राजनीति
कर्नाटक होम बोर्ड के अधिकारी शिवानंद केंबावी के आवास पर लोकायुक्त की छापेमारी

बंगलौर, 6 मार्च। कर्नाटक में लोकायुक्त ने गुरुवार सुबह विजयपुरा शहर में एक बड़े छापे की कार्रवाई को अंजाम दिया। ये छापा होम बोर्ड के एफडीए अधिकारी के ठिकानों पर मारा गया। मामला आय से अधिक की संपत्ति का बताया जा रहा है।
आय से अधिक संपत्ति रखने के आरोप में लोकायुक्त पुलिस ने कर्नाटक होम बोर्ड (केएचबी) के एफडीए अधिकारी शिवानंद केंबावी के आवास और फार्म हाउस पर छापा मारा है।
यह छापा विजयपुरा शहर के सुकून कॉलोनी स्थित आवास और विजयपुरा तालुक के थिडागुंडी गांव में स्थित फार्म हाउस पर भी मारा गया।दस्तावेजों की जांच शुरू कर दी गई है और आय से संबंधित सबूत जुटाने के लिए तलाशी अभियान जारी है।
लोकायुक्त एसपी डी मल्लेश के नेतृत्व में डीएसपी सुरेश रेड्डी, सीपीआई आनंद तक्कन्नावारा और अन्य कर्मचारियों की टीम ने इस छापेमारी का संचालन किया।
अधिकारियों का कहना है कि यह कार्रवाई आय से अधिक संपत्ति के मामले में प्रारंभिक जांच का हिस्सा है और आय से संबंधित दस्तावेजों की गहन जांच की जा रही है।
यह छापा कर्नाटक होम बोर्ड के उच्च अधिकारियों और सरकारी कर्मचारियों के खिलाफ बढ़ती जांचों का हिस्सा माना जा रहा है।
कर्नाटक लोकायुक्त ने जनवरी 2025 में भी छापेमारी की बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया था। तब आठ सरकारी अधिकारियों से जुड़े ठिकानों पर रेड डाली गई थी। जिन अधिकारियों के यहां छापेमारी की गई थी उन पर भी आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप लगे हैं। इनमें से एक बेंगलूरु की परिवहन संयुक्त आयुक्त शोभा भी शामिल थीं।
महाराष्ट्र
पहलगाम आतंकी हमला, मुंबई पुलिस अलर्ट सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट वायरल, सांप्रदायिक तत्वों पर पुलिस की नजर

मुंबई: पहलगाम आतंकी हमले के बाद मुंबई भी हाई अलर्ट पर है। मुंबई शहर में विशेष सुरक्षा व्यवस्था के साथ महत्वपूर्ण स्थानों, प्रतिष्ठानों और धार्मिक स्थलों पर सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। सभी जोनल डीसीपी और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों को सतर्क रहने के आदेश जारी किए गए हैं। साथ ही गश्ती दलों की गश्त भी बढ़ा दी गई है। मुंबई शहर में कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मुंबई पुलिस पूरी तरह तैयार और सतर्क है। शरारती तत्वों पर भी नजर रखी जा रही है। इसके अलावा मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसलकर ने सभी वरिष्ठ अधिकारियों को सतर्क रहने और अपने निर्वाचन क्षेत्रों पर नजर रखने का भी आदेश दिया है।
मुसलमानों ने भी पहलगाम आतंकवादी हमलों की निंदा की है, साथ ही इस कायराना हमले को खुफिया विफलता बताया है क्योंकि जिस समय आतंकवादियों ने इस हमले को अंजाम दिया, वहां कोई सुरक्षा बल या जवान मौजूद नहीं था। अनुच्छेद 370 हटने के बाद पहलगाम में यह सबसे बड़ा आतंकी हमला है, इसलिए पहलगाम हमले के बाद मुंबई पुलिस भी अलर्ट पर है। इसके अलावा पूरे महाराष्ट्र में अलर्ट जारी कर दिया गया है। पुलिस जिला स्तर पर स्थिति की समीक्षा कर रही है।
इस हमले के बाद मुंबई पुलिस के साथ-साथ महाराष्ट्र पुलिस ने भी सोशल मीडिया पर निगरानी शुरू कर दी है। हमले को लेकर विवादित पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं और इस हमले को लेकर सोशल मीडिया पर समाज के एक वर्ग को निशाना बनाने की कोशिश की गई है और नफरत भरा माहौल बनाने का सिलसिला लंबा चला है। मुंबई शहर में सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है, इसके साथ ही सोशल मीडिया भी ऐसे विवादित पोस्ट पर कार्रवाई कर रहा है। जिस तरह पहलगाम में आतंकवादियों ने एक विशिष्ट समुदाय को निशाना बनाया और उनका धर्म पूछकर उनकी हत्या भी कर दी, उसी तरह सोशल मीडिया पर भी नफरत भरा माहौल बनाने की कोशिशें आम हो गई हैं। सांप्रदायिक तत्व इस हमले को एक विशिष्ट समुदाय और इस्लाम धर्म से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं। इस संबंध में मुंबई पुलिस और एजेंसियां भी सांप्रदायिक तत्वों पर नजर रख रही हैं।
राष्ट्रीय समाचार
पहलगाम हमला : सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

श्रीनगर, 23 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 26 नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।
सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है।
ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।
सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे।
सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।
हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।
कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।
सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी।
चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।
हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति।
जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।
राष्ट्रीय समाचार
एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख से अधिक दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 165 लाख हो गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि को दिखाता है।
वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सितंबर 2024 में शुरू की गई ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना के तहत 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को रजिस्टर किया गया है। यह योजना विशेष रूप से नाबालिगों के लिए डिजाइन की गई है।
एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दोनों के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2024-25 के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 14.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।
पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि एनपीएस भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरा है, जिसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष है और एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 8.4 करोड़ है।
मोहंती ने कहा कि पेंशन सिस्टम का ध्यान कवरेज को बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर बना हुआ है।
उन्होंने आगे कहा कि ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए। वृद्ध आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इसमें नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है।
1 अप्रैल से लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के अपने औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर एक निश्चित पेंशन के लिए पात्र हैं।
सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपीएस की शुरुआत की। यह स्कीम खासकर उन लोगों के लिए लाई गई है, जो बाजार से जुड़ी पेंशन के बजाय एक स्थिर और अनुमानित आय पसंद करते हैं।
जिन कर्मचारियों ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, उन्हें प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।
पेंशनभोगी की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।
वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास यूपीएस में स्विच करने का विकल्प होगा।
इस योजना को हाइब्रिड मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस दोनों की विशेषताएं शामिल हैं।
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