राजनीति
नई दिल्ली: बेंगलुरु में संयुक्त विपक्ष सम्मेलन में शामिल होंगी सोनिया, खड़गे ने 24 दलों को आमंत्रित किया

नई दिल्ली: कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी बेंगलुरु में विपक्षी दलों की 2 दिवसीय बैठक में भाग लेंगी, जो उनके द्वारा आयोजित रात्रिभोज से शुरू होगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बैठक के लिए 24 पार्टियों को निमंत्रण भेजा है, जबकि पटना में पहले सम्मेलन में 15 पार्टियां शामिल हुई थीं। बैठक में विपक्षी मोर्चे के नाम और उसके संयोजक, जो बिहार के सीएम नीतीश कुमार हो सकते हैं, पर चर्चा हो सकती है. हालांकि भाजपा द्वारा किए गए राकांपा विभाजन ने अन्य राज्यों में विपक्षी गठबंधनों के टूटने की अटकलों को हवा दे दी है, लेकिन अधिकांश विपक्षी नेता आरएसएस समर्थित भाजपा से सावधान हो रहे हैं, जिसने सत्ता में बने रहने के लिए सभी सिद्धांतों को त्याग दिया है और नैतिकता को कूड़ेदान में फेंक दिया है। यह पहली बैठक होगी जिसमें ममता बनर्जी के साथ-साथ वाम दल और कांग्रेस भी एक मंच पर आएंगे, क्योंकि बंगाल पंचायत चुनाव में उनकी तृणमूल कांग्रेस ने जीत हासिल की थी और भाजपा को हराया था और वाम और कांग्रेस को तीसरे स्थान पर छोड़ दिया था।
बेंगलुरु बैठक में आठ दलों के शामिल होने की उम्मीद है. कुल मिलाकर, 24 पार्टियों के पास लगभग 150 लोकसभा सदस्य हैं और वे अपना आधार बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। उनके साथ शामिल होने वाली आठ पार्टियां एमडीएमके, केडीएमके, वीसीके, आरएसपी, फॉरवर्ड ब्लॉक, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), केरल कांग्रेस (जोसेफ) और केरल कांग्रेस (मणि) हैं। पहले दो 2014 के चुनावों के दौरान भाजपा के सहयोगी थे जिन्होंने नरेंद्र मोदी को प्रधान मंत्री के रूप में आगे बढ़ाया। बैठक में तीन कार्य समूह विपक्षी गठबंधन की रूपरेखा और नाम पर काम करेंगे, इसके अलावा एक साझा एजेंडा तैयार करेंगे, राज्य स्तरीय गठजोड़ को दुरुस्त करेंगे और संयुक्त विपक्षी बैठकों का कार्यक्रम तय करेंगे। अस्वस्थ चल रहे राष्ट्रीय जनता दल प्रमुख लालू प्रसाद ने कहा है कि वह बैठक के लिए बेंगलुरु जाएंगे। यह बैठक संसद के मानसून सत्र से ठीक दो दिन पहले 18 जुलाई को समाप्त होगी, जहां विपक्ष कई विवादास्पद मुद्दों पर सत्तारूढ़ भाजपा के साथ आमने-सामने होगा।
दुर्घटना
मुंबई के मरीन लाइन्स इलाके के पास रिहायशी इमारत में लगी भीषण आग; तस्वीरें सामने आईं

मुंबई: मुंबई में सोमवार दोपहर मरीन लाइन्स स्थित एक रिहायशी इमारत में भीषण आग लग गई। रिपोर्ट्स के अनुसार नीलकंठ नामक रिहायशी इमारत की चौथी मंजिल पर शॉर्ट सर्किट की वजह से भीषण आग लगी। मौके पर दमकलकर्मी पहुंच गए हैं। किसी के घायल होने या मौत होने की पुष्टि नहीं हुई है। इस आग की तस्वीरें सोशल मीडिया पर शेयर की जा रही हैं।
राजनीति
कांग्रेस सांसद की सिफारिश, ‘पहलगाम में स्थायी समिति की बुलाई जाए बैठक’

नई दिल्ली, 23 जून। कांग्रेस की राज्यसभा सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका चौधरी ने पहलगाम में स्थायी समिति की बैठक बुलाए जाने की सिफारिश की है। 22 अप्रैल को हुए आतंकी हमले के 2 महीने बाद जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटक लौटने लगे हैं। इससे जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी खुश हैं। पहलगाम में पर्यटकों के लौटने के बाद कांग्रेस सांसद ने मुद्दा उठाया है कि स्थायी समिति की अगली बैठक पहलगाम में हो।
कांग्रेस की दिग्गज नेता रेणुका चौधरी ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट में लिखा, “सांसदों के रूप में हमारा सामूहिक प्रयास ये होना चाहिए कि स्थायी समिति की अगली बैठक जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हो। भारत के इस खूबसूरत हिस्से के लोगों को ये महसूस होना चाहिए कि हम उनके साथ हैं। उनके जीवनयापन के साधन और रोजगार लौटाने की जिम्मेदारी हमारी है।”
इसके पहले मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने पहलगाम की कुछ तस्वीरें साझा कीं और पर्यटन बहाल करने के प्रयास पर संतोष जताया। उन्होंने ‘एक्स’ पर लिखा, “पिछली बार जब मैं पहलगाम गया था तो मैंने एक ऐसे बाजार से साइकिल चलाई थी जो लगभग सुनसान था। आज मैं पहलगाम वापस आया जो गतिविधियों से भरा हुआ था। देश के अलग-अलग हिस्सों से आए पर्यटक ठंडी जलवायु और बरसात के मौसम का आनंद ले रहे थे। ये देखना बहुत संतोषजनक है कि मेरे और मेरे सहयोगियों की ओर से किए गए प्रयास धीरे-धीरे फल दे रहे हैं।”
पहलगाम में आतंकवादियों ने 22 अप्रैल को निर्दोष और निहत्थे पर्यटकों को निशाना बनाया था। देश के अलग-अलग हिस्सों से लोग पहलगाम में घूमने आए थे। इसी बीच आतंकवादियों ने उन पर फायरिंग की, जिसमें 26 लोग मारे गए। इस आतंकी हमले के बाद पहलगाम में कई हफ्तों तक सन्नाटा पसरा रहा। लगातार पर्यटकों की संख्या में गिरावट देखी जा रही थी। इससे स्थानीय व्यापारियों, होटल व्यवसायियों और छोटे-छोटे दुकानदारों की रोजमर्रा की कमाई पर गहरा असर पड़ा था। फिलहाल पहलगाम में पर्यटकों की वापसी से सरकार के साथ-साथ व्यापारी और स्थानीय लोग भी खुश हैं।
अपराध
दिल्ली: चार वर्षीय बच्ची को अपहरणकर्ता से छुड़ाया, महिला गिरफ्तार

नई दिल्ली, 23 जून। दिल्ली के चांदनी महल थाना पुलिस ने चार साल की बच्ची को अपहरणकर्ता के चंगुल से सुरक्षित छुड़ा लिया। 40 वर्षीय आरोपी बरखा को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और स्थानीय यूपी पुलिस के सहयोग से इस ऑपरेशन को अंजाम दिया।
घटना 18 जून 2025 को सामने आई, जब एक दंपति ने चांदनी महल थाने में अपनी चार वर्षीय बेटी के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई। शिकायतकर्ता ने बताया कि शाम करीब 5 बजे, उनकी पत्नी व्यस्त थी, तभी उनकी बेटी गायब हो गई। काफी खोजबीन के बाद भी बच्ची का पता नहीं चला और उन्हें संदेह हुआ कि किसी ने गलत इरादे से अपहरण किया है। इस आधार पर पुलिस ने एफआईआर (संख्या 212/25, धारा 137(2) बीएनएस) दर्ज की।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, इंस्पेक्टर महावीर प्रसाद, एसएचओ/चांदनी महल, के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की गई। इसमें एसआई सतीश, एसआई समेंद्र, एसआई गोविंद, एसआई अवधेश नारायण, एचसी सतेश, कांस्टेबल विक्रम, घनश्याम, गौरव, नरेंद्र और महिला कांस्टेबल दिव्यांशी और सिमरन शामिल थे। टीम की निगरानी एसीपी (दरियागंज, मध्य जिला) ने की।
पुलिस ने इलाके के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें बच्ची को दिल्ली गेट के पास संचार भवन की ओर अकेले जाते देखा गया।
गुप्त सूत्रों से पता चला कि एक महिला भिखारी बच्ची को बाराबंकी के बेहटा गांव ले गई है। इस जानकारी को स्थानीय यूपी पुलिस के साथ साझा किया गया और एक टीम तुरंत बाराबंकी रवाना हुई। वहां पहुंचने पर पता चला कि संदिग्ध बरखा बच्ची को लेकर दिल्ली लौट आई थी, क्योंकि उसे पुलिस की तलाश का पता चल गया था।
21 जून को सुबह चांदनी महल थाना पुलिस ने नई और पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशनों पर सादे कपड़ों में निगरानी शुरू की। उसी दिन बरखा को पुरानी दिल्ली रेलवे स्टेशन पर बच्ची के साथ उतरते देखा गया। वह छिपने की कोशिश कर रही थी, लेकिन पुलिस ने उसे तुरंत पकड़ लिया। बच्ची को सुरक्षित छुड़ा लिया गया। पूछताछ में बरखा ने कबूल किया कि उसने बच्ची का अपहरण भीख मंगवाने और तस्करी के इरादे से किया था।
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