राष्ट्रीय समाचार
अदाणी पोर्ट्स का कार्गो वॉल्यूम दिसंबर में 8 प्रतिशत बढ़ा
अहमदाबाद, 3 जनवरी। अदाणी पोर्ट्स और स्पेशल इकोनॉमिक जोन लिमिटेड (एपीएसईजेड) का कुल कार्गो वॉल्यूम दिसंबर 2024 में सालाना आधार पर 8 प्रतिशत बढ़कर 38.4 मिलियन मीट्रिक टन हो गया है।
बीते महीने कंपनी के कंटेनर वॉल्यूम में 22 प्रतिशत और गैस वॉल्यूम में 7 प्रतिशत का इजाफा हुआ है। एपीएसईजेड, देश की सबसे बड़ी निजी पोर्ट ऑपरेटर कंपनी है।
अदाणी पोर्ट्स ने नवंबर में कुल मिलाकर 36 मिलियन मीट्रिक टन कार्गो की हैंडलिंग की थी, जो कि अधिक कंटेनर वॉल्यूम के कारण संभव हुआ था। यह कंपनी के कार्गो वॉल्यूम में मासिक आधार पर 6.6 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।
पिछले हफ्ते अदाणी पोर्ट्स ने कोचीन शिपयार्ड को आठ अत्याधुनिक हार्बर टग के लिए ऑर्डर दिया था, जिसकी कुल अनुमानित कॉन्ट्रैक्ट वैल्यू 450 करोड़ रुपये है। अदाणी पोर्ट्स का यह ऑर्डर ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत अब तक का सबसे बड़ा ऑर्डर है।
अदाणी पोर्ट्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और पूर्ण-कालिक निदेशक, अश्विनी गुप्ता ने कहा कि हम विश्व स्तर की स्थानीय मैन्युफैक्चरिंग का लाभ उठाकर ‘मेक इन इंडिया’ पहल में अपना योगदान देना चाहते हैं। साथ ही हमने इस बात को सुनिश्चित किया है कि हमारे परिचालन में सुरक्षा और दक्षता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप हो।
इससे पहले अदाणी पोर्ट्स ने कोचीन शिपयार्ड को 62 टन के दो टग बनाने का ऑर्डर दिया था। दोनों को समय से पहले डिलीवर कर दिया गया था। इन्हें पारादीप बंदरगाह और न्यू मैंगलोर बंदरगाह पर तैनात कर दिया गया।
दिसंबर के अंत में अदाणी ग्रुप द्वारा संचालित किए जाने वाले विझिंजम पोर्ट ने 100वें वाणिज्यिक जहाज ‘एमएससी मिशेला’ का स्वागत किया।
विझिंजम पोर्ट की ओर से यह उपलब्धि ऑपरेशन शुरू होने के छह महीने के भीतर ही हासिल की गई है।
विझिंजम पोर्ट को एपीएसईजेड द्वारा केरल सरकार के साथ मिलकर विकसित किया गया है। केरल के कोवलम बीच के पास यह पहला ट्रांसशिपमेंट पोर्ट है।
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय रिजर्व बैंक ने नवंबर 2024 में सुरक्षित-संपत्ति के रूप में खरीदा 8 टन सोना
मुंबई, 7 जनवरी। वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल की लेटेस्ट रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने नवंबर 2024 में और आठ टन सोना खरीदा है। दुनिया भर के केंद्रीय बैंकों ने नवंबर महीने के दौरान 53 टन कीमती धातु की सामूहिक खरीद जारी रखी है।
रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी चुनाव के बाद नवंबर के दौरान सोने की कीमतों में गिरावट ने कुछ केंद्रीय बैंकों को कीमती धातु जमा करने के लिए प्रोत्साहित किया।
आरबीआई ने दूसरे केंद्रीय बैंकों की तरह, सुरक्षित संपत्ति के रूप में सोना खरीद रहा है।
सोना रखने की रणनीति भू-राजनीतिक तनावों से उत्पन्न अनिश्चितता के समय में मुख्य रूप से मुद्रास्फीति के खिलाफ बचाव और विदेशी मुद्रा जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से है।
नवंबर में अपने भंडार में आठ टन सोना जोड़ने के साथ आरबीआई ने 2024 के पहले 11 महीनों में अपनी खरीद को बढ़ाकर 73 टन कर और अपने कुल सोने के भंडार को 876 टन कर दिया है। इसके साथ आरबीआई ने पोलैंड के बाद वर्ष के दौरान दूसरा सबसे बड़ा खरीदार होने का अपना स्थान बनाए रखा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने भंडार में पांच टन सोना जोड़कर छह महीने के गैप के बाद सोने की खरीद फिर से शुरू की है और सालाना आधार पर शुद्ध खरीद को बढ़ाकर 34 टन कर दिया है। इसी के साथ, पीपुल्स बैंक ऑफ चाइना ने अपने कुल सोने के भंडार को 2,264 टन (कुल भंडार का 5 प्रतिशत) कर दिया है।
इस बीच, सिंगापुर मौद्रिक प्राधिकरण ( एमएएस ) महीने का सबसे बड़ा विक्रेता था, जिसने अपने सोने के भंडार को 5 टन कम कर दिया, जिससे सालाना आधार पर शुद्ध बिक्री 7 टन और कुल सोने की होल्डिंग 223 टन हो गई।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई की सोने की खरीद 2023 की इसी अवधि में खरीदी गई कीमती धातु की मात्रा से पांच गुना बढ़ गई है।
आंकड़ों के अनुसार, आरबीआई का कुल स्वर्ण भंडार अब 890 टन हो गया है, जिसमें से 510 टन भारत में है।
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के अनुसार, महीने के दौरान सोना खरीदने वाले केंद्रीय बैंकों में पोलैंड के 21 टन और उज्बेकिस्तान के नौ टन शामिल हैं।
केंद्रीय बैंकों द्वारा सोने की इन बड़ी खरीदों से वैश्विक बाजार में कीमती धातु की कीमतों में भी तेजी आई है।
आरबीआई के आधे से अधिक स्वर्ण भंडार विदेशों में बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक ऑफ इंटरनेशनल सेटलमेंट्स के पास सुरक्षित हिरासत में रखे गए हैं, जबकि लगभग एक तिहाई नागपुर और मुंबई में आरबीआई के वॉल्ट में संग्रहीत हैं।
रिजर्व बैंक ने यूनाइटेड किंगडम में बैंक वॉल्ट में रखे अपने 100 मीट्रिक टन सोने को 2024 में भारत में अपने वॉल्ट में शिफ्ट कर दिया क्योंकि देश में पर्याप्त घरेलू भंडारण क्षमता थी।
स्वर्ण भंडार को शिफ्ट करने से ब्रिटेन में वॉल्ट के इस्तेमाल के लिए भुगतान किए जाने वाले उच्च शुल्क में बचत होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय समाचार
तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो मामलों की पुष्टि
बेंगलुरु, 7 जनवरी। चीन में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) बहुत तेजी से फैल रहा है। यह वायरस अब धीरे-धीरे भारत में भी पैर पसारने लगा है। कर्नाटक, महाराष्ट्र , गुजरात और पश्चिम बंगाल के बाद तमिलनाडु में भी ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस के दो केस सामने आए हैं।
तमिलनाडु के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण अतिरिक्त मुख्य सचिव के अनुसार, तमिलनाडु में ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस (एचएमपीवी) के दो मामलों की पुष्टि हुई है, जिनमें से एक चेन्नई में और दूसरा सलेम में सामने आया है।
मुख्य सचिव ने बताया कि दोनों संक्रमितों की हालत स्थिर है। तमिलनाडु सरकार के डीआईपीआर ने प्रेस विज्ञप्ति में बताया गया किय एचएमपीवी कोई नया वायरस नहीं है। इसकी पहचान साल 2001 में की गई थी। पर्याप्त आराम और अच्छी मात्रा में पानी पीने तथा उचित देखभाल से यह संक्रमण ठीक हो जाता है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, अब तक कर्नाटक में दो, महाराष्ट्र में दो, गुजरात में एक, पश्चिम बंगाल में एक और तमिलनाडु में वायरस के दो मामले सामने आए हैं।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एचएमपीवी वायरस मुख्य रूप से पीड़ित व्यक्ति के श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके लक्षण कई मामलों में कोविड-19 के समान ही होते हैं। हालांकि, ये वायरस मुख्य रूप से शिशुओं और छोटे बच्चों को संक्रमित करता है। इस वायरस से संक्रमित मरीज में सबसे आम लक्षण खांसी है। इसके साथ हल्का बुखार, घरघराहट, नाक बहना या गले में खराश जैसे परेशानी भी हो सकती है। वायरस से संक्रमित होने के बाद कुछ मामलों में गंभीर लक्षण आ सकते हैं। सांस लेने में तकलीफ भी हो सकती है।
दुर्घटना
असम : कोयला खदान में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए भारतीय सेना ने टास्क फोर्स का गठन किया
गुवाहाटी, 7 जनवरी। भारतीय सेना ने असम के दीमा हसाओ जिले के उमरांगशु इलाके में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए एक रिलीफ टास्क फोर्स की तैनाती की है। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने फंसे हुए मजदूरों को बचाने के लिए सेना से सहायता मांगी।
एक वरिष्ठ सैन्य अधिकारी ने कहा, ” भारतीय सेना ने असम के दीमा हसाओ जिले के सुदूर औद्योगिक शहर उमरंगशु में फंसे खनिकों को बचाने के लिए एक राहत कार्य बल तैनात किया है।”
टास्क फोर्स गोताखोरों, सैपर्स और अन्य आवश्यक चीजों से लैस है। अधिकारी ने कहा, “राहत टास्क फोर्स में गोताखोरों, सैपर्स और अन्य संबंधित कर्मियों जैसे विशेषज्ञ शामिल हैं, जिनके पास आवश्यक उपकरण हैं। भारतीय सेना के वरिष्ठ अधिकारी भी फंसे हुए माइनर्स को जल्दी से जल्दी बचाने के लिए नागरिक प्रशासन के साथ समन्वय करने के लिए घटनास्थल पर पहुंचेंगे।”
मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि उमरंगशु इलाके में कोयला खदान में फंसे नौ मजदूरों की पहचान कर ली गई है।
राज्य प्रशासन और पुलिस ने खदान में फंसे मजदूरों को बचाने के लिए अभियान शुरू कर दिया है।
पुलिस के अनुसार, कोयला खदान में फंसे नौ मजदूरों में से एक नेपाल का नागरिक है, एक पश्चिम बंगाल का है और बाकी असम के अलग-अलग इलाकों से हैं। इनकी पहचान गंगा बहादुर श्रेठ, हुसैन अली, जाकिर हुसैन, सर्पा बर्मन, मुस्तफा शेख, खुशी मोहन राय, संजीत सरकार, लिजान मगर और शरत गोयरी के रूप में हुई है।
सीएम सरमा ने एक्स को लिखा, “हमने बचाव अभियान में सेना से मदद मांगी है। राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) भी प्रयासों में सहायता के लिए घटनास्थल पर जा रहे हैं।”
मुख्यमंत्री ने दीमा हसाओ जिले के जिला आयुक्त और पुलिस अधीक्षक को घटनास्थल पर भेजा है। खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री कौशिक राय भी घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं।
सरमा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “उमरंगशू से दुखद खबर आई है, जहां मजदूर कोयला खदान में फंसे हुए हैं। अभी तक सही संख्या और स्थिति अज्ञात है। डीसी, एसपी और मेरे सहयोगी कौशिक राय घटनास्थल पर पहुंच रहे हैं। ईश्वर से सभी की सुरक्षा की प्रार्थना कर रहा हूं।”
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