व्यापार
लाल निशान पर खुला भारतीय शेयर बाजार, निफ्टी 23,300 स्तर से नीचे
मुंबई, 13 जनवरी। कमजोर वैश्विक संकेतों के बीच भारतीय शेयर बाजार हफ्ते के पहले कारोबारी दिन सोमवार को लाल निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में रियलिटी, मेटल, एफएमसीजी, पीएसयू बैंक और ऑटो सेक्टर में बिकवाली देखी गई।
सुबह करीब 9.34 बजे सेंसेक्स 557.48 अंक या 0.72 प्रतिशत की गिरावट के साथ 76,821.43 पर कारोबार कर रहा था, जबकि निफ्टी 173.85 अंक या 0.74 प्रतिशत की गिरावट के साथ 23,257.65 पर कारोबार कर रहा था।
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर 532 शेयर हरे निशान में कारोबार कर रहे थे, जबकि 1,744 शेयर लाल निशान में थे।
निफ्टी बैंक 279 अंक या 0.57 प्रतिशत की गिरावट के साथ 48,455.15 पर था। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 651.45 अंक या 1.19 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53,934.30 पर कारोबार कर रहा था। निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 172.85 अंक या 0.98 प्रतिशत की गिरावट के साथ 17,472.70 पर था।
बाजार के जानकारों के अनुसार, बाजार पर मजबूत प्रतिकूल परिस्थितियों का दबाव जारी रहेगा। अमेरिका से प्राप्त रोजगार आंकड़ों के अनुसार दिसंबर में 2.56 लाख नौकरियां पैदा हुईं जबकि अनुमान 1.65 लाख का था, इसका मतलब है कि 2025 में ब्याज दर में कटौती की उम्मीद अब घटकर एक रह गई है।
बाजार पर नजर रखने वालों के अनुसार, “अमेरिका में बेरोजगारी दर घटकर 4.1 प्रतिशत रह गई है, इसलिए अर्थव्यवस्था को किसी प्रोत्साहन की जरूरत नहीं है। यह अच्छी आर्थिक खबर बाजारों के लिए बुरी खबर साबित हो रही है, जो इस साल ब्याज दरों में होने वाली कई कटौतियों को नजरअंदाज कर रहे थे।”
इस बीच, सेंसेक्स पैक में जोमैटो, एमएंडएम, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, टाटा मोटर्स, आईटीसी, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, एशियन पेंट्स, सन फार्मा और कोटक महिंद्रा बैंक टॉप लूजर्स रहे। जबकि, इंडसइंड बैंक, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, एचसीएल टेक और टीसीएस टॉप गेनर्स रहे।
शुक्रवार को आखिरी कारोबारी सत्र में डॉव जोन्स 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 41,938.45 पर बंद हुआ। एसएंडपी 500 इंडेक्स 1.54 प्रतिशत की गिरावट के साथ 5,827.00 पर और नैस्डैक 1.63 प्रतिशत की गिरावट के साथ 19,161.63 पर बंद हुआ।
एशियाई बाजारों में जकार्ता, सोल, हांगकांग, चीन और बैंकॉक लाल निशान में कारोबार कर रहे थे।
विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) लगातार छठे दिन शुद्ध विक्रेता बने रहे, क्योंकि उन्होंने 10 जनवरी को 2,254.68 करोड़ रुपये के शेयर बेचे, जबकि दूसरी ओर घरेलू संस्थागत निवेशकों ने उसी दिन 3,961.92 करोड़ रुपये के शेयर खरीदे।
सोमवार को रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 5 पैसे कमजोर होकर 86.20 के रिकॉर्ड निचले स्तर पर खुला। शुक्रवार को रुपया लगातार तीन दिनों तक रिकॉर्ड निचले स्तर पर बंद हुआ।
व्यापार
वीवर्क इंडिया को वित्त वर्ष 24 में हुआ 130 करोड़ रुपये का नुकसान, खर्च 19 प्रतिशत बढ़ा
नई दिल्ली, 13 जनवरी। वर्किंग स्पेस उपलब्ध कराने वाली कंपनी वीवर्क इंडिया को वित्त वर्ष 24 में 130.8 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है, यह वित्त वर्ष 23 में 144.5 करोड़ रुपये पर था।
बिजनेस इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म टोफ्लर के मुताबिक, वित्त वर्ष 24 में वीवर्क इंडिया का कुल खर्च 19 प्रतिशत बढ़कर 1,864.3 करोड़ रुपये रहा है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 1,566.7 करोड़ रुपये पर था।
वित्तीय विवरणों में कंपनी ने कहा है कि गैर-नकद घटकों जैसे मूल्यह्रास और परिशोधन की कंपनी की कुल लागत में हिस्सेदारी 40 प्रतिशत की है। यह 16.9 प्रतिशत बढ़कर 744 करोड़ रुपये हो गई है।
कर्मचारी लागत भी कंपनी की खर्च का एक बड़ा हिस्सा है, जो वित्त वर्ष 24 में 11.9 प्रतिशत बढ़कर 132 करोड़ रुपये रही है।
वित्त वर्ष 24 में कंपनी की परिचालन आय सालाना आधार पर 26 प्रतिशत बढ़कर 1,661.6 करोड़ रुपये हो गई है, जो कि वित्त वर्ष 23 में 1,314 करोड़ रुपये थी।
कंपनी की कुल आय में 84 प्रतिशत हिस्सेदारी मेंबरशिप फीस की थी, जो कि सालाना आधार पर 48.9 प्रतिशत बढ़कर 1,402.5 करोड़ रुपये हो गई है।
इसके अलावा, वित्त वर्ष 24 में कंपनी को अन्य आय के रूप में 71.9 करोड़ रुपये प्राप्त हुए हैं, जिससे कंपनी की कुल आय बढ़कर 1,733.5 करोड़ रुपये हो गई है।
वीवर्क इंडिया द्वारा 500 करोड़ रुपये राइट्स इश्यू के जरिए जुटाए गए हैं। कंपनी बताया कि इसका उद्देश्य कर्ज में कमी लाना और ग्रोथ को बढ़ाना है।
वीवर्क इंडिया में रियल्टी फर्म एम्बेसी ग्रुप की 73 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जबकि वीवर्क ग्लोबल की 27 प्रतिशत हिस्सेदारी है।
वीवर्क इंडिया के पास वर्तमान में 8 शहरों में 100,000 से अधिक डेस्क हैं।
वीवर्क इंडिया ने 2016 में भारत में अपनी स्थापना के बाद से चेन्नई, नई दिल्ली, गुरुग्राम, नोएडा, मुंबई, बेंगलुरु, पुणे और हैदराबाद में 63 परिचालन केंद्रों तक विस्तार किया है।
व्यापार
रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी स्नैपड्रैगन 7एस जेन 3 चिप के साथ देगा जबरदस्त परफॉरमेंस
नई दिल्ली, 13 जनवरी। आज जब डिजिटल तकनीक हमारे जीवन को पूरी तरह बदल रही है, स्मार्टफोन उद्योग भी एक नई क्रांति के मुहाने पर खड़ा है। पारंपरिक स्मार्टफोन से आगे बढ़ते हुए अब “सुपरफोन” का युग आ चुका है। ये नए डिवाइस सामान्य मोबाइल क्षमताओं से कहीं अधिक उन्नत हैं। इनमें प्रोसेसिंग पावर, शानदार कैमरा क्षमता और बेहतरीन यूजर्स अनुभव का जबरदस्त तालमेल देखने को मिलता है।
आधुनिक उपयोगकर्ता केवल बातचीत करने वाले फोन नहीं चाहते। वे ऐसे डिवाइस चाहते हैं जो गेमिंग से लेकर प्रोफेशनल फोटोग्राफी तक, हर काम को बिना किसी रुकावट के कर सकें। साथ ही, बेहतर बैटरी और मजबूत कनेक्टिविटी की भी जरूरत होती है। इस बढ़ती मांग ने कंपनियों को मोबाइल तकनीक की सीमाओं को आगे बढ़ाने के लिए प्रेरित किया है।
इस बदलाव की अगुवाई कर रहा है रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी फोन जो स्नैपड्रैगन 7एस जेन 3 5जी चिपसेट पर आधारित है। यह चिपसेट टीएसएमसी की 4एनएम तकनीक से बना है, जिसमें पावर और एफिशिएंसी का बेहतरीन संतुलन है। इसकी परफॉर्मेंस का अंदाजा आप इस बात से लगा सकते हैं कि यह 820,000 से अधिक एएनटीयूटीयू स्कोर हासिल करता है।
यह डिवाइस 12 जीबी + 14 जीबी एलपीडीडीआर4एक्स डायनामिक रैम और यूएफएस 3.1 स्टोरेज के साथ आता है, जिससे ऐप्स तेज़ी से लोड होते हैं और मल्टीटास्किंग में कोई दिक्कत नहीं होती। गेमिंग के लिए यह फोन बेहतरीन है, जहां फ्री फायर और बीजीएमआई जैसे गेम्स 90 एफपीएस पर आसानी से चलते हैं।
इस चिपसेट में स्पेक्ट्रा ट्रिपल आईएसपी इंटीग्रेटेड है, जो कैमरा को जबरदस्त बनाता है। रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी में 50एमपी का सोनी आईएमएक्स896 सेंसर है, जिससे आप बेहद स्पष्ट और डिटेल वाली तस्वीरें ले सकते हैं। इसमें एक ही समय पर फोटो और वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा भी है, जिससे क्रिएटिविटी के नए आयाम खुलते हैं।
फोन में 6.83 इंच का 1.5के एएमओएलईडी स्क्रीन है, जो 120 हर्टज रिफ्रेश रेट के साथ आता है। यह स्क्रीन न केवल देखने में शानदार है, बल्कि स्मूद अनुभव भी देती है।
रियलमी 14 प्रो सीरीज 5जी अपने शानदार फीचर्स और दमदार परफॉर्मेंस के साथ प्रीमियम तकनीक को आम लोगों तक पहुंचा रहा है। यह फोन 16 जनवरी को लॉन्च होगा और सुपरफोन युग की शुरुआत का संकेत देगा।
राष्ट्रीय समाचार
बड़े टिकट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट में सरकार के पूंजीगत व्यय से भारत की आर्थिक वृद्धि को मिलेगा बढ़ावा: रिपोर्ट
नई दिल्ली, 13 जनवरी। फाइनेंशियल सर्विस फर्म प्रभुदास लीलाधर (पीएल) की एक लेटेस्ट रिपोर्ट के अनुसार, बिग टिकट इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट जैसे हाईवे, रेलवे और बिजली विकास में केंद्र के पूंजिगत व्यय और रक्षा जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में निवेश से वित्त वर्ष 2025-2026 और उसके बाद भारत के अर्थव्यवस्था रफ्तार पकड़ेगी।
रिपोर्ट में कहा गया है, “हम पहले से ही रेलवे, रक्षा, बिजली, डेटा सेंटर के विकास में तेजी देख रहे हैं, जिसके क्रियान्वयन से वित्त वर्ष 2026 और उसके बाद विकास में तेजी आएगी।”
सरकार ने 2024-25 के बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट के लिए 11.1 लाख करोड़ रुपये का बड़ा आवंटन किया और 2025-26 के आगामी बजट में इसमें और वृद्धि होने की उम्मीद है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि आगामी बजट आर्थिक सुधार को आकार देने में सहायक होगा, जिसमें मुद्रास्फीति में कमी के साथ मध्यम वर्ग के खर्च को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विकास-संचालित फोकस की उम्मीद है।
इसके अलावा, रिपोर्ट के अनुसार, स्वास्थ्य सेवा, पर्यटन और वित्तीयकरण जैसे क्षेत्र सुधार से लाभान्वित होने के लिए तैयार हैं।
रिपोर्ट के अनुसार, इकोनॉमिक रिवाइवल के लिए औद्योगिक विकास में उछाल सकारात्मक है, जो 6 महीने के उच्च स्तर को छू गया। सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, चालू वित्त वर्ष (2024-25) के अक्टूबर महीने में 3.5 प्रतिशत की तुलना में नवंबर में 5.2 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
यह वृद्धि नवंबर 2023 में एक साल पहले दर्ज की गई 2.5 प्रतिशत की औद्योगिक वृद्धि से भी शानदार वृद्धि दर्शाती है।
औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में तीन-चौथाई से अधिक योगदान देने वाले मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की वृद्धि दर अक्टूबर में 4.1 प्रतिशत से बढ़कर नवंबर 2024 में 5.8 प्रतिशत हो गई।
यह रोजगार सृजन के लिए एक अच्छा संकेत है क्योंकि यह सेक्टर देश के इंजीनियरिंग संस्थानों और विश्वविद्यालयों से निकलने वाले युवा स्नातकों को क्वालिटी जॉब दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इसके अलावा, आंकड़े बताते हैं कि पूंजीगत वस्तुओं का उत्पादन में 9 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि हुई। यह सेगमेंट अर्थव्यवस्था में हो रहे वास्तविक निवेश को दर्शाता है जिसका भविष्य में रोजगार और आय के सृजन पर प्रभाव पड़ता है।
नवंबर 2024 के दौरान इलेक्ट्रॉनिक सामान, रेफ्रिजरेटर और टीवी जैसे कंज्यूमर ड्यूरेबल प्रोडक्ट के उत्पादन में भी 13.1 प्रतिशत की दोहरे अंकों की वृद्धि हुई, जो बढ़ती आय के बीच इन वस्तुओं की हाई-कंज्यूमर डिमांड को दर्शाता है।
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