दुर्घटना
झांसी अस्पताल अग्निकांड: नर्स मेघा जेम्स के वीरतापूर्ण प्रयासों से जलने के बावजूद 15 शिशुओं की जान बचाई गई
झांसी: झांसी के अस्पताल में जब आग लगी, तब नर्स मेघा जेम्स ड्यूटी पर थीं और उन्होंने बचाव कार्य में पूरी तत्परता से भाग लिया तथा कई शिशुओं को बचाकर नायक की भूमिका निभाई।
यहां तक कि जब उसकी सलवार जल गई, तब भी उसने हार नहीं मानी और दूसरों की मदद से 14-15 बच्चों को बाहर निकालने में सफल रही।
नर्स मेघा जेम्स ऑन द फायर
जेम्स ने बताया, “मैं एक बच्चे को इंजेक्शन देने के लिए सिरिंज लेने गई थी। जब मैं वापस आई तो मैंने देखा कि (ऑक्सीजन) कंसंट्रेटर में आग लग गई थी। मैंने वार्ड बॉय को बुलाई, जो आग बुझाने वाले यंत्र के साथ आया और आग बुझाने की कोशिश की। लेकिन तब तक आग फैल चुकी थी।”
झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज के नवजात शिशु गहन चिकित्सा इकाई में शुक्रवार रात आग लगने से दस शिशुओं की मौत हो गई।
भीषण आग का सामना करते हुए, जेम्स का दिमाग इतनी तीव्र गति से काम करने लगा कि उसे खुद के जलने की जरा भी परवाह नहीं रही।
उन्होंने पीटीआई वीडियोज को बताया, “मेरी चप्पल में आग लग गई और मेरा पैर जल गया। फिर मेरी सलवार में आग लग गई। मैंने अपनी सलवार उतार दी और फेंक दी। उस समय मेरा दिमाग काम नहीं कर रहा था।”
जेम्स ने बस एक और सलवार पहनी और बचाव अभियान में वापस चली गई।
उन्होंने कहा, “वहां बहुत धुआं था और जब लाइट चली गई तो हम कुछ भी नहीं देख पा रहे थे। पूरा स्टाफ कम से कम 14-15 बच्चों को बाहर लाया। वार्ड में 11 बेड थे जिन पर 23-24 बच्चे थे।”
जेम्स ने कहा कि अगर लाइटें नहीं बुझतीं तो वे और भी बच्चों को बचा सकते थे। “यह सब बहुत अचानक हुआ। हममें से किसी ने इसकी उम्मीद नहीं की थी।” सहायक नर्सिंग अधीक्षक नलिनी सूद ने जेम्स की बहादुरी की प्रशंसा की और बताया कि बचाव अभियान कैसे चलाया गया।
उन्होंने कहा, “अस्पताल के कर्मचारियों ने बच्चों को बाहर निकालने के लिए एनआईसीयू वार्ड के शीशे तोड़ दिए। तभी नर्स मेघा की सलवार में आग लग गई। अपनी सुरक्षा का ध्यान रखने के बजाय, वह बच्चों को बचाने के लिए वहीं रुकी रही और उन्हें बाहर लोगों को सौंप दिया।”
सूद ने बताया कि जेम्स का इलाज अभी उसी मेडिकल कॉलेज में चल रहा है। उन्होंने कहा कि उन्हें नहीं पता कि वह कितनी गंभीर रूप से जली हैं।
उन्होंने कहा, “बचाए गए शिशुओं को एनआईसीयू वार्ड के बहुत करीब वाले वार्ड में स्थानांतरित कर दिया गया। जब मैं उस दृश्य को याद करती हूं तो मुझे रोने का मन करता है।”
घटना पर एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ अंशुल जैन
मेडिकल कॉलेज के एनेस्थिसियोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉ. अंशुल जैन ने मानक बचाव अभियान के बारे में बताया और दावा किया कि अस्पताल ने प्रोटोकॉल का पूरी तरह पालन किया।
“आईसीयू निकासी के दौरान प्राथमिकता प्रक्रिया में, नीति यह है कि कम प्रभावित रोगियों को पहले निकाला जाए। इस दृष्टिकोण के पीछे तर्क यह है कि न्यूनतम सहायता की आवश्यकता वाले रोगियों को जल्दी से स्थानांतरित किया जा सकता है, जिससे कम समय में अधिक संख्या में निकासी पूरी की जा सकती है।
उन्होंने कहा, “इसके विपरीत, वेंटिलेटर पर या उच्च ऑक्सीजन सहायता की आवश्यकता वाले मरीजों को निकालने के लिए अधिक समय और संसाधनों की आवश्यकता होती है।”
जैन ने कहा, “इस सिद्धांत को झांसी में सफलतापूर्वक लागू किया गया, जिसने कई लोगों की जान बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
झांसी के जिलाधिकारी अविनाश कुमार ने बताया कि आग से बचाए गए एक नवजात की रविवार को बीमारी के कारण मौत हो गई।
दुर्घटना
महाराष्ट्र : भीषण सड़क दुर्घटना में साईं दर्शन को जा रहे तीन श्रद्धालुओं की मौके पर मौत, चार घायल

crime
नासिक, 29 अक्टूबर: शिरडी साईं बाबा के दर्शन के लिए आ रहे साईं भक्तों के साथ एक दर्दनाक हादसा हुआ है। हादसे में तीन लोगों की मौत हो गई जबकि चार लोग घायल हो गए।
नासिक के येओला तालुका के एरंडगांव रायते शिवरात इलाके में शिरडी साईं बाबा के दर्शन से लौट रहे श्रद्धालुओं की कार नियंत्रण खो देने के कारण अनियंत्रित होकर पलट गई। इस भीषण दुर्घटना में दो लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसे की सूचना मिलने पर ग्रामीण और पुलिस मौके पर पहुंचे और घायलों को तुरंत इलाज के लिए नासिक ले जाया गया, लेकिन रास्ते में ही एक और घायल ने दम तोड़ दिया। बाकी चार घायलों का इलाज नासिक के एक निजी अस्पताल में चल रहा है।
स्थानीय पुलिस के अनुसार उनकी फॉर्च्यूनर गाड़ी अनियंत्रित होकर पलटी है। आस-पास के सीसीटीवी फुटेज के आधार पर हादसे की जानकारी एकत्रित की जा रही है।
बता दें कि 18 अक्टूबर को महाराष्ट्र के वाशिम जिले में भी एक भीषण सड़क हादसा हुआ था। समृद्धी महामार्ग पर जऊलका पुलिस स्टेशन के अंतर्गत डव्हा के पास इस दुर्घटना में म्यांमार के तीन नागरिकों की मौके पर ही मौत हो गई थी, जबकि तीन अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हादसे का शिकार हुई इनोवा कार मुंबई से ओडिशा के जगन्नाथ पुरी दर्शन के लिए जा रही थी। कार में सवार सभी लोग म्यांमार के निवासी थे। रात के समय तेज रफ्तार के कारण चालक का कार पर नियंत्रण छूट गया था और कार सीधे सड़क के डिवाइडर से टकरा गई थी। टक्कर इतनी जोरदार थी कि कार का अगला हिस्सा पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था। प्रारंभिक जांच में तेज रफ्तार और चालक की लापरवाही को हादसे का कारण माना गया था।
दुर्घटना
राजस्थान: मजदूरों से भरी बस में करंट दौड़ने के बाद लगी आग, दो की मौत, डिप्टी सीएम प्रेमचंद बैरवा ने दुख जताया

जयपुर, 28 अक्टूबर: राजस्थान के जयपुर में मंगलवार को दर्दनाक बस हादसा हुआ। यहां मजदूरों को लेकर जा रही एक बस हाईटेंशन लाइन के तार की चपेट में आ गई, जिससे दो मजदूरों की मौत होने की सूचना है, जबकि 10 से अधिक मजदूर चोटिल बताए जा रहे हैं।
जानकारी सामने आई है कि जयपुर जिले के शाहपुरा विधानसभा क्षेत्र के मनोहरपुर क्षेत्र में यह हादसा हुआ। यह बस शाहपुरा के टोडी स्थित ईंट भट्टे पर मजदूरों को लेकर आ रही थी। हाईटेंशन लाइन को छूने पर पूरी बस में करंट दौड़ने लगा, जिसके बाद उसमें आग लग गई।
राजस्थान के उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा ने कहा कि बस दुर्घटना में जनहानि का समाचार सुनकर मन अत्यंत व्यथित है। उन्होंने बताया कि दुर्घटना की सूचना प्राप्त होते ही संबंधित अधिकारियों से वार्ता कर घायलों के समुचित उपचार सुनिश्चित करने के लिए निर्देशित किया गया है।
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “मेरी संवेदनाएं शोक संतप्त परिजनों के साथ हैं। प्रभु श्रीराम जी से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्माओं को अपने श्रीचरणों में स्थान प्रदान करें और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अशोक गहलोत ने भी हादसे पर शोक व्यक्त किया है। उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “जयपुर के मनोहरपुर में श्रमिकों से भरी बस के हाईटेंशन लाइन छूने से आग लगने से 2 व्यक्तियों की मृत्यु और कई अन्य के घायल होने का समाचार दुखद है। राजस्थान में जिस प्रकार से आए दिन हादसे होने से आम जन अपनी जान गंवा रहे हैं, यह चिंताजनक है। शोकाकुल परिजनों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। घायलों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना करता हूं।”
राजस्थान विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा, “मजदूरों से भरी बस के हाईटेंशन लाइन से टकराने की घटना अत्यंत दर्दनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है। हादसे में दो लोगों की मृत्यु और 10 से अधिक लोगों के घायल होने का समाचार गहरा दुख देने वाला है। शोकाकुल परिजनों के प्रति गहरी संवेदनाएं व्यक्त करता हूं।”
उन्होंने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि दिवंगत आत्माओं को शांति, परिजनों को यह असहनीय दुख सहने की शक्ति और घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
पूर्व सांसद और राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष हनुमान बेनीवाल ने बस दुर्घटना पर दुख जताया। उन्होंने कहा, “जयपुर के मनोहरपुर क्षेत्र में हाईटेंशन लाइन के चपेट में आने से एक स्लीपर बस में आग लगने से हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। इस हादसे में दो मजदूरों की मृत्यु हो जाने व कई लोगों के गंभीर रूप से झुलस जाने के समाचार प्राप्त हुए हैं। ईश्वर दिवंगतजनों की आत्मा को शांति प्रदान करें व घायलों को शीघ्र स्वास्थ्य लाभ प्रदान करें।”
दुर्घटना
कुरनूल बस हादसा: राहुल गांधी ने सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल उठाए

नई दिल्ली/कुरनूल, 24 अक्टूबर: आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले में हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर एक निजी बस में अचानक आग लगने से कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई। लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने इस हादसे पर शोक व्यक्त किया है।
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “आंध्र प्रदेश के कुरनूल में हैदराबाद-बेंगलुरु हाईवे पर बस में आग लगने के भीषण हादसे में कई निर्दोष लोगों की मृत्यु अत्यंत दुखद और पीड़ादायक है। इस त्रासदी में जान गंवाने वाले सभी यात्रियों के शोकाकुल परिवारों के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त करता हूं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की आशा करता हूं।”
उन्होंने यह भी कहा कि बार-बार हो रही ऐसी दुर्घटनाएं हमारे सार्वजनिक परिवहन की सुरक्षा व्यवस्थाओं पर गंभीर प्रश्नचिह्न हैं। यात्रियों की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है जिसके लिए वाहनों के रख-रखाव की जिम्मेदारी के साथ-साथ इन हादसों पर जवाबदेही तय करना अनिवार्य है।
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने भी इस हादसे पर दुख जताया। डीके शिवकुमार ने ‘एक्स’ पोस्ट में लिखा, “हैदराबाद-बेंगलुरु मार्ग पर कुरनूल के पास बस में लगी भीषण आग से मैं बेहद स्तब्ध और दुखी हूं। पीड़ित परिवारों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। हम सभी प्रभावित लोगों के साथ हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की प्रार्थना करते हैं।”
इससे पहले, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राहत कोष से मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की। इसके अलावा, घायलों के लिए 50-50 हजार रुपए दिए जाएंगे।
बता दें कि यह हादसा चिन्नाटेकुर गांव के पास हुआ, जिसमें कई यात्री घायल भी बताए जा रहे हैं। हादसे के बाद स्थानीय प्रशासन ने राहत और बचाव कार्य शुरू किया। घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। शुरुआती जानकारी के अनुसार, हादसे के समय बस में 40 लोग सवार थे। यह निजी बस बेंगलुरु से हैदराबाद जा रही थी। इसी दौरान बस में आग लगी, जिससे वह जलकर राख हो गई।
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