अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिकी संसद में डोनाल्ड ट्रंप ने पढ़ा यूक्रेनी राष्ट्रपति का पत्र

वाशिंगटन, 5 मार्च। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मंगलवार को कांग्रेस की संयुक्त बैठक में अमेरिकी सांसदों से कहा कि वह यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने के लिए ‘अथक प्रयास’ कर रहे हैं। उन्होंने दावा किया कि मॉस्को और कीव युद्ध खत्म करना चाहते हैं।
ट्रंप ने इस दौरान यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की का एक पत्र पढ़ा। पत्र में जेलेंस्की ने कहा कि वह शांति लाने के लिए अमेरिकी राष्ट्रपति के नेतृत्व में काम करने के इच्छुक हैं।
ट्रंप ने लगभग दो घंटे तक कांग्रेस को संबोधित किया और पदभार ग्रहण करने के दो महीनों में अपने प्रशासन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला। उन्होंने आव्रजन, अर्थव्यवस्था, व्यापार, स्वास्थ्य, शिक्षा और कानून व्यवस्था पर कार्यकारी कार्रवाइयों पर विस्तार से बात की।
अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा, “मैं यूक्रेन में भीषण संघर्ष को समाप्त करने के लिए भी अथक प्रयास कर रहा हूं। इस भीषण और क्रूर संघर्ष में लाखों यूक्रेनियन और रूसी बेवजह मारे गए या घायल हुए हैं, जिसका कोई अंत नज़र नहीं आ रहा है।’
ट्रंप ने यूक्रेन को मिलने वाली अमेरिकी मदद का जिक्र करते हुए कहा, “अमेरिका ने यूक्रेन की रक्षा के लिए सैकड़ों अरब डॉलर भेजे हैं। इस बीच, यूरोप ने यूक्रेन की रक्षा पर जितना खर्च किया है, उससे कहीं अधिक पैसा रूसी तेल और गैस खरीदने में खर्च किया! और बाइडेन ने इस लड़ाई में यूरोप की ओर से खर्च किए गए पैसे से ज्यादा धन दिया है।”
राष्ट्रपति ट्रंप ने एक पत्र भी पढ़ा। उन्होंने कहा, “मुझे यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की से एक महत्वपूर्ण पत्र मिला है। पत्र में लिखा है, यूक्रेन स्थायी शांति लाने के लिए जल्द से जल्द बातचीत की मेज पर आने के लिए तैयार है। यूक्रेन के लोगों से ज़्यादा कोई भी शांति नहीं चाहता है।”
पत्र पढ़ते हुए ट्रंप ने कहा, “उन्होंने (जेलेंस्की ने) कहा, मेरी टीम और मैं स्थायी शांति के लिए राष्ट्रपति ट्रंप के मजबूत नेतृत्व में काम करने के लिए तैयार हैं। हम वास्तव में इस बात की सराहना करते हैं कि अमेरिका ने खनिजों और सुरक्षा पर समझौते के संबंध में यूक्रेन की संप्रभुता और स्वतंत्रता को बनाए रखने में कितनी मदद की है, यूक्रेन किसी भी समय इस पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार है जो आपके लिए सुविधाजनक हो।”
ट्रंप ने कहा, “मैं सराहना करता हूं कि उन्होंने यह पत्र भेजा।”
बता दें पिछले शुक्रवार को राष्ट्रपति ट्रंप और उप-राष्ट्रपति जे डी वेंस के साथ जेलेंस्की की ओवल ऑफिस में हुई विस्फोटक बहस को पूरी दुनिया ने देखा था। यूक्रेनी राष्ट्रपति का यह पत्र उस तनाव को कम करने की एक कोशिश लगता है।
अमेरिकी नेता ने आगे कहा, “इसके साथ ही, हमने रूस के साथ गंभीर चर्चा की है और हमें इस बात के मजबूत संकेत मिले हैं कि वे शांति के लिए तैयार हैं। क्या यह सुंदर नहीं होगा?”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
दक्षिण सूडान की सेना ने नासिर काउंटी पर फिर से कब्जा किया

जुबा, 22 अप्रैल। दक्षिण सूडान पीपुल्स डिफेंस फोर्सेज (एसएसपीडीएफ) ने अपर नाइल के नासिर काउंटी पर फिर से कब्जा कर लिया है। इस शहर को उसने मार्च में व्हाइट आर्मी मिलिशिया के साथ भीषण लड़ाई के बाद खो दिया था।
मीडिया के अनुसार, एसएसपीडीएफ के प्रवक्ता लुल रुआई कोआंग ने रविवार को एक बयान में पुष्टि की कि नासिर के प्रमुख कस्बे पर फिर से कब्जा करना उन सैनिकों के लिए सबसे बड़ा उपहार है, जिन्होंने इसकी रक्षा और पुनः कब्जे के दौरान अपनी जान गंवाई।
मार्च में नासिर में दक्षिण सूडान की सेना और व्हाइट आर्मी के बीच भीषण लड़ाई छिड़ गई थी। व्हाइट आर्मी एक मिलिशिया है, जिसके बारे में सरकार का दावा है कि वह विपक्षी सूडान पीपुल्स लिबरेशन मूवमेंट-इन-ओपोजिशन से जुड़ी हुई है।
एसएसपीडीएफ की हालिया घोषणा पड़ोसी उलांग काउंटी के मुख्यालय पर नियंत्रण का दावा करने के कुछ दिनों बाद आई, जो व्हाइट आर्मी के साथ एक सप्ताह की लड़ाई के बाद हुआ।
इससे पहले अप्रैल में संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी ने दक्षिण सूडान के अपर नील राज्य में लड़ाई के बाद नागरिकों की सुरक्षा और निर्बाध मानवीय पहुंच सुनिश्चित करने के लिए तेजी से तनाव कम करने का आह्वान किया था, जिसमें मार्च से अब तक 180 से अधिक लोग मारे गए थे।
दक्षिण सूडान के लिए संयुक्त राष्ट्र मानवीय समन्वयक अनीता किकी गेबेहो ने दक्षिण सूडान की राजधानी जुबा में जारी एक बयान में कहा कि सशस्त्र झड़पों और हवाई बमबारी में 250 से अधिक लोग घायल हुए हैं और लगभग 125,000 लोग विस्थापित हुए हैं।
मीडिया के अनुसार, गेबेहो ने यह भी कहा कि 4 मार्च से शुरू हुई हिंसा में चार मानवीय कार्यकर्ता मारे गए हैं। लूटपाट और विनाश के कारण छह स्वास्थ्य सुविधाओं को बंद करना पड़ा है।
गेबेहो ने कहा, “हिंसा में यह नई बढ़ोतरी जरूर रुकनी चाहिए। यह हिंसा ऐसे समय में हुई है जब मानवीय सहायता के लिए धन कम होता जा रहा है और न केवल ऊपरी नील नदी में, बल्कि पूरे दक्षिण सूडान में तत्काल आवश्यकताएं बढ़ रही हैं। आज, देश भर में 9.3 मिलियन लोगों को सहायता की जरूरत है।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
म्यांमार की मदद के लिए चीन की भूकंप राहत सामग्री की सातवीं खेप यांगून पहुंची

बीजिंग, 21 अप्रैल। चीन सरकार द्वारा म्यांमार को प्रदान की गई आपातकालीन मानवीय भूकंप राहत सामग्री की सातवीं खेप यांगून अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर पहुंची।
सामग्री की इस खेप में मुख्य रूप से आपातकालीन दवाएं शामिल हैं, जिनमें एमोक्सिसिलिन कैप्सूल के 8 लाख बक्से, एसिटामिनोफेन मैनिटोल इंजेक्शन की 1 लाख 22 हजार बोतलें, सेफुरॉक्साइम कैप्सूल के 2 लाख 25 हजार बक्से, इबुप्रोफेन गोलियों की 4 लाख 80 हजार बोतलें आदि 95 टन की दवाएं शामिल हैं।
म्यांमार में आए शक्तिशाली भूकंप के बाद, चीन सरकार ने म्यांमार को आपातकालीन मानवीय राहत सहायता प्रदान करने की तुरंत घोषणा की। चीन ने तुरंत ही बचाव दल भेजे, राहत सामग्री पहुंचाई और भूकंप राहत व लोगों की जान बचाने में म्यांमार की सहायता करने के लिए हर संभव प्रयास किया।
चीन इस बार के भूकंप प्रभावित क्षेत्रों के लिए सहायता की घोषणा करने वाला पहला देश है, बचाव दल भेजने वाला पहला देश है, भूकंप से बचे लोगों को बचाने वाला पहला देश और सबसे अधिक संख्या में बचाव दल व पेशेवर बचावकर्ता भेजने वाला देश भी है। चीन को म्यांमार के सभी वर्गों और अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से व्यापक प्रशंसा मिली है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
गाजा सिविल डिफेंस का दावा, ‘ इजरायली हवाई हमलों में 45 फिलीस्तीनी मारे गए’

गाजा, 19 अप्रैल। गाजा पट्टी में शुक्रवार को हुए इजरायली हवाई हमलों में करीब 45 फिलीस्तीनी मारे गए और दर्जनों अन्य घायल हो गए। यह जानकारी गाजा की सिविल डिफेंस ने दी।
सिविल डिफेंस प्रवक्ता महमूद बसल ने बताया कि दक्षिणी शहर खान यूनिस में बरका परिवार के घर पर हुए एक हवाई हमले में 10 लोगों की जान चली गई। इसके अलावा एक बार्बर शॉप पर हुए हमले में छह लोग मारे गए, जिनमें दो बच्चे और एक महिला शामिल हैं।
खान यूनिस में अन्य स्थानों पर हुए हवाई हमलों में आठ और लोग मारे गए, जबकि दक्षिणी रफाह शहर में दो लोगों की जान चली गई। वहीं उत्तरी गाजा के तल अल-जातार इलाके में मकदाद परिवार के घर पर हुए हमले में 13 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हुए। गाजा सिटी में दो बेघर कैंपों पर हुए हमलों में छह और लोगों की मौत हुई।
सिविल डिफेंस ने चेतावनी दी है कि ईंधन की कमी के कारण आने वाले दिनों में उनकी आपात सेवाएं बंद हो सकती हैं। उन्होंने बताया कि इजरायल की ओर से मानवीय सहायता और ईंधन की आपूर्ति पर प्रतिबंध लगाया जा रहा है, जिससे राहत कार्यों में मुश्किलें आ रही हैं।
गाजा के अल-त्वाम इलाके में विस्थापित नागरिकों के टेंट पर हुए एक और हमले में दो फिलीस्तीनी मारे गए और छह घायल हो गए। वहीं जबालिया में नागरिकों के एक समूह को निशाना बनाकर किए गए हमले में एक युवक की मौत हो गई।
इजरायली सेना (आईडीएफ) ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि उन्हें खुफिया जानकारी के आधार पर गाजा में आतंकवादी संगठनों के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। बयान में कहा गया कि इजरायली वायु सेना ने गाजा में लगभग 40 लक्ष्यों पर हमला किया, जिनमें आतंकियों के ठिकाने, सैन्य ढांचे और हथियारों के गोदाम शामिल थे।
पूर्वी गाजा सिटी के शुजैया और जैतून इलाकों में भी भारी बमबारी और हवाई हमले हुए, जिसमें कई रिहायशी इमारतें तबाह हो गईं।
पिछले गुरुवार को भी इजरायली सेना ने गाजा पट्टी में ड्रोन, हवाई और तोपों से हमले किए थे, जिसमें 45 फिलीस्तीनी मारे गए थे। यह जानकारी वहां के मेडिकल स्टाफ, सिविल डिफेंस और प्रत्यक्षदर्शियों ने दी थी।
अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इस संघर्ष में अब तक 51,000 से अधिक फिलीस्तीनी मारे जा चुके हैं, जिनमें बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।
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