अपराध
यूपी: सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भाजपा पर राज्य को ‘फर्जी मुठभेड़ राजधानी’ में बदलने का आरोप लगाया।

समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सरकार पर उत्तर प्रदेश को “फर्जी मुठभेड़ों की राजधानी” में बदलने का आरोप लगाया है।
सुल्तानपुर डकैती कांड का जिक्र करते हुए यादव ने दावा किया कि मंगेश यादव नामक व्यक्ति को उसके घर से उठाकर पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला। उन्होंने जोर देकर कहा कि यह न्याय नहीं बल्कि हत्या है।
उन्होंने कहा, “मुठभेड़ के दौरान मौजूद एक पुलिस अधिकारी चप्पल पहने हुए दिखाई दिया। इससे ऑपरेशन की व्यावसायिकता पर संदेह पैदा होता है।”
यादव ने आगे आरोप लगाया कि इन मुठभेड़ों में मारे गए अधिकांश लोग पीडीए (पिछड़ी जातियों, दलितों और अल्पसंख्यकों का गठबंधन) के थे।
उन्होंने सत्तारूढ़ पार्टी पर कटाक्ष करते हुए कहा, “धार्मिक नेताओं और माफिया सरगनाओं के बीच बहुत कम अंतर है,” उन्होंने वर्तमान शासन के भीतर शक्तिशाली व्यक्तियों के प्रभाव का संकेत दिया।
अखिलेश ने अयोध्या में जमीन हड़पने के लिए भाजपा पर निशाना साधा
आगे बोलते हुए अखिलेश यादव ने भाजपा नेताओं पर अयोध्या में जमीन हड़पने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रभावशाली लोग सरकारी अधिकारियों की मदद से कम कीमत पर जमीन खरीद रहे हैं, खासकर गरीबों से, और बाद में सर्किल रेट बढ़ा रहे हैं।
यादव ने वादा किया कि जब उनकी पार्टी सत्ता में वापस आएगी, तो अयोध्या को विश्वस्तरीय शहर बनाया जाएगा और जिस भी गरीब व्यक्ति को उसकी जमीन के लिए अनुचित मुआवजा दिया गया है, उसे संशोधित दरों के अनुसार भुगतान किया जाएगा।
अयोध्या से सपा नेता और पूर्व विधायक पवन पांडे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान इन आरोपों को दोहराया और दावा किया कि अयोध्या में सैन्य भूमि पर भी भाजपा नेताओं ने कब्जा कर लिया है। उन्होंने मीडिया के सामने अवैध भूमि रजिस्ट्री के दस्तावेज पेश किए, जिन्हें आगे की जांच के लिए अखिलेश यादव को सौंप दिया गया।
यूपी में अपराध और फर्जी मुठभेड़ों में वृद्धि
यूपी विधानसभा में विपक्ष के नेता माता प्रसाद पांडे ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए उस पर फर्जी मुठभेड़ों की साजिश रचने का आरोप लगाया। उन्होंने आरोप लगाया कि फर्जी मुठभेड़ों को गढ़ने के लिए लोगों को पकड़ा जा रहा है, उन्हें बांधा जा रहा है और गोली मारी जा रही है।
पांडे ने हत्या, लूट और डकैती जैसे हिंसक अपराधों में वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त की और दावा किया कि राज्य में कानून व्यवस्था पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है।
अपराध
मुंबई क्राइम: कांदिवली के डेवलपर पर ₹4.07 करोड़ की धोखाधड़ी का मामला दर्ज

मुंबई: कांदिवली पुलिस ने एक स्थानीय डेवलपर के खिलाफ 4.07 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया है। डेवलपर की पहचान जयंत मेहता के रूप में हुई है, जो समाजदीप बिल्डिंग, बाटा शोरूम लेन, कांदिवली (पश्चिम) में रहता है।
रियल एस्टेट एजेंट दिनेश दयालाल वडोदरिया (74) द्वारा दर्ज कराई गई शिकायत के अनुसार, आरोपी ने शिवमहल बिल्डिंग, दानविभवन चॉल, मथुरादास रोड, कांदिवली (पश्चिम) स्थित 11 कमरों के पुनर्विकास के दस्तावेज़ दिखाकर कथित तौर पर उनके साथ धोखाधड़ी की। आरोपी ने शिकायतकर्ता को परियोजना के लिए धन मुहैया कराने पर लाभदायक रिटर्न का आश्वासन दिया।
इन आश्वासनों पर विश्वास करके, वडोदरिया ने ₹2.89 करोड़ नकद और ₹1.18 करोड़ चेक के माध्यम से, कुल मिलाकर ₹4.07 करोड़ का निवेश किया। हालाँकि, न तो पुनर्विकास परियोजना पूरी हुई और न ही शिकायतकर्ता को कोई रिटर्न मिला, जिसके कारण मामला दर्ज किया गया।
कथित धोखाधड़ी मथुरादास रोड, व्हाइट आर्च बिल्डिंग, कांदिवली (पश्चिम) में हुई। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी और जालसाजी की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। आगे की जाँच जारी है।
अपराध
मुंबई में हनीट्रैप गिरोह का भंडाफोड़, तीन महिलाएं गिरफ्तार

मुंबई, 2 अक्टूबर: मुंबई के वीपी रोड पुलिस ने एक हनीट्रैप गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन महिलाओं को गिरफ्तार किया है। इन पर 46 वर्षीय व्यवसायी को फंसाकर उससे 35,000 रुपये की उगाही करने का आरोप है। इस मामले में एक अन्य महिला फरार है, जिसकी तलाश जारी है। पुलिस ने गिरफ्तार महिलाओं को कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें दो दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया।
पुलिस के अनुसार, दक्षिण मुंबई में महिलाओं द्वारा संचालित यह हनीट्रैप गिरोह कई जबरन वसूली की घटनाओं में शामिल है। मामला जलगांव के एक व्यवसायी से जुड़ा है, जो काम के सिलसिले में मुंबई आया था। 30 सितंबर को छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस (सीएसएमटी) के बाहर एक महिला ने उससे संपर्क किया और 500 रुपये में यौन सेवाएं देने का झांसा दिया।
व्यवसायी के सहमत होने पर वह उसे टैक्सी से गिरगांव के भारत भवन होटल के पास एक इमारत में ले गई। वहां पहले से मौजूद एक अन्य महिला ने व्यवसायी से कपड़े उतारने को कहा। जैसे ही उसने अपना फोन निकाला, महिला ने चिल्लाकर उस पर वीडियो रिकॉर्डिंग का आरोप लगाया। तभी तीन अन्य महिलाएं कमरे में घुस आईं और उसका फोन जबरन अनलॉक करवाकर एक मोबाइल ऐप के जरिए 22,000 रुपये ट्रांसफर कर लिए। इसके बाद उन्होंने उसे सार्वजनिक रूप से बदनाम करने की धमकी देकर उसके बटुए से 13,000 रुपये नकद भी छीन लिए और चुप रहने की चेतावनी दी।
डर के कारण व्यवसायी पहले चुप रहा, लेकिन बाद में उसने वीपी रोड पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज की। पुलिस ने ऑनलाइन ट्रांसफर की पुष्टि की और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर तीन महिलाओं, माजिदा नूर सरदार गाझी (35), रूपा विश्वनाथ दास (47) और नसिम्मा जमान शेख (38) को गिरफ्तार किया।
पुलिस उपायुक्त (जोन 2) मोहित गर्ग ने गिरफ्तारी की पुष्टि की। पुलिस को शक है कि यह गिरोह अन्य लोगों को भी इसी तरह निशाना बना चुका है। कई पीड़ित सामाजिक डर के कारण शिकायत दर्ज नहीं कराते। पुलिस अब जांच कर रही है कि क्या यह गिरोह किसी बड़े उगाही रैकेट का हिस्सा है।
अपराध
बहराइच में 2 नाबालिग की हत्या के बाद शख्स ने परिवार संग खुद को लगाई आग, 6 की मौत

बहराइच, 1 अक्टूबर : उत्तर प्रदेश के बहराइच से एक सनसनीखेज वारदात सामने आई है। यहां एक सिरफिरे व्यक्ति ने पहले दो नाबालिग बच्चों की हत्या कर दी और फिर शिनाख्त छिपाने के लिए अपने परिवार समेत घर में आग लगा दी। इस भीषण घटना में आरोपी विजय समेत कुल 6 लोगों की मौत की जानकारी है।
यह घटना बहराइच के थाना रामगांव इलाके के टेपरहा गांव की है। ग्रामीणों का कहना है कि आरोपी विजय ने पहले दो बच्चों की हत्या की, फिर अपनी पत्नी और अपने दो बच्चों समेत खुद को घर में बंद कर आग लगा ली। घटना की सूचना मिलने पर पुलिस और दमकल विभाग की टीमें मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने के बाद अब तक तीन शवों को बाहर निकाला जा चुका है।
एक ग्रामीण ने मिडिया को बताया कि आरोपी विजय ने गांव के ही दो बच्चों, विजय और शनि, का कत्ल किया था। इसके बाद उसने अपने घर में आग लगाई। विजय और उसकी पत्नी और दो बच्चे आग लगने से मरे हैं।
टेपरहा गांव के पूर्व प्रधान सलीम ने बताया कि उन्हें सुबह करीब 10 बजे घटना के बारे में पता चला। इसके बाद पुलिस को सूचना दी गई। मौके पर पहुंचने के बाद देखा कि घर में आग लगी हुई थी और स्थानीय लोग आग बुझा रहे थे। पुलिस की मौजूदगी में घर का दरवाजा तोड़ा गया। अंदर से तीन शव बाहर निकाले गए।
पूर्व प्रधान के अनुसार, एक ग्रामीण ने मिडिया को बताया धारदार हथियार से कत्ल किया था। दोनों बच्चों के शरीर पर कई जगह निशान थे। विजय ने अपने ही घर पर दोनों बच्चों की हत्या की थी। इसके बाद उसने घर में आग लगाई थी।
ग्रामीणों का कहना है कि विजय के साथ अन्य लोगों की कोई पुरानी रंजिश नहीं थी। वह बच्चों को घर पर बुलाकर लाया था। फिलहाल, इस पूरी घटना के पीछे का कारण स्पष्ट नहीं है।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है। वरिष्ठ पुलिस अधिकारी मौके पर मौजूद हैं और घटना के कारणों का पता लगाने में जुटे हैं।
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