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सपाट खुला भारतीय शेयर बाजार, सेंसेक्स 73,600 स्तर से ऊपर
मुंबई, 6 मार्च। मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच गुरुवार को भारतीय बेंचमार्क सूचकांक लगभग सपाट खुले, क्योंकि शुरुआती कारोबार में आईटी और एफएमसीजी सेक्टरों में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.33 बजे सेंसेक्स 58.07 अंक या 0.0.08 प्रतिशत की गिरावट के साथ 73,672.16 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 12.65 अंक या 0.06 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,324.65 पर था।
निफ्टी बैंक 205.85 अंक या 0.42 प्रतिशत की बढ़त के साथ 48,695.80 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 481.35 अंक या 0.98 प्रतिशत की बढ़त के साथ 49,649.70 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 128.30 अंक या 0.92 प्रतिशत की बढ़त के साथ 15,429.35 पर था।
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, सकारात्मक शुरुआत के बाद निफ्टी को 22,200, 22,100 और 22,000 पर सपोर्ट मिल सकता है। हाईर साइड पर, 22,450 और उसके बाद 22,550 और 22,700 पर तत्काल रेजिस्टेंस हो सकता है।
आरबीआई 12 मार्च और 18 मार्च को 50,000 करोड़ रुपये की दो ओपन मार्केट ऑपरेशन खरीद और 24 मार्च को 36 महीने की अवधि के लिए 10 बिलियन डॉलर की यूएसडी/आईएनआर खरीद/बिक्री स्वैप नीलामी आयोजित करेगा। इससे सिस्टम में अधिक तरलता आएगी।
एचडीएफसी सिक्योरिटीज में प्राइम रिसर्च के प्रमुख देवर्ष वकील ने कहा, “निफ्टी 6 फरवरी, 2025 के बाद पहली बार अपने 5-डे एक्सपोनेंशियल मूविंग एवरेज (ईएमए) से ऊपर बंद हुआ, जो संभावित रूप से शॉर्ट टर्म में मंदी से तेजी में बदलाव की प्रवृत्ति का संकेत देता है।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में टाटा मोटर्स, एशियन पेंट्स, जोमैटो, टाटा स्टील, इंडसइंड बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईसीआईसीआई बैंक, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, टीसीएस और बजाज फिनसर्व टॉप गेनर्स थे। वहीं, कोटक महिंद्रा बैंक, पावरग्रिड, इंफोसिस और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप लूजर्स थे।
अमेरिकी बाजारों में पिछले कारोबारी सत्र में, डॉव जोन्स 1.14 प्रतिशत बढ़कर 43,006.59 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.12 प्रतिशत बढ़कर 5,842.63 पर और नैस्डैक 1.46 प्रतिशत बढ़कर 18,552.73 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में, केवल बैंकॉक लाल निशान पर कारोबार कर रहा था। जबकि चीन, जापान, सियोल, जकार्ता और हांगकांग हरे निशान पर कारोबार कर रहे थे।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने 5 मार्च को दसवें दिन अपनी बिकवाली जारी रखी और 2,895.04 करोड़ रुपये के शेयर बेचे। हालांकि, घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने भी 20वें दिन अपनी खरीद को बढ़ाया और उसी दिन 3,370.60 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
व्यापार
बीएसई ने निवेशकों को फर्जी निवेश सलाह से बचने की चेतावनी दी

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मुबंई, 18 दिसंबर: बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने गुरुवार को निवेशकों को चेतावनी दी है कि वह सोशल मीडिया, व्हाट्सऐप और फोन कॉल के जरिए आ रहे अनजान निवेश संदेशों से सावधान रहें।
एक्सचेंज ने बताया कि कुछ लोग ‘ए-1 लिमिटेड’ नाम की कंपनी में सोशल मीडिया पर निवेश करने की सलाह दे रहे हैं। ऐसे लोगों से सावधान रहें।
बीएसई ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि निवेशक ऐसी किसी भी सलाह पर भरोसा न करें जो व्हाट्सऐप, टेलीग्राम, एसएमएस, कॉल या अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी जा रही हो। ऐसी सलाह देने वाले लोग न तो बीएसई से जुड़े हैं और न ही उन्हें निवेश की अनुमति है। निवेशकों को ऐसे लोगों के झांसे में आने से बचना चाहिए।
देश के सबसे पुराने स्टॉक एक्सचेंज ने निवेशकों को यह भी चेतावनी दी कि सोशल मीडिया पर ज्यादा या गारंटीड रिटर्न देने के दावे अकसर झूठे होते हैं। यूट्यूब, टेलीग्राम, व्हाट्सऐप, इंस्टाग्राम और एक्स (पहले ट्विटर) जैसे प्लेटफॉर्म पर कई लोग ऐसे दावे करते हैं, जिससे निवेशक ठगे जा सकते हैं।
इससे पहले नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने भी निवेशकों को पांच लोगों — कृष्णम राजू, प्रतिबान, पूजा शर्मा, अमन और एम अमित — के बारे में चेतावनी दी थी। एनएसई के अनुसार, यह लोग यूट्यूब चैनलों और सोशल मीडिया के जरिए निवेश की अनधिकृत सलाह दे रहे थे।
एनएसई ने बताया कि यह लोग निवेशकों से उनका लॉगिन आईडी और पासवर्ड मांगते थे और गारंटीड रिटर्न का दावा करते थे। ये लोग ‘प्रॉफिट ट्रेडिंग’, ‘ट्रेड रूम ऑफिशियल’ और ‘प्रॉफिट मैक्सिमाइजर्स’ जैसे यूट्यूब चैनलों के जरिए काम कर रहे थे और गैरकानूनी तरीके से ट्रेडिंग कराते थे।
एनएसई ने निवेशकों को सलाह दी कि शेयर बाजार में किसी भी ऐसे व्यक्ति या योजना पर भरोसा न करें जो स्टॉक मार्केट में सुनिश्चित रिटर्न का वादा करे, क्योंकि ऐसा करना कानून के खिलाफ है।
व्यापार
सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट, जानें मार्केट में आज की कीमत

मुंबई, 18 दिसंबर: घरेलू वायदा बाजार में गुरुवार सुबह सोने और चांदी की कीमतों में गिरावट देखी गई। यह गिरावट हाल में आई रैली के बाद आई है, जिसमें इन कीमती धातुओं की कीमतें रिकॉर्ड ऊंचाइयों तक पहुंच गई थीं। निवेशकों ने अब प्रॉफिट बुकिंग शुरू कर दी, जिससे इनकी कीमतों में गिरावट देखने को मिली।
गोल्ड और सिल्वर की कीमतों पर अमेरिकी डॉलर की हल्की बढ़ोतरी और अमेरिका के महंगाई डाटा के पहले की सतर्कता का असर पड़ा।
आज के शुरुआती कारोबार में एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज) पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट वाला गोल्ड 0.20 प्रतिशत की गिरावट के साथ 1,34,619 रुपए प्रति 10 ग्राम पर ट्रेड करते नजर आया।
मार्केट एक्सपर्ट्स के अनुसार, गोल्ड को 1,33,850 से 1,33,110 रुपए के बीच सपोर्ट मिल रहा है, जबकि रेजिस्टेंस लेवल 1,35,350 से 1,35,970 रुपए के बीच है। वहीं, सिल्वर के लिए सपोर्ट 2,05,650 से 2,03,280 रुपए के बीच है, जबकि रेजिस्टेंस लेवल 2,08,810 से 2,10,270 रुपए के बीच है।
पिछले सत्र में गोल्ड और सिल्वर की कीमतों में काफी बढ़ोतरी हुई थी। बुधवार को एमसीएक्स पर फरवरी कॉन्ट्रैक्ट्स वाला गोल्ड 0.36 प्रतिशत की तेजी के साथ 1,34,894 रुपए प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ, तो वहीं सिल्वर की कीमत 2,07,435 रुपए प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई, जिसमें 4.9 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इस दौरान सिल्वर ने 2,07,833 रुपए तक की रिकॉर्ड ऊंचाई भी छुई।
अब निवेशक अमेरिका के नवंबर महीने के कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (सीपीआई) डाटा का इंतजार कर रहे हैं, जो गुरुवार को जारी होगा। इसके अलावा शुक्रवार को पर्सनल कंजम्पशन एक्सपेंडिचर (पीसीई) डाटा भी आएगा, जो महंगाई की दर को मापेगा। ये आंकड़े भविष्य में अमेरिका के फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में बदलाव के उम्मीदों को प्रभावित कर सकते हैं।
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर महंगाई के आंंकड़े बाजार की उम्मीदों से कम आते हैं तो सोने की कीमतों में और बढ़ोतरी हो सकती है। कम महंगाई का मतलब है कि अमेरिका के फेडरल रिजर्व की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जो सोने के लिए अच्छा साबित हो सकता है।
नवंबर में अमेरिका में बेरोजगारी दर बढ़कर 4.6 प्रतिशत हो गई थी, जो सितंबर 2021 के बाद सबसे ज्यादा है। इससे इस बात की अटकलें तेज हो गई हैं कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व जनवरी में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की कटौती कर सकता है।
इसके अलावा, निवेशक शुक्रवार को जापान के केंद्रीय बैंक द्वारा की जाने वाली नीति बैठक पर भी नजर बनाए हुए हैं।
उम्मीद की जा रही है कि जापान अपना बेंचमार्क ब्याज दर 30 वर्षों में सबसे ज्यादा बढ़ा सकता है, जिससे वैश्विक वित्तीय बाजारों में उतार-चढ़ाव हो सकता है और इसका असर सोने और चांदी की कीमतों पर भी पड़ सकता है।
राष्ट्रीय समाचार
यूपीआई पेमेंट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, एक्टिव क्यूआर कोड की संख्या बढ़कर हुई 70.9 करोड़

UPI
मुंबई, 18 दिसंबर: भारत में डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है और अब रोजमर्रा की खरीदारी में खासकर दुकानों पर लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। जुलाई से सितंबर के बीच यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) माध्यम से 59.33 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 33.5 प्रतिशत ज्यादा है।
इस अवधि में कुल 74.84 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत ज्यादा है। यह वृद्धि देश में डिजिटल पेमेंट्स के तेजी से बढ़ने को दिखाता है।
वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब 70.9 करोड़ सक्रिय यूपीआई क्यूआर कोड हो गए हैं। यह संख्या जुलाई, 2024 से अब तक 21 प्रतिशत बढ़ी है। इन क्यूआर कोड्स का इस्तेमाल अब किराना दुकानों, दवाइयों की दुकानों, बस-रेलवे स्टेशनों और गांवों तक पहुंच चुका है। इ
इस रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई का इस्तेमाल अब दुकानों पर भुगतान (पीटूएम– पर्सन टू मर्चेंट) के लिए ज्यादा हो रहा है। दुकानों पर होने वाले लेन-देन में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो कि 37.46 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गई है। लोगों के बीच होने वाले लेन-देन (पीटूपी– पर्सन टू पर्सन) में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो कि 21.65 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गई है।
हालांकि अगर हम एक ट्रांजैक्शन की औसत रकम देखें तो वह घटकर 1,262 रुपए रह गई है, जो पहले 1,363 रुपए थी। इसका मतलब यह है कि लोग अब यूपीआई का ज्यादा इस्तेमाल छोटी-मोटी खरीदारी जैसे खाना, यात्रा, दवाइयां और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की संख्या भी बढ़ी है। ये मशीनें अब 35 प्रतिशत बढ़कर 12.12 मिलियन हो गई हैं। हालांकि, भारत क्यूआर की संख्या में थोड़ी कमी आई है, क्योंकि लोग अब यूपीआई क्यूआर कोड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन में भी बदलाव आया है। क्रेडिट कार्ड से लेन-देन में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि डेबिट कार्ड से लेन-देन में 22 प्रतिशत की कमी आई है, क्योंकि लोग अब छोटी रकम के लेन-देन के लिए यूपीआई का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
मोबाइल और टैप आधारित पेमेंट्स भी तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर शहरों में और मेट्रो, टैक्सी जैसी सेवाओं में लोग अब बिना कार्ड स्वाइप किए मोबाइल से पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
आने वाले समय में भारत में यूपीआई का इस्तेमाल और भी बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार 2025 के अंत और 2026 की शुरुआत में इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को आम इस्तेमाल में लाया जाएगा, जिससे लोग पेट्रोल पंप, अस्पतालों, सार्वजनिक सेवाओं और यात्रा जैसे स्थानों पर एक ही क्यूआर कोड से पेमेंट कर सकेंगे।
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