राजनीति
केंद्र ने संसद के विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को सर्वदलीय बैठक बुलाई है
												नई दिल्ली, 13 सितंबर: संसद के विशेष सत्र से पहले 17 सितंबर को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाई गई है, केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। संसद का पांच दिवसीय विशेष सत्र 18 से 22 सितंबर तक आयोजित किया जाएगा। मंत्री ने कहा, “इस महीने की 18 तारीख से संसद सत्र से पहले, 17 तारीख को शाम 4.30 बजे सर्वदलीय फ्लोर लीडर्स की बैठक बुलाई गई है।” प्रह्लाद जोशी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स, (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। उन्होंने कहा, “इसके लिए निमंत्रण संबंधित नेताओं को ईमेल के माध्यम से भेजा गया है। पत्र का पालन किया जाएगा।” विपक्ष ने एजेंडे का खुलासा किए बिना संसद का विशेष सत्र बुलाने के लिए भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की भी आलोचना की है। इससे पहले केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री ने 18 से 22 सितंबर तक संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की जानकारी दी. हालाँकि विशेष सत्र का एजेंडा अभी तक सामने नहीं आया है। पिछले महीने संपन्न हुआ संसद का मानसून सत्र पुराने संसद भवन में आयोजित किया गया था। विशेष सत्र की घोषणा राजनीतिक हलकों में एक आश्चर्य के रूप में सामने आई, क्योंकि पार्टियां इस साल के अंत में पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों की तैयारी कर रही हैं।
राजनीति
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान जारी

नई दिल्ली, 4 नवंबर: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में आज यानी मंगलवार को छात्रसंघ चुनाव के लिए मतदान हो रहा है। इस दौरान कई छात्र ऊर्जा एवं उत्साह के साथ मतदान के लिए पहुंच रहे हैं। विश्वविद्यालय के प्रत्येक स्कूल व केंद्र के छात्र इस चुनाव में मतदाता हैं।
विभिन्न छात्र संगठन बीते कई दिनों से विश्वविद्यालय के अलग-अलग हॉस्टल्स में छात्रों से संवाद स्थापित करने का प्रयास करते रहे। छात्र संगठनों का कहना है कि यह चुनाव केवल वैचारिक आंदोलन नहीं, बल्कि सेवा और समाधान की संस्कृति का प्रतीक है। मंगलवार सुबह से ही विभिन्न छात्र संगठनों से जुड़े युवा मतदान केंद्रों के आसपास जुटना शुरू हो गए थे। विश्वविद्यालय में कुल 8 मतदान केंद्र बनाए गए हैं।
जेएनयू के इन मतदान केन्द्रों पर मंगलवार सुबह 9 बजे से मतदान प्रक्रिया शुरू हो गई है। पहली पाली का मतदान दोपहर 1 बजे तक चलेगा। इसके बाद दोपहर 2 बजकर 30 मिनट पर दूसरी पाली का मतदान प्रारंभ होगा जो शाम 5 बजकर 30 मिनट तक जारी रहेगा। जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव व संयुक्त सचिव के लिए यह मतदान हो रहा है। विश्वविद्यालय के कुल 9043 छात्र मतदान में हिस्सा ले सकेंगे।
गौरतलब है कि विभिन्न वाम संगठन जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में इस वर्ष संयुक्त रूप से चुनाव लड़ रहे हैं। वाम संगठन जैसे कि एसएफआई, आइसा व डीएसएफ लंबे समय बाद छात्रसंघ चुनाव में साथ आए हैं। इन वामदलों की ओर से अध्यक्ष पद के लिए अदिति मिश्रा मैदान में हैं। उपाध्यक्ष के लिए कीझाकूट गोपिका बाबू, सचिव पद पर सुनील यादव व संयुक्त सचिव के लिए दानिश अली चुनाव लड़ रहे हैं।
जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में अभाविप की ओर से अध्यक्ष पद पर विकास पटेल चुनाव मैदान में हैं। उपाध्यक्ष पद पर तान्या कुमारी चुनाव लड़ रही हैं। महासचिव पद के लिए राजेश्वर कांत दुबे व संयुक्त सचिव पद के लिए अनुज एबीवीपी के प्रत्याशी हैं। इसके अलावा अन्य संगठनों ने भी इन चुनावों में अपने उम्मीदवार उतारे हैं। विश्वविद्यालय में मतदान प्रारंभ होने के साथ ही छात्रों को इस संबंध में जानकारी देने की भी पूरी व्यवस्था की गई है।
चुनाव नतीजों की बात करें तो 6 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ चुनाव का नतीजा जारी किया जाएगा। इस साल जेएनयू छात्र संघ चुनाव कमेटी की ओर से एक ऑफिशियल वेबसाइट की जानकारी दी गई है। विश्वविद्यालय के छात्र इस वेबसाइट के जरिए लाइव रिजल्ट और अन्य आधिकारिक सूचनाएं हासिल कर सकेंगे। छात्र संगठनों ने इन चुनावों में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय व छात्रों से जुड़े अनेक मुद्दे उठाए हैं।
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) ने इन चुनावों में शोधार्थियों की फेलोशिप, हॉस्टल आवंटन की पारदर्शिता, वाई-फाई सुविधा के विस्तार, और अकादमिक वातावरण के सुदृढ़ीकरण जैसे मुद्दों को उठाया है। एबीवीपी का कहना है कि दिल्ली विश्वविद्यालय, पटना विश्वविद्यालय, गुवाहाटी विश्वविद्यालय, पंजाब विश्वविद्यालय और हैदराबाद विश्वविद्यालय सहित कई संस्थानों में अभाविप के प्रति छात्रों का समर्थन तेजी से बढ़ा है। यह लहर केवल चुनावी नहीं, बल्कि वैचारिक परिवर्तन की लहर है, जो बताती है कि आज का युवा संघर्ष नहीं, समाधान चाहता है।
अपराध
मुंबई: मकोका कोर्ट ने 1992 के जेजे अस्पताल गोलीबारी मामले में 63 वर्षीय आरोपी को बरी करने से इनकार किया

मुंबई: विशेष मकोका अदालत ने 63 वर्षीय त्रिभुवन रामपति सिंह को आरोपमुक्त करने से इनकार कर दिया है। सिंह पर 1992 में मुंबई के जेजे अस्पताल में हुई गोलीबारी में हमलावरों में से एक होने का आरोप है। इस गोलीबारी का उद्देश्य 1991 में दाऊद इब्राहिम के बहनोई इब्राहिम इकबाल पारकर पर की गई गोलीबारी का बदला लेना था।
अभियोजन पक्ष का आरोप है कि कथित तौर पर अरुण गवली गिरोह के एक समूह ने 16 मार्च, 1991 को पारकर पर हमला किया था। इसके बाद, 12 सितंबर, 1992 को सुबह 3:45 बजे, एके-47, पिस्तौल, रिवॉल्वर और हथगोले से लैस हमलावर उस वार्ड में घुस आए जहाँ शूटर शैलेश हल्दांकर भर्ती थे और उन्होंने गोलीबारी शुरू कर दी। हल्दांकर और सुरक्षा ड्यूटी पर तैनात दो कांस्टेबल मारे गए, और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
उत्तर प्रदेश में हत्या के आरोप में 32 साल बाद गिरफ्तार किए गए सिंह की पहचान प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों और शिनाख्त परेड के ज़रिए हुई, जिसमें उनके कबूलनामे से हमले में उनकी संलिप्तता सामने आई। अभियोजन पक्ष ने कहा, “आवेदक के शरीर पर दिखाई देने वाली पुरानी चोटों के बारे में डॉक्टर की रिपोर्ट से स्पष्ट रूप से आग्नेयास्त्रों से लगी पुरानी चोट का पता चलता है,” क्योंकि सिंह पुलिस की जवाबी कार्रवाई में घायल हुआ था और भाग गया था। सिंह के वकील सुदीप पासबोला ने गलत पहचान का दावा करते हुए तर्क दिया कि केवल दो हमलावर, सुभाष ठाकुर (दोषी) और बृजेश सिंह (बरी), ही शामिल थे, और 32 साल बाद की गई पहचान अविश्वसनीय है।
अभियोजक सुनील गोयल ने प्रतिवाद किया कि सिंह उर्फ रमापति प्रधान ने डीएनए परीक्षण से इनकार कर दिया। अदालत ने रिकॉर्ड की समीक्षा करने के बाद कहा, “प्रथम दृष्टया साक्ष्य स्पष्ट रूप से दर्शाते हैं कि आवेदक षडयंत्र, हत्या, आपराधिक गिरोह की आपराधिक गतिविधियों में सहायता और प्रोत्साहन के अपराध में शामिल था,” और सिंह के खिलाफ कार्यवाही के लिए पर्याप्त आधार पाया।
राष्ट्रीय समाचार
जीवन में सुख समृद्धि पाने के लिए देव दीपावली पर ये काम जरूर करें

नई दिल्ली, 4 नवंबर: कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि 5 नवंबर शाम 6 बजकर 48 मिनट तक रहेगी। इसके बाद अगहन महीने की प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। इस दिन देव दीपावली, गुरु नानक जयंती, पुष्कर स्नान और कार्तिक पूर्णिमा व्रत हैं।
द्रिक पंचांग के अनुसार, बुधवार को अभिजीत मुहूर्त कोई नहीं है और राहुकाल का समय दोपहर 12 बजकर 4 मिनट से शुरू होकर 1 बजकर 27 मिनट तक रहेगा।
देव दीपावली का उल्लेख शिव पुराण और पद्म पुराण में मिलता है। शिव पुराण के अनुसार, भगवान शिव ने त्रिपुरासुर राक्षस का वध किया था, जिसके बाद देवताओं ने कार्तिक पूर्णिमा के दिन काशी में दीप जलाकर देव दीपावली मनाई थी।
इस दिन भोलेनाथ की स्तुति और राम भक्त हनुमान की पूजा करने का विशेष महत्व है। मान्यता है कि सिंदूर और चमेली का तेल अर्पित करने से हनुमान भगवान शीघ्र प्रसन्न होते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, देव दीपावली पर राहु-केतु, मंगल, गुरु, बुध और शनि ग्रहों से दोषों को दूर करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं। इसके अलावा, घर में वास्तु दोष दूर करने और सुख समृद्धि पाने के लिए घर के हर कोने में गंगाजल का छिड़काव करना लाभकारी होता है।
कार्तिक माह को दामोदर मास भी कहते हैं। इस दिन गंगा स्नान, व्रत, दान और चंद्रमा को अर्घ्य देने की परंपरा है। मान्यता है कि भगवान विष्णु मत्स्य रूप में जल में विराजमान रहते हैं, इसलिए दीपदान किया जाता है। इसके अलावा वैकुंठ चतुर्दशी के पूजन का भी विशेष महत्व है, जब भगवान विष्णु ने भगवान शिव का पूजन किया था।
सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी का जन्म भी 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को हुआ था। इसे गुरु पर्व या प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
सिख समुदाय सुबह अमृत वेला में गुरुद्वारों में एकत्रित होकर कीर्तन, लंगर और नगर कीर्तन निकालते हैं। साथ ही स्वर्ण मंदिर, अमृतसर में विशेष आतिशबाजी और प्रकाश व्यवस्था होती है।
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