राजनीति
रेवंत रेड्डी ने स्वीकार की चुनौती, कहा- 15 अगस्त से पहले हर हाल में किसानों का कर्ज माफ करूंगा।

संगारेड्डी, 24 अप्रैल। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने बीआरएस नेता हरीश राव की चुनौती स्वीकार कर ली है। उन्होंने मेडक जिले में कांग्रेस प्रत्याशी नीलम मधु के समर्थन में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए स्पष्ट कर दिया कि वो हरीश राव की उस चुनौती को स्वीकार करते हैं, जिसमें उन्होंने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री आगामी 15 अगस्त से पहले किसानों के कर्ज माफ नहीं कर सके, तो उन्हें अपने पद से इस्तीफा देना होगा। क्या मुख्यमंत्री मेरी इस चुनौती को स्वीकार करते हैं?
इस पर रेवंत रेड्डी ने कहा कि मैं हरीश राव और केसीआर की इस चुनौती को स्वीकार करता हूं और अपने किसान भाइयों को यह विश्वास दिलाता हूं कि उनका कर्ज आगामी 15 अगस्त से पहले माफ कर दिया जाएगा।
बता दें, कथित तौर पर हरीश राव ने कहा था कि अगर मुख्यमंत्री स्वतंत्रता दिवस से पहले अगर किसानों का कर्जा माफ नहीं कर पाए, तो क्या वो अपने पद से इस्तीफा दे देंगे?
रेवंत रेड्डी ने अब हरीश राव की इस चुनौती को स्वीकार कर लिया है, लेकिन इसके साथ ही उन्होंने केसीआर को भी एक चुनौती दे दी। उन्होंने कहा कि अगर मैं किसानों का कर्ज माफ कर देता हूं, तो क्या केसीआर अपनी पार्टी को भंग कर देंगे? कांग्रेस प्रत्याशी के पक्ष में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए रेवंत रेड्डी ने कहा कि कांग्रेस आगामी 10 वर्षों तक सत्ता में रहेगी।
राजनीति
सपा प्रमुख अखिलेश यादव का सवाल, आतंकी हमलों को रोकने के लिए क्या कर रही सरकार?

Akhilesh Yadav’s
लखनऊ, 28 जुलाई। समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश यादव ने सोमवार को पहलगाम आतंकी हमले, भारत की विदेश नीति और उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर तीखे सवाल उठाए। उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार की नीतियों पर निशाना साधते हुए आतंकवाद, विदेश नीति की असफलता और शासन में पारदर्शिता की कमी जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
चिंदबरम के बयान पर अखिलेश ने पत्रकारों से बातचीत में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सरकार से जवाब मांगा और कहा कि इस हमले में शामिल आतंकियों की सटीक जानकारी जनता को नहीं दी गई।
दरअसल, चिदंबरम ने एक इंटरव्यू में पहलगाम आतंकी हमले को लेकर सवाल उठाए कि क्या हमले में शामिल आतंकी वाकई पाकिस्तान से आए थे? क्या इस बात के सबूत हैं? उन्होंने यह भी कहा कि हमले में घरेलू आतंकी भी हो सकते हैं।
उन्होंने कहा कि बार-बार आतंकी घटनाएं होना सरकार की नाकामी को दर्शाता है। अखिलेश ने पूछा, “पिछले हमलों में शहीद हुए जवानों के बारे में भी पूरी जानकारी क्यों नहीं दी गई? आतंकवाद को रोकने के लिए सरकार क्या कर रही है?”
अखिलेश ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारतीय सेना की बहादुरी की सराहना की और कहा, “हम सेना के साहस और पराक्रम को सलाम करते हैं। अगर उन्हें और मौका मिलता, तो शायद पीओके भी हमारे पास होता।
पहलगाम हमले के बाद भारत ने कहा था कि पाकिस्तान के साथ सभी रिश्ते खत्म हो जाएंगे, लेकिन एशिया कप में दोनों देशों के बीच फिर से क्रिकेट मैच होने पर अखिलेश ने विदेश नीति की आलोचना की। उन्होंने कहा, “हमारी विदेश नीति असफल रही है। भारत का सम्मान कई देश करते हैं, लेकिन जरूरत पड़ने पर कोई हमारे साथ खड़ा नहीं होता।”
उन्होंने चीन के साथ व्यापार पर भी सवाल उठाए और कहा, “भारत चीन को इतना व्यापार दे रहा है, फिर भी हमारी सीमाओं पर खतरा बरकरार है। सरकार को 10 साल का कार्यक्रम बनाना चाहिए, जिसमें चीन का सामान भारत में न आए। जैसे नोटबंदी और कोविड में थाली बजाने जैसे अभियान चले, वैसे ही स्वदेशी को बढ़ावा देने का अभियान शुरू हो।”
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर तंज कसते हुए अखिलेश ने कहा, “सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड कोई उपलब्धि नहीं है। अगर काम न करने का रिकॉर्ड बनता, तो योगी जी पहले नंबर पर होते।”
उन्होंने डबल इंजन की सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा, “लखनऊ से दिल्ली तक कोई सुरंग खोद रहा है। लेकिन, जनता को इसका पता नहीं। विकास के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है।”
अखिलेश ने जनता से जागरूक रहने और सरकार की नीतियों पर सवाल उठाने की अपील की। उन्होंने कहा, “पाकिस्तान से खतरा है, लेकिन असली खतरा चीन से है। सरकार को इस पर ठोस कदम उठाने चाहिए।”
पहलगाम हमले और आतंकवाद के मुद्दे पर अखिलेश ने कहा कि सरकार को पारदर्शिता दिखानी होगी। जनता को सच जानने का हक है। आतंकी हमलों को रोकने और जवानों की शहादत पर स्पष्ट जवाब देना सरकार की जिम्मेदारी है।
राजनीति
डिंपल यादव के अपमान पर एनडीए सांसदों का फूटा गुस्सा, संसद परिसर में मौलाना रशिदी के खिलाफ किया प्रदर्शन

नई दिल्ली, 28 जुलाई। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एनडीए की महिला सांसदों ने मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। भाजपा महिला सांसद माया नारोलिया ने कहा, “यह समस्त नारी शक्ति का अपमान है। हम इस अपमान के खिलाफ एकजुट हैं।”
माया नारोलिया ने कहा, “महिला सांसद के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां शोभा नहीं देतीं। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही नारी का सम्मान होता रहा है। शास्त्रों में कहा गया है, ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः,’ अर्थात जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। एक महिला सांसद के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां करके न केवल उनका, बल्कि समस्त नारी शक्ति का अपमान किया गया है। हम इस अपमान के खिलाफ एकजुट हैं और मानते हैं कि नारी का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। भारत में नारियों को प्रथम स्थान दिया जाता है। कन्या पूजन की परंपरा है और नारियों को देवी के समान माना जाता है।”
वहीं भाजपा महिला सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कहा, “जिस व्यक्ति ने हमारी सांसद डिंपल यादव का अपमान किया है, उसने केवल एक महिला सांसद का ही नहीं, बल्कि देश की समस्त मातृशक्ति का अपमान किया है। समाजवादी पार्टी के नेता इस मामले में चुप क्यों हैं? यह आश्चर्यजनक है कि जिस मातृशक्ति का अपमान हुआ, उनके पति भी चुप हैं। जिन नेताओं ने यह अपमान किया, उन्हें शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए। उन्हें तुरंत माफी मांगनी होगी, क्योंकि देश की मातृशक्ति इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें लंबे समय तक जवाब देना होगा।
उन्होंने आगे कहा, “जिन लोगों ने नारी शक्ति और महिला सांसद का अपमान किया है, उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेताओं का चुप रहना समझ से परे है। यह कैसी राजनीति है? अगर वे अपने घर की महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए।”
बता दें, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनकी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
सपा नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर विभूतिखंड थाने में कल रात मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में महिलाओं की गरिमा और सार्वजनिक शांति से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 79, 196, 197, 299, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच जारी है।
अपराध
शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामला: आंतरिक जांच समिति आज सौंप सकती है पुलिस को रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा, 28 जुलाई। ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा की आत्महत्या मामले की जांच कर रही आंतरिक जांच कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट पुलिस को सौंप सकती है। इस जांच कमेटी ने अब तक छात्रा के परिवार, जेल में बंद प्रोफेसर और अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच पूरी कर ली है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस कुछ और लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि छात्रा की आत्महत्या के पीछे कौन-कौन सी वजहें रहीं और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किस स्तर पर लापरवाही बरती गई। ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट में कुछ और कर्मचारियों या प्रोफेसरों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ और लोगों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले, जांच समिति ने मृतक छात्रा के परिजनों, दोस्तों, सहपाठियों और विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों से पूछताछ पूरी कर ली है। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
पुलिस ने मृतक छात्रा का मोबाइल फोन, लैपटॉप, किताबें और आत्महत्या से पहले लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। ये सभी चीजें पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर सील कर दी हैं और सुरक्षित रखी हैं। अब पुलिस इन सबको फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत ली जाएगी। फॉरेंसिक जांच के दौरान सुसाइड नोट की राइटिंग का मिलान भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सच में छात्रा की ही लिखावट है या किसी और की।
इसके अलावा, मोबाइल और लैपटॉप से यह पता लगाया जाएगा कि आत्महत्या करने से पहले छात्रा ने किन लोगों के संपर्क में थी और उसकी स्थिति कैसी थी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है। यदि आंतरिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि होती है, तो यह प्रकरण और गंभीर हो सकता है।
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