राजनीति
महाराष्ट्र सरकार ने कृषि पहुंच मार्गों को मजबूत करने के लिए अध्ययन समूह का गठन किया

मुंबई: महाराष्ट्र सरकार ने कृषि उत्पादों के परिवहन को आसान बनाने और मशीनीकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से कृषि पहुँच मार्गों को मज़बूत करने हेतु एक अध्ययन समूह के गठन की घोषणा की है। राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले की अध्यक्षता में, राजस्व एवं वन विभाग द्वारा एक सरकारी प्रस्ताव के माध्यम से इस निर्णय को औपचारिक रूप दिया गया।
अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे के नेतृत्व में अध्ययन समूह में जल संसाधन, लोक निर्माण, ग्रामीण विकास और वित्त जैसे विभागों के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हैं। यह समूह मौजूदा सड़क योजनाओं, विशेष रूप से नागपुर, अमरावती और लातूर जिलों में, का विश्लेषण करेगा और सुधार, वित्तपोषण तंत्र और कार्यान्वयन रणनीतियों का प्रस्ताव देगा।
राजस्व मंत्री बावनकुले ने कहा, “इस पहल से ग्रामीण बुनियादी ढाँचे में सुधार होगा, जिससे किसानों के लिए बाज़ारों तक पहुँचना और आधुनिक कृषि तकनीकों को अपनाना आसान हो जाएगा। हम किसानों की चुनौतियों का समाधान करने और उनकी आजीविका में सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
समूह सड़कों की गुणवत्ता में सुधार, अतिक्रमण हटाने, तथा वित्तीय घाटे को कम करने और फसल विविधीकरण को समर्थन देने के लिए सभी मौसमों में सुगमता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
राजनीति
संजय राउत ने महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

मुंबई, 11 अक्टूबर: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुंबई महानगरपालिका समेत जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिकाओं के चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द होने वाली है।
इससे पहले चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर विपक्ष सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है। इसी कड़ी में 14 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, हर्षवर्धन सपकाल और अन्य प्रमुख नेताओं के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है। खास बात यह है कि इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए दी।
पत्र में उन्होंने कहा है कि इस पहल के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की कोशिश है।
संजय राउत ने अपने पत्र में लिखा, “राज्य में होने वाले इन अहम चुनावों को लेकर कुछ शंकाएं सामने आई हैं। हमारा उद्देश्य है कि चुनाव संविधान के तहत पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से संपन्न हों। यह बैठक कोई राजनीतिक मंच नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बनाए रखने का प्रयास है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सभी बड़े दलों के नेताओं को इस बैठक की सूचना दे दी गई है और सभी ने इसमें शामिल होने के लिए सकारात्मक रुख दिखाया है।
बैठक के बाद यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सभी नेताओं की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें बैठक में हुई चर्चा और आगे की रणनीति को साझा किया जाएगा।
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प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि, ग्रामीण विकास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को किया याद

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘भारत रत्न’ नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने देश के ग्रामीणों, विशेषकर वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए उनके समर्पण और सेवा भाव के लिए नानाजी देशमुख को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “महान नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। वे एक दूरदर्शी समाज सुधारक, राष्ट्र निर्माता और आत्मनिर्भरता व ग्रामीण सशक्तिकरण के आजीवन समर्थक थे। उनका जीवन समर्पण, अनुशासन और समाज सेवा की प्रतिमूर्ति था।”
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने भाषण का एक छोटा-सा अंश भी शेयर किया है, जिसमें वे नानाजी देशमुख के योगदान के बारे में बता रहे थे।
उन्होंने अपने भाषण में कहा था, “नानाजी देशमुख जीवन भर देश के लिए जीए। उन्होंने दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से ‘देश के लिए जीना सीखो’ और ‘देश के लिए कुछ करके रहो’ मंत्र के साथ युवा दंपतियों को आमंत्रित किया। सैकड़ों की तादाद में युवा दंपति आगे आए। नाना देशमुख ने उन्हें ग्राम विकास के काम में लगाया। नानाजी देशमुख को मंत्रिपरिषद के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन जयप्रकाश नारायण के कदमों पर ही नानाजी ने भी मंत्रिपरिषद में जुड़ने से इनकार कर दिया और स्वयं को राजनीतिक जीवन से निवृत करके 60 साल की उम्र के बाद, जब तक वे जीवित रहे, करीब साढ़े 3 दशक तक उन्होंने अपना जीवन चित्रकूट और गोंडा को केंद्रबिंदु बनाकर ग्रामीण विकास के लिए खपा दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख का वक्तव्य भी सार्वजनिक किया, जो उन्होंने 20 अप्रैल 1978 में दिया था। पीएम मोदी ने लिखा, “नानाजी देशमुख लोकनायक जेपी से बेहद प्रेरित थे। जेपी के प्रति उनकी श्रद्धा और युवा विकास, सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके दृष्टिकोण को जनता पार्टी के महामंत्री रहते हुए उनके की ओर से दिए गए इस संदेश में देखा जा सकता है।”
अप्रैल 1978 के अपने वक्तव्य में नानाजी देशमुख ने कहा था, “युवा पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के कार्य में सम्मिलित करने के लिए जरूरत है कि हम राजनीतिज्ञ अपने आचरण के द्वारा यह सिद्ध करें कि सत्ता हमारे लिए साध्य न होकर राष्ट्र निर्माण का एक रचनात्मक साधन है। यह तभी हो सकता है जब हममें से कुछ वरिष्ठ अनुभवी राजनेता स्वेच्छा से सत्ता को त्याग कर रचनात्मक कार्यों में जुटें। एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता होते हुए भी मेरे मन में यह विचार इतना प्रबल होता जा रहा है कि अब मैं उसे दबा सकने में असमर्थ हूं।”
नानाजी ने इस मौके पर राजनीतिक कार्यों से दूर होने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि जीवन के 60 वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद भी मैं सिर्फ राजनीतिक कार्य में ही लगा रहूं, यह ठीक नहीं है। अब मुझे अपना शेष जीवन रचनात्मक कार्यों में लगाना चाहिए। हमारा राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए ‘समग्र विकास के माध्यम से समग्र क्रान्ति।’ अब यही मेरा जीवन व्रत रहेगा। मेरे इस रचनात्मक अभियान का आधार होगा देश की युवाशक्ति। विश्वास है कि इस रचनात्मक पथ पर बढ़ते समय मेरे समस्त सहयोगियों और देश के समस्त नागरिकों का शुभ आशीर्वाद मुझे प्राप्त होता रहेगा।”
राजनीति
आरएसएस के स्मारक सिक्के और टिकट ऑनलाइन उपलब्ध

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कोलकाता टकसाल द्वारा जारी स्मारक सिक्के आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से ऑनलाइन खरीदने के लिए उपलब्ध हैं।
भारत सरकार ने राष्ट्रीय एकता और सेवा में अपने योगदान के लिए जाने जाने वाले एक प्रमुख सामाजिक-सांस्कृतिक संगठन, आरएसएस की 100वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट के माध्यम से यह घोषणा की, जिसमें आरएसएस की समर्पण और सामाजिक प्रभाव की एक शताब्दी लंबी यात्रा के महत्व पर प्रकाश डाला गया।
आरएसएस की विरासत का सम्मान करने के लिए डिजाइन किए गए सिक्के, उत्साही और समर्थकों दोनों के लिए एक बहुमूल्य संग्रहणीय वस्तु बनने की उम्मीद है।
सिक्कों के साथ जारी किए गए विशेष डाक टिकट देश भर के फिलेटली ब्यूरो से प्राप्त किए जा सकते हैं, जिससे डाक टिकट संग्रहकर्ताओं और आम जनता को इस ऐतिहासिक उपलब्धि का एक अंश प्राप्त करने का अवसर मिलेगा।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के कार्यालय ने इस उपलब्धि के महत्व पर जोर देते हुए एक्स पर कहा, “राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में, भारत सरकार ने सेवा, एकता और समर्पण की एक शताब्दी का सम्मान करते हुए विशेष स्मारक सिक्के और डाक टिकट जारी किए हैं।”
इस पहल की व्यापक रूप से सराहना हुई है और कई लोग इसे एक ऐसे संगठन के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि मानते हैं, जिसने एक सदी तक भारत के सामाजिक-सांस्कृतिक परिदृश्य को आकार दिया है।
डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार द्वारा 1925 में स्थापित आरएसएस, एकता, अनुशासन और निस्वार्थ सेवा के मूल्यों को बढ़ावा देते हुए भारत के सबसे प्रभावशाली संगठनों में से एक बन गया है।
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