राजनीति
‘वक्फ’ पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद बोले, ‘सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है कि वह कानून की समीक्षा कर सकता है’

नई दिल्ली, 5 मई। सुप्रीम कोर्ट सोमवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली कई याचिकाओं पर फिर से सुनवाई करेगा। इस मुद्दे पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के पास शक्ति है कि वह कानून का रिव्यू कर सकता है।
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “हम वक्फ संशोधन कानून के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गए हैं और हमारी तरफ से एक एफिडेविट भी दाखिल किया गया है। सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई है और सरकार की तरफ से भी हलफनामा दाखिल किया गया है, जो झूठ है और सरकार यह भी कह रही है कि इस कानून को रोक नहीं सकते। मैं बता देना चाहता हूं कि सुप्रीम कोर्ट को पावर है कि वह कानून का रिव्यू कर सकता है। साथ ही वह उस पर रोक भी लगा सकता है।”
उन्होंने आगे कहा, “सरकार झूठ बोल रही है और गलत बयानी कर रही है। वक्फ बोर्ड पर नियंत्रण सरकार का है और यह कभी सरकार से ऊपर नहीं रहा है। मैं पूछना चाहता हूं कि क्या लोकतंत्र में तानाशाही चल रही है, जो भी बना दिया जाएगा, उसे खुदा का आदेश माना जाएगा? सुप्रीम कोर्ट को यह हक है कि वह कानून का रिव्यू करें, अगर सुप्रीम कोर्ट को लगता है कि यह सही है तो सरकार कैसे कह सकती है कि इस कानून को रोक नहीं सकते।”
कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के बयान पर कहा, “बातों से कुछ नहीं होगा, अब सख्त एक्शन लेने की बारी है। पूरा देश देखना चाहता है कि सरकार क्या कर रही है। इस सरकार को वैसा ही करना चाहिए, जैसा इंदिरा गांधी ने किया था। उन्होंने (इंदिरा गांधी) पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। उन्हें (केंद्र सरकार) भी कुछ ऐसा ही करना चाहिए, ताकि दुश्मन को हमारी ताकत का अहसास हो सके।”
कांग्रेस नेता द्वारा लड़ाकू विमान राफेल की तुलना खिलौने वाले विमान से किए जाने पर इमरान मसूद ने कहा, “सरकार को राफेल का इस्तेमाल करना चाहिए, ऐसा करने से उन्हें किसने रोका है। अगर राफेल का इस्तेमाल होगा तो पता चलेगा कि उसमें कितनी ताकत है।”
कर्नाटक में नीट के एग्जाम में छात्रों से जनेऊ उतारने के विवाद पर उन्होंने कहा, “धार्मिक चीजों को पहनने से नहीं रोकना चाहिए। उसे पहनने की अनुमति दीजिए, क्योंकि कोई जनेऊ पहनता है तो कोई क्रॉस पहनता है। उसे ऐसा करने दीजिए और इसमें किसी को कोई आपत्ति नहीं है। यह सब ध्यान भटकाने और जो कुछ नहीं करते हैं, वह इसके जरिए प्रोपगेंडा फैलाने का काम करते हैं।”
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कर्नाटक सरकार 5 से 17 मई तक अनुसूचित जातियों की जनगणना कराएगी

बेंगलुरु (कर्नाटक): कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने सोमवार को कहा कि राज्य में 5 से 17 मई तक अनुसूचित जातियों (एससी) की जनगणना की जाएगी और राज्य में सभी एससी उप-जातियों की विस्तृत जनसंख्या के आंकड़े एकत्र किए जाएंगे।
राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति श्रेणी में शामिल 101 जातियों पर अनुभवजन्य आंकड़े एकत्र करने के लिए सेवानिवृत्त उच्च न्यायालय के न्यायाधीश नागमोहन दास की अध्यक्षता में एक एकल सदस्यीय आयोग का गठन किया है।
कर्नाटक के सीएम सिद्धारमैया का बयान
प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते हुए कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने कहा, “हमने आज अनुसूचित जातियों की जातिवार जनगणना शुरू की है। न्यायमूर्ति नागमोहन दास आंतरिक आरक्षण के लिए सटीक रिपोर्ट प्रदान करने के लिए आयोग का नेतृत्व कर रहे हैं। कर्नाटक में अनुसूचित जातियों के अंतर्गत 101 जातियाँ सूचीबद्ध हैं, जिनमें लेफ्ट और राइट हैंड, लमनी, कोरमा और कोराचा जैसे उप-समूह शामिल हैं। हमें प्रत्येक समूह की जनसंख्या पर स्पष्ट डेटा चाहिए।”
उन्होंने कहा कि सदाशिव आयोग जैसी पिछली रिपोर्टों में 2011 की जनगणना के पुराने डेटा का इस्तेमाल किया गया था, जिसमें उप-जाति वितरण पर स्पष्टता का अभाव था। “कुछ लोगों ने फॉर्म में केवल एससी लिखा, लेकिन यह निर्दिष्ट नहीं किया कि वे वामपंथी या दक्षिणपंथी समूहों से संबंधित हैं। उदाहरण के लिए, आदि द्रविड़ और आदि कर्नाटक को दोनों तरह से सूचीबद्ध किया गया है। यह भ्रम आंतरिक आरक्षण को निष्पक्ष रूप से लागू करना कठिन बनाता है।”
मुख्यमंत्री ने बताया कि 1 अगस्त 2024 को सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राज्यों को अनुसूचित जातियों के बीच आंतरिक आरक्षण करने का अधिकार दिया गया है। इसके आधार पर, राज्य ने नए, सटीक और विस्तृत डेटा एकत्र करने के लिए काम किया है।
उन्होंने कहा, “यह सुनिश्चित करने के लिए कि डेटा सटीक है, हमने शिक्षकों और गणनाकर्ताओं को प्रशिक्षित किया है। लगभग 65,000 शिक्षक डोर-टू-डोर सर्वेक्षण में शामिल हैं।” गुणवत्ता और निरंतरता सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षक हर 10 से 12 गणनाकर्ताओं की निगरानी करेंगे।
इसके अलावा, 19 मई से 20 मई तक डोर-टू-डोर सर्वे से छूटे लोगों के लिए विशेष शिविर लगाए जाएंगे। लोग 23 मई तक अपनी जाति का विवरण ऑनलाइन भी घोषित कर सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा, “यह डेटा हमें वास्तविक जनसंख्या के आंकड़ों के आधार पर अनुसूचित जातियों के बीच निष्पक्ष आंतरिक आरक्षण सुनिश्चित करने में मदद करेगा।”
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कांग्रेस देश की मर्यादा खत्म कर रही है: शाहनवाज हुसैन

पटना, 5 मई। भाजपा के प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कांग्रेस नेता अजय राय की राफेल को लेकर की गई टिप्पणी को शर्मनाक बताया है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस देश की मर्यादा को खत्म कर रही है।
शाहनवाज हुसैन ने कहा कि देश में विदेशी मुद्दे पर एक रहने की बात है, लेकिन कांग्रेस उस मर्यादा को तोड़ रही है। पहले चरणजीत सिंह चन्नी कुछ कहते हैं और अब अजय राय राफेल विमान को खिलौना बताकर मिर्ची-नींबू टांग रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अब भारत के लोग कांग्रेस पर मिर्ची, नींबू टांग देंगे, यह बात कांग्रेस को याद रखनी चाहिए।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान भाजपा नेता और पूर्व मंत्री शाहनवाज हुसैन ने महागठबंधन की बैठक को लेकर कहा कि यह कितनी भी बैठकें कर ले, कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है। इंडिया ब्लॉक नाम की चीज अब धरती पर ही नहीं है, यह तो समाप्त हो गया है।
भाजपा नेता ने कहा कि बिहार में चुनाव आया है, तो कुछ लोग इकट्ठे हो गए हैं, लेकिन नतीजा नहीं निकलने वाला है। महागठबंधन की हार तय है और नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए की जीत तय है।
उन्होंने कहा कि जब चुनाव आता है तो कांग्रेस के नेताओं को बिहार की याद आती है, चुनाव समाप्त होने के बाद बोरिया बिस्तर लपेट के फिर चले जाते हैं। दिल्ली में कांग्रेस को शून्य मिला था, यहां भी शून्य मिलेगा।
कांग्रेस के बड़े नेताओं के लगातार बिहार दौरे को लेकर उन्होंने कहा कि रणदीप सुरजेवाला जब हरियाणा में ही रिजल्ट नहीं ला पाए, तो बिहार में क्या लाएंगे? उन्होंने कहा कि एनडीए में सीट बंटवारे को किसी प्रकार के विवाद को नकारते हुए कहा कि हम लोग मिलकर चुनाव लड़ेंगे और जीतेंगे। नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बिहार विधानसभा चुनाव लड़ेगा और जीतेगा।
एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के बिहार दौरे पर भाजपा नेता शाहनवाज हुसैन ने कहा कि उनका काम लोगों को भड़काना है। चुनाव आएगा, लोगों को भड़काएंगे और चले जाएंगे। वे भड़काऊ भाई जान हैं।
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सुप्रीम कोर्ट ने सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका की खारिज

suprim court
नई दिल्ली, 5 मई। सुप्रीम कोर्ट और चीफ जस्टिस के बारे में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर अवमानना याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने कहा कि हमारे कंधे चौड़े हैं और हम याचिका पर विचार नहीं करना चाहते।
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के खिलाफ दायर रिट याचिका को सर्वोच्च न्यायालय ने खारिज कर दिया। याचिका में सुप्रीम कोर्ट और सीजीआई संजीव खन्ना पर अपमानजनक टिप्पणी करने के लिए दुबे पर अवमानना कार्यवाही करने की मांग की गई थी।
सुनवाई के दौरान सीजीआई ने कहा- हमारे कंधे मजबूत हैं, हम याचिका पर विचार नहीं करना चाहते हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि यह अदालत और जजों की गरिमा का सवाल है। याचिका में विशाल तिवारी ने निशिकांत दुबे के बयान को कोर्ट के लिए अपमानजनक और निंदनीय बताया था। पीठ ने याचिकाकर्ता विशाल तिवारी की दलीलों पर कहा कि हम फिलहाल कोई दलील या बहस नहीं सुनना चाहते लेकिन हम एक शॉर्ट ऑर्डर पास करेंगे।
वकील विशाल तिवारी की तरफ से दाखिल याचिका में भाजपा सांसद निशिकांत दुबे के बयान को न्यायपालिका के लिए अपमानजनक और निंदनीय बताया गया है। साथ ही याचिका में उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई शुरू करने की मांग की गई है।
दरअसल, पश्चिम बंगाल के मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ संशोधन कानून के विरोध में भड़की हिंसा के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने सुप्रीम कोर्ट पर विवादित टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “अगर सुप्रीम कोर्ट कानून बनाता है तो संसद को बंद कर देना चाहिए।”
हालांकि, भाजपा ने सांसद निशिकांत दुबे और पार्टी के राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा की ओर से सुप्रीम कोर्ट और देश के मुख्य न्यायाधीश पर दिए गए बयान से किनारा कर लिया था।
पार्टी ने उनके बयानों को उन नेताओं की व्यक्तिगत राय करार दी थी और ऐसी टिप्पणियों से बचने का निर्देश जारी किया था।
वहीं, जस्टिस बीआर गवई ने एक अन्य याचिका की सुनवाई के दौरान कार्यपालिका के अधिकारों में दखल देने के आरोप को लेकर बड़ी टिप्पणी की थी। उन्होंने कहा था, “हम पर आरोप लग रहा है कि हम कार्यपालिका के अधिकारों में दखल दे रहे हैं।”
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