आपदा
प्रधानमंत्री मोदी भूस्खलन प्रभावित वायनाड पहुंचे, हवाई सर्वेक्षण किया; दृश्य सामने आए।
वायनाड: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शनिवार दोपहर भूस्खलन से प्रभावित केरल के वायनाड पहुंचे। मोदी चल रहे राहत और पुनर्वास कार्यों का मूल्यांकन करेंगे और बचे हुए लोगों से मिलेंगे। 30 जुलाई को हुए विनाशकारी भूस्खलन में शुक्रवार तक 226 से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है और 400 से ज़्यादा शवों के अंग बरामद किए गए हैं। इस दुर्घटना में कई लोग बेघर हो गए हैं।
भूस्खलन प्रभावित स्थान का दौरा करने से पहले प्रधानमंत्री मोदी ने क्षेत्र का हवाई सर्वेक्षण किया। हवाई सर्वेक्षण में उन्होंने भूस्खलन का उद्गम स्थल देखा, जो इरुवाझिंजी पुझा (नदी) के उद्गम स्थल पर है। उन्होंने पुंचिरिमट्टम, मुंडक्कई और चूरलमाला के सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्रों का भी निरीक्षण किया।
हवाई सर्वेक्षण में प्रधानमंत्री के साथ केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन, केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान और केंद्रीय पर्यटन तथा पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री सुरेश गोपी भी मौजूद थे। प्रधानमंत्री राहत शिविर और अस्पताल का भी दौरा करेंगे, जहां वे पीड़ितों से मिलेंगे और उनसे बातचीत करेंगे।
इस बीच, वायनाड से पूर्व सांसद और विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने शुक्रवार को वायनाड जाने के फैसले के लिए पीएम मोदी को धन्यवाद दिया। राहुल गांधी ने एक्स पर पोस्ट किया, “भयानक त्रासदी का व्यक्तिगत रूप से जायजा लेने के लिए वायनाड आने के लिए मोदी जी का धन्यवाद। यह एक अच्छा फैसला है।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बुधवार को वायनाड भूस्खलन को ‘प्राकृतिक आपदा’ घोषित करने की मांग की। गांधी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री तबाही की सीमा को पहली बार देखेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे।”
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने बुधवार को वायनाड भूस्खलन को ‘प्राकृतिक आपदा’ घोषित करने की मांग की। गांधी ने कहा, “मुझे विश्वास है कि एक बार जब प्रधानमंत्री तबाही की सीमा को पहली बार देखेंगे, तो वह इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करेंगे।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
वियतनाम में बुआलोई तूफान ने 51 लोगों की ली जान, 14 लोग अब भी लापता; 608 मिलियन यूएसडी नुकसान का अनुमान

हनोई, 2 अक्टूबर : वियतनाम में तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन ने भारी तबाही मचाई है। न्यूज एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार बुआलोई तूफान की चपेट में आने से मौत का आंकड़ा 51 तक पहुंच गया। 14 लोगों का अब तक कुछ पता नहीं चल पाया है, जबकि 164 लोग घायल हुए।
वियतनाम आपदा एवं डाइक प्रबंधन प्राधिकरण ने शुक्रवार को आपदा से जुड़ी एक रिपोर्ट साझा की। इसके अनुसार तूफान बुआलोई और उसके बाद आई बाढ़ और भूस्खलन से उत्तरी और मध्य वियतनाम में 51 लोगों की मौत हो गई, 14 अन्य लापता हो गए और 164 लोग घायल हो गए। शुरुआती आर्थिक क्षति का अनुमान लगभग 15.9 ट्रिलियन वियतनामी डोंग (लगभग 608 मिलियन अमेरिकी डॉलर) लगाया जा रहा है।
इस तूफान में 238,000 से अधिक घर क्षतिग्रस्त या जलमग्न हो गए, लगभग 89,000 हेक्टेयर चावल और अन्य फसलें बर्बाद हो गई। इसके अलावा, 17,000 हेक्टेयर से अधिक जलीय कृषि और लगभग 50,300 हेक्टेयर जंगलों को नुकसान पहुंचा है।
रिपोर्ट के अनुसार, तूफान ने बुनियादी ढांचे को भी गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त कर दिया, 8,800 से अधिक बिजली के खंभे गिर गए और लगभग 468,500 घरों में अभी भी बिजली नहीं है। इसके साथ ही लगभग।
स्थानीय अधिकारी राहत कार्य जारी रखे हुए हैं, क्षतिग्रस्त हुई सड़कों को साफ करने, सभी आवश्यक सेवाओं को बहाल करने और प्रभावित समुदायों की सहायता के लिए उपकरण जुटा रहे हैं।
इस बीच, वियतनाम न्यूज एजेंसी ने शुक्रवार को बताया कि प्रधानमंत्री फाम मिन्ह चिन्ह ने गुरुवार को आपातकालीन राहत के लिए 15 प्रभावित इलाकों के लिए सहायता पैकेज को मंजूरी दी। इससे पहले, उन्होंने 30 सितंबर को स्थानीय अधिकारियों और विभागों को प्रभावित निवासियों की सहायता और प्रभावितों को तत्काल मदद पहुंचाने का निर्देश दिया था।
प्रधानमंत्री ने शोक संतप्त परिवारों, पार्टी संगठनों, प्रशासन और आपदाओं से हुए नुकसान और कठिनाइयों को झेल रहे निवासियों के प्रति अपनी गहरी संवेदना जताई। उन्होंने जन समितियों के अध्यक्षों को आदेश दिया कि वे जल्द से जल्द अलग-थलग पड़े इलाकों में पहुंचने के लिए सेना और वाहन जुटाएं। क्षतिग्रस्त घरों की मरम्मत करवाएं और प्रभावित निवासियों के लिए आश्रयों की व्यवस्था करें। इसके साथ ही उन्होंने 5 अक्टूबर से पहले क्षतिग्रस्त शैक्षणिक और चिकित्सा सुविधाओं की मरम्मत कराने का निर्देश भी दिया है।
वियतनाम के कई हिस्सों में 300 मिलीमीटर से अधिक बारिश हुई है। उत्तरी मध्य वियतनाम के कई गांव जलमग्न हो गए थे और यातायात व बिजली गुल थी।
बुआलोई एक हफ्ते में एशिया के लिए खतरा बनने वाला दूसरा बड़ा तूफान था। पिछले कई वर्षों में आए सबसे शक्तिशाली तूफानों में से एक, रागासा तूफान ने उत्तरी फिलीपींस और ताइवान में कम से कम 28 लोगों की जान ले ली। इससे पहले कि यह चीन में पहुंचा और वियतनाम में फैल गया।
अंतरराष्ट्रीय
फिलीपींस में भूकंप की घटना पर पीएम मोदी ने जताया दुख, अब तक 69 लोगों की मौत

मनीला, 1 अक्टूबर : फिलीपींस में 6.9 की तीव्रता से आए भूकंप के बाद का भयावह मंजर सामने आया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस घटना पर दुख जताया है। वहीं नागरिक सुरक्षा कार्यालय (ओसीडी) ने बताया कि भूकंप में मरने वालों की संख्या बढ़कर 69 हो गई।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताते हुए ‘एक्स’ पर लिखा, “फिलीपींस में आए भूकंप से हुई जान-माल की हानि और व्यापक क्षति के बारे में जानकर मुझे गहरा दुख हुआ। मेरी संवेदनाएं और प्रार्थनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं। मैं घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करता हूं। इस कठिन समय में भारत फिलीपींस के साथ एकजुटता से खड़ा है।”
ओसीडी के उप-प्रशासक और सहायक सचिव बर्नार्डो राफेलिटो एलेजांद्रो ने ब्रीफिंग में बताया कि भूकंप के केंद्र बोगो शहर में 30 लोगों की मौत हो गई, मेडेलिन शहर में 10, सैन रेमिगियो शहर में 22, तबोगोन शहर में पांच और सोगोड और तबुएलन नगर पालिकाओं में एक-एक व्यक्ति की मौत हो गई।
उन्होंने कहा कि पीड़ितों की मौत घरों और इमारतों की ढही हुई दीवारों के नीचे दबने से हुई। राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन परिषद (एनडीआरआरएमसी) ने शुरुआत में बताया कि कम से कम 147 लोग घायल हुए हैं।
शिन्हुआ न्यूज एजेंसी के अनुसार, सहायक सचिव ने घायलों और लापता लोगों के बारे में नए आंकड़े जारी नहीं किए हैं, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि मृतकों की संख्या बढ़ सकती है।
फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान ने शुरुआत में बताया था कि मंगलवार रात स्थानीय समयानुसार 9:59 बजे सेबू प्रांत में 6.7 तीव्रता का भूकंप आया। हालांकि, बाद में फिर तीव्रता को संशोधित कर 6.9 कर दिया गया। भूकंप का केंद्र बोगो शहर से लगभग 19 किलोमीटर उत्तर-पूर्व में, 5 किलोमीटर की गहराई में था।
बता दें कि मध्य फिलीपींस के कई पड़ोसी प्रांतों के साथ-साथ दक्षिणी फिलीपींस के कुछ क्षेत्रों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए। फिलीपींस ज्वालामुखी एवं भूकंप विज्ञान संस्थान की ओर से साझा जानकारी के अनुसार मंगलवार रात से 600 से ज्यादा झटके दर्ज किए गए।
बता दें कि फिलीपींस प्रशांत महासागर के “रिंग ऑफ फायर” क्षेत्र में स्थित है, जो भूकंप और ज्वालामुखी गतिविधि के लिए एक्टिव माना जाता है।
आपदा
घाटकोपर में निर्माणाधीन बिल्डिंग में सिलेंडर विस्फोट, 4 मजदूर गंभीर रूप से घायल

मुंबई: घाटकोपर पूर्व में एक निजी निर्माणाधीन इमारत में मंगलवार रात गैस सिलेंडर फटने से चार मज़दूर गंभीर रूप से घायल हो गए, जिनमें से दो की हालत गंभीर है। घायलों को राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया है। घटना रात 9.11 बजे की बताई गई है।
बीएमसी आपदा प्रबंधन रिपोर्ट के अनुसार, घाटकोपर पूर्व में जैन मंदिर के सामने, विद्यानिकेतन कॉलेज के पास, 60 फीट रोड पर स्थित निर्माणाधीन सात मंजिला इमारत नीलधारा के श्रमिकों के लिए बनाए गए अस्थायी शेड में गैस सिलेंडर फट गया।
स्थिति का जायजा लेने के लिए मुंबई फायर ब्रिगेड, एन वार्ड कार्यालय और स्थानीय पुलिस के अधिकारियों को मौके पर तैनात किया गया है।
गंभीर हालत में घायलों की पहचान ज्ञानश्याम यादव (36) और देवेंद्र पाल (26) के रूप में हुई है। दोनों 60 से 70% तक जल चुके हैं। जिन पीड़ितों की हालत स्थिर है, उनमें महेंद्र चौधरी (32) 10 से 12% और संदीप पाल (20) 5% जल चुके हैं। चारों का बीएमसी द्वारा संचालित राजावाड़ी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
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