अपराध
मुंबई: ड्रग्स तस्करी में दो युवक गिरफ्तार, 5 लाख रुपए कैश भी बरामद
मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक सेल की कांदिवली यूनिट ने बोरीवली इलाके से ड्रग्स तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ड्रग्स और 5 लाख रुपए कैश बरामद किया गया।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि एंटी नारकोटिक सेल को सूचना मिली थी कि दो लोग बोरीवली इलाके में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए आने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने वहां जाल बिछाया और संदिग्धों का इंतजार करने लगी। जैसे ही दोनों संदिग्ध पुलिस के पास पहुंचे, उन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई।
तलाशी में उनके पास से हाई क्वालिटी के ड्रग्स बरामद हुए, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 50 लाख रुपए बताई जा रही है। गिरफ्तार किए गए युवक कलम्बोली (पनवेल) के रहने वाले हैं।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
अब क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस मामले की गहरी जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह ड्रग्स किसे सप्लाई किया जाने वाला था और ड्रग्स कहां से लाए गए थे।
इससे पहले भी ड्रग्स बरामद हुआ था। ड्रग्स कारोबार से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को भी मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक सेल की कांदिवली यूनिट ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में एक दंपति को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से 500 ग्राम हेरोइन बरामद की थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 2 करोड़ रुपए थी।
गिरफ्तार आरोपी मीरा रोड इलाके के रहने वाले थे। क्राइम ब्रांच ने बताया था कि आरोपी पति-पत्नी घर में ही ड्रग्स बनाने का काम करते थे और उसके बाद इन्हें सप्लाई करते थे।
क्राइम ब्रांच ने बताया था कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया। क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर यह ड्रग्स किसे सप्लाई करते थे और कहां से ला रहे थे।
अपराध
मुंबई: रिटायर्ड पुलिसकर्मी ने सोसायटी की लिफ्ट में की नाबालिग से छेड़छाड़, गिरफ्तार

CRIME
मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई के कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने 67 वर्षीय रिटायर्ड पुलिस अधिकारी को उसी सोसायटी में रहने वाली नाबालिग लड़की के यौन उत्पीड़न के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार कर लिया। लड़की की मां की शिकायत पर पुलिस ने कार्रवाई की।
आरोपी और पीड़िता दोनों एक ही इमारत में रहते हैं।
पुलिस के अनुसार, घटना मंगलवार शाम लड़की लिफ्ट के पास खड़ी थी, तभी आरोपी वहां पहुंचा। उसने लड़की को लिफ्ट के अंदर खींच लिया और उसके साथ छेड़छाड़ की। डर के कारण बच्ची चुप रही, लेकिन घर पहुंचते ही उसने रोते-बिलखते हुए मां को सारी बात बताई।
परिवार तुरंत बच्ची को लेकर कस्तूरबा मार्ग थाने पहुंचा और लिखित शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के साथ-साथ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज किया। मेडिकल जांच के बाद आरोपी को उसके फ्लैट से गिरफ्तार कर लिया गया।
आरोपी को कोर्ट में पेश किया गया। सबूतों और मामले की गंभीरता को देखते हुए मजिस्ट्रेट ने उसे 12 दिसंबर तक पुलिस कस्टडी में भेज दिया। पुलिस पूछताछ में यह भी पता लगा रही है कि आरोपी ने पहले कभी ऐसी कोई हरकत तो नहीं की।
पुलिस ने बताया कि पीड़िता के साथ पूरी संवेदनशीलता से पेश आया जा रहा है। दोषी को कड़ी से कड़ी सजा दिलाई जाएगी।
लोगों में गुस्सा है और मांग की जा रही है कि ऐसे मामलों में तुरंत और सख्त कार्रवाई हो। फिलहाल जांच जारी है। बच्ची का बयान मजिस्ट्रेट के सामने दर्ज कराया जाएगा और आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
अधिकारियों का कहना है कि बच्ची के साथ पूरा सहानुभूति के साथ व्यवहार किया जा रहा है और दोषी को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। चाहे वह कभी पुलिस की वर्दी में रहा हो, आज कानून सबके लिए बराबर है।
अपराध
नवी मुंबई अपराध: मानव तस्करी निरोधक इकाई ने वाशी स्पा में वेश्यावृत्ति रैकेट का भंडाफोड़ किया; 6 महिलाओं को बचाया गया, प्रबंधक गिरफ्तार

नवी मुंबई, 2 दिसंबर: नवी मुंबई पुलिस की मानव तस्करी निरोधक इकाई (एएचटीयू) ने शनिवार को वाशी के जुहूगांव के सेक्टर 11 स्थित अर्पणा सैलून एंड स्पा में मसाज सेवाओं की आड़ में चल रहे एक वेश्यावृत्ति रैकेट का भंडाफोड़ किया और परिसर से छह महिलाओं को मुक्त कराया। स्पा की मैनेजर असीमा रॉबिन घोष (34) को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि उसका साथी नूर आलम शेख अभी भी फरार है।
पुलिस के अनुसार, स्पा कथित तौर पर प्रति ग्राहक 6,000 रुपये वसूल रहा था और महिलाओं को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर कर रहा था। एक विशिष्ट सूचना पर कार्रवाई करते हुए, AHTU ने 30 नवंबर को इस गतिविधि की पुष्टि के लिए एक फर्जी ग्राहक को तैनात किया।
जब अवैध गतिविधियों की पुष्टि हो गई, तो वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पृथ्वीराज घोरपड़े के नेतृत्व में एक टीम ने एपीआई योगेश देशमुख, पीएसआई सरिता गुडे और अन्य कर्मियों के साथ प्रतिष्ठान पर त्वरित छापेमारी की।
कार्रवाई के दौरान, अधिकारियों को छह महिलाएँ मिलीं जिन्होंने बताया कि उन्हें मसाज सेवा देने के नाम पर जबरन देह व्यापार में धकेला जा रहा था। उनके बयानों के आधार पर, पुलिस ने घोष और शेख के खिलाफ बीएनएस धारा 143(3) और अनैतिक व्यापार (निवारण) अधिनियम, 1956 की धारा 3, 4, 7 और 7(1) के तहत मामला दर्ज किया।
वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक पृथ्वीराज घोरपड़े ने कहा, “स्पा और मसाज सेवाओं के बहाने महिलाओं का शोषण करने वाले प्रतिष्ठानों पर हम कार्रवाई जारी रखेंगे। फरार आरोपियों सहित सभी संबंधित लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।”
अधिकारियों ने बताया कि घोष को 4 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है और नूर आलम शेख की तलाश जारी है।
अपराध
अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद सिद्दीकी की बड़ी रिमांड, 14 दिन की ईडी हिरासत में भेजा गया

COURT
नई दिल्ली, 1 दिसंबर: अल फलाह यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद अहमद सिद्दीकी को साकेत कोर्ट ने 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब मामले की अगली सुनवाई 15 दिसंबर को होगी।
जावेद अहमद सिद्दीकी से पूछताछ के दौरान कई अहम खुलासे होने की संभावनाएं हैं।
बता दें कि इससे पहले भी जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी की 13 दिनों की हिरासत में भेजा गया था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे) शीतल चौधरी प्रधान ने 20 नवंबर को जावेद अहमद सिद्दीकी को ईडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया था।
अपने आदेश में अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ने कहा था कि ईडी ने धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के प्रावधानों का पालन किया है और अपराध की गंभीरता को देखते हुए सिद्दीकी को 13 दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेजा जाना चाहिए।
यूनिवर्सिटी के फाउंडर जावेद को 19 नवंबर को दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
यूनिवर्सिटी की तरफ से किए जा रहे कथित फर्जी मान्यता और भ्रामक दावों की पड़ताल में एक बड़ा खुलासा हुआ था।
रिमांड नोट के अनुसार, इस संस्था ने कथित तौर पर पिछले कई सालों में छात्रों को भ्रमित कर न सिर्फ एडमिशन लिए, बल्कि भारी भरकम रकम भी वसूली है। आईटीआर के विश्लेषण से यह भी पता चला है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से 2024-25 तक यूनिवर्सिटी ने करोड़ों रुपए की आय दिखाई थी।
ईडी की जांच में सामने आया कि वित्तीय वर्ष 2014-15 और 2015-16 में क्रमश: 30.89 करोड़ और 29.48 करोड़ रुपए को स्वैच्छिक योगदान यानी वॉलंटरी कंट्रीब्यूशन बताया गया था, लेकिन 2016-17 के बाद इनकम को सीधे मेन ऑब्जेक्ट या एजुकेशनल रेवेन्यू के रूप में दिखाया जाने लगा था।
जांच में पता चला कि वित्तीय वर्ष 2018-19 में 24.21 करोड़ रुपए और वित्तीय वर्ष 2024-25 में 80.01 करोड़ रुपए की आय दर्ज की गई थी। कुल मिलाकर कथित तौर पर फर्जी मान्यता के नाम पर लगभग 415.10 करोड़ रुपए की रकम हासिल की गई थी।
एजेंसियों का दावा है कि यूनिवर्सिटी ने झूठे दावों और भ्रामक प्रैक्टिस के जरिए छात्रों के विश्वास, भविष्य और उम्मीदों के साथ खिलवाड़ किया है। इस मामले में ईडी की जांच दिल्ली पुलिस की एफआईआर से शुरू हुई, जिसके आधार पर अब मनी लॉन्ड्रिंग के एंगल से भी पड़ताल जारी है।
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