राष्ट्रीय समाचार
भारत के रूसी तेल की खरीद से ब्रेंट क्रूड की कीमतें स्थिर बनी हुईं : रिपोर्ट

मुंबई, 26 सितंबर। ब्रेंट क्रूड की कीमतें 67-69 डॉलर प्रति बैरल के बीच कारोबार करते हुए स्थिर बनी हुई हैं। वैश्विक स्तर पर कीमतों में उतार-चढ़ाव लाने के लिए कोई नया कारक मौजूद नहीं है साथ ही, भारत के रूसी तेल खरीदने से कीमतें नियंत्रण में बनी हुई हैं। यह जानकारी शुक्रवार को आई एक रिपोर्ट में दी गई।
भारत का कहना है कि देश की पहली प्राथमिकता अपने नागरिकों को सस्ती ऊर्जा उपलब्ध करवाना है।
भारत कच्चे तेल के सबसे बड़े आयातकों में से एक है।
एमके ग्लोबल फाइनेंशियल सर्विसेज के वेल्थ मैनेजमेंट विंग एमके वेल्थ मैनेजमेंट लिमिटेड की रिपोर्ट के अनुसार, “देश की वर्तमान आयात क्षमता लगभग 1.50 मिलियन बैरल प्रति दिन है, जो स्थिर बने रहने की उम्मीद है, जिसमें रूस से तेल की आपूर्ति कीमतों को कम बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। “
रिपोर्ट में कहा गया है कि अगला बड़ा कदम इस बात पर निर्भर करेगा कि आने वाले महीनों में अमेरिका के प्रतिबंध और टैरिफ नीति किस प्रकार रहती हैं। चीन भी घरेलू मांग को पूरा करने के लिए रूस से तेल की खरीद बढ़ा रहा है।
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि भारत और चीन दोनों के रूस से भारी मात्रा में तेल आयात करने से, तेल की कीमतें स्थिर रहने की उम्मीद है, जो आयातक देशों के लिए एक राहत की बात है।
कम ऊर्जा लागत खास तौर पर भारत के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रहता है और अर्थव्यवस्था स्थिर रहती है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि ऊर्जा सुरक्षा फिर से ग्लोबल स्पॉटलाइट में आ गई हैं ऐसे में सस्ते कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित करने की भारत की रणनीति भू-राजनीतिक बदलाव और घरेलू आर्थिक प्राथमिकताओं के बीच नाजुक संतुलन को दर्शाती है।
इस बीच, अमेरिकी ऊर्जा मंत्री क्रिस राइट ने भारत को शानदार सहयोगी बताया और कहा कि वे भारत के बड़े प्रशंसक हैं। उन्होंने दोनों देशों के बीच ऊर्जा सहयोग को बढ़ाने की भी बात कही।
इस सप्ताह न्यूयॉर्क में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में, राइट ने भारत की गतिशील समाज और तेजी से बढ़ती ऊर्जा मांग वाले देश के रूप में सराहना की।
उन्होंने कहा, “जब मैं इस पद पर आया था, तब मेरा अधिकांश शुरुआती समय भारत से जुड़े मामलों को देखने में लगा। भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश और अमेरिका का एक शानदार सहयोगी है, इसकी अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है और यह एक गतिशील समाज है, जिसकी ऊर्जा की मांग तेजी से बढ़ रही है क्योंकि लोगों की समृद्धि और अवसर बढ़ रहे हैं। मैं भारत का बहुत बड़ा प्रशंसक हूं। हमें भारत से प्यार है।”
उनके इस बयान के बाद केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने भी भारत-अमेरिका ऊर्जा व्यापार को बढ़ाने की बात कही।
अपराध
यूपी : बरेली में ‘आई लव मोहम्मद’ बैनर पर बवाल, प्रदर्शनकारियों पर पुलिस ने किया लाठीचार्ज

बरेली, 26 सितंबर। उत्तर प्रदेश के बरेली शहर में जुमे की नमाज के बाद ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर और नारों को लेकर भारी बवाल मच गया। थाना कोतवाली क्षेत्र के बिहारीपुर पुलिस चौकी के पास स्थित मस्जिद के बाहर सैकड़ों नमाजियों ने प्रदर्शन शुरू कर दिया। नमाजियों ने सड़क पर उतरकर ‘आई लव मोहम्मद’ के अलावा ‘नारा-ए-तकदीर’ जैसे नारे लगाए और बैनर लहराए। भीड़ का दबाव इतना बढ़ गया कि पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े।
यह विवाद कानपुर से शुरू हुआ था, जहां जश्न-ए-ईद-मिलादुन्नबी के जुलूस में ‘आई लव मोहम्मद’ के बैनर लगाने पर 25 मुस्लिम युवकों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। बरेली की प्रसिद्ध दरगाह आला हजरत ने इस कार्रवाई की कड़ी निंदा की थी और जमात रजा-ए-मुस्तफा के नेतृत्व में शहर भर में समर्थन में पोस्टर अभियान चलाया गया। पिछले सप्ताह से ही जखीरा, आजमनगर, बिहारीपुर, कोहाड़ापीर, गुलाब नगर, शहामतगंज, किला, जोगी नवादा, हजियापुर, शाहदाना और सेटेलाइट सिटी जैसे इलाकों में ये बैनर लगाए गए थे। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि यह पैगंबर मोहम्मद के प्रति प्रेम और सम्मान की अभिव्यक्ति है, जो संविधान द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के दायरे में आती है।
जिले में जुमे की नमाज के बाद स्थिति बेकाबू हो गई। बरेली के इस्लामिया ग्राउंड में मौलाना तौकीर रजा ने मुस्लिम समुदाय से शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील की थी। नमाज खत्म होते ही सैकड़ों लोग सड़क पर उतर आए। वे जबरन ग्राउंड में घुसने की जिद पर अड़े रहे। नारे लगाते हुए भीड़ आगे बढ़ी, तो बरेली रेंज के डीआईजी अजय साहनी के नेतृत्व में पहुंची भारी पुलिस फोर्स ने बल प्रयोग किया। लाठीचार्ज से भगदड़ मच गई और लोग इधर-उधर भागने लगे। पुलिस ने नमाजियों से घर लौटने की बार-बार अपील की, लेकिन भीड़ नहीं मानी। आंसू गैस के धुएं से इलाके में अफरा-तफरी का माहौल हो गया।
डीआईजी अजय साहनी ने घटनास्थल पर पत्रकारों से बातचीत में कहा, “आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करके विधिक कार्रवाई सुनिश्चित की जा रही है।” उन्होंने स्पष्ट किया कि कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कोई ढील नहीं बरती जाएगी। साहनी ने बरेली रेंज के चारों जिलों, बरेली, बदायूं, शाहजहांपुर और पीलीभीत में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की बात कही।
राष्ट्रीय समाचार
दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध में हीलाहवाली पर सुप्रीम कोर्ट सख्त, कहा-केंद्र बनाए ठोस नीति

नई दिल्ली, 26 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध के अपने आदेश को प्रभावी ढंग से लागू न करने पर नाराजगी जताई। कोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।
चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई की अगुवाई वाली बेंच ने सुनवाई के दौरान बिहार के खनन प्रतिबंध का उदाहरण देते हुए चेतावनी दी। बेंच ने कहा, “बिहार में खनन पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन इससे अवैध खनन माफिया पैदा हो गए। इसलिए एक संतुलित दृष्टिकोण अपनाना जरूरी है।”
सर्वोच्च अदालत ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया है कि सभी हितधारकों जैसे पटाखा निर्माताओं, राज्य सरकारों और पर्यावरण विशेषज्ञों के साथ मिलकर प्रतिबंध लागू करने की एक ठोस नीति तैयार की जाए।
इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों (पर्यावरण-अनुकूल पटाखों) के निर्माण को सशर्त अनुमति दे दी है। बेंच ने शर्त लगाई कि ये पटाखे दिल्ली-एनसीआर में कहीं भी बेचे या इस्तेमाल नहीं किए जाएंगे।
दिल्ली-एनसीआर में ग्रीन पटाखों की बिक्री को लेकर सुप्रीम कोर्ट अगली सुनवाई में अंतिम फैसला लेगा। मामले में अगली सुनवाई 8 अक्टूबर को होगी।
इससे पहले, 12 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट ने वायु प्रदूषण को लेकर कड़ी टिप्पणी की थी। सीजेआई बीआर गवई ने कहा था कि अगर दिल्ली-एनसीआर के लोगों को स्वच्छ हवा का अधिकार है, तो दूसरे शहरों के निवासियों को क्यों नहीं?
उन्होंने जोर देकर कहा था कि प्रदूषण नियंत्रण की नीतियां सिर्फ राजधानी तक सीमित नहीं रह सकतीं, बल्कि पैन-इंडिया स्तर पर लागू होनी चाहिए।
सीजेआई ने व्यक्तिगत अनुभव साझा करते हुए बताया था, “मैं पिछले साल सर्दियों में अमृतसर गया था। वहां प्रदूषण की स्थिति दिल्ली से भी बदतर थी। अगर पटाखों पर प्रतिबंध लगाना है तो पूरे देश में लगना चाहिए।”
राजनीति
‘न्याय की लड़ाई में छात्र और युवाओं के साथ मजबूती से खड़ा हूं’, उत्तराखंड पेपर लीक पर बोले राहुल गांधी

नई दिल्ली, 26 सितंबर। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने उत्तराखंड के पेपर लीक मामले पर शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को निशाने पर लिया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि आज भाजपा का दूसरा नाम ‘पेपर चोर’ है।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “देशभर में बार-बार होने वाले पेपर लीक ने करोड़ों मेहनती युवाओं की जिंदगी और सपनों को तबाह कर दिया है। उत्तराखंड का यूकेएसएसएससी पेपर लीक इसका ताजा उदाहरण है। लाखों युवाओं ने दिन-रात मेहनत की, लेकिन भाजपा ने चोरी से उनकी पूरी मेहनत पर पानी फेर दिया।”
उन्होंने कहा, “हम लगातार मांग कर रहे हैं कि पेपर लीक रोकने के लिए मजबूत और पारदर्शी सिस्टम बनाया जाए, लेकिन सरकार इस पर आंखें मूंदकर बैठी है, क्योंकि उन्हें युवाओं की बेरोजगारी की नहीं, बल्कि अपनी सत्ता की चिंता है।”
राहुल गांधी ने यह भी कहा कि बेरोजगारी देश की सबसे बड़ी समस्या है और यह सीधे तौर पर ‘वोट चोरी’ से जुड़ी है। पेपर चोरों को पता है, अगर युवाओं को रोजगार नहीं भी मिलेगा, तो भी वे चुनाव में ‘वोट चोरी’ करके सत्ता में बने रहेंगे।
नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने अपनी पोस्ट में लिखा, “युवा सड़कों पर हैं और नारा दे रहे हैं, ‘पेपर चोर, गद्दी छोड़’। यह सिर्फ युवाओं की नौकरी की लड़ाई नहीं है, यह न्याय और लोकतंत्र की लड़ाई है। मैं हर छात्र और युवा के साथ इस न्याय की लड़ाई में मजबूती से खड़ा हूं।”
इससे पहले, राहुल गांधी ‘वोट चोरी’ के आरोप लगाते हुए ‘जेन-जी’ को अपना समर्थन देने की बात कर चुके हैं। हफ्तेभर पहले कांग्रेस सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा था, “देश के युवा, देश के छात्र और देश की जेन-जी संविधान को बचाएंगे, लोकतंत्र की रक्षा करेंगे और वोट चोरी को रोकेंगे। मैं उनके साथ हमेशा खड़ा हूं।”
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