व्यापार
निवेशकों को आरबीआई के रेपो रेट पर फैसले का इंतजार, सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार

मुंबई, 6 जून। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के रेपो रेट पर फैसले से पहले शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार सपाट खुले। शुरुआती कारोबार में आईटी और पीएसयू बैंक सेक्टर में खरीदारी देखी गई।
आज की मौद्रिक नीति में आरबीआई द्वारा नीतिगत दरों में 25 आधार अंकों की कटौती किए जाने की संभावना है, जिसका शेयर बाजार ने पहले ही आकलन कर लिया है।
सुबह करीब 9.23 बजे, सेंसेक्स 82.43 अंक या 0.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 81,359.61 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 7.70 अंक या 0.03 प्रतिशत की गिरावट के साथ 24,743.20 पर कारोबार कर रहा था।
निफ्टी बैंक 4.85 अंक या 0.01 प्रतिशत की बढ़त के साथ 55,765.70 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 146.25 अंक या 0.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 58,449.25 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 65.50 अंक या 0.36 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,498.10 पर था।
विश्लेषकों के अनुसार, वित्त वर्ष 2026 के लिए विकास और मुद्रास्फीति अनुमानों पर आरबीआई की टिप्पणी अधिक महत्वपूर्ण होगी।
जियोजित इन्वेस्टमेंट्स लिमिटेड के मुख्य निवेश रणनीतिकार डॉ. वीके विजयकुमार ने कहा, “अगर मुद्रास्फीति पूर्वानुमान 4 प्रतिशत से घटाया जाता है, तो बाजार सकारात्मक प्रतिक्रिया देगा।”
विश्लेषकों के अनुसार, निफ्टी को 24,500, इससे पहले 24,400 और 24,300 पर तत्काल समर्थन मिलने की संभावना है। ऊपर की ओर, प्रतिरोध 24,850, फिर 24,900 और अंत में 25,000 के लेवल पर होने की उम्मीद है।
चॉइस ब्रोकिंग के इक्विटी रिसर्च एनालिस्ट मंदार भोजाने ने कहा, “24,500 से नीचे का स्तर आगे बिकवाली दबाव को बढ़ा सकता है, जबकि 25,000 से ऊपर का स्तर नई ऊंचाइयों के लिए जगह बना सकता है।”
इंडिया विक्स 4.21 प्रतिशत गिरकर 15.08 पर आ गया, जो दर्शाता है कि बाजार निकट भविष्य में कम अस्थिरता की उम्मीद कर रहा है। हालांकि, आरबीआई की नीति आने वाली है, इसलिए ट्रेडर्स को सतर्क रहना चाहिए क्योंकि केंद्रीय बैंक के टोन और रेट आउटलुक के आधार पर अस्थिरता बढ़ सकती है।
इस बीच, सेंसेक्स पैक में बजाज फिनसर्व, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, इटरनल, आईटीसी, एनटीपीसी और टाइटन टॉप गेनर्स रहे। जबकि, टाटा मोटर्स, बजाज फाइनेंस, आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स रहे।
एशियाई बाजारों में, हांगकांग, चीन और बैंकॉक लाल निशान में कारोबार कर रहे थे। जबकि केवल जापान हरे निशान में कारोबार कर रहा था।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में डाउ जोंस 108 अंक या 0.25 प्रतिशत की गिरावट के साथ 42,319.74 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 31.51 अंक या 0.53 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,939.30 पर और नैस्डैक 162.04 अंक या 0.83 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,298.45 पर बंद हुआ।
संस्थागत गतिविधियों के संदर्भ में, विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुद्ध विक्रेता थे, जिन्होंने 5 जून को 208.47 करोड़ रुपए के शेयर बेचे। इसके विपरीत, घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) 2,382.40 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद के साथ मजबूत खरीदार बने रहे, जिससे बाजार को सपोर्ट मिला।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने को लेकर भारत में काफी उत्साह : अरविंद पनगढ़िया

नई दिल्ली, 26 जुलाई। 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर भारत में काफी उत्सुकता और उत्साह है, जिससे भारतीय उद्योगों को एक बड़े निर्यात बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
सीएसआईएस चेयर ऑन इंडिया एंड इमर्जिंग एशिया इकोनॉमिक्स द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में पनगढ़िया ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता देश के वैश्विक निवेश परिदृश्य के लिए एक बड़ी सफलता ला सकता है।
उन्होंने इस सप्ताह आयोजित कार्यक्रम में ‘राइजिंग इंडिया’ के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “व्यापक हित में, विशेष रूप से वर्तमान व्यापार शुल्क के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को अधिक मुक्त बनाने की आवश्यकता है और जब आप व्यापार समझौते करते हैं तो आपको अपने निर्यात के लिए बड़े बाजारों तक भी पहुंच मिलती है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के वर्तमान संदर्भ ने दुनिया में एक अलग व्यापार गतिशीलता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा, “मुझे जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर काफी उत्सुकता है। मुझे इस समझौते के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भविष्य में होने वाले समझौते को लेकर भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।”
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन के बाद, अब सभी की निगाहें यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ होने वाले व्यापार समझौते पर टिकी हैं।
भारत और यूरोपीय संघ जून 2022 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं और 12 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है, जिसमें आखिरी दौर जुलाई 2025 में होगा। भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते के करीब है । वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय वार्ता दल ने इसी महीने वाशिंगटन का दौरा किया था।
पनगढ़िया ने कहा, “मैं अपने वर्तमान पद पर रहते हुए सरकार का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में हमारी गहरी रुचि है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
1 अगस्त तक ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे: ट्रंप

वाशिंगटन, 26 जुलाई। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह 1 अगस्त तक अधिकांश देशों के साथ अपने व्यापार समझौते पूरे कर लेंगे। दक्षिण कोरिया सहित कई व्यापारिक साझेदार इस समय अमेरिकी “प्रतिस्पर्धी” टैरिफ दरों को कम करने के लिए समझौते की कोशिश में लगे हुए हैं।
व्हाइट हाउस में मीडिया से बातचीत करते हुए ट्रंप ने कहा कि उनकी सरकार करीब 200 देशों को टैरिफ दरों के बारे में एक पत्र भेज सकती है, जिसका मतलब होगा कि उनके साथ समझौता हो चुका है। ट्रंप ने कहा, “वे टैरिफ का भुगतान करते हैं और वही समझौता होता है।”
ट्रंप ने कहा, “1 अगस्त आ रहा है और तब तक हमारे ज्यादातर व्यापार समझौते पूरे हो जाएंगे।” उन्होंने कहा कि जब ये पत्र भेजे जाएंगे, तो इसका मतलब होगा कि समझौता हो चुका है।
दक्षिण कोरिया उन प्रमुख देशों में शामिल है जो अमेरिका के साथ 25 प्रतिशत प्रतिस्पर्धी टैरिफ और ऑटोमोबाइल व स्टील जैसे क्षेत्रों पर अलग-अलग शुल्कों को टालने या कम करने के लिए समझौता करना चाहता है, क्योंकि ये शुल्क उसकी निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था पर भारी असर डाल सकते हैं।
व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने बताया, “हम दक्षिण कोरिया के साथ व्यापार वार्ताओं में उत्पादक प्रगति कर रहे हैं, ताकि अनुचित व्यापार बाधाओं को कम किया जा सके और अमेरिकी कंपनियों के लिए बाजार पहुंच बढ़ाई जा सके।”
दक्षिण कोरिया ने अमेरिका के साथ व्यापार सहयोग को मजबूत करने के लिए जहाज निर्माण, सेमीकंडक्टर और बैटरियों जैसे रणनीतिक क्षेत्रों में कई प्रस्ताव दिए हैं।
गुरुवार को दक्षिण कोरिया के उद्योग मंत्री किम जुंग-क्वान और व्यापार मंत्री यो हान-कू ने वॉशिंगटन में अमेरिकी वाणिज्य सचिव हावर्ड लटनिक के साथ मुलाकात की।
इसके अलावा, कोरिया के वित्त मंत्री कू यून-चोल और ट्रेड मंत्री यो हान-कू की योजना शुक्रवार को अमेरिका के ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि जेमीसन ग्रीर के साथ एक “2 प्लस 2” बैठक करने की थी, लेकिन बेसेंट की व्यस्तता के कारण बैठक स्थगित कर दी गई।
व्यापार
ग्लोबल कंपनी जेबिल भारत में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का कर रही निवेश : अश्विनी वैष्णव

नई दिल्ली, 26 जुलाई। केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार, ग्लोबल मैन्युफैक्चरिंग कंपनी जेबिल का गुजरात के साणंद स्थित प्लांट लगभग पूरा हो चुका है। यह प्लांट देश में सिलिकॉन फोटोनिक्स और दूसरे इलेक्ट्रॉनिक आइटम्स का निर्माण करेगा।
जेबिल के 25 से अधिक देशों में 100 से अधिक स्थानों पर 1,40,000 से अधिक कर्मचारी कार्यरत हैं।
केंद्रीय मंत्री वैष्णव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “जेबिल भारत में सिलिकॉन फोटोनिक्स और इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग सर्विस के विनिर्माण में 2,000 करोड़ रुपए से अधिक का निवेश कर रही है।”
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा, “साणंद स्थित प्लांट लगभग पूरा हो चुका है।”
जेबिल के ग्राहकों की सूची में स्वास्थ्य सेवा, पैकेजिंग, स्मार्टफोन और क्लाउड इक्विप्मेंट से लेकर ऑटोमोटिव और घरेलू उपकरणों तक, हर बाजार में दुनिया के 300 सबसे बड़े ब्रांड शामिल हैं।
इस बीच, दूरसंचार विभाग द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, केंद्र सरकार ने कहा है कि 31 मार्च तक दूरसंचार उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के तहत 1,162 करोड़ रुपए वितरित किए हैं।
1 अप्रैल, 2021 को शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य दूरसंचार क्षेत्र में घरेलू विनिर्माण और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है। यह चालू वित्त वर्ष के अंत में समाप्त होने वाली है।
इस योजना के तहत चयनित 42 कंपनियों में से 21 निर्माताओं ने अब तक सफलतापूर्वक प्रोत्साहन प्राप्त कर लिए हैं।
सरकार ने इस योजना के लिए 4,115 करोड़ रुपए निर्धारित किए थे, जिसका लक्ष्य अनुमानित 2.45 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त बिक्री और इसके दौरान 44,000 से अधिक नए रोजगार सृजित करना था।
जेबिल शीर्ष लाभार्थी के रूप में उभरा, जिसने दो वित्त वर्षों में 235.87 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन प्राप्त किया।
अन्य प्रमुख प्राप्तकर्ताओं में 165.12 करोड़ रुपए के साथ फ्लेक्सट्रॉनिक्स, 157.32 करोड़ रुपएके साथ नोकिया, 80.33 करोड़ रुपए के साथ फॉक्सकॉन राइजिंग स्टार्स और 53.23 करोड़ रुपए के साथ सिरमा एसजीएस का नाम शामिल है।
उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि दूरसंचार ऑपरेटरों और सरकार के दृष्टिकोण के बीच बेहतर तालमेल जरूरी है। वे आत्मनिर्भरता और रोजगार सृजन के लक्ष्यों को सही मायने में साकार करने के लिए ज्यादा स्थानीय मूल्य संवर्धन वाले दूरसंचार उत्पादों की खरीद को प्रोत्साहित करने के महत्व पर जोर देते हैं।
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