Connect with us
Friday,05-September-2025
ताज़ा खबर

आपदा

INS ब्रह्मपुत्र दुर्घटना: क्या भारतीय नौसेना बहुत सारे जहाज खो रही है? ऐसी त्रासदी से कैसे बचा जा सकता है?

Published

on

मुंबई डॉकयार्ड में आईएनएस ब्रह्मपुत्र की घटना, जिसमें भारतीय नौसेना के बहुउद्देशीय फ्रिगेट को जहाज पर लगी आग के कारण नुकसान पहुंचा, ने भारतीय नौसेना के जहाजों के आसपास की स्थिति को सामने ला दिया है। भले ही आग पर काबू पा लिया गया था, लेकिन जहाज ने अपनी कुछ उछाल खो दी और अपनी बाईं ओर झुक गया, या जैसा कि शिपिंग और नौसेना की भाषा में इसे बंदरगाह की ओर कहा जाता है।

दुर्भाग्य से आईएनएस ब्रह्मपुत्र दुर्घटनाओं से क्षतिग्रस्त या नष्ट हुई भारत की नौसेना संपत्तियों की लंबी सूची में शामिल हो गया है। भारतीय तटों की रक्षा के लिए बनाए गए ये जहाज और पनडुब्बियां उन कारकों का शिकार बन गईं जिन्हें लंबे समय से रोका जा सकता था।

आईएनएस ब्रह्मपुत्र: प्रमुख तथ्य

आईएनएस ब्रह्मपुत्र ‘ब्रह्मपुत्र’ श्रेणी का पहला स्वदेशी रूप से निर्मित गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट है। भारतीय नौसेना ने इस जहाज को अप्रैल 2000 में कमीशन किया था। इसके कर्मचारियों में 40 अधिकारी और 330 नाविक शामिल हैं।

125 मीटर लंबा यह युद्धपोत 5300 टन विस्थापन का है और 30 नॉट की गति तक पहुँचने में सक्षम है। इसकी मारक क्षमता में सतह से हवा में मार करने वाली, सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइल के अलावा मध्यम दूरी की बंदूकें, रडार, सोनार, पनडुब्बी रोधी रॉकेट और बहुत कुछ शामिल है। जहाज में अपने डेक से सीकिंग और चेतक हेलीकॉप्टरों को संचालित करने की भी क्षमता है।

झुके हुए जहाज को सीधा करना वाकई एक बहुत बड़ा काम होगा। मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि मुंबई डॉक में यह क्षमता नहीं है और भारत को आईएनएस ब्रह्मपुत्र को फिर से सीधा करने के लिए विदेशी फर्मों को नियुक्त करना होगा।

कोई भी दुर्घटना और जानमाल का नुकसान भारत के लिए एक झटका है और आदर्श रूप से ऐसी कोई दुर्घटना नहीं होनी चाहिए। ऐसी असफलताओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

शौर्य चक्र विजेता भारतीय नौसेना के कैप्टन (सेवानिवृत्त) दिलीप डोंडे ने कहा, “अपनी प्रक्रियाओं को व्यवस्थित रखें। अपनी गलतियों से सीखें।”

किसी भी अन्य पेशेवर सशस्त्र बल की तरह भारतीय नौसेना में भी सख्त प्रक्रियाएं और प्रोटोकॉल हैं। जब जहाज की मरम्मत की जा रही होती है, तब भी प्रक्रियाएं मौजूद होती हैं।

लेकिन क्या मरम्मत के दौरान जहाज अधिक असुरक्षित होता है?

कैप्टन (सेवानिवृत्त) सरबजीत सिंह परमार, जिन्होंने मरम्मत और मरम्मत के दौरान जहाजों की कमान संभाली है, ने कहा, “हां।”

उन्होंने कहा, “आप मरम्मत के दौरान जहाज से व्यवहार की उम्मीद नहीं कर सकते हैं,” उन्होंने कहा कि मरम्मत के दौरान जहाज को तैरते और सीधा रखना एक चुनौतीपूर्ण, नाजुक काम है।

समुद्र में मिशन पर तैनात एक ऑपरेशनल जहाज पूरी तरह से कार्यात्मक लड़ाकू इकाई है। लेकिन मरम्मत के दौरान, चीजें मुश्किल हो सकती हैं, उदाहरण के लिए, अगर कोई हिस्सा दाईं ओर (स्टारबोर्ड साइड) से हटा दिया जाता है, तो जहाज दाईं ओर (पोर्ट साइड) भारी हो जाता है और इसके विपरीत।

इस चरण में जहाज की झुकाव (झुकाव) को बनाए रखना और उसका निरीक्षण करना महत्वपूर्ण है। झुकाव को एक निश्चित बिंदु तक नियंत्रित किया जा सकता है, लेकिन अगर यह एक निश्चित सीमा को पार कर जाता है, तो जहाज के पानी में अपना संतुलन खोने और पूरी तरह से एक तरफ झुकने या यहां तक ​​कि पलटने की संभावना हमेशा बनी रहती है।

कैप्टन (सेवानिवृत्त) परमार ने कहा, “दुनिया की सभी नौसेनाओं को इस समस्या का सामना करना पड़ता है,” “इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि यह भारतीय नौसेना है या अमेरिकी या चीनी। ये कारक सभी को परेशान करते हैं।”

उनकी राय में, INS ब्रह्मपुत्र में आग शॉर्ट सर्किट या वेल्डिंग ऑपरेशन से निकली चिंगारी के कारण लगी थी। चूंकि ईंधन और गोला-बारूद को रिफिट के दौरान जहाज से हटा दिया जाता है, इसलिए ये आग के लिए जिम्मेदार नहीं हो सकते हैं जिसके बाद जहाज एक तरफ झुक गया। इस स्टोरी के प्रकाशित होने तक, भारतीय नौसेना ने INS ब्रह्मपुत्र की घटना की जांच के आदेश दे दिए थे। जांच पूरी होने के बाद आग लगने के कारणों की घोषणा की जाएगी।

“हर काम के लिए प्रक्रिया और प्रोटोकॉल होते हैं। अगर कोई वेल्डर जहाज के किसी हिस्से की मरम्मत कर रहा है, तो उसके पास एक फायर फाइटर का होना ज़रूरी है,” उन्होंने कहा।

तो ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए क्या किया जा सकता है?

कैप्टन (सेवानिवृत्त) परमार ने कहा, “यह जांच की जानी चाहिए कि क्या प्रक्रिया का पालन करने में कोई त्रुटि हुई है।”

जांच में मरम्मत कार्यों को निर्देशित करने वाले वर्तमान नियमों पर भी ध्यान दिया जाना चाहिए और ज़रूरत पड़ने पर उन्हें बदला जाना चाहिए।

चूंकि मुंबई में भारतीय नौसेना के जहाज के क्षतिग्रस्त होने की यह तीसरी घटना है, इसलिए भारत के पश्चिमी नौसेना कमान के मुख्यालय को काफ़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन सेवानिवृत्त नौसेना कप्तान ने कहा कि अभी पूरे डॉक को दोष देना जल्दबाजी होगी।

आपदा

धराली : 50 नागरिक, 1 जेसीओ और 8 जवान लापता- सेना का बचाव अभियान जारी

Published

on

नई दिल्ली, 7 अगस्त। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में धराली में आई आपदा के बाद से ही रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। क्षेत्र अब भी काफी हद तक संपर्क से कटा हुआ है। बड़तवारी, लिंचिगाड़, गंगरानी, हर्षिल और धराली में कई स्थानों पर सड़कें बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुकी हैं।

50 नागरिक, भारतीय सेना के एक जेसीओ और 8 जवान अब भी लापता हैं। वहीं, गंगोत्री में करीब 180 से 200 पर्यटक फंसे हुए हैं, जिन्हें भारतीय सेना और आईटीबीपी द्वारा भोजन, चिकित्सा सहायता और आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है। मौसम और कठिन भौगोलिक परिस्थितियों के चलते राहत व पुनर्स्थापन कार्य में बाधाएं बनी हुई हैं। बावजूद इसके सेना यहां राहत व बचाव कार्यों में जुटी हुई है।

भारतीय सेना के अनुसार, पर्यटकों को नेलोंग हेलीपैड से निकाला जाएगा। हर्षिल का सैन्य हेलीपैड पूरी तरह से चालू है, जबकि नेलोंग हेलीपैड भी चालू है और गंगोत्री से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है, जिससे राहत कार्यों में सुविधा मिल रही है। हालांकि, धराली का नागरिक हेलीपैड कीचड़ भरे भूस्खलन के कारण अभी भी काम नहीं कर रहा है।

सेना ने मानवीय सहायता और आपदा राहत अभियान तेज कर दिया है और नागरिक प्रशासन व अन्य एजेंसियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सड़कें कट जाने और संचार व्यवस्था बाधित होने के चलते सेना लगातार दिन-रात राहत कार्यों में जुटी है। सेना के 225 से अधिक जवान, जिनमें इंजीनियर, चिकित्सा दल और बचाव विशेषज्ञ शामिल हैं, मौके पर तैनात हैं। यहां एक रीको रडार टीम पहले से सक्रिय है और दूसरी टीम को तैनात किया जा रहा है। सेना के अधिकारियों ने बताया कि सर्च एंड रेस्क्यू डॉग्स को भी तैनात किया गया है, जो लापता लोगों को खोजने में सहायता कर रहे हैं।

चिनूक और एमआई-17 हेलिकॉप्टर, जो जॉलीग्रांट में तैनात हैं, जल्द ही मौसम की अनुमति मिलने पर लोगों को निकालने और राहत सामग्री पहुंचाने के लिए उड़ान भरेंगे। सहस्त्रधारा से चलने वाले पांच नागरिक हेलिकॉप्टर एसडीआरएफ के सहयोग से मटली, भटवारी और हर्षिल के बीच लगातार उड़ानें भर रहे हैं। साथ ही, आईटीबीपी के मटली हेलीपैड पर एक अस्थायी एविएशन बेस तैयार किया जा रहा है ताकि हेलिकॉप्टर अभियानों में तेजी लाई जा सके। भारतीय सेना के अनुसार, अब तक 70 नागरिकों को सुरक्षित बचाया गया है।

3 नागरिकों की मौत की पुष्टि हुई है, जबकि 50 से अधिक लोग अभी भी लापता हैं (नागरिक प्रशासन के अनुसार)। सेना ने 1 जेसीओ और 8 जवानों के लापता होने की जानकारी दी है। 9 सैनिकों और 3 नागरिकों को हेलिकॉप्टर से देहरादून लाया गया है। 3 गंभीर रूप से घायल नागरिकों को एम्स ऋषिकेश ले जाया गया है, जबकि 8 अन्य को उत्तरकाशी जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। 2 शव बरामद किए गए हैं।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री ने धाराली का दौरा कर स्थिति का जायजा लिया और राहत कार्यों की समीक्षा की। सेना की सेंट्रल कमांड के कमांडर और यूबी एरिया के जीओसी भी मौके पर राहत अभियानों की निगरानी कर रहे हैं। सेंट्रल कमांड के चीफ ऑफ स्टाफ हेलिकॉप्टर संचालन के लिए सेंट्रल एयर कमांड मुख्यालय से समन्वय कर रहे हैं।

अब अगले 24–48 घंटों में पैराट्रूप्स और चिकित्सा दलों को चिनूक हेलिकॉप्टर से हर्षिल भेजा जाएगा, वहीं एनडीआरएफ कर्मियों और मेडिकल स्टाफ को एमआई-17 हेलिकॉप्टर से नेलोंग ले जाया जाएगा।

Continue Reading

आपदा

उत्तराखंड में बादल फटने से महाराष्ट्र के 24 नागरिक फंसे, सुप्रिया सुले ने सीएम धामी से मदद मांगी

Published

on

पुणे, 6 अगस्त। उत्तरकाशी में बादल फटने की घटना के बाद महाराष्ट्र के 24 नागरिक उत्तराखंड में फंस गए हैं। उनकी सुरक्षा को लेकर एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने चिंता जाहिर की। साथ ही उन्होंने उत्तराखंड में फंसे नागरिकों के नाम के साथ मोबाइल नंबर भी जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।

एनसीपी (एसपी) सांसद सुप्रिया सुले ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “महाराष्ट्र के मंचर क्षेत्र के लगभग 24 नागरिक उत्तराखंड में हाल ही में हुए बादल फटने की घटना के कारण फंसे हुए हैं। पिछले 24 घंटों से उनसे संपर्क न होने के कारण उनके परिवार के लोग काफी चिंतित हैं।”

सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से मदद की अपील की। उन्होंने कहा, “उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुरोध है कि कृपया हस्तक्षेप करें और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।”

उन्होंने उत्तराखंड में फंसे हुए कुछ लोगों के नाम और मोबाइल नंबर भी एक्स पर शेयर किया है, जिनमें अशोक किसान भोर (9890600661), सविता शंकर काले (9527085169), अशोक टेमकर (9867571585), लीला रोकड़े (9130346544), माणिक ढोरे (9822364243), मारुति शिंदे (9284153045), समृद्धि जंगम (9936819132), सतीश मांगड़े (9766663401), लीना जंगम (9769621996), पुरूषोत्तम (9881403519), संगीता वालू (8830146903), शिंदे गहिनीनाथ (9881930966), अरुणा सातकर (9860758977), विट्ठल खेडकर (9405851609), सुनीता धोरे (7499490903), नितिन जाधव (9325666487) और मंगल (8805255991) शामिल है।

सुप्रिया सुले ने उत्तराखंड सरकार से अनुरोध किया है कि वहां फंसे लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करे और उन्हें जल्द से जल्द बचाने में मदद करें।

इस बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने बुधवार को उत्तराकाशी में बादल फटने की घटना को लेकर राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में अधिकारियों के साथ बैठक की। उन्होंने सभी अधिकारियों को स्वास्थ्य सुविधाओं को दुरुस्त करने के निर्देश दिए, ताकि अगर किसी भी प्रकार की आपातकालीन स्थिति पैदा हो, तो उससे कुशलतापूर्वक निपटा जा सके।

Continue Reading

अंतरराष्ट्रीय

एक ‘काली रात’ जो कहर बनकर टूटी, कई अफगानी नींद से फिर कभी नहीं उठे

Published

on

नई दिल्ली, 21 जून। दिन 22 जून, साल 2022! जिसे अफगानिस्तान सबसे भयावह दिन के तौर पर याद करता है। यह वही दिन है, जब भूकंप के एक जोरदार झटके से अफगानिस्तान में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था।

वक्त देर रात करीब 1 बजकर 24 मिनट का था… लोग उस वक्त गहरी नींद में थे। तभी एक जोरदार झटके से उनकी आंख खुली। यह 6.1 की तीव्रता का भूकंप था। इस भूकंप को न सिर्फ अफगानिस्तान में, बल्कि पाकिस्तान और भारत सहित 310 मील के क्षेत्र में मौजूद लोगों ने महसूस किया।

यूएस जियोलॉजिकल सर्वे (यूएसजीएस) के अनुसार इस भूकंप का केंद्र खोस्त से लगभग 28.5 मील दक्षिण-पश्चिम में पाकिस्तान की सीमा के पास था।

रात का काला अंधेरा जब खत्म हुआ, तो सुबह की हल्की रोशनी में दर्दनाक मंजर नजर आ रहा था। कई घर मलबे में तब्दील हो चुके थे। इन मलबों के नीचे कई लाशें दफ्न थीं। हालांकि, कुछ लोग अभी भी जीवन के लिए संघर्ष कर रहे थे।

इस भूकंप में 1000 से ज्यादा लोगों की मौतें हुईं। 1500 से ज्यादा लोग जख्मी हुए। यह 1998 के बाद से अफगानिस्तान में सबसे भयानक भूकंप था। पहले से ही आतंक और चरमपंथियों की मार से जूझ रहे अफगानिस्तान को इस जोरदार भूकंप ने झकझोर कर रख दिया।

यह आपदा तालिबान सरकार के लिए एक मुश्किल परीक्षा थी। बचाव दल राहत कार्य के लिए एकजुट था, लेकिन पहले ही कई अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियां यह देश छोड़ चुकी थीं।

बदहाली इस कदर थी कि लोगों को कंबल में लपेटकर हेलीकॉप्टर तक ले जाया जा रहा था। कुछ लोगों का इलाज वहीं धूल और मलबे के बीच जमीन पर किया जा रहा था।

अमेरिकी भूगर्भीय सर्वेक्षण के भूकंप विज्ञानी रॉबर्ट सैंडर्स का मानना है कि यूं तो दुनिया के दूसरे स्थानों पर इतनी तीव्रता का भूकंप इस कदर तबाही नहीं मचाता, लेकिन इमारतों की क्वालिटी और जनसंख्या घनत्व ही अफगानिस्तान में इस तरह की तबाही का कारण बना।

Continue Reading
Advertisement
मुंबई प्रेस एक्सक्लूसिव न्यूज4 mins ago

मीरा रोड पर हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भंडाफोड़, अभिनेत्री रंगे हाथों पकड़ी गई

राष्ट्रीय समाचार40 mins ago

शिक्षक दिवस का मतलब मेज पर फूल रखना नहीं है : आचार्य प्रशांत

Monsoon1 hour ago

मुंबई मौसम अपडेट: आज शहर में भारी बारिश, आईएमडी ने 5-6 सितंबर के लिए येलो अलर्ट जारी किया

महाराष्ट्र17 hours ago

ठाणे: कल्याण के सैनिक चॉल इलाके से दो नाबालिग लड़कियां लापता; पुलिस ने जांच शुरू की

राष्ट्रीय समाचार17 hours ago

जीएसटी सुधारों से वाहनों की कीमतों में 8.5 प्रतिशत तक की कमी आ सकती है: रिपोर्ट

राजनीति17 hours ago

पीएम मोदी के खिलाफ भाषा की मर्यादा तोड़ने वाले को कड़ी सजा मिलनी चाहिए : आनंद दुबे

महाराष्ट्र18 hours ago

उर्दू स्वर्ण जयंती समारोह: अबू आसिम आज़मी ने अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री बाबुन कोकाटे से की मुलाकात, सभी मांगों का तत्काल समाधान, उर्दू अकादमी की जल्द स्थापना की जाएगी

राजनीति18 hours ago

‘देश के इतिहास में पहली बार किसानों पर लगा टैक्स’, जीएसटी सुधार को लेकर खड़गे का वार

महाराष्ट्र19 hours ago

जुलूसे मोहम्मदी के लिए सार्वजनिक अवकाश 8 सितंबर को रहेगा

महाराष्ट्र19 hours ago

पुणे क्राइम: पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस की बड़ी कार्रवाई, 45 गिरफ्तार, अवैध हथियारों का जखीरा जब्त

अपराध3 days ago

सीबीआई ने आयुध निर्माणी, नागपुर के पूर्व उप महाप्रबंधक पर भ्रष्टाचार का मामला दर्ज किया

महाराष्ट्र4 weeks ago

महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

राष्ट्रीय समाचार1 week ago

मुंबई: मराठा क्रांति मोर्चा के प्रदर्शनकारियों के विशाल जनसैलाब के कारण सीएसएमटी और फोर्ट क्षेत्र जाम में डूबा, आजाद मैदान में आंदोलन से पहले सड़कों पर कब्जा | वीडियो

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई: अगले 2 घंटों के लिए शहर रेड अलर्ट पर, लोकल ट्रेनें देरी से चल रही हैं; वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे पर ट्रैफिक जाम

राष्ट्रीय समाचार2 weeks ago

मुंबई कबूतरखाना विवाद: पेटा इंडिया ने सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र, एसी, ह्यूमिडिफायर और धूल कबूतरों की बीट से भी ज़्यादा चिंताजनक

महाराष्ट्र4 weeks ago

उर्दू पत्रकारों के लिए पेंशन की मांग, विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

राष्ट्रीय समाचार4 weeks ago

‘हे आमचा महाराष्ट्र आहे’: मुंबई लोकल ट्रेन में महिला ने सह-यात्री को मराठी बोलने के लिए मजबूर किया;

महाराष्ट्र3 weeks ago

स्वतंत्रता दिवस पर मुंबई पुलिस पूरी तरह सतर्क

महाराष्ट्र2 weeks ago

मुंबई में बारिश: मीठी नदी खतरे के निशान से ऊपर, निचले इलाकों में दहशत और लोगों को निकाला गया

अपराध2 weeks ago

मुंबई के भांडुप में करंट लगने से 17 वर्षीय युवक की मौत, हेडफोन बनी ‘वजह’

रुझान