राजनीति
आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत आज से 10 दिवसीय बंगाल दौरे पर
कोलकाता, 6 फरवरी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के सरसंघचालक मोहन भागवत गुरुवार से पश्चिम बंगाल के दौरे पर रहेंगे। यहां वह संगठनात्मक मुद्दों और संगठन के भविष्य पर पदाधिकारियों संग विचार मंथन करेंगे।
नेताओं ने बताया कि कोलकाता में पहले पांच दिनों के दौरान भागवत आरएसएस नेताओं और स्थानीय लोगों संग बैठक करेंगे। बैठक में संगठन के ढांचे को मजबूत करने और इसकी परिचालन सफलता सुनिश्चित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
11 फरवरी को भागवत दक्षिण बंगाल के जिलों का दौरा फिर से शुरू करने से पहले एक ब्रेक लेंगे।
आरएसएस के एक नेता ने कहा, “भागवत बर्धमान सहित कई जिलों का दौरा करेंगे, जहां 16 फरवरी को उनकी एकमात्र रैली होने की उम्मीद है। वे क्षेत्रीय आरएसएस नेताओं, स्थानीय कार्यकर्ताओं और बर्धमान और आसपास के क्षेत्रों के प्रमुख लोगों से भी मिलेंगे।”
उन्होंने कहा, “इन बैठकों में संगठनात्मक विकास, सामुदायिक आउटरीच, आरएसएस नेतृत्व और स्थानीय हितधारकों के बीच संबंधों को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने की उम्मीद है।”
उनकी यात्रा देशभक्ति, आत्मनिर्भरता, पारिवारिक मूल्यों, पर्यावरण संरक्षण और परिवार-उन्मुख प्रथाओं के माध्यम से समाजीकरण जैसे मूल्यों को स्थापित करने पर केंद्रित होगी।
आरएसएस महासचिव जिष्णु बसु के अनुसार, भागवत केरल से राज्य में आएंगे।
बसु ने कहा, “7-10 फरवरी तक भागवत दक्षिण बंग क्षेत्र में आरएसएस पदाधिकारियों से बातचीत करेंगे, जिसमें पूर्व-पश्चिम मेदिनीपुर, हावड़ा, कोलकाता और उत्तर-दक्षिण 24 परगना शामिल हैं।
13 फरवरी को वह मध्यबंग क्षेत्र में जाएंगे, जिसमें बांकुरा, पुरुलिया, बीरभूम, पूर्व-पश्चिम बर्धमान और नादिया जैसे क्षेत्र शामिल हैं।” यात्रा के एक महत्वपूर्ण हिस्से में भागवत की 11-12 फरवरी को विचार-मंथन सत्र में भागीदारी शामिल है। इसके बाद 14 फरवरी को मध्यबंग में एक नए आरएसएस कार्यालय का उद्घाटन होगा।
भागवत 16 फरवरी को बर्धमान के एसएआई परिसर में आरएसएस पदाधिकारियों के एक सम्मेलन में भी भाग लेंगे।
बसु ने बताया कि भागवत की यात्रा का उद्देश्य हिंदू समुदाय के अंदर राष्ट्रवाद की भावना को बढ़ावा देना, ‘स्वदेशी’ चेतना को बढ़ावा देना और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाना है, जो एक प्रमुख राष्ट्रीय लक्ष्य है।
उन्होंने कहा कि आरएसएस प्रचारक इन संदेशों के अनुरूप पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता और देशभक्ति को बढ़ावा देने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करते हुए देश ‘आत्मनिर्भर भारत’ बनेगा और हर प्रचारक उस लक्ष्य को साकार करने के लिए काम करेगा। हर प्रचारक पौधों की रक्षा के लिए काम करेगा, हर प्रचारक पर्यावरण को बेहतर बनाने और आसपास की सफाई करने, दूसरों को सार्वजनिक स्थानों पर थूकने के लिए मना करने की दिशा में काम करेगा। हम इन संदेशों को लोगों तक पहुंचाने के तरीकों पर भागवत जी से दिशा-निर्देश मांगेंगे।”
यात्रा के राजनीतिक महत्व के बारे में सवालों का जवाब देते हुए, बसु ने स्पष्ट किया कि आरएसएस एक राजनीतिक संगठन नहीं है। उन्होंने कहा कि यात्रा और संबंधित बैठकें, जिन्हें आरएसएस शब्दावली में ‘प्रभास’ कहा जाता है, पहले से ही योजनाबद्ध थीं और उनका उद्देश्य विशेष रूप से आगामी 2026 के राज्य विधानसभा चुनावों को प्रभावित करना नहीं था।
भागवत राज्य में शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में आरएसएस के प्रदर्शन का भी आकलन करेंगे।
राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि भाजपा की चुनावी रणनीतियों में आरएसएस की अहम भूमिका रही है और भागवत के दौरे को आगामी विधानसभा चुनावों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
दुर्घटना
एमपी के उमरिया में भिड़े दो ट्रक, 3 महिलाओं समेत 4 की मौत
उमरिया, 6 फरवरी। मध्य प्रदेश के उमरिया में गुरुवार सुबह दो ट्रकों के बीच भीषण टक्कर हुई है। इस हादसे में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि दो लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
मामला पाली थाना क्षेत्र अंतर्गत एनएच 43 का है। बताया जा रहा है कि यह हादसा सुबह साढ़े सात बजे के आसपास हुआ। शहडोल की तरफ से आ रहे ट्रक की उमरिया की तरफ जा रहे ट्रक से जोरदार टक्कर हो गई। हादसा इतना दर्दनाक था कि ट्रकों के परखच्चे उड़ गए।
दोनों ट्रकों में सवार चार लोगों की मौत हो गई, जिसमें तीन महिलाएं भी शामिल हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, घटना के दौरान 17 वर्षीय युवती जीवित बची थी और उसने बचाने की गुहार लगाई थी, लेकिन घटना के दो घंटे तक 108 एंबुलेंस मौके पर नहीं पहुंची और इसके कारण उसकी भी मौत हो गई।
वहीं, इस हादसे के बाद सड़क पर जाम लग गया। घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस ने मृतकों के शवों को ट्रकों से निकालकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। साथ ही गंभीर रूप से घायल हुए दो लोगों को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया है।
मृतकों में एक महिला की शिनाख्त पार्वती बाई निवासी ग्राम बुड़ना के रूप में हुई है। जबकि बाकी मृतकों एवं घायलों की शिनाख्त नहीं हो पाई है।
पाली के टीआई मदन लाल मराबी ने बताया कि मृतकों की शिनाख्त की जा रही है। गंभीर रूप से घायल हुए दोनों लोगों को जिला अस्पताल उमरिया रेफर कर दिया गया है।
बता दें कि इस हादसे के कारण एनएच 43 पर लंबा जाम लग गया था। पुलिस के आने के बाद हादसे का शिकार हुए ट्रकों को रास्ते से हटाया गया, जिसके बाद ही जाम खुल पाया।
राष्ट्रीय समाचार
जनवरी में कारों की बिक्री 15.5 प्रतिशत बढ़कर 4.66 लाख यूनिट्स रही
नई दिल्ली, 6 फरवरी। भारत में गाड़ियों की बिक्री जनवरी में 15.53 प्रतिशत बढ़कर 4,65,920 यूनिट्स हो गई है। यह जानकारी फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (एफएडीए) द्वारा गुरुवार को दी गई।
एफएडीए के अध्यक्ष सीएस विग्नेश्वर ने कहा, “पीवी (यात्री-वाहन) की बिक्री में जोरदार वृद्धि हुई है। हालांकि, इसमें से कुछ बढ़ोतरी 2025 मॉडल वर्ष के लाभ के लिए जनवरी में पंजीकृत दिसंबर की खरीदारी से हुई है।”
उन्होंने आगे कहा, “इन्वेंट्री स्तर में सुधार हुआ है, जो लगभग पांच दिन घटकर 50-55 दिनों पर आ गया है, जो आपूर्ति-मांग संतुलन में सुधार का संकेत देता है। कई डीलरों ने मांग में सुधार देखा है। पिछले वर्ष दिए गए अधिक डिस्काउंट ने पुराने मॉडल को समाप्त करने में मदद मिली है।”
एफएडीए की रिपोर्ट में कई सकारात्मक संकेतों के बारे में बताया गया है, जिसने गाड़ियों की बिक्री बढ़ाने में मदद की है। इसमें शादियों का सीजन और प्रमोशन शामिल है। साथ ही उम्मीद जताई गई शादियों के सीजन के कारण मांग बढ़ सकती है।
इसके अलावा बताया गया कि बजट 2025-26 में आयकर छूट की सीमा को 12.75 लाख रुपये तक किए जाने के कारण करीब एक करोड़ लोगों के हाथ में अधिक पैसा बचेगा। इससे वाहनों की मांग को बढ़ावा मिलेगा।
नए मॉडल लॉन्च, चल रहे शादी सीजन की मांग और बढ़े हुए फाइनेंस विकल्पों के कारण दोपहिया वाहनों की बिक्री सालाना आधार पर 4.15 प्रतिशत बढ़कर 15,25,862 इकाई हो गई है, जिससे खरीदारी को बढ़ावा मिल रहा है।
ऊंची माल ढुलाई दरों और यात्री को ले जाने वाले वाहनों की मांग में बढ़ोतरी के कारण वाणिज्यिक वाहन की बिक्री सालाना आधार पर 8.22 प्रतिशत बढ़कर 99,425 इकाई हो गई, जबकि तिपहिया वाहनों की बिक्री 6.86 प्रतिशत बढ़कर 1,07,033 इकाई हो गई।
अच्छे फसल सीजन के कारण ट्रैक्टर की मांग में भी उछाल देखने को मिला है और बिक्री सालाना आधार पर 5.23 प्रतिशत बढ़कर 93,381 यूनिट्स हो गई है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
इजरायली हमलों में गाजा के 226 पुरातात्विक स्थल क्षतिग्रस्त, फिलिस्तीनी मंत्रालय का आरोप – हमारी पहचान मिटाने की कोशिश
रामल्ला, 6 फरवरी। इजरायली हमलों ने गाजा में 226 पुरातात्विक स्थलों को नुकसान पहुंचाया है। इन स्थलों की मरम्मत में 261 मिलियन यूरो की लागत आने का अनुमान है। फिलिस्तीनी पर्यटन और पुरावशेष मंत्रालय ने यह जानकारी दी है।
मंत्रालय ने बुधवार को अपनी रिपोर्ट में बताया कि गाजा के 138 सांस्कृतिक विरासत स्थलों को भारी नुकसान हुआ। 61 को मध्यम नुकसान हुआ और 27 को कम नुकसान हुआ। 90 स्थलों को कोई नुकसान नहीं हुआ और वे सुरक्षित हैं।
मीडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ने इजरायली बलों पर जानबूझकर ऐतिहासिक स्थलों को निशाना बनाने का आरोप लगाया। उसने कहा कि ये स्थल फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहचान के लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं।
मंत्रालय ने सांस्कृतिक विरासत संरक्षण केंद्र के साथ मिलकर ‘गाजा में सांस्कृतिक विरासत स्थलों को नुकसान और जोखिमों की सूची’ नामक एक रिपोर्ट जारी की।
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की टीम के साथ मिलकर एक साल में 13 फिलिस्तीनी विशेषज्ञों ने एक रिपोर्ट तैयार की। इस रिपोर्ट में गाजा के 316 सांस्कृतिक विरासत स्थलों की जांच की गई। इसमें पुरातात्विक स्थल, ऐतिहासिक भवन, संग्रहालय, धार्मिक स्थल, कब्रिस्तान, सांस्कृतिक दृश्य, प्राकृतिक स्थल और लैंडमार्क शामिल हैं। यह जानकारी पर्यटन और पुरावशेष मंत्री हानी अल-हायेक ने दी थी।
रामल्ला में मंत्रालय के मुख्यालय में मंत्री ने बताया कि रिपोर्ट को तैयार करने के लिए सभी स्थलों का विस्तार से सर्वे किया गया, उपग्रह चित्रों का विश्लेषण किया गया, डाटा इकट्ठा किया गया, हर साइट का मॉडल बनाया गया। फिर इस जानकारी का विश्लेषण करके नुकसान की सीमा का आकलन किया गया। अनुमान है कि सांस्कृतिक विरासत क्षेत्र को फिर से ठीक करने के लिए 261.15 मिलियन यूरो की राशि चाहिए होगी, जिसे आठ सालों में तीन चरणों में लागू किया जाएगा।
मंत्री अल-हायेक ने कहा कि ऐतिहासिक पुरातात्विक स्थल फिलिस्तीनी लोगों के इतिहास और पहचान का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उन्होंने यह भी कहा कि इन स्थलों को निशाना बनाना जानबूझकर फिलिस्तीनी राष्ट्रीय पहचान के इस अहम हिस्से को मिटा और नष्ट कर रहा है।
7 अक्टूबर, 2023 को दक्षिणी इजरायली शहरों पर हमास के अचानक हमले के बाद इजरायल ने फिलिस्तीनी क्षेत्र के खिलाफ बड़े पैमाने पर युद्ध शुरू किया। हमास के हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया।
गाजा में इजरायली हमलों में 47,000 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे गए और क्षेत्र में भारी नुकसान हुआ।
संयुक्त राष्ट्र का अनुमान है कि गाजा में क्षतिग्रस्त इमारतों में 90 प्रतिशत से ज्यादा आवासीय इकाइयां शामिल हैं, जिनमें से 160,000 पूरी तरह नष्ट हो गईं और 276,000 अन्य गंभीर या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गईं।
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