राजनीति
चक्रवात बिपर्जय: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुजरात के कच्छ में तूफान से हुई तबाही का जायजा लेते हैं
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को गुजरात के कच्छ में चक्रवात बिपोरजॉय से प्रभावित क्षेत्रों का हवाई सर्वेक्षण किया। यात्रा के दौरान शाह के साथ गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल भी थे। शाह ने इसके बाद मांडवी सिविल अस्पताल का दौरा किया और वहां भर्ती लोगों से मुलाकात की। इसके बाद वह भुज में स्वामी नारायण मंदिर जाएंगे और प्रभावित लोगों के लिए दी जा रही खाद्य सामग्री और अन्य सुविधाओं की समीक्षा करेंगे। चक्रवात बिपारजॉय, जो अरब सागर में उत्पन्न हुआ और भारत के पश्चिमी तट पर बह गया, गुरुवार की रात गुजरात में कच्छ में जखाऊ बंदरगाह के उत्तर में लगभग 10 किमी दूर पहुंचा। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने आज तड़के कहा कि गुजरात के तटीय क्षेत्रों में दस्तक देने के बाद चक्रवात ‘बिप्रजॉय’ कमजोर होकर ‘गहरे दबाव’ में बदल गया है और इसके अगले 12 घंटों में ‘दबाव’ में और कमजोर होने की संभावना है। . आईएमडी के अनुसार, चक्रवाती तूफान दक्षिण पूर्व पाकिस्तान के ऊपर शुक्रवार रात 11:30 बजे ‘डीप डिप्रेशन’ में कमजोर हो गया।
आईएमडी ने कहा, “चक्रवाती तूफान बिपारजॉय कल, 16 जून, 2023 को 23:30 बजे IST दक्षिण-पश्चिम राजस्थान से सटे दक्षिण-पूर्व पाकिस्तान और धोलावीरा से लगभग 100 किमी उत्तर-पूर्व में कच्छ के ऊपर एक गहरे दबाव में कमजोर हो गया।” एक ट्वीट में। इस बीच, पहले यह बताया गया था कि चक्रवात के प्रभाव के कारण भुज, कच्छ में कई पेड़ उखड़ गए। राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की टीम ने शुक्रवार को निकासी का काम किया। इससे पहले दिन में, कुल छह राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीमों ने रूपेन बंदर सरकारी प्राथमिक विद्यालय से 127 नागरिकों को निकाला और चक्रवात बिपरजोय के गुरुवार शाम राज्य के तटीय इलाकों में आने के बाद एनडीएच स्कूल द्वारका में स्थानांतरित कर दिया।
एनडीआरएफ के मुताबिक, निकाले गए नागरिकों में 82 पुरुष, 27 महिलाएं और 15 बच्चे शामिल हैं। चक्रवाती तूफान ‘बिपारजॉय’ के गुजरात में आने के बाद अगले दो दिनों में भारी बारिश की भविष्यवाणी के साथ, पश्चिम रेलवे ने शुक्रवार को चक्रवात संभावित इलाकों में एहतियात के तौर पर कुछ और ट्रेनों के संचालन को रद्द करने, आंशिक रूप से रद्द करने का फैसला किया। क्षेत्रों। गुजरात के मुख्यमंत्री ने चक्रवात बिपरजोय के आने के मद्देनजर राज्य में स्थिति का जायजा लेने के लिए गांधीनगर में राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र में एक बैठक की। गुजरात के सीएम ने प्रभावित क्षेत्रों के जिलाधिकारियों को अपने जिलों में नुकसान का आकलन करने के लिए सर्वेक्षण करने का आदेश दिया।
गुजरात के जामनगर जिले में तेज हवाओं और चक्रवात बिपरजोय की बारिश से बिजली गुल हो गई। समस्या को दूर करने के लिए पीजीवीसीएल (पश्चिम गुजरात विज कंपनी लिमिटेड) की टीमें शुक्रवार को एक्शन मोड में थीं। क्षतिग्रस्त संपत्ति में से 414 फीडर, 221 बिजली के खंभे और एक टीसी को तुरंत चालू कर दिया गया। जामनगर जिले के गांवों में बिजली आपूर्ति बहाल कर दी गई। जामनगर के कलावद तालुका में एक करंट ट्रांसफॉर्मर जिसे तुरंत चालू किया गया था, स्थित था। एनडीआरएफ के महानिदेशक अतुल करवाल ने शुक्रवार को एक अपडेट देते हुए कहा कि गुजरात में चक्रवात बिपारजॉय के आने के बाद किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की सूचना नहीं है। एनडीआरएफ डीजी करवाल ने कहा, “चौबीस जानवरों की मौत हो गई है और 23 लोग घायल हो गए हैं। लगभग एक हजार गांवों में बिजली की आपूर्ति बाधित हो गई है। 800 पेड़ गिर गए हैं। राजकोट को छोड़कर कहीं भी भारी बारिश नहीं हो रही है।”
राष्ट्रीय समाचार
भारतीय तट रक्षक बल के लिए 107 मीटर लंबे प्रशिक्षण जहाज का निर्माण
नई दिल्ली, 13 जनवरी। भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के लिए एक नए प्रशिक्षण जहाज (यार्ड 16101) का निर्माण कार्य सोमवार को शुरू किया गया है।
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक़ मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड (एमडीएल) द्वारा बनाए जा रहे इस समुद्री जहाज की लंबाई 107 मीटर निर्धारित की गई है। तटरक्षक बल का यह जहाज अधिकतम 20 नॉट की गति प्राप्त करने में सक्षम होगा।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार इसमें अत्याधुनिक मशीनरी और उन्नत तकनीकी प्रणालियां भी होंगी। इनमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)-आधारित पूर्वानुमानित रखरखाव प्रणाली भी शामिल की जा रही है। इसके अलावा इस समुद्री जहाज में एक बहुउद्देशीय ड्रोन, एकीकृत ब्रिज सिस्टम और एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली भी शामिल हैं। 7,500 समुद्री मील की सीमा के साथ, इस जहाज को समुद्र में उच्च गुणवत्ता वाले प्रशिक्षण अनुभव सुनिश्चित करने के लिए बनाया जा रहा है।
जहाज को कैडेटों के लिए एक प्रशिक्षण पुल, एक चार्ट हाउस और विशिष्ट कक्षाओं जैसी विशेष सुविधाओं से सुसज्जित किया जाएगा। तट पर अपने बुनियादी प्रशिक्षण के बाद महिला अधिकारियों सहित 70 अंडर-ट्रेनी अधिकारियों के प्रशिक्षण में भी यह जहाज महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। इस जहाज के निर्माण संबंधी अनुबंध को अक्टूबर 2023 में अंतिम रूप दिया गया था। जहाज को सरकार के आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप, खरीद (भारतीय-आईडीडीएम) श्रेणी के तहत एमडीएल द्वारा स्वदेशी रूप से डिजाइन, विकसित और निर्मित किया जा रहा है।
यह परियोजना रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है और देश की रणनीतिक स्वायत्तता को मजबूत करने में महत्वपूर्ण योगदान देगी। रक्षा मंत्रालय का मानना है कि यह पहल आईसीजी की अपनी परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने और अपने अधिकारियों के लिए प्रशिक्षण के उच्चतम मानकों को सुनिश्चित करने के जारी प्रयासों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है। यह पहल भारत के समुद्री हितों की रक्षा में उनकी भूमिका को और मजबूत करने वाली है।
सोमवार को इस जहाज के निर्माण की शुरुआत पर एक समारोह आयोजित किया गया, जिसकी अध्यक्षता तटरक्षक दल के उप महानिदेशक (सामग्री और रखरखाव) महानिरीक्षक एचके शर्मा ने की। इस अवसर पर एमडीएल के निदेशक (जहाज निर्माण) और आईसीजी और एमडीएल के अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
राष्ट्रीय समाचार
ब्रिटिश नौसेना ने डिएगो गार्सिया द्वीप के पास तमिलनाडु के 10 मछुआरों को गिरफ्तार किया
चेन्नई, 13 जनवरी। मध्य हिंद महासागर में डिएगो गार्सिया द्वीप के पास ब्रिटिश नौसेना ने कथित तौर पर तमिलनाडु के दस मछुआरों के एक समूह को गिरफ्तार किया है। ये मछुआरे राज्य के थूथूर गांव के निवासी हैं।
तमिलनाडु मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि ब्रिटिश नौसेना ने मछुआरों को सोमवार तड़के उस समय हिरासत में लिया जब वे टूना मछली पकड़ रहे थे।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, मछुआरों को कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा रेखा (आईएमबीएल) पार करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।
मत्स्य विभाग के सूत्रों ने बताया कि मछुआरों द्वारा इस्तेमाल की गई इसी नाव को पहले भी दो अलग-अलग मौकों पर कथित तौर पर अंतरराष्ट्रीय सीमा पार करने के आरोप में जब्त किया गया था।
तमिलनाडु मत्स्य विभाग ने इस घटना के बारे में भारत सरकार के विदेश मंत्रालय को सूचित कर दिया है।
ज्ञात हो कि तमिलनाडु के रामेश्वरम और थंगाचिमादम से आठ मछुआरों को 12 जनवरी की सुबह श्रीलंकाई नौसेना ने गिरफ्तार कर लिया था। श्रीलंकाई नौसेना अधिकारियों ने दो मशीनीकृत नौकाएं भी जब्त की थी।
श्रीलंकाई नौसेना के अनुसार, ये गिरफ्तारियां रविवार सुबह कथित तौर पर आईएमबीएल पार करने और नेदुनथीवु द्वीप के पास मछली पकड़ने के आरोप में की गई।
मत्स्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने शनिवार सुबह रामेश्वरम जेटी से 169 मशीनी नावों को टोकन जारी किए थे। इन नावों को रविवार शाम को तट पर लौटना था। सूत्रों ने आगे बताया कि गिरफ्तार मछुआरों को श्रीलंका के एक नौसैनिक बंदरगाह पर ले जाया गया, जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
राष्ट्रीय समाचार
बंगाल में एक्सपायर सलाइन से मौत मामले में दो जनहित याचिकाएं, हाईकोर्ट में 16 जनवरी को सुनवाई
कोलकाता, 13 जनवरी। पश्चिम बंगाल के पश्चिमी मिदनापुर जिले के मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में कथित तौर पर एक्सपायर हो चुकी रिंगर लैक्टेटेड (आरएल) सलाइन दिए जाने से एक गर्भवती महिला की मौत को लेकर सोमवार को कलकत्ता उच्च न्यायालय की एक खंडपीठ में दो जनहित याचिकाएं (पीआईएल) दायर की गईं।
कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश टी.एस. शिवगणम और न्यायमूर्ति हिरणमय भट्टाचार्य की खंडपीठ ने दोनों याचिकाओं को स्वीकार कर लिया है।
जनहित याचिकाओं पर पहली सुनवाई 16 जनवरी को होगी। दो जनहित याचिकाओं में से एक कलकत्ता उच्च न्यायालय के वरिष्ठ अधिवक्ता फिरोज एडुलजी ने दायर की है।
याचिका के अनुसार जिस संगठन के सलाइन के कारण कर्नाटक में मौतें हुईं, इसके बाद उस संस्था को राज्य सरकार ने काली सूची में डाल दिया। इसी संस्था ने ही पिछले सप्ताह पश्चिम बंगाल में भी सलाइन की आपूर्ति की, जिसके कारण मौतें हुईं।
पिछले सप्ताह, पांच गर्भवती महिलाओं को कथित तौर पर एक्सपायर सलाइन दिए जाने के बाद मेदिनीपुर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनमें से एक मामोनी रुइदास (25) की शुक्रवार को ही मौत हो गई थी। शेष चार का उसी अस्पताल में इलाज चल रहा था। उनमें से हालत बिगड़ने के बाद तीन को रविवार रात दक्षिण कोलकाता में सरकारी एस.एस.के.एम. मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में स्थानांतरित कर दिया गया।
इस घटना ने गंभीर चिंता पैदा कर दी है। एक्सपायर हो चुकी आरएल सलाइन पास्कल बैंग फार्मास्युटिकल लिमिटेड से आई थी, जो पहले कर्नाटक सरकार और बाद में पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा प्रतिबंधित की गई कंपनी थी।
राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने इस बात की जांच के लिए 13 सदस्यीय जांच समिति बनाई है। समिति यह जांच करेगी कि मरीजों को एक्सपायर हो चुकी सलाइन कैसे दी गई।
जांच समिति सोमवार को इस मामले पर रिपोर्ट पेश करेगी और उसी दिन इसे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के सामने रखा जाएगा।
इस घटना ने राज्य की स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में इसी तरह के मामलों को लेकर चिंता फिर से जगा दी है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में कोलकाता के आर.जी. कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में वित्तीय अनियमितताओं के एक मामले में पूर्व प्रिंसिपल संदीप घोष पर निजी वित्तीय लाभ के लिए मरीजों पर एक्सपायर और अप्रभावी दवाओं के इस्तेमाल को बढ़ावा देने का आरोप लगाया गया था।
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