राजनीति
भीड़ के चलते प्रयागराज स्टेशन पर लागू किया गया कलर कोडिंग सिस्टम : सीपीआरओ
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प्रयागराज, 17 फरवरी: महाकुंभ में आस्था की डुबकी लगाने के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार बढ़ती जा रही है। सभी प्रमुख स्नान पर्व समाप्त हो चुके हैं, लेकिन प्रयागराज आने वालों की संख्या में कोई कमी नहीं आई है। प्रयागराज जंक्शन समेत प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर भीड़ कम होने का नाम नहीं ले रही है। इस बीच, उत्तर मध्य रेलवे ने भीड़ प्रबंधन के लिए विशेष योजना लागू की है।
उत्तर मध्य रेलवे, प्रयागराज मंडल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शशिकांत त्रिपाठी ने कहा कि सभी वीआईपी प्रोटोकॉल रोक दिए गए हैं और रेस्ट हाउस की एडवांस बुकिंग भी बंद कर दी गई है। रेलवे ने अपनी सबसे कारगर योजना कलर कोडिंग सिस्टम को फिर से लागू कर दिया है। इसके तहत यात्रियों को उनके टिकट के रंग के आधार पर अलग-अलग यात्री आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है। रेलवे ने प्रयागराज जंक्शन, प्रयागराज छिवकी और नैनी स्टेशन पर अलग-अलग दिशाओं में जाने वाले यात्रियों के लिए लाल, नीला, पीला और हरा रंग कोडिंग की व्यवस्था की है। यात्रियों को उनके टिकट के रंग के अनुसार सही प्लेटफार्म तक पहुंचाया जा रहा है ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि महाकुंभ का पवित्र स्नान पर्व चल रहा है, हालांकि, मुख्य स्नान पर्व समाप्त हो चुके हैं और अब सिर्फ महाशिवरात्रि का स्नान पर्व बचा है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। रेलवे ने भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रयागराज जंक्शन पर सिंगल साइड एंट्री और एग्जिट की व्यवस्था की है, जिससे भीड़ को नियंत्रित किया जा सके।
भीड़ बढ़ने पर यात्रियों को खुसरो बाग में ठहराया जाता है और जब यात्री आश्रय स्थल खाली होते हैं, तो उन्हें वहां से गाइड करके प्लेटफार्म तक लाया जाता है। यात्रियों को प्लेटफार्म पर तभी भेजा जाता है जब उनके गंतव्य की ट्रेन वहां खड़ी होती है। महाकुंभ के दौरान सिर्फ उत्तर मध्य रेलवे ने 134 मेला स्पेशल ट्रेनों का संचालन किया, जबकि उत्तर रेलवे और पूर्वोत्तर रेलवे को मिलाकर 179 मेला स्पेशल ट्रेनें चलाई गईं। 15 फरवरी को कुल मिलाकर 388 ट्रेनों का संचालन किया गया।
प्रयागराज संगम रेलवे स्टेशन, जो मेला क्षेत्र के सबसे करीब है, को सुरक्षा कारणों से पहले से ही बंद कर दिया गया है। स्टेशन का सर्कुलेटिंग एरिया छोटा होने के कारण वहां भीड़ बहुत ज्यादा हो जाती है और अव्यवस्था फैल सकती है। प्रशासन ने इसे बंद करने की मांग की थी, जिसे रेलवे ने स्वीकार कर लिया। संगम स्टेशन के बंद होने से श्रद्धालुओं को अन्य स्टेशनों का रुख करना पड़ रहा है, जिससे वहां भीड़ और ज्यादा बढ़ गई है। शहर में सड़कों पर भी यातायात पूरी तरह प्रभावित हो गया है, शटल बसों में चढ़ने के लिए यात्रियों के बीच धक्का-मुक्की हो रही है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
बांग्लादेश में अराजकता जारी, बीएनपी नेता की पीट-पीटकर हत्या
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ढाका, 22 फरवरी। बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के नेता मोहम्मद बाबुल मिया की शुक्रवार दोपहर को बेरहमी से पीट-पीटकर हत्या कर दी गई। इस घटना ने एक बार फिर मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार को सवालों के घेरे में ला दिया जिस पर अराजकता को नियंत्रित करने में नाकाम रहने के आरोप लगते रहे हैं।
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना शुक्रवार दोपहर को ढाका के धामराई उपजिला में घटित हुई।
बाबुल की पत्नी यास्मीन बेगम ने कहा, “हमलावरों ने उन्हें डंडों और एसएस पाइपों से पीटा, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। उनकी दोनों आंखें भी फोड़ दीं। जब मैंने और कुछ स्थानीय लोगों ने बीच-बचाव करने और तो उन्होंने हमें रोक दिया। उनके बेहोश हो जाने के बाद ही वे वहां से गए।”
बताया जा रहा है कि बाबुल पर उस समय लोगों के एक समूह ने हमला किया जब वह और उसकी पत्नी अक्षिरनगर हाउसिंग के पास सरसों की कटाई कर रहे थे। उनकी पत्नी ने बताया कि रियल एस्टेट के कारोबार अक्षिरनगर हाउसिंग को लेकर ग्रामीणों के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था।
कुछ अन्य लोगों का दावा है कि मृतक बाबुल का हमलावरों के साथ तालाब के स्वामित्व को लेकर विवाद था, जो उनकी हत्या का कारण हो सकता है।
बाबुल को अस्पताल ले जाया गया, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। डॉक्टरों ने बताया कि उसे सिर, आंख, चेहरे और पैरों में गंभीर चोटों के साथ अस्पताल लाया गया था।
इलाके के प्रभारी पुलिस अधिकारी ने बताया कि जांच के अनुसार, बाबुल की हत्या किसी विवाद के चलते की गई है। हत्या में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
हाल ही में बीएनपी के शीर्ष नेता शम्सुज्जमां दुदु ने अंतरिम सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा था, “अंतरिम सरकार के तहत कार्यकर्ताओं और राजनीतिक दलों के नेताओं की हत्या की गई है। दोषियों को बिना देरी के कानून के दायरे में लाया जाना चाहिए। अन्यथा लोगों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं में असंतोष बढ़ेगा।”
इस हिंसक घटना ने दक्षिण एशियाई देश में आक्रोश पैदा कर दिया है, कई लोगों ने यूनुस के इस्तीफे की मांग की है क्योंकि ऐसी घटनाओं की संख्या लगातार बढ़ रही है।
राजनीति
मेरठ में 168 साल पुरानी मस्जिद को प्रशासन ने किया ध्वस्त, बताया सहमति से हटाया गया
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मेरठ, 22 फरवरी। मेरठ में 168 साल पुरानी एक ऐतिहासिक मस्जिद को प्रशासन ने आधी रात को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया। यह मस्जिद दिल्ली रोड पर सर्विस लेन पर स्थित थी और मेट्रो तथा रैपिड रेल कॉरिडोर के बीच में आ रही थी।
बता दें कि दो दिन पहले इस मस्जिद का बिजली कनेक्शन काट दिया गया था। इसके बाद मुस्लिम पक्ष ने स्वयं मस्जिद को हटाने का प्रयास किया और हथौड़े चलाकर कुछ हिस्सों को तोड़ा। इसके बाद शुक्रवार की देर रात प्रशासन ने बुलडोजर लगाकर पूरी मस्जिद को गिरा दिया और तुरंत मलबा भी हटा दिया गया। इसके बाद मेट्रो के काम के लिए जगह हो गई।
यह मस्जिद दिल्ली रोड पर जगदीश मंडप के पास स्थित थी और लंबे समय से वहां मौजूद थी। प्रशासन का कहना है कि निर्माण कार्य में बाधा बनने के कारण इसे हटाने का निर्णय लिया गया। वहीं, स्थानीय लोगों का कहना है कि वे इसके बदले नई जगह पर मस्जिद और उचित मुआवजा चाहते थे, लेकिन बिना उनकी मांग पूरी किए इसे हटा दिया गया।
घटनास्थल पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। पुलिस बल की भारी तैनाती के बीच बुलडोजर से मस्जिद को गिराया गया। मस्जिद ध्वस्त किए जाने की खबर के बाद इलाके में माहौल तनावपूर्ण हो गया, लेकिन पुलिस और प्रशासन हालात पर नजर बनाए हुए हैं।
इस मामले में प्रशासन ने स्पष्ट किया कि यह कार्रवाई सहमति के आधार पर हुई है और इसके पीछे कोई अन्य कारण नहीं है। दूसरी ओर, मुस्लिम पक्ष ने प्रशासन से नई मस्जिद के लिए जगह देने और मुआवजा देने की मांग दोहराई है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
चीन में मिला नया बैट कोरोनावायरस, इंसानों में फैलने की आशंका
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बीजिंग, 22 फरवरी। चीनी वैज्ञानिकों की एक टीम ने चमगादड़ में एक नया कोरोना वायरस, एचकेयू5-सीओवी-2, खोजा है, जो इंसानों को संक्रमित कर सकता है। इस टीम का नेतृत्व प्रसिद्ध वैज्ञानिक शी झेंगली कर रही हैं, जिन्हें “बैटवुमन” कहा जाता है क्योंकि उन्होंने कोरोनावायरस पर बहुत शोध किया है। इस खोज ने जानवरों से इंसानों में फैलने वाली एक और संभावित वायरस बीमारी के खतरे के प्रति चिंता को बढ़ा दिया है।
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट के अनुसार, शोधकर्ताओं ने पाया कि एचकेयू5-सीओवी-2 वायरस इंसानों के एसीई2 रिसेप्टर से जुड़ सकता है। यही वह रिसेप्टर है, जिससे कोविड-19 फैलाने वाला एसएआरएस-सीओवी-2 वायरस शरीर में प्रवेश करता है।
इस समानता के कारण यह आशंका है कि यह वायरस इंसानों में फैल सकता है, लेकिन इसका वास्तविक प्रभाव जानने के लिए अभी और शोध की जरूरत है।
एचकेयू5-सीओवी-2 मेरबेकोवायरस उपश्रेणी का हिस्सा है, जिसमें एमईआरएस-सीओवी वायरस भी आता है। यही वायरस मीडिल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम फैलाने का कारण बना था।
न्यूजवीक में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, यह नया वायरस इंसानों के एसीई2 रिसेप्टर से बेहतर तरीके से जुड़ने की क्षमता रखता है। प्रयोगशाला में किए गए परीक्षणों में यह वायरस इंसानों की कोशिकाओं और अंगों में संक्रमण फैलाने में सफल रहा, जिससे इसके खतरनाक होने की आशंका और बढ़ गई है।
इस अध्ययन में कहा गया है कि चमगादड़ से फैलने वाले मेरबेकोवायरस इंसानों तक सीधे या किसी अन्य जीव के माध्यम से पहुंच सकते हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि यह वायरस इंसानों में बीमारी फैलाने की कितनी संभावना रखता है, यह अभी स्पष्ट नहीं है और इसके लिए आगे शोध जरूरी है।
चीन लगातार इस दावे को नकारता रहा है कि कोविड-19 किसी प्रयोगशाला से लीक हुआ था, लेकिन वुहान वायरस संस्थान अभी भी जांच के दायरे में है। एचकेयू5-सीओवी-2 की खोज इस बात को और पुख्ता करती है कि चमगादड़ों में पाए जाने वाले कोरोनावायरस पर नजर रखना बेहद जरूरी है, क्योंकि वे भविष्य में इंसानों के लिए बड़ा खतरा बन सकते हैं।
फिलहाल यह स्पष्ट नहीं है कि एचकेयू5-सीओवी-2 वायरस तुरंत कोई बड़ा खतरा पैदा करेगा या नहीं, लेकिन वैज्ञानिकों का कहना है कि हमें सतर्क रहने और भविष्य में ऐसी महामारियों को रोकने के लिए तैयार रहने की जरूरत है।
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