राष्ट्रीय समाचार
पुणे में गोवर्धन पहाट दीवाली 2025 का भव्य आयोजन, हजारों पुणेकर बने साक्षी
पुणे, 22 अक्टूबर: पुणे के सारसबाग में गोवर्धन पहाट दीपावली 2025 का भव्य आयोजन हुआ।
हर साल की तरह इस बार भी सुबह 5 बजे शुरू हुए इस कार्यक्रम में हजारों पुणेकरों ने उत्साह और श्रद्धा के साथ हिस्सा लिया। परंपरा और सांस्कृतिक रंगों से सजा यह आयोजन शहरवासियों के लिए यादगार रहा।
दीपावली की सुबह का माहौल सांस्कृतिक प्रदर्शनों से और भी खास हो गया। मिलाप सांस्कृतिक कार्यक्रम में हिंदी और मराठी गीतों की प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया। इसके अलावा, मर्दानी खेलों के प्रदर्शन और पारंपरिक नृत्यों ने सभी का ध्यान खींचा। मंच पर लोककलाओं की शानदार प्रस्तुति ने वातावरण को उत्साह और उमंग से भर दिया। बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, हर आयु वर्ग के लोग इस सांस्कृतिक उत्सव का हिस्सा बने।
आयोजन की सबसे आकर्षक बात रही रंग-बिरंगी आतिशबाजी। सारसबाग के आसमान को रोशनी से जगमगाने वाली इस आतिशबाजी ने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। लोग इस खूबसूरत नजारे का आनंद लेते हुए एक-दूसरे को दीपावली की शुभकामनाएं देते नजर आए। परिवार और दोस्तों के साथ इस पल को साझा करते हुए पुणेकरों के चेहरों पर खुशी साफ झलक रही थी।
सुरक्षा के लिहाज से पुणे पुलिस ने कड़े इंतजाम किए थे। भीड़ को नियंत्रित करने और आयोजन को सुचारू रूप से संपन्न करने के लिए पुलिस और प्रशासन ने कोई कसर नहीं छोड़ी। आयोजकों ने भी स्वच्छता और व्यवस्था का विशेष ध्यान रखा, जिससे सभी को सुरक्षित और आनंदमय अनुभव मिला।
इसमें शामिल हुए लोगों का कहना है कि यह आयोजन न केवल सांस्कृतिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण था, बल्कि इसने पुणे की एकता और उत्साह को भी दर्शाया। गोवर्धन पहाट ने एक बार फिर साबित कर दिया कि पुणे की सांस्कृतिक धरोहर और उत्सवों का उत्साह बरकरार है। इस आयोजन ने पुणेकरों को एकजुट होकर दीपावली की खुशियां मनाने का मौका दिया।
राजनीति
मुंबई में हिट एंड रन का मामला आया सामने, मासूम की मौत

मुंबई, 24 अक्टूबर: मुंबई के बोरीवली के राष्ट्रीय उद्यान में एक दिल दहला देने वाली हिट एंड रन की घटना में डेढ़ साल की मासूम बच्ची की मौत हो गई। मृतका की पहचान मानसी यादव के रूप में हुई है, जो अपने माता-पिता और चचेरे भाई के साथ उद्यान में घूमने आई थी।
इस घटना ने परिवार को गहरे सदमे में डाल दिया है। कस्तूरबा मार्ग पुलिस ने अज्ञात मोटरसाइकिल सवार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
पुलिस के अनुसार, यह हादसा उस समय हुआ जब मानसी का परिवार राष्ट्रीय उद्यान के बांध से बाघों के पिंजरे की ओर जाने वाली सड़क के पास एक चट्टान पर बैठा था। मानसी पास में ही खेल रही थी। तभी एक तेज रफ्तार मोटरसाइकिल ने बच्ची को जोरदार टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि मानसी गंभीर रूप से घायल हो गई। मानसी के माता-पिता उसे तुरंत कांदिवली पश्चिम के शताब्दी अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक मोटरसाइकिल सवार ने घटना के बाद न तो रुकने की जहमत उठाई और न ही बच्ची को चिकित्सीय सहायता दी। वह तुरंत मौके से फरार हो गया। पुलिस ने इस मामले में मामला दर्ज किया है।
कस्तूरबा मार्ग पुलिस अब मोटरसाइकिल सवार की तलाश में जुट गई है। जांच अधिकारी ने बताया कि आसपास के सीसीटीवी फुटेज खंगाले जा रहे हैं और प्रत्यक्षदर्शियों से पूछताछ की जा रही है।
पुलिस को संदेह है कि मोटरसाइकिल सवार ने तेज गति के कारण वाहन पर नियंत्रण खो दिया होगा, जिसके चलते यह हादसा हुआ। राष्ट्रीय उद्यान के आगंतुकों और स्थानीय लोगों ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है। कई लोगों ने उद्यान के अंदर वाहनों की गति सीमा को और सख्त करने की मांग की है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां अक्सर लोग तेज रफ्तार में बाइक चलाते हैं, जो परिवारों और बच्चों के लिए खतरा बनता है। प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए।
मानसी के परिवार को इस हादसे से गहरा आघात पहुंचा है। उनके पड़ोसियों और रिश्तेदारों ने बताया कि मानसी उनके घर की सबसे छोटी और लाडली सदस्य थी।
पुलिस ने परिवार को भरोसा दिया है कि आरोपी को जल्द से जल्द पकड़ लिया जाएगा।
राष्ट्रीय समाचार
बिहार चुनाव 2025 से पहले आचार्य प्रशांत का आह्वान : यांत्रिक वोट नहीं, जागृत वोट

नई दिल्ली, 24 अक्टूबर: बिहार चुनाव नज़दीक हैं। इस अवसर पर दार्शनिक और लेखक आचार्य प्रशांत ने नागरिकों से आग्रह किया है कि वोट को जागृति का एक अवसर मानें, न कि सिर्फ़ एक रूटीन लोकतान्त्रिक प्रक्रिया।
आचार्य प्रशांत ने कहा, “किसी भी सरकार की गुणवत्ता उसे चुनने वाले लोगों की गुणवत्ता से अधिक नहीं हो सकती। जब लोग आदत, जाति या गुस्से को आधार बनाकर वोट देते हैं, तो चुनाव मात्र एक रस्म अदायगी बनकर रह जाते हैं। सोया हुआ मन सोती हुई व्यवस्था को ही जन्म देता है।”
आचार्य प्रशांत ने कहा कि बिहार की त्रासदी केवल आर्थिक नहीं बल्कि आध्यात्मिक है। “बिहार की त्रासदी यह नहीं कि वह गरीब है; बल्कि यह है कि वह जागना नहीं चाहता। धन की गरीबी बाहर से मिटाई जा सकती है, पर बोध और आत्मज्ञान की गरीबी नहीं।”
उन्होंने बिहार की लगातार बनी रहने वाली चुनौतियों जैसे पलायन, बेरोजगारी, कमजोर शासन और खराब शिक्षा को मतदाताओं में जागरूकता की कमी से जोड़ते हुए कहा, “हर आंकड़ा हमारे सामूहिक मन का दर्पण बनकर सामने आता है। बिहार के घाव शासन के नहीं, दृष्टिकोण के हैं।”
सरकारी आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने बताया कि बिहार की प्रति व्यक्ति आय लगभग ₹54,000 प्रति वर्ष है, जो देश में सबसे कम है, जबकि हर साल 25 लाख से अधिक लोग रोजगार की तलाश में राज्य छोड़ते हैं। साक्षरता दर लगभग 71 प्रतिशत है (महिला साक्षरता लगभग 61 प्रतिशत), और महिला श्रम-बल भागीदारी दर मुश्किल से 25 प्रतिशत है।
“बिहार की जिस भूमि ने संसार को बुद्ध दिए, वही आज अपने बच्चों को एक अच्छा स्कूल, एक उचित क्लासरूम भी नहीं दे पा रही है। बिहार का पुनर्निर्माण उस कक्षा का पुनर्निर्माण है, उस स्कूल का पुनर्निर्माण है जो बिहार के वासियों को शिक्षा से समृद्ध कर सके। किसी मनुष्य के साथ सबसे बड़ा अन्याय यह है कि उसे अशिक्षित रखा जाए, क्योंकि तब वह यह भी नहीं जान पाता कि वह कितने तरह से बंधनों में बंधा हुआ है।”
उन्होंने कहा कि किसी एक क्षेत्र की उपेक्षा बाकी सभी को संक्रमित कर देती है। “शिक्षा की उपेक्षा बेरोजगारी को जन्म देती है; बेरोजगारी अपराध को; और अपराध अंततः ऊँचा उठने की इच्छा को ही मार देता है। जब मतदाता भीतर से अचेत व अज्ञानी होता है, तो हर क्षेत्र उसी अज्ञान से पूरित अव्यवस्था को अलग-अलग रूप में दर्शाता है।”
उन्होंने कानून-व्यवस्था, इंफ्रास्ट्रक्चर और स्वास्थ्य सेवाओं में जारी चुनौतियों को रेखांकित किया। बिहार अब भी भारत में सबसे अधिक लंबित न्यायिक मामलों वाले राज्यों में है, और प्रति व्यक्ति बिजली खपत राष्ट्रीय औसत का मात्र एक-तिहाई है। “जो प्रगति अंतिम घर तक नहीं पहुँचती, वह सिर्फ़ शाब्दिक सजावट भर रह जाती है,” उन्होंने कहा। “भीतर की अव्यवस्था के चलते बाहरी ढाँचा भी धीरे-धीरे अव्यवस्थित होकर टूट जाता है।”
अनियंत्रित जनसंख्या वृद्धि पर आगाह करते हुए आचार्य प्रशांत ने कहा कि कोई भी अर्थव्यवस्था जनसंख्या वृद्धि की दर से तेज नहीं दौड़ सकती। बिहार की जनसंख्या घनत्व 1,200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर से अधिक है, जो राष्ट्रीय औसत का लगभग तीन गुना है। “जब जनसंख्या शिक्षा, रोजगार या स्वास्थ्य के अनुपात में नहीं बढ़ती, तो हर सुधार निष्फल हो जाता है,” उन्होंने कहा। “महिलाओं की शिक्षा और परिवार नियोजन किसी सहानुभूति के चलते नहीं बल्कि जीवित रहने की ही शर्त है।”
उन्होंने कहा कि स्त्री की स्थिति ही समाज की परिपक्वता का सबसे सटीक पैमाना है। “स्त्री की स्वतंत्रता कोई सामाजिक मुद्दा नहीं; यह किसी सभ्यता के मूल का थर्मामीटर है। उसी घर में जहाँ देवियों की पूजा होती है, बेटियों को सुरक्षा के नाम पर कैद किया जाता है।”
निर्वाचन व्यवहार पर बोलते हुए आचार्य प्रशांत ने कहा कि बिहार का सबसे बड़ा भ्रष्टाचार दफ्तरों में नहीं, दिमागों में है। “जाति, मुफ्तखोरी, गुस्सा और भावनाएँ अब भी मतदाता की उँगली को निर्देशित करते हैं। मन प्रतिदिन आराम को विवेक के ऊपर, लालच को कृतज्ञता के ऊपर चुनता है; ईवीएम तो केवल उस भीतरी अज्ञान का अंतिम दृश्य है।”
उन्होंने मतदाताओं से कहा कि वे उदासीन न हों बल्कि विवेक से काम लें। “यदि कोई प्रत्याशी योग्य न दिखे, तो सही तरीका पूर्णता खोजने का नहीं बल्कि अयोग्यता को हटाने का है, जैसे परीक्षा में करते हैं। जो स्पष्ट रूप से अयोग्य हैं, जो भ्रष्ट हैं, हिंसक हैं, विभाजनकारी हैं, उन्हें हटाओ। जो बचें, उनमें से उस एक को चुनो जो सबसे कम हानिकारक हो, जो अब भी समझ और झूठ के नकार को तरजीह देता हो।”
उन्होंने चाटुकारिता से सावधान रहने की चेतावनी दी। “उनसे सावधान रहो जो केवल वही कहते हैं जो तुम सुनना चाहते हो। जो नेता असुविधाजनक सत्य बोलने का साहस रखता है, वही वास्तव में तुम्हारे वोट का अधिकारी है। जो तुम्हारी चापलूसी करता है, वही तुम्हारा शोषण करने की तैयारी कर रहा होता है।”
बिहार की सांस्कृतिक विरासत पर विचार करते हुए आचार्य प्रशांत ने कहा कि विरासत की पूजा नहीं, उसे जीना चाहिए। “बिहार की विरासत उज्ज्वल है: बुद्ध, महावीर, नालंदा। पर उज्ज्वल स्मृति जीवित समझ का पर्याय नहीं होती। ज्ञान तभी जीवित रहता है जब वह भीतर के झूठ को काटे। जैसे ही वह विरासत, नारा या परंपरा बन जाता है, वह मुक्त नहीं करता, कमजोरियों को ढकने का साधन बन जाता है।”
उन्होंने कहा, “विरासत की जीवंतता आचरण में दिखनी चाहिए, दैनिक जीवन में दिखनी चाहिए और दिखनी चाहिए सार्वजनिक जीवन की ईमानदारी में, महिलाओं की सुरक्षा में, उन विद्यालयों में जो सच्ची जिज्ञासा करना सिखाएं, और न्यायालयों में जो न्याय दें। अन्यथा जिसे हम विरासत कहते हैं, वह केवल एक बहाना है।”
उन्होंने आगे कहा कि बिहार का असली परिवर्तन मानव मन से ही शुरू होगा। “हर बाहरी परिवर्तन किसी आंतरिक परिवर्तन से शुरू होता है। यदि हम पहले अपने भीतर के मतदाता को नहीं सुधारते, तो बाहर की व्यवस्था पुराने ढर्रे दोहराती रहेगी।”
उन्होंने नागरिकों से आग्रह किया कि आने वाले चुनाव को जागरूकता की ज़िम्मेदारी समझें। “बिहार तब उठेगा जब उसके नागरिक अर्थहीन खुशी मनाने के लिए नहीं, बल्कि जागरण के उद्देश्य से वोट देंगे। यहाँ यह समझना अत्यंत प्रासंगिक है कि असली चुनाव दलों के बीच नहीं है; यह चुनाव स्पष्टता और भ्रम के बीच है, प्रकाश और अंधकार के बीच है, जागरण और जड़ता के बीच है।”
दुर्घटना
कुरनूल बस हादसा: राहुल गांधी ने सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए

नई दिल्ली/कुरनूल, 24 अक्टूबर: आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर एक निजी बस में अचानक आग लगने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर बस में आग लगने के भीषण हादसे में कई निर्दोष लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। इस त्रासदी में जान गंवाने वाले सभी यात्रियों के शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार हो रही ऐसी दुर्घटनाएं हमारे सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न हैं। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसके लिए वाहनों के रख-रखाव की जिम्मेदारी के साथ-साथ इन हादसों पर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी इस हादसे पर दुख जताया। डीके शिवकुमार ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “हैदराबाद-बेंगलुरु मार्ग पर कुरनूल के पास बस में लगी भीषण आग से मैं बेहद स्तब्ध और दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। हम सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।”
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
बता दें कि यह हादसा चिन्नाटेकुर गांव के पास हुआ, जिसमें कई यात्री घायल भी बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसे के समय बस में 40 लोग सवार थे। यह निजी बस बेंगलुरु से हैदराबाद जा रही थी। इसी दौरान बस में आग लगी, जिससे वह जलकर राख हो गई।
-
व्यापार5 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र4 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार8 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
