Connect with us
Thursday,24-April-2025
ताज़ा खबर

राष्ट्रीय समाचार

दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामला: ईडी ने लोकसभा चुनाव पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के हालिया भाषण पर सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई।

Published

on

नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने गुरुवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के उस भाषण पर सुप्रीम कोर्ट में आपत्ति जताई, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर लोग मौजूदा लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी को वोट देंगे, तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा।

न्यायालयों की टिप्पणियाँ

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता की पीठ ने कहा कि वह इस पर विचार नहीं करेगी और उसका आदेश स्पष्ट है जब उन्हें दो जून को आत्मसमर्पण करना होगा। दिल्ली उत्पाद शुल्क नीति मामले में अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद रिमांड के खिलाफ केजरीवाल की याचिका पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर ईडी की ओर से पेश हुए जनरल तुषार मेहता ने पीठ को बताया कि अंतरिम जमानत पर जेल से बाहर आने के बाद केजरीवाल ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया है और कहा है कि अगर लोग उनकी पार्टी को वोट देंगे तो उन्हें जेल नहीं जाना पड़ेगा।

सॉलिसिटर जनरल ने कहा, “अरविंद केजरीवाल ऐसा कैसे कह सकते हैं? यह संस्था के चेहरे पर तमाचा है।”

केजरीवाल का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा कि वह एक हलफनामा भी दाखिल कर सकते हैं कि सरकार के एक शीर्ष मंत्री ने उन्हें अंतरिम जमानत देने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बारे में क्या कहा है।

पीठ ने कहा कि वह इस पर गौर नहीं करेगी और जमानत मंजूर करते समय उसने ”किसी के लिए अपवाद नहीं बनाया।”

दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा दिया गया भाषण

केजरीवाल ने कहा है कि अगर विपक्षी भारत गुट मौजूदा लोकसभा चुनाव जीतता है, तो वह नतीजे घोषित होने के एक दिन बाद 5 जून को तिहाड़ जेल से वापस आ जाएंगे। केजरीवाल को लोकसभा चुनाव के लिए प्रचार करने के लिए जमानत मिल गई थी और उन्हें 2 जून को आत्मसमर्पण करना होगा।

एक चुनावी रैली में केजरीवाल की टिप्पणी कि “झाड़ू” (आम आदमी पार्टी का प्रतीक) के लिए वोट यह सुनिश्चित करेगा कि वह जेल वापस न आएं, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की आलोचना पर आ गए हैं। शाह ने टिप्पणी को “सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट अवमानना” बताया।

केंद्रीय मंत्री गृह मंत्रालय की प्रतिक्रिया

एएनआई के साथ एक विशेष साक्षात्कार में, अमित शाह ने अरविंद केजरीवाल की अंतरिम जमानत का फैसला सुनाने वाले न्यायाधीशों से यह जांचने के लिए भी कहा कि क्या आदेश का “इस्तेमाल या दुरुपयोग” किया गया था।

“मेरा मानना ​​है कि यह सुप्रीम कोर्ट की स्पष्ट अवमानना ​​है। इसलिए वह जो कहना चाहते हैं वह यह है कि अगर वह जीतते हैं, भले ही वह दोषी हों, तो सुप्रीम कोर्ट उन्हें जेल नहीं भेजेगा। अब फैसला सुनाने वाले जजों ने यह देखने के लिए कि क्या उनके फैसले का इस्तेमाल किया जाता है या दुरुपयोग किया जाता है, “अमित शाह ने एएनआई को बताया।

उन्होंने यह भी कहा कि कई लोगों को लगता है कि उत्पाद शुल्क नीति मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने का सुप्रीम कोर्ट का फैसला उन्हें विशेष उपचार मिलने जैसा है. अमित शाह ने कहा कि मामले में फैसला कोई नियमित न्यायिक आदेश नहीं है.

“सुप्रीम कोर्ट को कानून की व्याख्या करने का अधिकार है, मेरा मानना ​​है कि यह कोई नियमित फैसला नहीं है। इस देश में बहुत से लोग मानते हैं कि विशेष उपचार दिया गया है।”

राजनीति

‘सरकार के फैसले सही, देश एकजुट’, पहलगाम हमले पर मौलाना रशीद महली

Published

on

लखनऊ, 24 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 निर्दोष लोगों की हत्या के बाद पूरे देश में गुस्से और शोक का माहौल है। ऐसे समय में केंद्र सरकार द्वारा पाकिस्तान के खिलाफ लिए गए कड़े कूटनीतिक फैसलों का ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के सदस्य और लखनऊ स्थित ईदगाह के इमाम मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने समर्थन किया है। उन्होंने इसे वक्त की जरूरत बताया है।

उन्होंने कहा कि सिंधु जल संधि पर रोक हो या पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा रद्द करना, या दूतावास से संबंधित निर्णय, ये सभी निर्णय बिल्कुल सही दिशा में उठाए गए हैं और इनकी देश को इस समय सख्त आवश्यकता थी।

मौलाना ने कहा कि पाकिस्तान को अब समझना चाहिए कि उसकी सेना और सरकार की इन आतंकवादी गतिविधियों को दुनिया के किसी भी मंच पर समर्थन नहीं मिलने वाला। उन्होंने पाकिस्तान की आवाम से भी अपील की कि वे अपने हुक्मरानों और सेना के खिलाफ आवाज उठाएं, जो बार-बार ऐसे कायराना और शर्मनाक कदम उठाकर अपने ही मुल्क को बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पहले ही वैश्विक मंचों पर अपनी छवि बिगाड़ चुका है और अब समय आ गया है कि वहां की जनता अपनी सरकार से जवाबदेही मांगे।

उन्होंने यह भी अपील की कि भारत की सभी राजनीतिक पार्टियां इस दुख की घड़ी में एक मंच पर आएं और एकजुट होकर सरकार के साथ खड़ी हों। उन्होंने कहा कि इस तरह के राष्ट्रीय संकट के समय जब सरकार देश की सुरक्षा और संप्रभुता के लिए निर्णय ले रही है, तब सभी दलों को मिलकर उन निर्णयों का समर्थन करना चाहिए ताकि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर यह संदेश जाए कि भारत एकजुट है और आतंकवाद के खिलाफ एक साथ खड़ा है।

मौलाना खालिद रशीद ने यह भी कहा कि सभी धर्मगुरु, राजनीतिक दल और नागरिक समाज के लोग इस आतंकी हमले की निंदा कर रहे हैं और उन्होंने यह साफ किया कि किसी भी धर्म में आतंकवाद या हिंसा का समर्थन नहीं किया जाता। उन्होंने खासतौर पर सोशल मीडिया पर फैलाए जा रहे भड़काऊ संदेशों पर चिंता जताई और कहा कि इस तरह की पोस्ट देश की एकता को कमजोर कर सकती हैं। उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे इस हमले को किसी धार्मिक चश्मे से न देखें और किसी धर्म विशेष को दोष न दें, क्योंकि आतंकवाद का कोई धर्म नहीं होता।

मौलाना ने कहा कि इस संकट की घड़ी में हर भारतीय को अपने राजनीतिक और धार्मिक मतभेदों से ऊपर उठकर सरकार के साथ खड़ा होना चाहिए ताकि देश के अंदर और बाहर यह संदेश जाए कि भारत आतंकवाद के खिलाफ एकजुट और अडिग है।

Continue Reading

राष्ट्रीय समाचार

पहलगाम हमला : सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

Published

on

श्रीनगर, 23 अप्रैल। पहलगाम में हुए आतंकी हमले को लेकर सुरक्षा बलों ने बुधवार को कुछ संदिग्ध आतंकियों की तस्वीरें और स्केच जारी किए हैं। इस हमले में मंगलवार को 26 नागरिकों की जान चली गई थी और कई लोग घायल हो गए थे।

सुरक्षा बलों के अनुसार, इस हमले में तीन आतंकवादियों की पहचान आसिफ फूजी, सुलेमान शाह और अबू तल्हा के तौर पर की गई है।

ये आतंकी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (टीआरएफ) नाम के आतंकी संगठन से जुड़े हैं, जो कि प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा की एक शाखा है। इन लोगों ने पहलगाम से 6 किलोमीटर दूर बसे बैसरन में घूमने आए पर्यटकों पर अचानक गोलियां चला दीं।

सुरक्षा बलों ने बताया कि पांच से छह आतंकी सेना जैसे कपड़े और कुर्ता-पायजामा पहनकर आस-पास के घने जंगल से आए थे और उनके पास एके-47 जैसे खतरनाक हथियार थे। खुफिया जानकारी के मुताबिक, इस हमले में पाकिस्तान से आए आतंकवादी भी शामिल थे जो कुछ ही दिन पहले घाटी में घुसे थे।

सुरक्षा एजेंसियों ने लश्कर-ए-तैयबा के बड़े आतंकी सैफुल्लाह कसूरी उर्फ़ खालिद को इस हमले का मुख्य साजिशकर्ता बताया है।

हमले के बाद सुरक्षाबलों ने बड़ा तलाशी अभियान शुरू कर दिया है और जंगलों में छिपे आतंकियों को ढूंढने के लिए हेलीकॉप्टर भी लगाए गए हैं। जांच में यह भी पता चला है कि आतंकियों ने बहुत उन्नत हथियार और संचार उपकरण इस्तेमाल किए, जिससे साफ है कि उन्हें बाहर से मदद मिल रही थी।

कुछ आतंकियों ने हेलमेट पर लगे कैमरे और बॉडी कैमरों से पूरे हमले की रिकॉर्डिंग भी की। उनके पास सूखे मेवे और दवाइयां भी थीं, जिससे साफ है कि वे पूरी तैयारी के साथ आए थे।

सूत्रों के अनुसार, आतंकियों ने हमले से पहले कुछ स्थानीय लोगों की मदद से इलाके की रेकी भी की थी।

चश्मदीदों का कहना है कि दो आतंकी पश्तो भाषा बोल रहे थे, जो दर्शाता है कि वे पाकिस्तानी थे। वहीं, दो स्थानीय आतंकी आदिल और आसिफ बताए जा रहे हैं, जो बिजबेहरा और त्राल के रहने वाले हैं।

हमले की एकदम सही तैयारी और सटीक योजना से यह लगता है कि इसे ऐसे व्यक्तियों ने अंजाम दिया है जिन्हें इसकी अच्छी ट्रेनिंग मिली हुई है, न कि कोई सामान्य स्थानीय व्यक्ति।

जांच एजेंसियों ने यह भी पाया है कि इन आतंकियों के डिजिटल फुटप्रिंट पाकिस्तान के मुजफ्फराबाद और कराची के सुरक्षित ठिकानों से जुड़े हुए हैं, जिससे सीमा पार आतंकी साजिश की पुष्टि होती है।

Continue Reading

राष्ट्रीय समाचार

एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार

Published

on

नई दिल्ली, 23 अप्रैल। भारत सरकार द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार, राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (एनपीएस) के तहत 2024-25 के दौरान प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख से अधिक दर्ज की गई है। मार्च 2025 तक कुल सब्सक्राइबर्स की संख्या 165 लाख हो गई है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि को दिखाता है।

वित्त मंत्रालय के एक बयान के अनुसार, सितंबर 2024 में शुरू की गई ‘एनपीएस वात्सल्य’ योजना के तहत 1 लाख से ज्यादा सब्सक्राइबर्स को रजिस्टर किया गया है। यह योजना विशेष रूप से नाबालिगों के लिए डिजाइन की गई है।

एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) दोनों के लिए एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 2024-25 के दौरान 23 प्रतिशत बढ़कर मार्च 2025 के अंत तक 14.43 लाख करोड़ रुपये हो गया।

पीएफआरडीए के अध्यक्ष दीपक मोहंती ने इस महीने की शुरुआत में कहा कि एनपीएस भारत के पेंशन क्षेत्र की आधारशिला के रूप में उभरा है, जिसमें 14.4 लाख करोड़ रुपये का संचित कोष है और एनपीएस और अटल पेंशन योजना (एपीवाई) के तहत रजिस्टर्ड सब्सक्राइबर्स की कुल संख्या 8.4 करोड़ है।

मोहंती ने कहा कि पेंशन सिस्टम का ध्यान कवरेज को बढ़ाने, वित्तीय स्थिरता सुनिश्चित करने और भविष्य की पीढ़ियों के लिए पेंशन-समावेशी समाज बनाने पर बना हुआ है।

उन्होंने आगे कहा कि ‘सभी के लिए पेंशन’ एक राष्ट्रीय प्राथमिकता बननी चाहिए। वृद्ध आबादी के लिए एक सम्मानजनक और सुरक्षित भविष्य सुनिश्चित करने के लिए इसमें नीतिगत कार्रवाई की जरूरत है।

1 अप्रैल से लागू यूनिफाइड पेंशन स्कीम से 23 लाख केंद्रीय कर्मचारियों को लाभ मिलने की उम्मीद है। इस स्कीम के तहत कम से कम 25 साल की सेवा वाले केंद्र सरकार के कर्मचारी रिटायरमेंट से पहले पिछले 12 महीनों के अपने औसत मूल वेतन के 50 प्रतिशत के बराबर एक निश्चित पेंशन के लिए पात्र हैं।

सरकार ने केंद्र सरकार के कर्मचारियों को रिटायरमेंट के बाद अधिक वित्तीय सुरक्षा प्रदान करने के लिए यूपीएस की शुरुआत की। यह स्कीम खासकर उन लोगों के लिए लाई गई है, जो बाजार से जुड़ी पेंशन के बजाय एक स्थिर और अनुमानित आय पसंद करते हैं।

जिन कर्मचारियों ने 10 साल से अधिक लेकिन 25 साल से कम समय तक सेवा की है, उन्हें प्रति माह न्यूनतम 10,000 रुपये की पेंशन मिलेगी।

पेंशनभोगी की मृत्यु के मामले में, उनके परिवार को पारिवारिक पेंशन के रूप में अंतिम पेंशन का 60 प्रतिशत मिलेगा।

वर्तमान में एनपीएस के तहत आने वाले केंद्र सरकार के कर्मचारियों के पास यूपीएस में स्विच करने का विकल्प होगा।

इस योजना को हाइब्रिड मॉडल के रूप में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) और एनपीएस दोनों की विशेषताएं शामिल हैं।

Continue Reading
Advertisement
राजनीति16 mins ago

‘सरकार के फैसले सही, देश एकजुट’, पहलगाम हमले पर मौलाना रशीद महली

महाराष्ट्र17 hours ago

पहलगाम हमले के पीड़ित विशेष विमान से लौटे कश्मीर, मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़णवीस ने की आतंकवादी हमलों की निंदा

महाराष्ट्र18 hours ago

पहलगाम आतंकी हमला, मुंबई पुलिस अलर्ट सोशल मीडिया पर विवादित पोस्ट वायरल, सांप्रदायिक तत्वों पर पुलिस की नजर

राष्ट्रीय समाचार19 hours ago

पहलगाम हमला : सुरक्षा बलों ने जारी किए आतंकवादियों के स्केच और तस्वीरें

मनोरंजन19 hours ago

फवाद खान की ‘अबीर गुलाल’ पर पहलगाम आतंकी हमले का साया, लोग बोले- ‘नहीं होने देंगे भारत में रिलीज’

खेल21 hours ago

‘इंसानियत की हार’, पहलगाम हमले पर सचिन, विराट, गंभीर समेत इन खेल हस्तियों ने व्यक्त की संवेदनाएं

व्यापार21 hours ago

लोन के लिए फर्जी दस्तावेज जमा करने पर पीएफसी ने जेनसोल पर दर्ज कराया केस

राष्ट्रीय समाचार22 hours ago

एनपीएस के तहत वित्त वर्ष 2025 में प्राइवेट सेक्टर सब्सक्राइबर्स की संख्या 12 लाख के पार

अपराध23 hours ago

आतंकवादियों के खिलाफ ऐसी कार्रवाई करे सरकार, याद कर उनकी 10 पीढ़ियां भी कांप उठें: राज ठाकरे

खेल24 hours ago

आईपीएल 2025: दिल्ली कैपिटल्स करने जा रही इस बार भी प्लेऑफ में एंट्री! आंकड़े दे रहे गवाही

राजनीति6 days ago

दाऊदी बोहरा समुदाय ने पीएम मोदी से की मुलाकात, वक्फ कानून को लेकर कहा- शुक्रिया

महाराष्ट्र3 days ago

मुंबई की मस्जिदों के लाउडस्पीकर, मस्जिदों के खिलाफ किरीट सोमैया का नोटिस, माहौल बिगड़ने का खतरा, कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए पुलिस का नोटिस,

महाराष्ट्र4 weeks ago

मीरा भयंदर हजरत सैयद बाले शाह बाबा की मजार को ध्वस्त करने का आदेश

महाराष्ट्र4 weeks ago

ईद 2025 पर डोंगरी में दंगे और बम विस्फोट की ‘चेतावनी’ के बाद मुंबई पुलिस ने सुरक्षा बढ़ा दी

अपराध1 week ago

नासिक : धार्मिक स्थल को लेकर उड़ी अफवाह के बाद बवाल, पथराव में कई घायल

महाराष्ट्र4 weeks ago

रज़ा अकादमी के संस्थापक अल्हाज मुहम्मद सईद नूरी का वक्तव्य

राजनीति3 weeks ago

वक्फ संशोधन बिल लोकसभा में होगा पेश, भाजपा-कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने जारी किया व्हिप

बॉलीवुड2 weeks ago

‘रेड-2’ का ट्रेलर आउट, ‘दादा भाई’ के नाम वारंट लेकर पहुंचे ‘अमय पटनायक’

राष्ट्रीय समाचार1 week ago

नासिक : सतपीर दरगाह पर चला बुलडोजर, हाईकोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई

खेल3 weeks ago

आईपीएल 2025 : शानदार रिकॉर्ड के नाम रहा एमआई और केकेआर का मैच, डेब्यूटेंट अश्विनी ने रचा इतिहास

रुझान