व्यापार
स्मार्टफोन बाजार में बढ़ रहा भारत का दबदबा, निर्यात रिकॉर्ड स्तर पर पहुंचने का अनुमान

नई दिल्ली, 14 जनवरी। भारत के स्मार्टफोन बाजार की वैल्यू इस साल 50 अरब डॉलर को पार करने का अनुमान है। साथ ही चालू वित्त वर्ष में निर्यात 20 अरब डॉलर को छू सकता है। इसकी वजह ‘मेड इन इंडिया’ एप्पल आईफोन का निर्यात बढ़ना है।
वित्त वर्ष 2024 में देश का स्मार्टफोन निर्यात 15 अरब डॉलर से अधिक था (जिसमें एप्पल का हिस्सा करीब 10 अरब डॉलर था)। इंडस्ट्री के अनुमानों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में यह आंकड़ा 20 अरब डॉलर को पार कर सकता है।
प्रीमियमाइजेशन के बढ़ चल रहे चलन और स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग पर जोर के कारण भारत से निर्यात करने वाली कंपनियों में एप्पल और सैमसंग सबसे आगे हैं। भारतीय स्मार्टफोन बाजार भी तेजी से विकसित हो रहा है, जिसमें मूल उपकरण निर्माता (ओईएम) ब्रांड इक्विटी को मजबूत करने, तकनीकी क्षमताओं का प्रदर्शन करने और मुनाफे में सुधार करने के लिए प्रीमियम लॉन्च पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
सरकार द्वारा घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ने के लिए लाई गई प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (पीएलआई) स्कीम से मिल रहे फायदों के कारण दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी एप्पल का भारत से आईफोन निर्यात कैलेंडर ईयर 2024 में 1 लाख करोड़ रुपये के आंकड़े को छू गया है।
सरकार डेटा के मुताबिक, पिछले चार वर्षों में, एप्पल इकोसिस्टम ने 1,75,000 नई प्रत्यक्ष नौकरियां भी पैदा की हैं, जिनमें से 72 प्रतिशत से अधिक पद महिलाओं द्वारा भरे गए हैं।
2014-15 में घरेलू मोबाइल फोन का उत्पादन 5.8 करोड़ यूनिट था, जो 2023-24 में बढ़कर 33 करोड़ यूनिट हो गया, जबकि आयात में बड़ी गिरावट आई। वहीं, निर्यात पांच करोड़ यूनिट तक पहुंच गया और एफडीआई में 254 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो मैन्युफैक्चरिंग और निवेश को बढ़ावा देने में पीएलआई योजना की भूमिका को दर्शाता है।
देश में इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में 2027 तक 1.2 करोड़ नौकरियां पैदा होने का अनुमान है। इसमें से 30 लाख प्रत्यक्ष और 90 लाख प्रत्यक्ष नौकरियां होंगी।
टीमलीज डिग्री अप्रेंटिसशिप की एक ताजा रिपोर्ट के अनुसार, प्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों में लगभग 10 लाख इंजीनियरों, 20 लाख आईटीआई-प्रमाणित पेशेवरों और एआई, एमएल एवं डेटा साइंस जैसे क्षेत्रों के 2 लाख पद शामिल हैं।
इसके अलावा नॉन-टेक्निकल्स क्षेत्रों में 90 लाख अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है।
इलेक्ट्रॉनिक्स इंडस्ट्री ने 2030 तक 500 अरब डॉलर की मैन्युफैक्चरिंग हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए इंडस्ट्री को अगले पांच वर्षों में अपनी मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में पांच गुना वृद्धि करनी होगी।
वर्तमान में घरेलू इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन 101 बिलियन डॉलर है, जिसमें मोबाइल फोन का योगदान 43 प्रतिशत है, इसके बाद उपभोक्ता और औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स का योगदान 12 प्रतिशत है और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की हिस्सेदारी 11 प्रतिशत हैं।
राष्ट्रीय समाचार
बीएसएनएल की रिव्यू मीटिंग में बोले सिंधिया, परिचालन रणनीति में सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव को दें प्राथमिकता

नई दिल्ली, 28 जुलाई। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की रिव्यू मीटिंग में सोमवार को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने सोमवार को कहा कि कंपनी की परिचालन रणनीति में सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) और ग्राहक अनुभव को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।
मीटिंग के दौरान केंद्रीय ने कहा, “सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक संबंध प्रबंधन में सुधार बीएसएनएल की परिचालन रणनीति का केंद्र बिंदु बने रहना चाहिए। अगर आप सेवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, तो ग्राहक भी आपके पास आएंगे। प्रत्येक रणनीतिक योजना सेवा की गुणवत्ता में मापनीय सुधार और उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने पर आधारित होनी चाहिए।”
इस बैठक में राज्य मंत्री पेम्मासानी चन्द्र शेखर के साथ पूरे देश के 32 सर्किल में मौजूद सभी चीफ जनरल मैनेजर्स (सीजीएम) शामिल हुए।
सरकार की ओर से बताया गया कि इस उच्च-स्तरीय बैठक में बीएसएनएल की परिचालन प्रगति की समीक्षा की गई, क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान किया गया और कंपनी के नेटवर्क एवं सेवा वितरण के लिए आगे की रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई। इस बैठक में संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर और दूरसंचार विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।
बैठक में रिव्यू के दौरान बीएसएनएल की विकास रणनीति, नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार, ग्राहक सेवा वितरण और संगठनात्मक आधुनिकीकरण पर व्यापक चर्चा हुई।
बयान में आगे कहा गया कि इस व्यापक चर्चा ने बीएसएनएल की एक उपभोक्ता-केंद्रित दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में स्थिति को और मजबूत किया, जिसका स्पष्ट लक्ष्य सभी व्यावसायिक इकाइयों में “रेवेन्यू फर्स्ट” है।
बीएसएनएल अपने सभी सर्किलों, व्यावसायिक क्षेत्रों और इकाइयों में सेवाओं में बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अपने “ग्राहक सर्वप्रथम” सिद्धांत को आगे रखने के लिए बीएसएनएल सक्रिय ग्राहक जुड़ाव, बेहतर सेवा जवाबदेही और त्वरित शिकायत निवारण पर जोर दे रहा है।
बैठक में बीएसएनएल के सर्किल प्रमुखों को ग्राहक तक पहुंच और सेवा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें ग्रामीण, शहरी, उद्यम और खुदरा क्षेत्रों में ग्राहकों के साथ फिर से जुड़ना, मोबाइल नेटवर्क और फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) में सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) में सुधार, बिलिंग और नेटवर्क अपटाइम में ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करना, प्रत्येक परिचालन स्तर पर “रेवेन्यू फर्स्ट” लक्ष्यों के साथ जवाबदेही को बढ़ावा देना, कनेक्टिविटी, वीपीएन समाधान, लीज्ड लाइन सेवाएं और अन्य नए व्यावसायिक अवसरों जैसी उद्यम सेवाओं का विस्तार करना शामिल हैं।
मनोरंजन
गूगल और मेटा को पेशी के लिए ईडी ने फिर भेजा समन, 21 जुलाई को नहीं पहुंचे थे इनके प्रतिनिधि

नई दिल्ली, 28 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा को दोबारा 21 जुलाई को समन भेजा था। इन दोनों टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई (सोमवार) को ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले इन दोनों टेक कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।
ऐसे में ईडी ने दोनों कंपनियों को दोबारा समन भेज कर 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा। बता दें कि ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं।
ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।
ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने का आरोप लगाया है, जिससे इनके यूजर्स बढ़े।
10 जुलाई को ईडी ने इस मामले में 29 मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल थें। इसके अलावा, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव के नाम भी जांच में हैं।
इन पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफॉर्म्स के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की।
मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने सफाई दी कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।
अंतरराष्ट्रीय
अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने को लेकर भारत में काफी उत्साह : अरविंद पनगढ़िया

नई दिल्ली, 26 जुलाई। 16वें वित्त आयोग के चेयरमैन अरविंद पनगढ़िया ने कहा है कि अमेरिका के साथ व्यापार समझौते को लेकर भारत में काफी उत्सुकता और उत्साह है, जिससे भारतीय उद्योगों को एक बड़े निर्यात बाजार तक पहुंच बनाने में मदद मिलेगी।
सीएसआईएस चेयर ऑन इंडिया एंड इमर्जिंग एशिया इकोनॉमिक्स द्वारा न्यूयॉर्क में आयोजित एक कार्यक्रम में पनगढ़िया ने कहा कि भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता देश के वैश्विक निवेश परिदृश्य के लिए एक बड़ी सफलता ला सकता है।
उन्होंने इस सप्ताह आयोजित कार्यक्रम में ‘राइजिंग इंडिया’ के लिए अपने दृष्टिकोण को साझा करते हुए कहा, “व्यापक हित में, विशेष रूप से वर्तमान व्यापार शुल्क के संदर्भ में अर्थव्यवस्था को अधिक मुक्त बनाने की आवश्यकता है और जब आप व्यापार समझौते करते हैं तो आपको अपने निर्यात के लिए बड़े बाजारों तक भी पहुंच मिलती है।”
संयुक्त राज्य अमेरिका द्वारा शुल्क बढ़ाने के वर्तमान संदर्भ ने दुनिया में एक अलग व्यापार गतिशीलता पैदा कर दी है।
उन्होंने कहा, “मुझे जो संकेत मिल रहे हैं, उनसे लगता है कि अमेरिकी व्यापार समझौते को लेकर काफी उत्सुकता है। मुझे इस समझौते के साथ-साथ यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ भविष्य में होने वाले समझौते को लेकर भी काफी उत्साह दिखाई दे रहा है।”
भारत-ब्रिटेन मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) के सफल समापन के बाद, अब सभी की निगाहें यूरोपीय संघ (ईयू) के साथ होने वाले व्यापार समझौते पर टिकी हैं।
भारत और यूरोपीय संघ जून 2022 से एफटीए पर बातचीत कर रहे हैं और 12 दौर की बातचीत पूरी हो चुकी है, जिसमें आखिरी दौर जुलाई 2025 में होगा। भारत और यूरोपीय संघ 2025 के अंत तक एक मुक्त व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का लक्ष्य लेकर चल रहे हैं।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया है कि अमेरिका भारत के साथ एक व्यापार समझौते के करीब है । वाणिज्य विभाग में विशेष सचिव राजेश अग्रवाल के नेतृत्व में भारतीय वार्ता दल ने इसी महीने वाशिंगटन का दौरा किया था।
पनगढ़िया ने कहा, “मैं अपने वर्तमान पद पर रहते हुए सरकार का हिस्सा नहीं हूं, लेकिन अमेरिका और अन्य देशों के साथ व्यापार समझौतों पर हस्ताक्षर करने में हमारी गहरी रुचि है।”
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