राष्ट्रीय समाचार
भारत में बढ़ा कोयला उत्पादन, निर्यात में आई कमी
नई दिल्ली, 19 दिसंबर। भारत में कोयला आयात वित्त वर्ष 2024-25 में अप्रैल से अक्टूबर के बीच 3.1 प्रतिशत कम होकर 149.39 मिलियन टन (एमटी) हो गया है, जो कि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 154.17 एमटी हो गया है। यह जानकारी गुरुवार को सरकार द्वारा दी गई।
इसके अलावा नॉन-रेगुलेटेड सेक्टर (पावर के अलावा अन्य) के कोयला आयात में इस साल अप्रैल से अक्टूबर 2024 के बीच सालाना आधार पर 8.8 प्रतिशत की गिरावट हुई है।
विश्व स्तर पर पांचवां सबसे बड़ा कोयला भंडार होने के बावजूद, भारत को कुछ प्रकार के कोयले, विशेष रूप से कोकिंग कोयले और उच्च श्रेणी के तापीय कोयले की भारी कमी का सामना करना पड़ता है, जो घरेलू स्रोतों से पर्याप्त रूप से उपलब्ध नहीं हैं।
आपूर्ति में यह अंतर इस्पात उत्पादन सहित प्रमुख उद्योगों को बनाए रखने और बढ़ती ऊर्जा मांग को पूरा करने के लिए कोयले के आयात को अनिवार्य बनाता है।
कोयला मंत्रालय के बयान में कहा गया है कि अप्रैल 2024 से अक्टूबर 2024 तक कोयला आधारित बिजली उत्पादन में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 3.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है, लेकिन इसी अवधि के दौरान थर्मल पावर प्लांट द्वारा मिश्रण उद्देश्यों के लिए आयात किए गए कोयले में 19.5 प्रतिशत की कमी आई है।
बयान में बताया गया है कि यह गिरावट कोयला उत्पादन में आत्मनिर्भरता हासिल करने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए भारत की दृढ़ प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
बिजली क्षेत्र के लिए कोयले के आयात में वृद्धि की वजह आयातित कोयला आधारित बिजली संयंत्रों में कोयले की मांग है। इन संयंत्रों को केवल उच्च श्रेणी के आयातित कोयले का उपयोग करने के लिए डिजाइन किया गया है और इस अवधि के दौरान उनका आयात पिछले वर्ष की इसी अवधि के 21.71 एमटी से बढ़कर 30.04 एमटी हो गया, जो 38.4 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है।
अप्रैल-अक्टूबर 2024 के दौरान घरेलू कोयला उत्पादन 6.04 प्रतिशत बढ़कर 537.57 एमटी हो गया, जबकि वित्त वर्ष 2023-24 की इसी अवधि में यह 506.93 एमटी था।
अपराध
डोंबिवली में बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी का सिलसिला जारी
डोंबिवली (महाराष्ट्र), 20 दिसंबर। कोलसेवाड़ी पुलिस थाने के अंतर्गत दो दिन पहले बांग्लादेशी दंपति की गिरफ्तारी के बाद अब डोंबिवली की मानपाड़ा पुलिस ने फिर से कार्रवाई करते हुए छह और बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है।
गिरफ्तार किए गए लोगों में एक महिला भी शामिल है। पुलिस के अनुसार, ये सभी अवैध तरीके से भारत में रह रहे थे।
पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार किए गए लोग लगभग 15 दिन पहले बांग्लादेश से आए थे और इनमें से कुछ कपड़ा कंपनी में काम कर रहे थे। पुलिस ने वहीं से ही यह गिरफ्तारी की है।
बता दें कि मानपाड़ा पुलिस ने पांच पुरुष और एक महिला समेत 6 को पकड़ा है। इनकी पहचान अभी स्पष्ट नहीं की गई है, लेकिन पुलिस ने इन्हें तत्काल हिरासत में लेकर बांग्लादेश वापस भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
पुलिस का कहना है कि ये लोग फर्जी पहचान पत्रों और दस्तावेजों का इस्तेमाल करके रह रहे थे। डोंबिवली और आसपास के इलाकों में अवैध रूप से रह रहे विदेशी नागरिकों की संख्या बढ़ती जा रही है। इससे न केवल स्थानीय प्रशासन पर दबाव बढ़ा है, बल्कि सुरक्षा संबंधी चिंताएं भी बढ़ी हैं।
इस मामले में पुलिस और स्थानीय प्रशासन ने सतर्कता बढ़ाने का निर्णय लिया है। नागरिकों से अपील की गई है कि अगर उनके आसपास संदिग्ध व्यक्तियों की गतिविधियां दिखाई दें, तो तुरंत पुलिस को सूचना दें। इस तरह की कार्रवाइयों से स्थानीय नागरिकों में सुरक्षा की भावना मजबूत हो रही है।
हालांकि स्थानीय लोग पुलिस की इस कार्रवाई की तारीफ कर रहे हैं, लेकिन यह सवाल भी उठा रहे हैं कि इन अवैध निवासियों को रोकने के लिए पहले कदम क्यों नहीं उठाए गए। बांग्लादेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या यह संकेत देती है कि सीमावर्ती इलाकों से भारत में घुसपैठ के खिलाफ सख्त कार्रवाई की आवश्यकता है।
मानपाड़ा पुलिस के एक अधिकारी ने बताया, ”हमें खबर मिली कि कपड़ा कंपनी में कुछ बांग्लादेशी नागरिकों अवैध रूप से काम कर रहे है। हमने उनकी गिरफ्तारी कर उन्हें आज कोर्ट में पेश किया। उन्हें अब हिरासत में रखा जाएगा, जहां उनसे पूछताछ की जाएगी कि वह भारत कैसे आए।”
आगे बताया कि आरोपियों के पास कोई दस्तावेज नहीं है। उनके पास केवल मोबाइल थे जिन्हें कब्जे में ले लिया गया है।
राजनीति
ओम बिरला ने संसद भवन के द्वार पर धरना-प्रदर्शन करने पर लगाया प्रतिबंध, बोले – गरिमा बनाए रखें
नई दिल्ली, 20 दिसंबर। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने शुक्रवार को सदन में एक अहम घोषणा की। उन्होंने कहा कि कोई भी राजनीतिक दल, संसद सदस्य या सदस्यों का समूह संसद भवन के द्वार पर धरना या प्रदर्शन आयोजित नहीं करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि संसद भवन का परिसर और उसकी प्रतिष्ठित संस्था की गरिमा को बनाए रखना सभी सांसदों की सामूहिक जिम्मेदारी है।
ओम बिरला ने कहा कि संसद क्षेत्र में किसी भी दरवाजे पर धरना-प्रदर्शन करना सही नहीं है। अगर कोई सदस्य या समूह ऐसा करता है, तो इसका असर उनकी प्रतिष्ठा पर पड़ेगा और उनके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। इस प्रकार की गतिविधियों से सदन की कार्यवाही और संसद की गरिमा को नुकसान पहुंचता है, जिससे लोकतंत्र की असल भावना प्रभावित होती है।
उन्होंने सांसदों ने आग्रह किया कि वह सदन की गरिमा बनाए रखें और संसद भवन के भीतर या उसके आसपास किसी भी प्रकार के प्रदर्शन से बचें। उन्होंने सांसदों की जिम्मेदारी की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि संसद लोकतंत्र का सबसे महत्वपूर्ण मंदिर है, और इसे हर किसी को आदर देना चाहिए।
दरअसल, गुरुवार को संसद भवन परिसर में हुए विरोध-प्रदर्शन के दौरान भाजपा के दो सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत सीढ़ियों से गिरकर चोटिल हो गए थे। भाजपा सांसदों का आरोप है कि कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें धक्का दिया, जिसके बाद वह गिर गए और घायल हो गए। हालांकि, कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया।
इस घटना पर भाजपा नेताओं ने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर की थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों चोटिल सांसदों का हालचाल भी जाना था। धक्का-मुक्की कांड पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने कहा था कि राहुल गांधी बीआर अंबेडकर की फोटो लेकर शांति पूर्वक ‘जय भीम’ के नारे लगाते हुए संसद में जा रहे थे। संसद में जाने से किसने रोका? हम इतने दिनों से साइड में प्रदर्शन कर रहे हैं। जो भी आ रहा है, जा रहा है, उसके लिए पूरा रास्ता है। इन्होंने पहली बार प्रदर्शन किया और सबको रोक दिया, धक्का-मुक्की और गुंडागर्दी की। अमित शाह को बचाने के लिए यह साजिश हुई है।
बता दें कि संसद भवन परिसर में इंडिया ब्लॉक के नेता केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा बाबा साहेब अंबेडकर के संदर्भ में की गई टिप्पणी को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। प्रदर्शनकारी नेता अमित शाह का इस्तीफा मांग रहे हैं। यह विरोध प्रदर्शन डॉ अंबेडकर की प्रतिमा से लेकर मकर द्वार तक किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
नोएडा के बड़े निजी स्कूल को मिला धमकी भरा मेल, बच्चों को घर भेजा गया 
नोएडा, 20 दिसंबर। दिल्ली-एनसीआर के स्कूलों में धमकी भरे मेल मिलने का सिलसिला अभी भी जारी है। बीते कई दिनों से इस तरह के मेल दिल्ली के कई स्कूलों को मिल रहा है। शुक्रवार को भी दिल्ली और नोएडा के एक स्कूल को धमकी भरा मेल भेजा गया है। जिसके बाद स्कूल से सभी बच्चों को वापस घर के लिए रवाना कर दिया गया और पुलिस को मामले की जानकारी दी गई।
जानकारी के मुताबिक, नोएडा के लोटस वैली इंटरनेशनल स्कूल ने सुबह बच्चों को बस से पिकअप किया और जैसे ही बच्चे स्कूल के गेट पर पहुंचे तभी पेरेंट्स को मैसेज भेज कर उन्हें दोबारा रिसीव करने के लिए कहा गया। स्कूल की ओर से पेरेंट्स को भेजे गए मैसेज में लिखा गया था कि सुरक्षा के मद्देनजर बच्चों को वापस घर भेजा जा रहा है।
दूसरी तरफ, दिल्ली के द्वारका स्थित डीपीएस स्कूल को भी धमकी भरा मेल मिला, जिसके बाद पुलिस जांच में जुट गई। फिलहाल दोनों ही मामलों में अभी तक कोई भी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है और न ही स्कूल प्रबंधन ने इस पर कुछ बोला है। एहतियात के तौर पर पुलिस को इसकी सूचना दी गई है। सूचना मिलने के बाद पुलिस और बम स्क्वॉड की टीम मौके पर पहुंचकर छानबीन में जुट गई हैं।
गौरतलब है कि इससे पहले भी दिल्ली के कई स्कूलों में धमकी भरे मेल आ चुके हैं, जिसके बाद स्कूलों में सघन चेकिंग अभियान चलाया गया था। पुलिस ने अब तक ऐसे किसी भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया है, जो इस तरह के मेल भेजने में लिप्त रहा है। इन सूचनाओं को लेकर राजनीतिक पार्टियों ने भी अपनी रोटियां सेंकना शुरू कर दिया था।
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