प्रयास में गोलीबारी की घटना के एक दिन बाद हुई थी।
पुलिस ने पांच जिंदा कारतूस सहित एक अर्ध-स्वचालित पिस्तौल, चार जिंदा कारतूस सहित एक देशी पिस्तौल और अपराध में प्रयुक्त एक मोटरसाइकिल बरामद की है।
पुलिस के अनुसार, दोनों आरोपी रोहिणी सेक्टर 20 निवासी 27 वर्षीय हरिओम उर्फ लल्ला और वीपीओ मुंडका निवासी 21 वर्षीय जतिन हैं।
पुलिस ने बताया कि पैसे वसूलने के लिए हमलावरों ने नांगलोई में एक मिठाई की दुकान के काउंटर और कर्मचारी पर गोलियां चलाईं और एक तरफ मृतक गैंगस्टर जितेंद्र उर्फ गोगी और कुलदीप फज्जा की रंगीन तस्वीरों वाली जबरन वसूली की पर्चियां फेंकी और दूसरी तरफ जेल में बंद गैंगस्टर दीपक उर्फ बॉक्सर, अंकेश लाकड़ा और विशाल के नाम फेंके।
पुलिस ने पड़ोस में लगे सीसीटीवी फुटेज और मैनुअल इनपुट की मदद से दोनों की पहचान की। सूचना के आधार पर पुलिस ने दोनों को रोहिणी से गिरफ्तार कर लिया।
अपराध
दिल्ली पुलिस को मिली बड़ी कामयाबी, 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को किया गिरफ्तार

नई दिल्ली, 30 मई। अवैध रूप से भारत में दाखिल हुए और राजधानी दिल्ली में रह रहे बांग्लादेशी घुसपैठियों पर दिल्ली पुलिस ने एक्शन तेज कर दिया है। बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ दिल्ली पुलिस के अभियान को सफलता भी मिल रही है। दिल्ली पुलिस ने इस मामले में 38 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया है।
दरअसल, दिल्ली पुलिस की नॉर्थ वेस्ट डिस्ट्रिक्ट इकाई ने एक विशेष अभियान के तहत दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 38 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार, यह सभी घुसपैठिए बिहार के रास्ते दिल्ली पहुंचे थे। दिल्ली में गिरफ्तार हुए घुसपैठिए दिल्ली में रहने से पहले हरियाणा के नूंह में भी रहे और वहां काम कर काफी समय गुजारा। इसके बाद ये लोग दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम कर रहे थे। पुलिस सूत्रों के अनुसार, ये लोग अवैध रूप से शहर में रह रहे थे और इनके पास वैध दस्तावेज नहीं थे। पुलिस के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, यह कार्रवाई खुफिया जानकारी के आधार पर की गई, जिसमें पुलिस ने दिल्ली के अलग-अलग क्षेत्रों में छापेमारी कर इन लोगों को हिरासत में लिया। गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान और उनके ठिकानों की जांच की जा रही है। पकड़े गए 38 बांग्लादेशियों में महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
दिल्ली में रह रहे अवैध बांग्लादेशियों पर कार्रवाई को लेकर दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त, अपराध शाखा, देवेश चंद्र श्रीवास्तव ने बताया कि पहलगाम आतंकी हमले के मद्देनजर अवैध प्रवासियों को निर्वासित करने की प्रक्रिया में तेजी आई है। पिछले छह महीनों में, भारत सरकार की चल रही “पुश-बैक” रणनीति के तहत दिल्ली में लगभग 700 अवैध प्रवासियों को बांग्लादेश वापस भेजा गया है। सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के आंकड़ों के अनुसार, निर्वासित व्यक्तियों की संख्या के मामले में दिल्ली सभी राज्यों में सबसे ऊपर है। कई राज्यों में अवैध बांग्लादेशी नागरिकों पर कार्रवाई तेज हो गई है। दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश और गोवा में बांग्लादेश से बड़ी संख्या में अवैध प्रवासियों को हिरासत में लिया गया है। हिरासत में लिए जाने के बाद, उन्हें निर्वासित करने के लिए सौंप दिया गया है।
अपराध
दिल्ली के जनकपुरी में कार्यालय में चोरी मामले में 19 वर्षीय आरोपी गिरफ्तार

ARREST
नई दिल्ली, 30 मई। दिल्ली के जनकपुरी इलाके में जनक सिनेमा कॉम्प्लेक्स में स्थित “प्रोत्साहन इंडिया फाउंडेशन” के कार्यालय में 13 मई को हुई चोरी की घटना में शामिल 19 वर्षीय चोर को पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार किया है।
कार्यालय के मालिक ने बताया कि जब वह उस दिन (13 मई) अपने कार्यालय पहुंचे थे, तो उन्होंने पाया कि स्लाइडिंग खिड़की तोड़कर अज्ञात चोर ने 3 मोबाइल फोन, 12 टैबलेट और एक लैपटॉप चार्जर चुरा लिया। इस घटना की शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की।
जनकपुरी थाने के प्रभारी (एसएचओ) के.के. तिवारी के नेतृत्व में और राजौरी गार्डन की सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) सुश्री नीरज टोकस के मार्गदर्शन में एक विशेष जांच टीम गठित की गई।
इस टीम में हेड कांस्टेबल संदीप, रामकिशन, अंकित, महिला हेड कांस्टेबल वंदना और कांस्टेबल समरजीत शामिल थे। पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और आसपास के कई सीसीटीवी कैमरों की फुटेज खंगाली। फुटेज की जांच करने के बाद पुलिस ने तकनीकी निगरानी का सहारा लिया, जिसके जरिए चोरी हुए एक मोबाइल फोन का स्थान दिल्ली के महावीर एन्क्लेव में ट्रैक किया गया।
पुलिस ने तुरंत महावीर एन्क्लेव में छापेमारी की और वहां 19 वर्षीय रोहन उर्फ खनका को गिरफ्तार कर लिया, जो राकेश का बेटा है और महावीर एन्क्लेव का निवासी है। उसके कब्जे से चोरी हुआ एक मोबाइल फोन बरामद किया गया। आगे की तलाशी में उसके घर से चोरी की गई 11 टैबलेट भी बरामद की गईं।
पुलिस ने बताया कि शेष चोरी की संपत्ति, जिसमें दो अन्य मोबाइल फोन और एक लैपटॉप चार्जर शामिल हैं, बरामद की गई है।
आरोपी रोहन से पूछताछ में पुलिस को महत्वपूर्ण सुराग मिले हैं, जिसके आधार पर जांच और तेज की जा रही है। पुलिस का कहना है कि वह इस मामले में अन्य संभावित संलिप्त लोगों की तलाश कर रही है और जल्द ही बाकी चोरी का सामान भी बरामद करने की उम्मीद है।
अपराध
सीबीआई ने पासपोर्ट सेवा केंद्र लोअर परेल के जूनियर पासपोर्ट असिस्टेंट और एजेंट को भ्रष्टाचार के मामले में किया गिरफ्तार

नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करने के मामले में कार्रवाई, पांच दिन की पुलिस कस्टडी में भेजे गए आरोपी
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने भ्रष्टाचार के एक मामले में पासपोर्ट सेवा केंद्र (PSK), लोअर परेल, मुंबई में तैनात एक ऑफिस असिस्टेंट/वेरिफिकेशन ऑफिसर और एक निजी व्यक्ति (एजेंट) को गिरफ्तार किया है। यह मामला नकली दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी कराने और इसके बदले रिश्वत लेने से जुड़ा है।
सीबीआई ने इस संबंध में ऑफिस असिस्टेंट/वेरिफिकेशन ऑफिसर और अन्य निजी पासपोर्ट एजेंटों के खिलाफ एक मामला दर्ज किया था। प्राथमिकी (FIR) में आरोप लगाया गया कि वर्ष 2023-2024 के दौरान उक्त सरकारी कर्मचारी ने निजी व्यक्तियों के साथ मिलकर आपराधिक साजिश रची और उसके तहत पासपोर्ट संबंधित कार्यों के लिए अनुचित लाभ प्राप्त किया।
जांच में सामने आया कि आरोपी कर्मचारी ने एजेंट और अन्य अज्ञात व्यक्तियों के साथ मिलकर कई अज्ञात आवेदकों को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पासपोर्ट जारी करवाए। इन आवेदनों में आधार कार्ड, पैन कार्ड, बैंक खाता विवरण और जन्म प्रमाण पत्र जैसे दस्तावेज लगाए गए थे, जो जांच में नकली पाए गए।
इसके अलावा, आरोपी कर्मचारी और एजेंट के बीच बातचीत के चैट में इन फर्जी पासपोर्ट आवेदकों से संबंधित रिश्वत की लेन-देन की चर्चा भी उजागर हुई है। जांच में यह भी सामने आया कि पासपोर्ट आवेदन में दिए गए मोबाइल नंबर काम नहीं कर रहे हैं और तत्काल योजना के तहत जारी किए गए इन पासपोर्टों की बाद में हुई पुलिस सत्यापन रिपोर्ट नकारात्मक पाई गई, क्योंकि दिए गए पते फर्जी थे।
जांच में सहयोग न करने और टालमटोल रवैया अपनाने पर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। उन्हें विशेष सीबीआई अदालत, मुंबई में पेश किया गया, जहां से उन्हें 5 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है। यह हिरासत 2 जून 2025 तक जारी रहेगी।
मामले की जांच जारी है।
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