अपराध
मानखुर्द में 64 वर्षीय महिला से बलात्कार, मारपीट और नग्न अवस्था में सड़क पर फेंक दिया गया; आरोपी गिरफ्तार

मुंबई: शहर के पूर्वी उपनगर मानखुर्द के महाराष्ट्र नगर इलाके में मंगलवार सुबह एक 64 वर्षीय महिला नग्न, बेहोश पाई गई और उसके पूरे शरीर पर चोट के निशान थे। माहुल गांव की रहने वाली पीड़िता सोमवार रात अपने घर जा रही थी, तभी 38 वर्षीय उमेश ढोक नाम का आरोपी उससे मिला। वह एक ऑटोरिक्शा के अंदर था और उसने उसे उसके घर के पास भी छोड़ने की पेशकश की। पुलिस ने कहा, वे पास-पास रहते थे और एक-दूसरे को जानते थे, इसलिए वह इसके लिए राजी हो गई। हालाँकि, जैसे ही उनका ऑटो उसके घर पहुँचा, वह ऑटो से उतर गया और उसे भी उतरने के लिए कहा। कथित तौर पर वह उसे कोई बहाना बनाकर अपने घर ले गया और घर में घुसते ही उसने उसे फंसा लिया।
पुलिस को दिए बयान में पीड़िता ने बताया कि आरोपी ने उसके साथ कई बार रेप किया. जब उसने मना करने की कोशिश की तो उसने उसे मारना-पीटना और गाली-गलौज करना शुरू कर दिया। उसने यह भी कहा कि उस आदमी ने उसके निजी अंगों पर बांस की छड़ी से वार किया था। मंगलवार शाम करीब पांच बजे आरोपियों ने उसे घर से बाहर निकाल दिया। रात की पाली में काम करके लौट रहे कुछ राहगीरों ने पीड़ित महिला को बिना कपड़ों के असहाय अवस्था में पड़ा हुआ देखा। एक अनजान महिला तुरंत अपने घर पहुंची और एक गाउन ले आई जिसे उसने पीड़िता को दे दिया। उन्होंने पुलिस को सूचित किया और पुलिस की कई टीमें मौके पर पहुंचीं। महिला को गंभीर देखभाल के तहत राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया। जैसे ही वह होश में आई, पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया और उसके बाद आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। पुलिस ने बताया कि हमले के कारण महिला का चेहरा बुरी हालत में था.
पुलिस ने कहा कि पीड़िता द्वारा दिए गए विवरण के आधार पर, स्थानीय लोगों की मदद से आरोपी का पता लगाने और उसे पकड़ने के लिए एक टीम भेजी गई, पुलिस ने कहा कि ढोक ने तुरंत अपराध कबूल कर लिया, फिर भी मकसद स्पष्ट नहीं है। पूछताछ के दौरान पुलिस को पता चला कि ढोक का अपराध का पुराना रिकॉर्ड रहा है. 2017 में, ढोक को मानखुर्द पुलिस ने एक नाबालिग लड़की से कथित तौर पर मारपीट और यौन उत्पीड़न करने के आरोप में गिरफ्तार किया था। उन पर धारा 354 (एक महिला के खिलाफ हमला या आपराधिक बल), 354 (ए) (यौन उत्पीड़न), 354 (बी) (महिला को निर्वस्त्र करने के इरादे से हमला या आपराधिक बल का उपयोग), 506 (2) के तहत आरोप लगाया गया और दोषी ठहराया गया। (मौत की धमकी), भारतीय दंड संहिता की धारा 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और यौन अपराधों के खिलाफ बच्चों के संरक्षण (POCSO) अधिनियम के तहत यौन उत्पीड़न, यौन उत्पीड़न की धाराएं।
मामले में, ढोक पर धारा 376 (बलात्कार), 376 (2) (एन) (एक ही महिला से बार-बार बलात्कार), 325 (स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना) और 504 (के तहत आरोप लगाए गए हैं। भारतीय दंड संहिता की शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान)। पुलिस ने कहा, इस बिंदु पर, यह स्पष्ट नहीं है कि ढोक को किसी और के साथ टैग किया गया था या नहीं। हालाँकि, घटनाओं की शृंखला और अपराध के पीछे के मकसद के बारे में जानने के लिए उससे आगे पूछताछ की जाएगी। इस बीच, पीड़िता, एक विधवा, मानखुर्द के एक स्थानीय बाजार में मछली बेचती थी और अपनी बेटी के साथ चेंबूर के माहुल गांव के एक अपार्टमेंट में रहती थी।
अपराध
नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

नासिक, 16 अप्रैल। नासिक के काठे गली इलाके में मंगलवार रात पुलिस पर पथराव किया गया। यह घटना तब हुई जब क्षेत्र में बिजली कट गई और इसी अंधेरे का फायदा उठाकर भीड़ ने अचानक पुलिस और आसपास खड़े वाहनों पर पत्थर बरसाने शुरू कर000000 दिए। इस हिंसक घटनाक्रम में तीन से चार पुलिसकर्मी घायल हो गए, जबकि पांच वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए हैं। हंगामे की वजह एक धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह बताई जा रही है।
स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करनी पड़ी। रात में करीब 500 पुलिसकर्मियों को मौके पर तैनात किया गया ताकि हालात और न बिगड़ें। बताया जा रहा है कि हंगामे के समय करीब 400 से 500 लोग मौजूद थे। पुलिस ने किसी भी अप्रिय स्थिति से बचने के लिए इलाके में ट्रैफिक मार्गों में बदलाव भी कर दिए हैं। प्रशासनिक और पुलिस अधिकारियों ने मिलकर हालात पर कड़ी नजर रखी और रात भर गश्त जारी रही।
सूत्रों ने बताया कि इस पूरे मामले की जड़ एक विवादास्पद धार्मिक स्थल है, जिस पर पिछले कुछ दिनों से तनाव की स्थिति बनी हुई थी। नगरपालिका ने 1 अप्रैल को अदालत के आदेश के बाद एक अनधिकृत निर्माण पर नोटिस दिया था, जिसमें कहा गया था कि यदि निर्माण को स्वयं नहीं हटाया गया तो प्रशासन उचित कार्रवाई करेगा। इस चेतावनी के बावजूद धार्मिक स्थल को नहीं हटाया गया, जिससे स्थानीय लोगों में असंतोष और तमाम तरह की अफवाह फैल गई।
अधिकारियों ने बताया कि इस क्षेत्र में कुछ धार्मिक स्थलों का निर्माण बिना अनुमति के किया गया था और इन्हें हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, जिसके बाद यह घटना हुई है। अगले दो दिनों में ऐसे सभी अनधिकृत धार्मिक स्थलों को हटाया जाएगा। नासिक पुलिस का कहना है पुलिस पूरे इलाके में शांति बनाए रखने के लिए कार्रवाई कर रही है। पुलिस और प्रशासनिक अमले की मौजूदगी अब भी इलाके में बनी हुई है और स्थिति पर नजर रखी जा रही है।
अपराध
जयपुर: ईडी ने पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी की

जयपुर, 15 अप्रैल। केंद्रीय प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने मंगलवार को जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास के आवास पर छापेमारी शुरू की। प्रताप सिंह राजस्थान की पूर्ववर्ती अशोक गहलोत सरकार में कैबिनेट मंत्री रह चुके हैं।
यह कार्रवाई प्रदेश के चर्चित 2,850 करोड़ रुपये के पीएसीएल घोटाले से जुड़ी बताई जा रही है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह पर आरोप है कि घोटाले की कुछ राशि उनके पास भी है।
सुप्रीम कोर्ट ने 2 फरवरी 2016 को सेवानिवृत्त सीजेआई आरएम लोढ़ा की अध्यक्षता में कमेटी का गठन किया था। कोर्ट ने कमेटी से कहा था कि पीएसीएल की संपत्तियों को नीलाम करके 6 माह में लोगों को ब्याज सहित भुगतान करें। सेबी के आकलन के अनुसार, पीएसीएल की 1.86 लाख करोड़ रुपये की संपत्ति है, जो निवेशकों की जमा राशि की तुलना में 4 गुना है।
पीएसीएल कंपनी की योजनाओं को अवैध मानते हुए सेबी ने 22 अगस्त 2014 को कंपनी के कारोबार बंद कर दिए थे, जिसके चलते निवेशकों की पूंजी कंपनी के पास जमा रह गई। इसके बाद कंपनी और सेबी के बीच सुप्रीम कोर्ट में केस चला और सेबी केस जीत गई। 17 साल तक राज्य में रियल एस्टेट में निवेश का काम करने वाली पीएसीएल में प्रदेश के 28 लाख लोगों ने करीब 2,850 करोड़ और देश के 5.85 करोड़ लोगों ने कुल 49,100 करोड़ का निवेश किया था।
कंपनी पर बिहार, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, असम, कर्नाटक, जयपुर ग्रामीण, उदयपुर, आंध्र प्रदेश, पंजाब, छत्तीसगढ़ समेत आधे से ज्यादा राज्यों में मुकदमे दर्ज हैं। इस घोटाले का पहला खुलासा जयपुर में ही हुआ था, जब 2011 में चौमू थाने में ठगी और चिट फंड एक्ट के तहत पहला केस दर्ज किया गया। मामले में प्रताप सिंह की भागीदारी 30 करोड़ के आसपास बताई जा रही है, जिसको लेकर अब ईडी जांच कर रही है।
अपराध
सलमान खान को फिर मिली जान से मारने की धमकी

मुंबई: फिल्म अभिनेता सलमान खान को एक बार फिर जान से मारने की धमकी मिली है। सलमान खान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के निशाने पर हैं और लॉरेंस गैंग सलमान को जान से मारने की धमकी भी दे चुका है, जिसके बाद से सलमान खान को सोशल मीडिया पर लगातार जान से मारने की धमकियां मिल रही हैं। मुंबई ट्रैफिक कंट्रोल रूम को एक व्हाट्सएप संदेश मिला जिसमें सलमान खान को उनके घर में घुसकर जान से मारने और उनकी कार को बम से उड़ाने की धमकी दी गई है। यह धमकी भरा संदेश मिलने के बाद वर्ली पुलिस ने ट्रैफिक पुलिस की शिकायत पर अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ धमकी का मामला दर्ज कर लिया है।
मुंबई पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि सलमान खान को धमकी देने वाला शख्स किसी गिरोह से जुड़ा है या फिर किसी ने शरारत में यह धमकी दी है। धमकी भरे संदेश के बाद पुलिस भी अलर्ट पर है। सलमान खान के घर के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। इसके साथ ही सलमान खान को वाई प्लस सुरक्षा भी प्राप्त है। ऐसे में पुलिस ने भी इस धमकी को गंभीरता से लिया है।
मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पंचालकर ने भी पुलिस को धमकी भरे फोन कॉल, व्हाट्सएप या सोशल मीडिया पर धमकी भरे संदेशों को लेकर सतर्क रहने का आदेश दिया है। मुंबई पुलिस और क्राइम ब्रांच भी इस मामले की जांच कर रही है। सलमान खान की जान को खतरा है, इसलिए पुलिस किसी भी तरह की लापरवाही नहीं बरतना चाहती है और पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है। सलमान खान को इससे पहले भी कई बार जान से मारने की धमकियां मिल चुकी हैं। पुलिस ने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार भी किया है।
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