राजनीति
लोकतंत्र के लिए विपक्ष जरूरी, महाराष्ट्र को जल्द मिले नेता प्रतिपक्ष : सुप्रिया सुले
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मुंबई, 1 मार्च। एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने शनिवार को कहा कि मजबूत लोकतंत्र के लिए विपक्ष का होना बहुत जरूरी है। उन्होंने मीडिया से बातचीत में कहा, ”देश हो या राज्य, मेरा मानना है कि मजबूत लोकतंत्र के लिए विपक्ष का रहना बेहद ही जरूरी है।”
सुप्रिया सुले ने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि महाराष्ट्र में फडणवीस सरकार बड़ा दिल दिखाते हुए विपक्ष को नेता प्रतिपक्ष चुनने का मौका देगी। उन्होंने कहा कि महा विकास अघाड़ी (एमवीए) में विरोधी नेता कौन होगा, यह तीनों पार्टी के नेता आपस में चर्चा कर नाम तय करेंगे, लेकिन राज्य सरकार को हमारे गठबंधन को मौका देना चाहिए।
इस दौरान सांसद सुप्रिया सुले ने नई शिक्षा नीति पर तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन के बयान पर भी जवाब दिया। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टॉलिन अपने तमिल भाषा के लिए स्टैंड ले रहे हैं। इस देश के हर राज्य की अपनी-अपनी भाषा है, जिसका सम्मान होना चाहिए। इसलिए मेरा कहना है कि कोई भी भाषा किसी राज्य पर नहीं थोपनी चाहिए।
वहीं, जेएनयू के वीसी की जवाहरलाल नेहरू और इतिहास पर टिप्पणी को लेकर सुप्रिया सुले ने कोई जवाब नहीं दिया। जब उनसे इस संबंध में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कुछ भी बोलने से इनकार करते हुए कहा, ”मुझे उनके बयान की जानकारी नही है। पहले उनका पूरा बयान सुनूंगी, फिर उस पर प्रतिक्रिया दूंगी।”
मीडिया से बातचीत में सांसद सुप्रिया सुले ने महाराष्ट्र के स्कूलों को लेकर कहा कि हम महाराष्ट्र में कोई भी मराठी या अन्य स्कूलों को बंद नहीं होने देंगे। उन्होंने महाराष्ट्र सरकार से कहा कि अगर राज्य सरकार ने ऐसा किया, तो हम सड़क पर उतरकर आंदोलन करेंगे।
वहीं, शेयर मार्केट में लगातार गिरावट को लेकर सुप्रिया सुले ने कहा कि मैंने पहले भी कहा था और कहीं पर भी कुछ भी हो रहा है तो उसका प्रभाव भारत पर पड़ रहा है। ये साफतौर पर दिख रहा है।
उन्होंने कहा कि इससे निपटने के लिए भारत सरकार को सोच-समझकर कुछ अच्छे कदम उठाने चाहिए।
अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।
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मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।
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इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
राजनीति
दिल्ली में 15 साल से पुराने वाहनों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल
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नई दिल्ली, 1 मार्च। दिल्ली सरकार ने प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। आगामी 1 अप्रैल से 15 साल पुराने वाहनों को पेट्रोल और डीजल की बिक्री पर रोक लग जाएगी। पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने शनिवार को यह आदेश जारी किया।
आदेश के तहत, 15 साल से अधिक पुराने वाहनों को दिल्ली में पेट्रोल या डीजल खरीदने की अनुमति नहीं होगी। इसका उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में वायु प्रदूषण की समस्या को नियंत्रित करना है। यह आदेश इस साल 1 अप्रैल से लागू होगा।
सरकार ने साफ कर दिया है कि 15 साल से पुराने वाहनों को अगर सड़कों पर चलाते पकड़ा गया, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी। यह फैसला प्रदूषण नियंत्रण के लिए एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इस कदम से वायु गुणवत्ता में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि प्रदूषण नियंत्रण में यह कितना प्रभावी होता है, यह फैसला लागू होने के बाद ही पता चल सकेगा।
उल्लेखनीय है कि दिल्ली-एनसीआर में 0 साल पुराने डीजल वाहनों और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों के उपयोग पर पहले से प्रतिबंध है, लेकिन इसके उल्लंघन के मामले अक्सर सामने आते रहते हैं।
दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु प्रदूषण एक गंभीर समस्या बनी हुई है। खासकर सर्दियों के मौसम में वायु गुणवत्ता बेहद खराब स्तर तक पहुंच जाती है। इसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत होती है और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। वायु प्रदूषण से निपटने के लिए सरकार समय-समय पर जरूरी कदम उठाती रहती है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
अमेरिका के टैरिफ बढ़ाकर दबाव डालने का उल्टा परिणाम होगा : चीनी विदेश मंत्रालय
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बीजिंग, 1 मार्च। चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लिन च्येन ने प्रेस वार्ता में अमेरिका द्वारा चीनी मालों पर और 10 प्रतिशत अतिरिक्त कर लगाने के सवाल के जवाब में कहा कि अमेरिका फेंटेनल सवाल के बहाने से टैरिफ बढ़ाने का दबाव डालकर अपनी चिंता नहीं सुलझाएगा। इसके विपरीत, मादक पदार्थ निषेध क्षेत्र में दोनों पक्षों के वार्तालाप और सहयोग बाधित होगा।
लिन च्येन ने कहा कि चीन इसके प्रति जबरदस्त असंतुष्ट है और इसका डटकर विरोध करता है। चीन अपने न्यायपूर्ण हितों की सुरक्षा के लिए सभी जरूरी कदम उठाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि अमेरिका द्वारा एकतरफा तौर पर अतिरिक्त कर लगाना विश्व व्यापार संगठन के नियमों का गंभीर उल्लंघन है और दोनों देशों तथा पूरे विश्व के हितों को नुकसान पहुंचाता है। चीन विश्व में सबसे कड़े मादक पदार्थ पाबंदी नीति अपनाता है। फेंटेनल अमेरिका का सवाल है। मानवतावादी भावना के तहत चीन ने इस मुद्दे पर अमेरिका की सहायता की। चीन ने अमेरिका के साथ इस संदर्भ में व्यापक सहयोग किया और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की, जो सर्वविदित है।
प्रवक्ता ने कहा कि दबाव डालना, मजबूर करना और धमकाना चीन के साथ बर्ताव करने का सही तरीका नहीं है। पारस्परिक सम्मान बुनियादी पूर्व शर्त है। हम अमेरिका से गलती ठीक कर समानतापूर्ण सलाह-मशवरे के सही रास्ते पर लौटने का अनुरोध करते हैं।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय और सार्वजनिक सुरक्षा मंत्रालय ने भी अमेरिका द्वारा चीनी माल के प्रति और 10 प्रतिशत अतिरिक्त टैरिफ लगाने की धमकी देने पर बयान जारी किया। उन्होंने अमेरिका की कार्रवाई का डटकर विरोध किया और अमेरिका से मतभेद सुलझाने के सही रास्ते पर लौटने का आग्रह किया।
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