अपराध
नागपुर हिंसा : पुलिस ने कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते हुए 10 इलाकों में कर्फ्यू लगाया

नागपुर, 18 मार्च। महाराष्ट्र के नागपुर में दो समूहों के बीच हुई हिंसक झड़प के बाद दस पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगा दिया गया है। अधिकारियों ने मंगलवार को इस बारे में जानकारी दी।
कोतवाली, गणेशपेठ, लकड़गंज, पचपावली, शांतिनगर, सक्करदरा, नंदनवन, इमामबाड़ा, यशोधरा नगर और कपिल नगर पुलिस थाना क्षेत्रों में कर्फ्यू लगाया गया है।
नागपुर के पुलिस आयुक्त डॉ. रविंदर कुमार सिंघल ने एक आदेश जारी करते हुए कहा कि यह कर्फ्यू आधी रात से लागू हो गया है और अगले आदेश तक जारी रहेगा।
पुलिस को प्रभावित इलाकों में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सड़कें बंद करने का अधिकार दिया गया है। कर्फ्यू का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति पर भारतीय दंड संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस आयुक्त ने कहा, “फिलहाल स्थिति शांत है। एक फोटो को जलाया गया, जिसके बाद लोग इकट्ठा हो गए। हमने इस भीड़ को तितर-बितर करने की कोशिश की और इस संबंध में कार्रवाई की है। आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।”
पुलिस ने नागरिकों से शांति बनाए रखने और कानून व्यवस्था में सहयोग करने की अपील की है।
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, उन्होंने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया और अब तक पथराव, तोड़फोड़ और पुलिस तथा दमकल कर्मियों पर हमले में शामिल 50 लोगों को हिरासत में लिया है। पुलिस, एसआरपीएफ और आरएएफ के जवानों की एक बड़ी टीम को तैनात किया गया है। पुलिस उपायुक्त समेत एक दर्जन से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं।
स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने लोगों से पुलिस का सहयोग करने की अपील की है और कानून-व्यवस्था तथा शांति बनाए रखने की सलाह दी है। उन्होंने नागपुर के नागरिकों से अफवाहों पर विश्वास न करने और कानून अपने हाथ में न लेने की भी अपील की है।
मुख्यमंत्री ने कहा, “नागपुर एक शांतिप्रिय शहर है, जहां लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। ऐसे में अफवाहों पर विश्वास न करें और प्रशासन का सहयोग करें।”
उन्होंने आगे कहा, “महल इलाके में जो हुआ, वह गलत था। भीड़ का इकट्ठा होना और पत्थरबाजी करना अनुचित है। मैं नागपुर के सभी नागरिकों से कानून और व्यवस्था का पालन करने का अनुरोध करता हूं। यह शहर सद्भाव में रहने वाला है, इसलिए शांति भंग करने की कोई वजह नहीं होनी चाहिए। मैं खुद स्थिति पर ध्यान रख रहा हूं।”
मुख्यमंत्री ने यह भी कहा, “मैंने नागपुर के पुलिस कमिश्नर से कहा है कि हिंसा में शामिल लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।”
उन्होंने चेतावनी दी, “अगर कोई पुलिस पर हमला करता है, तो इसे गंभीरता से लिया जाएगा। इसलिए सभी से शांति बनाए रखने का अनुरोध करता हूं।”
इस बीच, विपक्ष ने सोमवार को शहर में हुई हिंसक झड़पों को लेकर राज्य सरकार की आलोचना की है। शिवसेना यूबीटी विधायक आदित्य ठाकरे ने अपने एक्स हैंडल पर लिखा, “राज्य की कानून-व्यवस्था पहले से कहीं ज्यादा बिगड़ी हुई है। मुख्यमंत्री और गृह मंत्री का गृह नगर नागपुर भी इस समस्या का सामना कर रहा है।”
अपराध
हरदोई : जिला महिला अस्पताल से चोरी हुए नवजात को पुलिस ने कुछ ही घंटे में किया बरामद

हरदोई, 26 जून। हरदोई के जिला महिला चिकित्सालय से चोरी हुए एक नवजात शिशु को बरामद कर लिया गया है। इस मामले में एक महिला को भी गिरफ्तार किया गया है, जो एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है।
यह घटना गुरुवार देर रात करीब तीन बजे की है। जानकारी के अनुसार, हरदोई के बिल्हारी हरियावां निवासी शिवाकांत दीक्षित की पत्नी निधि दीक्षित ने बीते 19 जून को एक बेटे को जन्म दिया था। बच्चे की डिलीवरी होने के बाद जच्चा-बच्चा को अस्पताल की पहली मंजिल के 36 नंबर वार्ड के बेड संख्या 9 पर शिफ्ट कर दिया गया था।
गुरुवार देर रात को शिशु को उसकी नानी के पास सुलाया गया था। इसी दौरान एक मास्क पहने अज्ञात महिला वहां पहुंची और मौका पाकर बच्चे को लेकर फरार हो गई। जब नानी ने कुछ देर बाद देखा तो बच्चा वहां नहीं था, जिसके बाद पूरे अस्पताल में हड़कंप मच गया और उन्होंने इसकी जानकारी पुलिस को दी। परिजनों की सूचना पर अस्पताल पहुंची कोतवाली पुलिस ने बच्चे की तलाश शुरू की और कुछ घंटों के अंदर ही बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया।
हरदोई के पुलिस अधीक्षक (एसपी) नीरज कुमार जादौन ने बताया कि गुरुवार सुबह सूचना मिली थी कि करीब 6 दिन का एक बच्चा गायब हो गया है। हमारे सीओ सिटी अंकित मिश्रा ने तत्काल इसका संज्ञान लिया और पुलिस टीम ने बच्चे को बरामद कर लिया। बच्चे को चोरी करने वाली महिला को गिरफ्तार किया गया है। महिला एक प्राइवेट अस्पताल में काम करती है और उससे पुलिस पूछताछ कर रही है कि आखिर उसने बच्चे को क्यों चुराया है। साथ ही यह भी पूछा जा रहा है कि वह बच्चे के साथ क्या करना चाहती थी। हर एंगल से पुलिस जांच कर रही है।
बच्चे के पिता, शिवाकांत दीक्षित, ने मीडिया से बात करते हुए बताया कि मैंने 18 जून को अपनी पत्नी को अस्पताल में भर्ती कराया था और 19 जून को मेरी पत्नी ने बच्चे को जन्म दिया था। गुरुवार देर रात करीब 2 से 3 बजे के बीच में मेरे बच्चे को चुरा लिया गया था। हालांकि, पुलिस की मदद से बच्चे को बरामद किया गया है। मैं पुलिस अधीक्षक और पुलिस का आभार व्यक्त करता हूं, जिनकी वजह से मेरा बच्चा मिल पाया।
अपराध
बाबा सिद्दीकी मर्डर केस में बड़ा मोड़: सूत्रों का कहना है कि जीशान अख्तर को बिश्नोई गैंग के ऑपरेटिव आकाश चौहान ने भर्ती किया और उसका ब्रेनवॉश किया

मुंबई: एनसीपी (अजीत पवार गुट) के नेता बाबा सिद्दीकी की हाई-प्रोफाइल हत्या मामले में एक बड़ा खुलासा करते हुए, मुंबई क्राइम ब्रांच के सूत्रों ने पुष्टि की है कि कनाडा में हिरासत में लिए गए जीशान अख्तर का शुरू में बिश्नोई गिरोह से कोई संबंध नहीं था। अनमोल बिश्नोई के कहने पर बिश्नोई सिंडिकेट के एक प्रमुख कार्यकर्ता आकाश चौहान ने कथित तौर पर उसे भर्ती किया और उसका ब्रेनवॉश किया।
जांचकर्ताओं के अनुसार, जीशान पहले पंजाब के प्रतिद्वंद्वी बंबीहा गिरोह से जुड़ा था और उसे एक भरोसेमंद हत्यारा माना जाता था। सूत्रों का दावा है कि आकाश चौहान – जो वर्तमान में फरीदकोट जेल में बंद है – ने जालंधर जेल से जीशान की रिहाई सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और उसे लाखों रुपये के भुगतान का वादा करके बिश्नोई गिरोह में शामिल होने के लिए राजी किया।
निर्णायक मोड़ तब आया जब बिश्नोई सिंडिकेट ने बाबा सिद्दीकी को खत्म करने का फैसला किया। पटियाला जेल से अनमोल बिश्नोई के निर्देश पर काम करते हुए आकाश चौहान ने जीशान को संभावित भर्ती के रूप में पहचाना। इसके बाद चौहान ने जीशान की जमानत का इंतजाम किया और 7 जून को रिहा होने के बाद जीशान ने सीधे चौहान से मुलाकात की।
सूत्रों के अनुसार, इस मीटिंग के दौरान ही जीशान को हत्या की साजिश में शामिल होने के लिए राजी किया गया। चौहान के निर्देश पर जीशान ने शूटर गुरमेल सिंह को भर्ती किया और उसे मुंबई भेज दिया। इसके बाद जीशान ने योजना को अंजाम देने में मदद के लिए एक अन्य वांछित आरोपी शुभम लोनकर से संपर्क किया।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी अब आकाश चौहान को इस मामले में आरोपी बनाने की तैयारी कर रहे हैं और पूछताछ के लिए उसे पंजाब से मुंबई भेजने की प्रक्रिया शुरू कर रहे हैं। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि चौहान का बिश्नोई सिंडिकेट से पुराना संबंध है और उसने पहले भी कई कॉन्ट्रैक्ट किलिंग में भूमिका निभाई है।
इस बीच, जीशान अख्तर को कनाडा से भारत वापस लाने के प्रयास जोरों पर हैं, मुंबई क्राइम ब्रांच सीबीआई और अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। जांचकर्ताओं का मानना है कि जीशान से पूछताछ से आने वाले दिनों में और भी कई बड़े खुलासे हो सकते हैं।
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
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