व्यापार
अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में कटौती से आरबीआई के आगामी रेपो रेट कट के मिल रहे संकेत : मार्केट एक्सपर्ट्स
नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: मार्केट एक्सपर्ट्स ने बुधवार को कहा कि अमेरिकी फेड के ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती के फैसले ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) को भी आगामी रेपो रेट कट के लिए एक क्लियर सिग्नल दे दिया है।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि फेड का यह कदम आरबीआई की विकास को बढ़ावा देने और पहले की गई ब्याज दरों में कटौती का प्रभावी लाभ सुनिश्चित करने के लिए इसी तरह की कार्रवाई की संभावना को मजबूत करता है।
अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में यह दूसरी बार की कटौती है, इससे पहले सितंबर में भी 25 बेसिस प्वाइंट की कटौती की गई थी।
इस घटनाक्रम पर इंडियाबॉन्डस डॉट कॉम के को-फाउंडर विशाल गोयनका ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा यह कदम भारतीय रिजर्व बैंक को आगामी मौद्रिक नीति समिति की बैठक में ब्याज दरों में कटौती को ग्रीन लाइट सिग्नल देता है।
उन्होंने कहा, “यूएस फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती को लेकर पहले से ही अनुमान जताया जा रहा था। हालांकि गवर्नर पॉवेल ने स्पष्ट रूप से इस बात पर जोर दिया है कि दिसंबर की बैठक में आगे की कटौती को लेकर अभी किसी तरह का कोई विचार नहीं है। इससे केंद्रीय बैंक को आगामी रेपो रेट कट के लिए ग्रीन सिग्नल मिल जाता है।”
उन्होंने आगे कहा, “आरबीआई ने इस महीने की शुरुआत में एमपीसी बैठक में रेपो रेट को 5.50 प्रतिशत पर स्थिर रख ‘डोविश पॉज’ का रुख अपनाया। वहीं, अब सही समय आ गया है जब बैंकिंग सेक्टर में उचित लाभ सुनिश्चित करने के लिए एक और रेट कटौती की जा सकती है। पिछले रेट कट का सही असर दिखने के लिए एक सपाट और लोअर लॉन्ग-एंड यील्ड कर्व की आवश्यकता है।”
गोयनका ने कहा कि अमेरिका द्वारा ब्याज दरों में कटौती के साथ हमें उम्मीद है कि आरबीआई भी इसी दिशा में आगे बढ़ेगा।
इस बीच, फेड के इस पॉलिसी मूव से वैश्विक कमोडिटी बाजारों पर भी असर पड़ा। मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड के एनालिस्ट मानव मोदी ने कहा कि इस सप्ताह की शुरुआत में थोड़े सुधार के बाद सोने की कीमतों में तेज गिरावट दर्ज की गई क्योंकि दरों में कटौती के बाद डॉलर सूचकांक और अमेरिकी बॉन्ड यील्ड में बढ़ोतरी हुई।
राष्ट्रीय समाचार
अदाणी पावर का वित्तीय प्रदर्शन दूसरी तिमाही में मजबूत रहा, बिजली की बिक्री 7.4 प्रतिशत बढ़ी

अहमदाबाद, 30 अक्टूबर: अदाणी पावर लिमिटेड (एपीएल) ने गुरुवार को वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही के नतीजे जारी किए। कंपनी की आय इस साल की जुलाई-सितंबर अवधि में 13,106.34 करोड़ रुपए रही है, जो कि पिछले साल की समान अवधि में 12,949.12 करोड़ रुपए थी। इसकी वजह बिजली की बिक्री की मात्रा में इजाफा होना था।
कंपनी के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में कंपनी की कंसोलिडेटेड बिजली बिक्री की मात्रा 7.4 प्रतिशत बढ़कर 23.7 अरब यूनिट्स हो गई है।
कंपनी ने बताया कि बिक्री की मात्रा में वृद्धि उच्च आधार और मानसून जल्दी आने और लंबे समय तक मांग में व्यवधान बने रहने के बावजूद हुई है।
अदाणी पावर का कंसोलिडेटेड ईबीआईटीडीए दूसरी तिमाही में 6,001 करोड़ रुपए रहा है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 6,000 करोड़ रुपए था।
जुलाई-सितंबर अवधि में, कंपनी ने बिहार डिस्कॉम के साथ 2,400 मेगावाट, मध्य प्रदेश के डिस्कॉम के साथ 1,600 मेगावाट और कर्नाटक डिस्कॉम के साथ 570 मेगावाट (अक्टूबर 2025 तक) का लंबी अवधि का पावर परचेस एग्रीमेंट (पीपीए) साइन किया है।
दूसरी तिमाही में अदाणी पावर ने कॉरपोरेट इनसॉल्वेंसी रिसॉल्यूशन प्रोसेस के तहत 600 मेगावाट की क्षमता वाली विदर्भ इंडस्ट्रीज पावर लिमिटेड का अधिग्रहण किया है, जिससे कंपनी की क्षमता 18,150 मेगावाट हो गई है।
अदाणी पावर लिमिटेड के सीईओ एसबी ख्यालिया ने कहा, “मौसम संबंधी उतार-चढ़ाव के बावजूद, अदाणी पावर ने इस तिमाही में एक बार फिर मजबूत और स्थिर वित्तीय प्रदर्शन किया है, जो हमारी परिचालन दक्षता और प्रतिस्पर्धी लाभों को दर्शाता है। हम शक्ति स्कीम के तहत 4.5 गीगावाट के नए लंबी अवधि के पीपीए हासिल करके बाजार में अपनी उपस्थिति का लगातार विस्तार कर रहे हैं।”
उन्होंने बताया, “मजबूत मुनाफा और लिक्विडिटी, हमें 2031-32 तक 42 गीगावाट के अपने क्षमता विस्तार लक्ष्य को प्राप्त करने की स्थिति में ला खड़ा करती है। हमने पूरे 23.7 गीगावाट विस्तार के लिए जमीन और उपकरण के ऑर्डर पहले ही दे दिए हैं और परियोजना का कार्यान्वयन तेजी से आगे बढ़ रहा है।”
वित्त वर्ष 26 की दूसरी तिमाही में मर्चेंट और शॉर्ट-टर्म सेल्स वॉल्यूम 12.9 प्रतिशत बढ़कर 5.7 बिलियन यूनिट रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की दूसरी तिमाही में यह 5.0 बिलियन यूनिट थी। इसी प्रकार, वित्त वर्ष 26 की पहली छमाही में मर्चेंट वॉल्यूम 10.5 प्रतिशत बढ़कर 11.4 बिलियन यूनिट रही, जबकि वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में यह 10.3 बिलियन यूनिट थी।
व्यापार
भारत के निर्यात को बेहतर बनाने के लिए हम सस्टेनेबल ग्रोथ के नए रास्ते खोलने के लिए प्रतिबद्ध : पीयूष गोयल

नई दिल्ली, 30 अक्टूबर: केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने जानकारी देते हुए बताया कि उन्होंने अलग-अलग सेक्टर्स के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल और इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक अहम बैठक की। इस बैठक में भारत की निर्यात को बढ़ाने से जुड़ी रणनीतियों पर चर्चा की गई।
केंद्रीय मंत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मैंने अलग-अलग सेक्टर के एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (ईपीसी) और इंडस्ट्री एसोसिएशन के प्रतिनिधियों के साथ एक मीटिंग की अध्यक्षता की, जिसका फोकस भारत के एक्सपोर्ट ग्रोथ को बढ़ाने की रणनीतियों पर था।”
केंद्रीय मंत्री गोयल ने आगे जानकारी देते हुए कहा कि चर्चा के मुख्य बिंदुओं में अधिक मार्केट एक्सेस के लिए एफटीए का इस्तेमाल करना, वैल्यू एडिशन बढ़ाना, मार्केट डाइवर्सिफिकेशन का विस्तार करना और सेक्टोरल तालमेल को मजबूत करना शामिल था।
उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, “हम भारत के निर्यात को बेहतर बनाने के लिए क्वालिटी-ड्रिवन और सस्टेनेबल ग्रोथ के नए रास्ते खोलने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
इसी कड़ी में, वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच इस वर्ष अप्रैल-सितंबर के दौरान कुल निर्यात (मर्चेंडाइस और सर्विस) 413.30 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जबकि बीते वर्ष 2024 की अप्रैल-सितंबर अवधि में यह 395.71 बिलियन डॉलर था।
वहीं, सितंबर में भारत का कुल निर्यात (मर्चेंडाइस और सर्विस) 67.20 बिलियन डॉलर होने का अनुमान है, जो सितंबर 2024 की तुलना में 0.78 प्रतिशत की सकारात्मक बढ़त को दिखाता है।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गोयल ने न्यूजीलैंड के व्यापार और निवेश मंत्री टॉड मैक्ले के साथ एक प्रोडक्टिव वर्चुअल मीटिंग की। उन्होंने मैक्ले के साथ हुई इस मीटिंग को लेकर जानकारी साझा की।
उन्होंने एक दूसरे पोस्ट में लिखा, “हमने अपने व्यापार संबंधों को मजबूत करने और एफटीए पर बातचीत को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।”
केंद्रीय मंत्री गोयल ने बताया कि इस मीटिंग में दोनों देशों के लिए लाभदायक और दूरदर्शी फ्रेमवर्क बनाने पर फोकस किया गया।
उन्होंने कहा, “मैं हमारी पार्टनरशिप को मजबूत करने और अहम सेक्टरों में आपसी ग्रोथ के लिए नए मौकों को तलाशने के लिए उत्सुक हूं।”
व्यापार
लाल निशान में खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स-निफ्टी की सुस्त रही शुरुआत

share market
मुंबई, 30 अक्टूबर: भारतीय बेंचमार्क सूचकांक सेंसेक्स और निफ्टी गुरुवार के कारोबारी दिन सुस्त शुरुआत के साथ लाल निशान में खुले। शुरुआती कारोबार में निफ्टी फार्मा, ऑटो, आईटी, पीएसयू बैंक, फाइनेंशियल सर्विस सेक्टर्स में बिकवाली देखी जा रही थी।
अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 बेसिस प्वाइंट कटौती का असर भारतीय शेयर बाजार पर देखने को नहीं मिला। फेड चेयरमैन ने अमेरिकी इकोनॉमी को स्थिर बनाए रखने के लिए उम्मीद के मुताबिक पॉलिसी रेट पर फैसला लिया। ताजा कटौती के बाद अमेरिका में ब्याज दरें 3.75 प्रतिशत से 4 प्रतिशत के दायरे में आ गई हैं।
सुबह करीब 9 बजकर 40 मिनट पर सेंसेक्स 355.57 अंक या 0.42 प्रतिशत की गिरावट के साथ 84,641.56 पर कारोबार कर रहा था। वहीं, निफ्टी 113.65 अंक या 0.44 प्रतिशत की गिरावट के साथ 25,940.25 स्तर पर बना हुआ था।
कारोबारी सत्र की शुरुआत में निफ्टी बैंक 199.55 अंक या 0.34 प्रतिशत की गिरावट के साथ 58,185.70 पर था। वहीं, निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 151.50 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के बाद 59,997.55 पर कारोबार कर रहा था। दूसरी ओर, निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 12.20 अंक या 0.0.07 प्रतिशत की गिरावट के साथ 18,475.35 स्तर पर था।
बाजार जानकारों ने कहा कि टेक्निकल फ्रंट पर निफ्टी तब तक साइडवेज-टू-बुलिश बना रहेगा जब तक इंडेक्स 25,900–26,000 के सपोर्ट जोन से ऊपर बना रहता है। ऊपर की ओर तुरंत रेजिस्टेंस 26,100–26,200 के आसपास है और इस रेंज से ऊपर लगातार मूव होने पर शॉर्ट टर्म में 26,300–26,400 की तरफ बढ़त का रास्ता खुल सकता है।
इस बीच सेंसेक्स पैक में भारती एयरटेल, सनफार्मा, आईटीसी, टाटा स्टील, इटरनल, इंफोसिस और पावरग्रिड टॉप लूजर्स थे। वहीं, एलएंडटी, बजाज फाइनेंस और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स रहे।
एशियाई बाजारों की बात करें तो जकार्ता, सोल, जापान, चीन, हांगकांग के बाजार हरे निशान में कारोबार कर रहे थे। केवल बैंकॉक लाल निशान में कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी बाजारों की बात करें तो आखिरी कारोबारी दिन डाउ जोंस 0.16 प्रतिशत या 74.37 अंक की गिरावट के बाद 47,632.00 पर बंद हुआ। वहीं, एसएंडपी 500 इंडेक्स 0.30 अंक की मामूली गिरावट के बाद 6,890.59 स्तर और नैस्डेक 0.55 प्रतिशत या 130.98 अंक की तेजी के बाद 23,958.47 पर बंद हुआ।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) 29 अक्टूबर को शुद्ध विक्रेता रहे और उन्होंने 2,540.16 करोड़ रुपए के भारतीय शेयर बेचे। दूसरी ओर, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) इसी कारोबारी दिन शुद्ध खरीदार रहे और उन्होंने 5,692.81 करोड़ रुपए के शेयरों की खरीदारी की।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
