राष्ट्रीय समाचार
भारतीय बैंकों की स्थिति और होगी मजबूत, एनपीए में मार्च तक आएगी 0.4 प्रतिशत की गिरावट : फिच
नई दिल्ली, 24 जनवरी। भारतीय बैंकों का ग्रॉस नॉन परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) रेश्यो मार्च 2025 तक 0.4 प्रतिशत कम होकर 2.4 प्रतिशत हो सकता है। इसमें अगले साल तक 0.2 प्रतिशत की और कमी देखने को मिल सकती है। यह जानकारी रेटिंग एजेंसी फिच द्वारा एक रिपोर्ट में दी गई।
एनपीए का कम होना दिखाता है कि देश की अर्थव्यवस्था लगातार मजबूत बनी हुई है और बैंकिंग सेक्टर अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
फिच की रिपोर्ट में कहा गया है कि हालांकि, खुदरा ऋणों (विशेष रूप से असुरक्षित ऋण में) में तनाव बढ़ रहा है, लेकिन मजबूत विकास, वसूली और राइट-ऑफ किए गए ऋणों से नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स में वृद्धि की भरपाई होने की उम्मीद है।
फिच ने नोट में बताया कि वर्तमान में दबाव 600 डॉलर (51,000 रुपये से अधिक) से कम के छोटे असुरक्षित व्यक्तिगत ऋणों पर केंद्रित है। इसका प्रभाव नॉन-बैंकिंग फाइनेंसियल कंपनियों (एनबीएफसी) और कम आय वर्ग पर केंद्रित फिनटेक कंपनियों पर अधिक देखने को मिलेगा।
पिछले तीन वर्षों (वित्त वर्ष 24 तक) में असुरक्षित व्यक्तिगत ऋण और क्रेडिट कार्ड उधारी क्रमशः 22 प्रतिशत और 25 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ी। असुरक्षित ऋण से जुड़े जोखिम भार में वृद्धि के बाद सितंबर 2024 को समाप्त होने वाली चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में यह गति क्रमशः11 प्रतिशत और 18 प्रतिशत रह गई है।
भारत में घरेलू कर्ज जून 2024 में जीडीपी का 42.9 प्रतिशत था, जो कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र के भी कई देशों के मुकाबले कम है। असुरक्षित खुदरा ऋण पर दबाव बढ़ रहा है और यह वित्त वर्ष 25 की पहली छमाही में कुल बैड लोन का करीब 52 प्रतिशत है।
रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि बैंकों के पास गैर-बैंकों और फिनटेक की फंडिंग के माध्यम से कुछ अप्रत्यक्ष जोखिम हो सकता है, जो कम आय वाले उधारकर्ताओं को अधिक लोन देते हैं। ऐसे उधारकर्ता जिनकी आय का खुलासा नहीं किया गया है, इनकी हिस्सेदारी फाइनेंसियल सिस्टम में बकाया कंज्यूमर क्रेडिट में एक तिहाई से अधिक की है।
राष्ट्रीय समाचार
श्रीलंका में प्रोजेक्ट्स रद्द होने की रिपोर्ट्स झूठी और भ्रामक : अदाणी ग्रुप
अहमदाबाद, 24 जनवरी। अदाणी ग्रुप ने शुक्रवार को उन सभी रिपोर्ट्स को खारिज कर दिया, जिनमें दावा किया गया था कि श्रीलंका में मन्नार और पूनरी में अदाणी ग्रुप की कंपनियों को दिए गए 484 मेगावाट के विंड पावर प्रोजेक्ट्स रद्द कर दिए गए हैं।
ऐसी रिपोर्ट्स को ‘झूठा और भ्रामक’ बताते हुए कंपनी के प्रवक्ता ने कहा कि ग्रुप श्रीलंका के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में करीब एक अरब डॉलर निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ग्रुप के प्रवक्ता ने अपने बयान में कहा, “मन्नार और पूनरी में अदाणी ग्रुप की 484 मेगावाट की विंड पावर प्रोजेक्ट्स को रद्द करने की खबरें झूठी और भ्रामक हैं। हम स्पष्ट रूप से कहते हैं कि पीपीए (बिजली खरीद समझौता) को रद्द नहीं किया गया है।”
प्रवक्ता ने आगे कहा, “मई 2024 में स्वीकृत टैरिफ का पुनर्मूल्यांकन करने का 2 जनवरी को श्रीलंकाई कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय एक सामान्य समीक्षा प्रक्रिया का हिस्सा है, जिसमें विशेष रूप से एक नई सरकार यह सुनिश्चित करती है कि सौदे की शर्तें उनकी वर्तमान प्राथमिकताओं और ऊर्जा नीतियों के अनुरूप हैं।”
प्रवक्ता ने कहा कि अदाणी ग्रुप श्रीलंका के ग्रीन एनर्जी सेक्टर में एक अरब डॉलर निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।
श्रीलंका ने अदाणी ग्रीन एनर्जी द्वारा विकसित दो विंड पावर स्टेशनों के लिए कंपनी के साथ 20 साल का बिजली खरीद समझौता किया।
फरवरी 2023 में अदाणी ग्रीन एनर्जी को मन्नार टाउन और पूनरी गांव में 484 मेगावाट विंड एनर्जी प्लांट को विकसित करने के लिए 442 मिलियन डॉलर का निवेश करने की मंजूरी मिली थी। ये दोनों श्रीलंका के उत्तरी प्रांत में स्थित हैं।
समझौते के अनुसार, कंपनी को प्रति किलोवाट-घंटे (केडब्ल्यूएच) 8.26 सेंट का भुगतान किया जाएगा।
अदाणी ग्रुप कोलंबो में श्रीलंका के सबसे बड़े पोर्ट पर 700 मिलियन डॉलर की लागत से टर्मिनल का निर्माण कर रहा है।
अपराध
‘घर में सरस्वती-लक्ष्मी पूजा और बेटियों की परवाह नहीं’, झारखंड के शख्स की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तल्ख टिप्पणी
नई दिल्ली/रांची, 24 जनवरी। सुप्रीम कोर्ट ने दहेज प्रताड़ना के केस में सजायाफ्ता झारखंड के हजारीबाग निवासी योगेश्वर साव नामक एक शख्स की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को तल्ख टिप्पणी की। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस एन. कोटिश्वर सिंह की बेंच ने पत्नी को प्रताड़ित करने और बेटियों की उपेक्षा करने पर शख्स को कड़ी फटकार लगाई।
कोर्ट ने टिप्पणी की, “आप किस तरह के आदमी हैं, जो अपनी बेटियों की भी परवाह नहीं करते? हम ऐसे निर्दयी व्यक्ति को अपनी अदालत में कैसे आने दे सकते हैं। सारा दिन घर पर कभी सरस्वती पूजा और कभी लक्ष्मी पूजा… और फिर ये सब।”
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यदि अपीलकर्ता अपनी बेटियों को कृषि भूमि हस्तांतरित करने के लिए सहमत होता है, तभी उसे राहत देने का कोई आदेश पारित किया जाएगा।
कटकमदाग गांव के निवासी योगेश्वर साव उर्फ डब्लू साव को अपनी पत्नी पूनम देवी को दहेज के लिए प्रताड़ित करने के मामले में हजारीबाग जिले के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी की अदालत ने धारा 498-ए के तहत 2015 में ढाई साल की सजा सुनाई थी। अदालत ने उन्हें 50,000 रुपए के दहेज की मांग को लेकर अपनी पत्नी को प्रताड़ित करने का दोषी पाया था।
योगेश्वर साव और पूनम देवी की शादी 2003 में हुई थी। इसके बाद उन्हें दो बेटियां हुईं। पूनम देवी ने पति पर दहेज के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए 2009 में एफआईआर दर्ज कराई थी।
उन्होंने आरोप लगाया था कि पति ने ऑपरेशन करवाकर उनका गर्भाशय निकलवा दिया और दूसरी शादी कर ली। पूनम देवी ने खुद और बेटियों के भरण-पोषण के लिए फैमिली कोर्ट में अलग से अर्जी दायर की थी।
इस पर कोर्ट ने योगेश्वर साव को आदेश दिया था कि वह पत्नी को प्रतिमाह दो हजार और बेटियों के बालिग होने तक उन्हें प्रतिमाह एक हजार रुपए की राशि भरण-पोषण के लिए भुगतान करे।
योगेश्वर साव ने जिला अदालत द्वारा सुनाई गई सजा के खिलाफ झारखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। हाईकोर्ट ने सितंबर 2024 में उनकी दोषसिद्धि को बरकरार रखा, लेकिन गर्भाशय निकलवाने और दूसरी शादी के आरोपों के संबंध में कोई सबूत नहीं मिलने पर सजा को घटाकर डेढ़ साल कर दिया। इसके साथ ही हाईकोर्ट ने उस पर 1 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया।
इसके बाद योगेश्वर साव ने दिसंबर 2024 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जनवरी में हुई मजबूत वृद्धि : रिपोर्ट
नई दिल्ली, 24 जनवरी। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में जनवरी में मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है। इसकी वजह नए निर्यात ऑर्डर में इजाफा होना है। यह जानकारी एचएसबीसी फ्लैश पीएमआई रिपोर्ट में शुक्रवार को दी गई।
100 एक्टिविटीज इंडिकेटर्स के एनालिसिस के आधार पर तैयार की गई रिपोर्ट में बताया गया कि दिसंबर के अंत में समाप्त होने वाली तिमाही में 65 प्रतिशत इंडिकेटर्स सकारात्मक थे। वहीं, इससे पहले की तिमाही में 55 प्रतिशत इंडिकेटर्स सकारात्मक थे। यह दिखाता है कि वृद्धि दर में तेजी आई है।
एचएसबीसी ने बयान में आगे कहा कि जनवरी में सर्विस पीएमआई पिछले महीने के मुकाबले कमजोर रही है।
रिपोर्ट में बताया गया, “मैन्युफैक्चरिंग और सर्विसेज में अंतर टैरिफ लगने के डर के कारण है। हमने पाया कि मैन्युफैक्चरिंग से जुड़े नए निर्यात ऑर्डर में तेजी से वृद्धि हुई है। यह घरेलू या सर्विस ऑर्डर में वृद्धि से भी अधिक तेजी से बढ़े हैं।”
हमें लगता है कि इसका श्रेय नए संभावित टैरिफ लागू होने से पहले दुनिया भर में तेजी से स्टॉक भरने को दिया जा सकता है। इन नए निर्यात ऑर्डर को पूरा करने के लिए मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर का आउटपुट भी तेजी से बढ़ा है।
रिपोर्ट में बताया गया कि लागत में भी दोनों सेक्टरों में विपरीत रुझान देखने को मिला है। मैन्युफैक्चरर्स के लिए इनपुट प्राइस 10 महीने के निचले स्तर पर पहुंच गए हैं। वहीं, सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए इनपुट लागत बढ़ी है। हालांकि, बिक्री कीमत में बदलाव न होने के कारण सर्विस प्रोवाइडर्स का मार्जिन घटा है, जबकि मैन्युफैक्चरर्स का मार्जिन बढ़ा है।
रिपोर्ट में बताया गया कि महंगाई में गिरावट का दौर जारी है। जनवरी में यह 4.2 प्रतिशत रहने का अनुमान है।
एचएसबीसी को उम्मीद है कि फरवरी और अप्रैल में क्रमश: 25-25 आधार अंक रेपो रेट कम हो सकता है। इससे रेपो रेट घटकर 6 प्रतिशत हो जाएगा, जो फिलहाल 6.5 प्रतिशत है।
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