राजनीति
अरविंद केजरीवाल के घर पहुंची एसीबी, 15 करोड़ के दावे की करेगी जांच

नई दिल्ली, 7 फरवरी। दिल्ली विधानसभा चुनाव के नतीजों से एक दिन पहले शुक्रवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सियासत गरमा गई है। आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के प्रत्याशियों के खरीदने के दावे के बाद अब मामले में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की एंट्री हो गई है। ‘आप’ के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के आवास पर शुक्रवार को एसीबी की टीम पहुंची है।
बताया जा रहा है कि एसीबी की तीन सदस्यीय टीम केजरीवाल के घर पर मौजूद है और वह उनसे 15 करोड़ के दावे को लेकर पूछताछ करेगी।
दरअसल, दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने गुरुवार को आरोप लगाया था कि उनके 16 उम्मीदवारों को अन्य पार्टी में शामिल होने के लिए फोन आया है और प्रत्येक को 15-15 करोड़ रुपए देने का ऑफर दिया गया है।
अरविंद केजरीवाल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “कुछ एजेंसियां दिखा रही हैं कि एक पार्टी की 55 से ज्यादा सीटें आ रही हैं। पिछले दो घंटे में हमारे 16 उम्मीदवारों के पास फोन आ गए हैं कि ‘आप’ छोड़कर उनकी पार्टी में आ जाओ, मंत्री बना देंगे और हरेक को 15-15 करोड़ देंगे। अगर इनकी पार्टी की 55 से ज्यादा सीटें आ रहीं हैं तो हमारे उम्मीदवारों को फोन करने की क्या जरूरत है?”
एसीबी के एक अधिकारी ने पुष्टि करते हुए बताया था कि भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने अरविंद केजरीवाल, संजय सिंह और मुकेश अहलावत के आवासों पर टीमें भेजी है।
इससे पहले शुक्रवार सुबह आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने सभी प्रत्याशियों को अपने घर चाय पर चर्चा के लिए बुलाया था।
बैठक खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद संदीप पाठक ने बताया कि सभी प्रत्याशियों के साथ एक बैठक की गई और लगातार भाजपा की तरफ से प्रत्याशियों को फोन आ रहे हैं। उन्हें पैसे देने का ऑफर किया जा रहा है और उन्हें तोड़ने की कोशिश हो रही है।
इसके अलावा आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार मुकेश अहलावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा था, “मैं मर जाऊंगा, कट जाऊंगा, लेकिन कभी अरविंद केजरीवाल का साथ नहीं छोडूंगा। उन्होंने अपनी पोस्ट में एक मोबाइल नंबर भी शेयर किया और कहा कि मुझे इस नंबर से फोन आया। उसने बोला कि उनकी सरकार बन रही है, मंत्री बना देंगे और 15 करोड़ रुपए भी देंगे। ‘आप’ छोड़ के आ जाओ। मैं इनको कहना चाहता हूं कि केजरीवाल ने और ‘आप’ पार्टी ने मुझे इज्जत दी है, मैं मरते दम तक अपनी पार्टी को नहीं छोड़ूंगा।”
मुकेश अहलावत की पोस्ट को दिल्ली की सीएम आतिशी ने रिपोस्ट करते हुए कहा, “अगर एक पार्टी की 50 से अधिक सीटें आ रही हैं, तो यह हमारे प्रत्याशियों को संपर्क करके तोड़ने की कोशिश क्यों कर रहे हैं? यह दिखा रहा है कि एग्जिट पोल आम आदमी पार्टी के विधायकों को तोड़ने की एक साजिश है।”
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज
अश्लील कंटेंट पर सरकार की बड़ी कार्रवाई, कई OTT प्लेटफॉर्म्स भारत में किए गए बंद

नई दिल्ली, 25 जुलाई 2025: केंद्र सरकार ने ओटीटी (OTT) प्लेटफॉर्म्स पर प्रसारित हो रहे अश्लील और आपत्तिजनक कंटेंट के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए ALTBalaji, ULLU सहित कई अन्य डिजिटल स्ट्रीमिंग सेवाओं को भारत में ब्लॉक करने का निर्णय लिया है। यह कदम नागरिकों और सामाजिक संगठनों की शिकायतों के बाद उठाया गया है।
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने आंतरिक जांच के बाद पाया कि ये प्लेटफॉर्म्स बार-बार अश्लील, अशोभनीय और समाज की सांस्कृतिक मर्यादाओं के विरुद्ध कंटेंट प्रसारित कर रहे थे, जो विशेष रूप से पारिवारिक माहौल और बच्चों के लिए अनुपयुक्त है।
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “यह रचनात्मक स्वतंत्रता पर हमला नहीं है, बल्कि डिजिटल कंटेंट को कानूनी और नैतिक दायरे में रखने का प्रयास है। हर प्लेटफॉर्म को तयशुदा दिशानिर्देशों का पालन करना होता है।”
सरकार ने पहले ही इन प्लेटफॉर्म्स को चेतावनी दी थी और कंटेंट को नियंत्रित करने के लिए आवश्यक कदम उठाने को कहा था। लेकिन कई वेब सीरीज और शोज़ में नग्नता, स्पष्ट यौन दृश्य और अश्लील संवादों को जारी रखा गया, जिसकी वजह से यह कार्रवाई की गई।
OTT प्लेटफॉर्म्स हाल के वर्षों में तेजी से लोकप्रिय हुए हैं, खासकर युवा दर्शकों के बीच, लेकिन पारंपरिक टीवी और फिल्मों की तरह इन पर नियमन पहले से कमजोर रहा है। सरकार ने पहले एक स्व-नियमन फ्रेमवर्क लागू किया था, मगर आलोचकों का मानना है कि उसका पालन सख्ती से नहीं हुआ।
इस फैसले के बाद डिजिटल मनोरंजन जगत में बहस छिड़ गई है — एक ओर रचनात्मक अभिव्यक्ति की आज़ादी की मांग उठ रही है, वहीं दूसरी ओर समाज में नैतिकता बनाए रखने की ज़रूरत पर जोर दिया जा रहा है।
फिलहाल, जिन प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध लगाया गया है वे भारत में एक्सेस नहीं किए जा सकते। मंत्रालय ने यह भी संकेत दिया है कि यदि अन्य ओटीटी प्लेटफॉर्म्स ने कंटेंट के नियमन को गंभीरता से नहीं लिया, तो आगे और कड़े कदम उठाए जा सकते हैं।
यह निर्णय भारत में डिजिटल कंटेंट के नियमन की दिशा में एक अहम मोड़ साबित हो सकता है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हमले जारी, दोनों पक्षों को भारी नुकसान

बैंकॉक, 25 जुलाई। थाईलैंड और कंबोडिया की सीमा पर हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। सीमा के कई इलाकों में लगातार झड़पें जारी हैं। रिपोर्टों के अनुसार, कंबोडियाई सेना ने भारी हथियारों, फील्ड आर्टिलरी और बीएम-21 रॉकेट सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए लगातार बमबारी की।
थाई सेना ने सामरिक स्थिति के अनुसार जवाबी कार्रवाई की और स्थानीय नागरिकों को झड़प वाले क्षेत्रों में न जाने की चेतावनी जारी की। नेशनल ब्रॉडकास्टिंग सर्विसेज ऑफ थाईलैंड ने सुरिन प्रांत के एक स्थानीय अधिकारी के हवाले से बताया कि शुक्रवार सुबह फिर से सीमा के पास तोपों की आवाजें सुनी गईं।
थाई स्वास्थ्य मंत्रालय के उप प्रवक्ता के अनुसार, गुरुवार रात 9 बजे तक थाईलैंड-कंबोडिया सीमा पर हुई सैन्य झड़पों में 14 थाई नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि 46 अन्य घायल हुए हैं।
वहीं, कंबोडिया के ओडर मीनचे प्रांत के डिप्टी गवर्नर मेट मियास फेकदी ने शिन्हुआ को बताया कि गुरुवार को थाई गोलाबारी में एक कंबोडियाई नागरिक की मौत हो गई और 5 अन्य घायल हुए हैं।
उन्होंने कहा, “सीमा के पास रहने वाले 2,900 से अधिक परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। शुक्रवार सुबह तक भी लड़ाई जारी है।”
कंबोडियाई रक्षा मंत्रालय की अंडरसेक्रेटरी और प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेटा ने शुक्रवार सुबह एक प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि थाई सेना ने ओडर मीनचे और प्रीआह विहेयर प्रांतों में कई स्थानों पर भारी हथियारों, एफ-16 लड़ाकू विमानों और क्लस्टर बमों का उपयोग किया।
इस संघर्ष ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चिंता में डाल दिया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों पक्षों से “अधिकतम संयम बरतने और बातचीत के माध्यम से समाधान निकालने” की अपील की है।
कंबोडिया के प्रधानमंत्री हुन मानेट ने संयुक्त राष्ट्र में आपातकालीन सत्र बुलाया, जो शुक्रवार को न्यूयॉर्क में बंद दरवाजों के पीछे आयोजित हुआ।
थाईलैंड ने कंबोडिया से लगती सभी भूमि सीमाओं को सील कर दिया है और अपने नागरिकों को कंबोडिया छोड़ने की सलाह दी है। थाईलैंड की सभी सात एयरलाइनों ने थाई नागरिकों की वापसी में मदद करने की पेशकश की है।
इस संघर्ष का असर थाईलैंड की आंतरिक राजनीति पर भी पड़ रहा है। प्रधानमंत्री पेटोंगटर्न शिनावात्रा को 1 जुलाई को नैतिकता जांच के चलते निलंबित कर दिया गया था। अब कार्यवाहक प्रधानमंत्री फुमथाम वेचायाचाई हालात की कमान संभाल रहे हैं। फुमथाम ने कंबोडिया को आक्रामकता से बाज आने की चेतावनी दी है।
महाराष्ट्र
मुंबई पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की, चोरी का सामान बरामद किया

मुंबई: मुंबई पुलिस ने चोरी का सामान, मोबाइल फ़ोन और इलेक्ट्रॉनिक उपकरण लौटाकर नागरिकों के चेहरों पर मुस्कान ला दी है। पुलिस ने मोबाइल फ़ोन जैसे चोरी हुए सामान लौटाए हैं जो नागरिक भूल गए थे। इसमें पुलिस ने 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। मुंबई पुलिस के ज़ोन 8 ने शिकायतकर्ताओं और नागरिकों को 1 करोड़ रुपये से ज़्यादा की चीज़ें लौटाई हैं। इनमें चोरी हुए मोबाइल फ़ोन भी शामिल हैं। खेरवाड़ी, बीकेसी, विले पार्ले, सहार, एयरपोर्ट समेत सात पुलिस थानों के अलावा, चोरी का सामान, सोने के आभूषण, मोबाइल फ़ोन, वाहन, लैपटॉप और इलेक्ट्रॉनिक गैजेट लौटाए गए हैं। इन चीज़ों की कुल कीमत 1.45 करोड़ रुपये बताई जा रही है। ये सभी चीज़ें उनके मालिकों को लौटा दी गईं, जिससे उनके चेहरों पर मुस्कान आ गई।
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