अपराध
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक प्रबंधक पर 122 करोड़ के गबन का आरोप, कार्यवाहक सीईओ ने दी शिकायत
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मुंबई, 15 फरवरी। आरबीआई द्वारा न्यू इंडिया कॉरपोरेटिव बैंक लिमिटेड से निकासी पर प्रतिबंध लगाने के बाद बैंक के महाप्रबंधक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई। मुंबई के दादर पुलिस स्टेशन में शनिवार को बैंक के कार्यवाहक मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवर्षि शिशिर कुमार घोष ने महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके सहयोगियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई है।
देवर्षि शिशिर कुमार घोष की ओर से दर्ज कराई गई एफआईआर में आरोप है कि महाप्रबंधक हितेश मेहता और उनके कुछ सहयोगियों ने आपराधिक षड्यंत्र रचकर बैंक में 122 करोड़ रुपए का गबन किया। महाप्रबंधक ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए अपने साथियों के साथ मिलकर यह घोटाला किया।
शिकायतकर्ता देवर्षि शिशिर कुमार घोष, जो वर्तमान में बैंक के कार्यवाहक सीईओ के तौर पर कार्यरत हैं, उन्होंने शुक्रवार को इस मामले की तहरीर दी। एफआईआर में आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 316(5) और 61(2) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
इस मामले की जांच अब मुंबई की इकनॉमिक ऑफेंस विंग (ईओडब्ल्यू) को सौंपी गई है। इस जांच को डीसीपी मंगेश शिंदे के नेतृत्व में उनकी विशेष टीम द्वारा देखा जाएगा। डीसीपी मंगेश शिंदे बैंकिंग मामलों से संबंधित अपराधों की जांच करने के लिए जाने जाते हैं, और इस मामले में भी उनकी निगरानी में जांच आगे बढ़ेगी।
इन सब के बीच बैंक के घाटकोपर ब्रांच के बाहर शनिवार को लोगों की लंबी कतार देखी गई। बैंक के एक खाताधारक ने बताया कि शुक्रवार को बैंक से निकासी पर प्रतिबंध लगाने की खबर आई, जिसके बाद हम सब घबरा गए। लेकिन, आज घाटकोपर शाखा केवल बैंक के लॉकर से पैसे निकालने की अनुमति दे रही है।
बता दें कि शुक्रवार को रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) ने मुंबई के न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक पर प्रतिबंध लगा दिया है। आरबीआई का कहना है कि ये प्रतिबंध बैंक की स्थिति में सुधार होने तक लागू रहेंगे। इस प्रतिबंध के बाद खाताधारक अलग-अलग बैंक जाकर अपने खाते की जानकारी प्राप्त करते हुए नजर आ रहे हैं। दरअसल, इस पाबंदी के चलते बैंक ग्राहक अपने पैसे नहीं निकाल सकते। इसके अलावा, केंद्रीय बैंक ने नए लोन देने, पैसा जमा करने और फिक्स्ड डिपॉजिट पर भी रोक लगा दी है।
अपराध
मुंबई: मालवणी पुलिस ने पानी की बोतलों में ड्रग्स छुपाने के आरोप में 2 कॉलेज छात्रों को गिरफ्तार किया, ₹9.54 लाख मूल्य का नशीला पदार्थ जब्त किया
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मुंबई: मालवणी पुलिस ने दो कॉलेज छात्रों को गिरफ्तार किया है जो कथित तौर पर संशोधित स्टील की पानी की बोतलों में ड्रग्स छिपाकर बेच रहे थे। आरोपियों की पहचान विनीत सिंह, 19, और शिवेन पारकर, 19 के रूप में हुई है, जो मीरा रोड ईस्ट के निवासी हैं। उन्होंने कथित तौर पर पानी की बोतलों का उपयोग करके ड्रग्स बेची, बोतलों के नीचे ड्रग्स छिपाने के लिए एक छोटा सा डिब्बा बनाया।
पुलिस ने उन्हें स्वर्णदीप सोसायटी, बिल्डिंग नंबर 6, ओल्ड गोल्डन नेस्ट, मीरा रोड ईस्ट से गिरफ्तार किया। दोनों के खिलाफ एनडीपीएस (नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
सहायक पुलिस निरीक्षक नीलेश सालुंखे और उनकी टीम ने आरोपियों के मोबाइल फोन का इस्तेमाल करके उन्हें ट्रेस किया और 19 फरवरी को शाम करीब 7 बजे उन्हें गिरफ्तार कर लिया। आरोपियों के पास से बिक्री के लिए रखी गई नशीली दवाओं की एक बड़ी मात्रा बरामद की गई।
पुलिस ने 50,000 रुपये मूल्य के 4.7 ग्राम एमडीएमए एक्स्टसी, 3.69 लाख रुपये मूल्य के 73.9 ग्राम हाइड्रो गांजा, 2.25 लाख रुपये मूल्य के 45 ग्राम एलएसडी पेपर और 3.10 लाख रुपये मूल्य के 62 एलएसडी डॉट पेपर जब्त किए।
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मुंबई में डीआरआई ने छापेमारी कर नकली नोट छापने वाले गिरोह का किया पर्दाफाश, एक गिरफ्तार
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मुंबई, 21 फरवरी। डीआरआई ने मुंबई के विक्रोली इलाके में स्तिथ सुभाष नगर में बड़ी कार्रवाई की है। टीम ने झोपड़पट्टी में छापेमारी कर नकली नोट छापने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया है।
मुंबई पुलिस के अनुसार, सुभाष नगर में झोपड़पट्टी के एक रूम में नकली नोट छापे जा रहे थे। इस दौरान डीआरआई की टीम मौके पर पहुंची और व्यक्ति को हिरासत में लिया। टीम ने मौके से कंप्यूटर, प्रिंटिंग मशीन के अलावा 50 रुपये की 30 नकली करेंसी बरामद की गई है।
मुंबई के पार्क साइट थाने में कुलबीर लाल सिंह के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। गिरफ्तार आरोपी कुछ दिनों पहले इलाके में रहने आया था। इससे पहले वह मुंबई के पवई इलाके में रहता था।
बता दें कि इससे पहले जनवरी में मुंबई पुलिस ने नकली भारतीय नोट छापने और बेचने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था और इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार किया था। पुलिस ने आरोपियों के पास से 500 और 200 रुपये के नकली नोट भी बरामद किए थे।
जानकारी के अनुसार, मुंबई की भायखला पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ लोग 500 रुपये के नकली नोट बेचने के लिए भायखला इलाके में आ रहे हैं। इसके बाद पुलिस ने विशेष टीम बनाकर जाल बिछाया और इलाके से चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। उनके पास से 500 रुपये के सैकड़ों नकली नोट भी बरामद किए गए थे। इसके अलावा पुलिस ने लैपटॉप, प्रिंटर, लेमिनेशन मशीन और अन्य सामग्री भी जब्त की थी।
अपराध
झारखंड दसवीं बोर्ड की हिंदी और विज्ञान की परीक्षाएं रद्द, पेपर लीक के बाद फैसला
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रांची, 20 फरवरी। झारखंड एकेडमिक काउंसिल (जैक) ने दसवीं बोर्ड के विज्ञान और हिंदी के पेपर लीक की पुष्टि होने के बाद दोनों विषयों की परीक्षा रद्द कर दी है। हिंदी (कोर्स ए और बी) की परीक्षा 18 फरवरी को ली गई थी, जबकि विज्ञान की परीक्षा 20 फरवरी को पहली पाली में आयोजित की गई थी।
झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष के आदेश से सचिव की ओर से जारी सूचना में बताया गया है कि इन दोनों पत्रों की पुनर्परीक्षा की तिथियां बाद में घोषित की जाएंगी। 19 फरवरी को विज्ञान का प्रश्न पत्र वायरल हो रहा था। इसकी प्रतिलिपि लेकर छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने बुधवार को काउंसिल के पदाधिकारियों से मुलाकात की थी।
गुरुवार को सुबह 9.45 बजे जब परीक्षा शुरू हुई तो पेपर हू-ब-हू वही था, जो पहले से वायरल हो रहा था। इसकी जानकारी तत्काल राज्य सरकार को दी गई, जिसके बाद पेपर रद्द करने की प्रशासनिक कवायद चल रही है। काउंसिल के अध्यक्ष नटवा हांसदा ने कहा है कि पेपर कैसे लीक हुआ, इसकी जांच के लिए हाई लेवल कमेटी गठित की जाएगी।
पेपर लीक की जानकारी मिलने के बाद राज्य की मुख्य सचिव अलका तिवारी ने इस मुद्दे पर गुरुवार दोपहर हाई लेवल मीटिंग की। सरकार ने इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने का निर्णय लिया है। इसके पहले हिंदी का प्रश्न पत्र लीक होने की भी पुरजोर चर्चा थी।
छात्र नेता देवेंद्र नाथ महतो ने काउंसिल के सचिव को सौंपे गए एक ज्ञापन में भी इसकी जानकारी दी थी। हालांकि, उस वक्त काउंसिल ने आम सूचना जारी कर परीक्षार्थियों से प्रश्न पत्र वायरल होने की अफवाहों से दूर रहने की अपील की थी।
जैक सचिव की ओर से जारी नोटिस में कहा गया था कि अभ्यर्थियों को भ्रामक खबरों से बचना है। परिषद पूरी गोपनीयता और निष्पक्षता के साथ पारदर्शी तरीके से परीक्षा आयोजित करने के लिए प्रतिबद्ध है।
कहा गया था कि प्रश्न पत्र लीक होने की भ्रामक खबरें फैलाकर असामाजिक तत्व छात्रों और अभिभावकों का आर्थिक शोषण करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने ऐसी किसी भी खबर की पुष्टि के लिए जैक की आधिकारिक वेबसाइट को देखने की सलाह दी थी।
राज्य में दसवीं की परीक्षा 11 फरवरी से शुरू हुई है। इसके लिए राज्य भर में 1,297 केंद्र बनाए गए हैं, जहां कुल 4,33,890 छात्र-छात्राएं परीक्षा में शामिल हो रहे हैं।
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