राजनीति
राहुल गांधी की पहल से जनगणना का फैसला, केंद्र सरकार करे तुरंत अमल: हर्षवर्धन सपकाल

मुंबई, 2 मई। महाराष्ट्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने केंद्र की मोदी सरकार के जनगणना कराने के फैसले का स्वागत किया है। उन्होंने इसे कांग्रेस नेता राहुल गांधी की राजनीतिक जीत करार देते हुए कहा कि यह जनगणना राहुल गांधी की मांग और संघर्ष का परिणाम है। सपकाल ने सरकार से इस फैसले को सुनियोजित और समयबद्ध तरीके से लागू करने की मांग की, ताकि इस मुद्दे पर उठ रहे सवालों का समाधान हो सके।
सपकाल ने कहा, “मोदी सरकार ने जनगणना का जो फैसला लिया है, हम उसका स्वागत करते हैं। लेकिन यह एक दिन का फैसला नहीं है। इसके लिए लंबा सफर तय करना पड़ा है। राहुल गांधी ने इस मुद्दे को बार-बार उठाया और जनता के बीच ले गए। यह उनकी राजनीतिक जीत है और यह तथ्य है कि जनगणना राहुल गांधी की वजह से हो रही है। इस तथ्य को सभी को स्वीकार करना चाहिए। केंद्र सरकार को इस फैसले को तुरंत लागू करने के लिए एक ठोस कार्ययोजना तैयार करनी चाहिए।”
उन्होंने चेतावनी दी कि यदि जनगणना को समयबद्ध और व्यवस्थित तरीके से लागू नहीं किया गया, तो इस तरह के सवाल उठते रहेंगे। सपकाल ने स्पष्ट किया कि कांग्रेस और समूचा विपक्ष इस मुद्दे पर सरकार के साथ है और इसका कोई विरोध नहीं हो रहा है। उन्होंने कहा, “कोई टारगेट नहीं कर रहा है। इस मुद्दे पर पूरी कांग्रेस पार्टी और विपक्ष सरकार के साथ खड़ा है। हम चाहते हैं कि जनगणना पारदर्शी और प्रभावी ढंग से हो, जो देश के हर वर्ग को न्याय दे।”
सपकाल ने हाल ही में सोशल मीडिया पर जनगणना से संबंधित कुछ विवादास्पद पोस्ट और टिप्पणियों पर भी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “किसी तरह का कोई फोटो पोस्ट नहीं किया गया है। कुछ चीजों को तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। जिन लोगों ने इस पर अपनी राय व्यक्त की है, वह उनकी निजी राय है और इसका कांग्रेस पार्टी से कोई लेना-देना नहीं है। ऐसी अफवाहों और गलत सूचनाओं पर ध्यान नहीं देना चाहिए।”
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के मुद्दे पर भी सपकाल ने पार्टी का रुख स्पष्ट किया। उन्होंने कहा, “पहलगाम के मुद्दे पर कांग्रेस पार्टी पूरी तरह से सरकार के साथ है। हम राष्ट्रीय सुरक्षा के सवाल पर एकजुट हैं और इस तरह की घटनाओं की कड़ी निंदा करते हैं।”
हालांकि, साइबर सुरक्षा से संबंधित एक सवाल पर उन्होंने टिप्पणी करने से इनकार करते हुए कहा, “मैं साइबर सुरक्षा विशेषज्ञ नहीं हूं, इसलिए इस पर कोई टिप्पणी नहीं करूंगा।”
कांग्रेस नेता ने अंत में सरकार से अपील की कि जनगणना को एक राष्ट्रीय प्राथमिकता के रूप में लिया जाए और इसे लागू करने में किसी तरह की देरी न हो। उन्होंने कहा कि यह फैसला सामाजिक न्याय और समावेशी विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित हो सकता है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए।
महाराष्ट्र
WAVES समिट 2025 में ग्लोबल स्टोरीटेलिंग पर एकता आर कपूर ने की खुलकर बात

मुंबई: हाल ही में WAVES समिट 2025 में नजर आईं एमी अवॉर्ड विनर और भारत की जानी-मानी प्रोड्यूसर एकता आर कपूर ने ग्लोबल स्टोरीटेलिंग को लेकर कुछ बेहद दिलचस्प बातें साझा कीं। उन्होंने बताया कि कैसे भारतीय ड्रामा और सीरियल फॉर्मेट अब सिर्फ देश तक सीमित नहीं रह गए हैं, बल्कि इंटरनेशनल मार्केट में भी अपनी मजबूत पकड़ बनाते जा रहे हैं।
जब एकता कपूर से पूछा गया कि टीवी और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट का इतना बड़ा साम्राज्य खड़ा करने के बाद वो ग्लोबल स्टोरीटेलिंग को कैसे देखती हैं, तो उन्होंने हमेशा की तरह बेबाक अंदाज़ में जवाब देते हुए कहा, “कहानी कहने का तरीका बस ऐसा होना चाहिए जो सीधे दिल से जुड़े।”
एकता कपूर ने जोर देते हुए कहा कि आज की ऑडियंस दुनियाभर की कहानियों को अपना रही है, चाहे वो कोरियन हों, तुर्की, अमेरिकी, स्पैनिश या यूरोपियन। उन्होंने कहा, “ग्लोबल प्लेटफॉर्म्स और नेटवर्क्स ने ये साबित कर दिया है कि अब भाषा कोई रुकावट नहीं रही। लोग कहानियों को डबिंग की वजह से एंजॉय करते हैं, असल में उन्हें कहानी से जुड़ाव होता है।” उन्होंने यह भी बताया कि आज के दौर में कंटेंट की दुनिया में भाषा की दीवार अब मायने नहीं रखती।
भारत की समृद्ध कहानियों की विरासत की ओर ध्यान खींचते हुए एकता कपूर ने कहा, “हमारे पास सबसे पुरानी और सबसे लंबी कहानी कहने की परंपरा है। और ये हमारी असली पूंजी है, ये हमेशा से हमारी करेंसी रही है।” उन्होंने माना कि अब तक कुछ व्यावहारिक अड़चनें रही हैं, जिन्होंने भारतीय कंटेंट को दुनिया भर में तेज़ी से फैलने से रोका, लेकिन अब हालात बदल रहे हैं और उन्हें उम्मीद है कि भारतीय कहानियों का दौर अब ग्लोबली शुरू हो चुका है।
एकता कपूर ने भारतीय फिल्म इंडस्ट्री की ग्लोबल पहचान की ओर इशारा करते हुए कहा, “अब हम वहां तक पहुंच रहे हैं”। हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि अब हमें सिर्फ जातीय कहानियों से बाहर निकलने की जरूरत है। “अब यह नॉन-एथनिक यानी पारंपरिक कहानियों से हटकर होनी चाहिए। मुझे लगता है कि हम एक अहम मोड़ पर खड़े हैं।”
कपूर ने अपनी बात खत्म करते हुए दर्शकों का धन्यवाद किया और एक साफ संदेश दिया: भारतीय कंटेंट अब ऐसी कहानियां दिखाए जो हर इंसान के दिल तक पहुंचें, बॉर्डर और सबटाइटल से परे। इसी बीच, वह अपनी अगली प्रोडक्शन “VVAN – फोर्स ऑफ द फॉरेस्ट” के लिए तैयार हो रही हैं, जिसमें सिद्धार्थ मल्होत्रा लीड रोल में हैं।
दुर्घटना
‘स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की मदद कर रहा’, शिरगांव हादसे पर पीएम मोदी ने जताया दुख

नई दिल्ली, 3 मई। गोवा के शिरगांव में लैराई देवी जात्रा के दौरान मची भगदड़ में 5 से ज्यादा लोगों की मौत और 30 से अधिक लोगों के घायल होने की घटना ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दुखद घटना पर गहरा शोक व्यक्त किया है।
प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट जारी कर लिखा,”गोवा के शिरगांव में भगदड़ के कारण हुई मौतों से दुखी हूं। अपने प्रियजनों को खोने वालों के प्रति संवेदना। घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं। स्थानीय प्रशासन प्रभावित लोगों की सहायता कर रहा है: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी”
इससे पहले, गोवा के मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत ने एक्स पोस्ट में लिखा, “आज सुबह शिरगांव के लैराई जात्रा में हुई दुखद भगदड़ से मैं बहुत दुखी हूं। मैं घायलों से मिलने अस्पताल गया और प्रभावित परिवारों को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया। मैं व्यक्तिगत रूप से स्थिति की निगरानी कर रहा हूं ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हर आवश्यक उपाय किए जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुझसे बात की और स्थिति का विस्तृत जायजा लिया, इस कठिन समय में अपना पूरा समर्थन देने की पेशकश की।”
बता दें, यह घटना शनिवार तड़के हुई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार घटना के पीछे भीड़भाड़ एक बड़ा कारण हो सकता है। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, भीड़ के एक हिस्से के नियंत्रण खो देने के बाद स्थिति और बिगड़ गई। स्थानीय लोगों और मंदिर के स्वयंसेवकों ने लोगों को सुरक्षित निकालने के लिए दौड़ लगाई।
यह भगदड़ उस समय हुई जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर में सदियों पुरानी रस्म को देखने और उसमें भाग लेने के लिए उमड़े थे, जहां आस्थावान नंगे पैर जलते अंगारों पर चलते हैं। भगदड़ तब हुई जब धार्मिक यात्रा के एक बिंदु पर ढलान के कारण भीड़ एक साथ तेजी से आगे बढ़ने लगी।
राष्ट्रीय समाचार
सुप्रीम कोर्ट ने छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर लगाई रोक

नई दिल्ली, 2 मई। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को छह कथित पाकिस्तानी नागरिकों को वापस भेजने पर रोक लगा दी है। याचिकाकर्ता का दावा है कि वे भारतीय हैं। उनके पास भारतीय नागरिकता को प्रमाणित करने वाले कई दस्तावेज मौजूद हैं, जिनमें भारतीय पासपोर्ट, आधार कार्ड शामिल है।
याचिकाकर्ता के वकील नंदकिशोर इस प्रकरण के बारे में जानकारी देते हुए बताते हैं कि यह बहुत ही हैरान करने वाली बात है। एक व्यक्ति मूल रूप से हिंदुस्तानी है, उसके पास खुद को हिंदुस्तानी साबित करने के लिए अनेकों दस्तावेज हैं। इसके बावजूद, उसे पाकिस्तान जाने के लिए कह दिया जाता है। नोटिस भेज दिया गया।
याचिकाकर्ता ने अपने वकील के माध्यम से बताया कि हमारे परिवार में कुल छह सदस्य हैं। इनमें से दो बेटे बेंगलुरु में काम करते हैं। इसके अलावा, परिवार में माता, पिता, भाई और बहन हैं।
याचिकाकर्ता ने बताया कि जब हमें पाकिस्तान के लिए नोटिस आया, तो हम हतप्रभ हो गए। यही नहीं, हमें गाड़ी में बैठाकर अटारी बॉर्डर तक ले जाया गया और कहा गया कि हम देश छोड़ दें, जबकि हम हिंदुस्तानी हैं।
वकील और याचिकाकर्ता की दलीलें सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत की अगुवाई वाली पीठ ने सरकारी अधिकारियों को भारतीय नागरिकता की वैधता के बारे में दस्तावेजों की जांच करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा है कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं लेते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी। साथ ही याचिकाकर्ता को न्यायालय ने निर्देश दिया कि जब तक सरकारी अधिकारी उचित निर्णय नहीं करते, तब तक परिवार के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी।
बता दें कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाए। इसमें सिंधु जल समझौते को निलंबित करना, पाकिस्तानी नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश देना और राजनयिक संबंधों में कटौती करना शामिल है।
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