राजनीति
देश का गरीब व मध्यम वर्ग बड़े सपने देखने व उन्हें पूरा करने का दिखा रहा साहस : पीएम मोदी

नई दिल्ली, 11 फरवरी : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि उनकी सरकार की सोशल सिक्योरिटी स्कीम्स के जरिए देश में एक मजबूत सोशल सिक्योरिटी नेट तैयार हुआ है और इसी की वजह से आज देश का गरीब व मध्यम वर्ग, बड़े सपने देखने और उन्हें पूरा करने का साहस जुटा पा रहा है। उन्होंने कहा कि देश का गरीब और मध्यम वर्ग, आज दुनिया को दिखा रहे हैं कि अपने सामथ्र्य से वो नई ऊंचाइयों को छूने में सक्षम हैं। ‘इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपिस्ट्स’ की साठवीं नेशनल कॉन्फ्रेंस को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि अक्सर उन्हें भी फिजियोथेरेपिस्ट्स के प्रोफेशन और प्रोफेशनलिज्म से बहुत प्रेरणा मिलती है। उन्होंने फिजियोथेरेपिस्ट्स के प्रोफेशन की चुनौतियों का जिक्र करते हुए कहा कि अपनी फील्ड में आपने यह जरूर सीखा होगा कि चुनौतियों से ज्यादा मजबूत आपके भीतर की ताकत होती है । प्रोत्साहन और थोड़े से सपोर्ट से लोग मुश्किल से मुश्किल चुनौतियों पर भी विजय पा लेते हैं। कुछ ऐसी ही बात शासन में भी देखने को मिलती है। हमारे देश के गरीबों को एक सपोर्ट की जरूरत थी, ताकि वे अपनी रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर सकें। बैंक खाता खुलवाना हो, शौचालय बनवाना हो, लोगों तक नल का पानी पहुंचाना हो, हमने ऐसे कितने ही अभियानों से लोगों को सपोर्ट किया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें खुशी है कि मेडिकल फील्ड के इतने महत्वपूर्ण प्रोफेशनल्स अहमदाबाद में एक साथ जुट रहे हैं। कोई चोट हो, दर्द हो, चाहे युवा हों, या बुजुर्ग हों, खिलाड़ी हों, या फिटनेस के मुरीद हों, फिजियोथेरेपिस्ट्स हर परिस्थिति, हर उम्र के लोगों के सहयोगी बनकर उनकी तकलीफ दूर करते हैं। आप लोगों के लिए उम्मीद की किरण होते हैं क्योंकि जब कोई व्यक्ति अचानक चोट या एक्सीडेंट का शिकार हो जाता है, तो उसके लिए ये केवल फिजिकल ट्रॉमा नहीं होता। ये एक मेंटल और साइकोलॉजिकल चैलेंज भी होता है। ऐसे समय में फिजियोथेरेपिस्ट्स केवल उसका इलाज नहीं करता, बल्कि उसे हौसला भी देता है। उन्होंने कहा कि यह प्रोफेशन आत्मनिर्भरता का महžव सिखाता है, लोगों को आत्मनिर्भर बनाता है। इसीलिए, आज जब भारत आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा है तो आपके प्रोफेशन के लोग आसानी से यह समझ सकते हैं कि यह हमारे देश के भविष्य के लिए जरूरी क्यों है। स्वच्छ भारत, बेटी बचाओ और दूसरी कई पहल की सफलता में जन भागीदारी की ही भावना नजर आती है।
पीएम मोदी ने सरकारी नीतियों में निरंतरता की वकालत करते हुए आगे कहा कि फिजियोथेरेपी की सबसे पहली शर्त होती है निरंतरता और देश के लिए भी यह जरूरी होता है कि हमारी नीतियों में निरंतरता हो, उन्हें लागू करने के लिए दृढ़ इच्छाशक्ति हो, तभी तो देश की सारी आवश्यकताएं पूरी होती हैं और देश उठकर खड़ा हो जाता है, लंबी दौड़ दौड़ता है। फिजियोथेरेपी को सरकार द्वारा एक प्रोफेशन के तौर पर मान्यता देने की बात कहते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि देश इस समय आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर अमृत महोत्सव मना रहा है। उन्हें खुशी है कि उनकी सरकार ने इस अमृत महोत्सव में देश के सभी फिजियोथेरेपिस्ट्स को वो उपहार दिया, जिसका वो 75 साल से इंतजार कर रहे थे। फिजियोथेरेपी को एक प्रोफेशन के तौर पर मान्यता देकर उनकी सरकार ने ये इंतजार खत्म कर दिया।
खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट का जिक्र करते हुए मोदी ने कहा कि इन सारे सेक्टर्स में हो रहे विस्तार के कारण अब छोटे शहरों और कस्बों में भी स्पोर्ट्स इंफ्रास्ट्रक्च र के साथ ही फिजियोथेरेपिस्ट की भूमिका भी बढ़ रही है। फैमिली डॉक्टर्स की तरह अब फैमिली फिजियोथेरेपिस्ट भी होने लगे हैं। इससे भी फिजियोथेरेपिस्ट के लिए नई संभावनाएं बन रही हैं। उन्होंने समाज के योगदान के लिए उनके सहयोग की तारीफ करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे लेख, लेक्च र और रील्स के जरिए लोगों को फिटनेस को लेकर सही अप्रोच के बारे में जागरूक करने का भी काम करें। उन्होंने इनसे अपनी प्रोफेशनल पावर को बढ़ाने के लिए फिजियोथेरेपी के साथ-साथ योग पर भी फोकस करने की सलाह दी। टेलीमेडिसीन का जिक्र करते हुए पीएम मोदी ने फिजियोथेरेपिस्ट को वीडियो के द्वारा कंसल्टिंग के तौर-तरीके भी डेवलप करने की सलाह देते हुए कहा कि कई बार ये बहुत ज्यादा मददगार साबित होता है। जैसे अभी तुर्किए में इतना बड़ा भूकंप आया है, सीरिया में भी उसका असर है। इस तरह की आपदा के बाद बहुत बड़ी संख्या में फिजियोथेरेपिस्ट्स की भी जरूरत होती है। ऐसी स्थिति में आप सभी मोबाइल के माध्यम से भी बहुत तरह की मदद कर सकते हैं। फिजियोथेरेपिस्ट एसोसिएशन को इस बारे में जरूर सोचना चाहिए।
राजनीति
गीता और नाट्यशास्त्र यूनेस्को ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल, पीएम मोदी बोले, ‘हर भारतीय के लिए गर्व का क्षण’

नई दिल्ली, 18 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘श्रीमद्भगवद्गीता’ और भरत मुनि के ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किए जाने पर खुशी जाहिर की। उन्होंने इसे प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण बताया।
दरअसल, शुक्रवार को केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ के जरिए जानकारी दी कि ‘गीता’ और ‘नाट्यशास्त्र’ को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया है।
केंद्रीय मंत्री शेखावत के इसी पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, ”समूचे विश्व में प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व का क्षण। गीता और नाट्यशास्त्र को यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया जाना हमारे शाश्वत ज्ञान और समृद्ध संस्कृति को वैश्विक मान्यता प्रदान किया जाना है। गीता और नाट्यशास्त्र ने सदियों से सभ्यता और चेतना का पोषण किया है। उनकी अंतर्दृष्टि दुनिया को प्रेरित करना जारी रखे हुए है।”
इससे पहले केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ”भारत की सभ्यतागत विरासत के लिए एक ऐतिहासिक क्षण। श्रीमद्भगवद्गीता और भरत मुनि का नाट्यशास्त्र अब यूनेस्को के ‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ में शामिल किया गया हैं। यह वैश्विक सम्मान भारत की शाश्वत बुद्धिमत्ता और कलात्मक प्रतिभा का जश्न मनाता है।”
उन्होंने आगे लिखा, ”ये कालातीत रचनाएं साहित्यिक खजाने से कहीं अधिक हैं, ये दार्शनिक और सौंदर्यपरक आधार हैं, जिन्होंने भारत के विश्व-दृष्टिकोण और हमारे सोचने, महसूस करने, जीने और अभिव्यक्ति के तरीके को आकार दिया है। इसके साथ ही, अब इस अंतर्राष्ट्रीय रजिस्टर में हमारे देश के 14 अभिलेख शामिल हो गए हैं।”
‘मेमोरी ऑफ द वर्ल्ड रजिस्टर’ यूनेस्को की तरफ से शुरू किया गया एक प्रोग्राम है, जिसका मकसद विश्वभर के महत्वपूर्ण दस्तावेजी विरासत को संरक्षित करना है। इसके साथ ही इसे आसानी से लोगों तक पहुंचाना होता है। इस कार्यक्रम की शुरुआत 1992 में हुई थी।
सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर के सम्मान और संरक्षण के लिए हर साल 18 अप्रैल को ‘विश्व धरोहर दिवस’ मनाया जाता है। विश्व धरोहर सम्मेलन 1972 में यूनेस्को द्वारा किया गया एक अंतर्राष्ट्रीय समझौता है। विश्व धरोहर सम्मेलन को दुनिया भर के देशों ने महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थलों की सुरक्षा के लिए अपनाया था।
राजनीति
‘जाट’ पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप, सनी-रणदीप के खिलाफ केस दर्ज

जालंधर, 18 अप्रैल। सनी देओल, रणदीप हुड्डा स्टारर हालिया रिलीज फिल्म ‘जाट’ मुश्किलों में घिरती दिख रही है। फिल्म पर धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का आरोप लगा है। जालंधर के थाना सदर में सनी देओल, रणदीप हुड्डा समेत टीम के अन्य सदस्यों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है।
जालंधर के थाना सदर में ‘जाट’ फिल्म के अभिनेता सनी देओल, रणदीप हुड्डा, वीनित कुमार, निर्देशक गोपीचंद मलिनेनी, प्रोड्यूसर नवीन मलिनेनी के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है। फिल्म के सदस्यों पर मामला जालंधर के गांव फोलरीवाल निवासी विकल्फ गोल्ड के बयानों पर दर्ज हुआ है। धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 बीएनएस के तहत दर्ज किया गया है।
ईसाई समुदाय ने हाल ही में ‘जाट’ फिल्म में एक सीन को लेकर पुलिस कमिश्नरेट दफ्तर के बाहर प्रदर्शन किया था। समुदाय का आरोप है कि फिल्म के एक सीन में प्रभु यीशु और धर्म से जुड़ी पवित्र चीजों की बेअदबी की गई है, जिसे लेकर उन्होंने अधिकारियों को मामला दर्ज करवाने की मांग के साथ पत्र सौंपा था। पुलिस को दिए गए शिकायती पत्र में बताया गया कि ‘जाट’ मूवी में प्रभु यीशु मसीह के सलीब (लकड़ी का बना क्रॉस) वाले दृश्य की नकल करके ईसाईयों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाया गया है।
‘जाट’ का निर्देशन गोपीचंद मलिनेनी ने किया है। सनी देओल के साथ फिल्म में रणदीप हुड्डा, विनीत कुमार सिंह, सैयामी खेर और रेजिना कैसंड्रा भी अहम भूमिकाओं में हैं। फिल्म में अभिनेता रणदीप हुड्डा खतरनाक खलनायक ‘रणतुंगा’ के किरदार में हैं। फिल्म में उर्वशी रौतेला का एक आइटम सॉन्ग ‘टच किया’ भी है।
हिंदी के साथ ही तमिल और तेलुगू में रिलीज हुई फिल्म ‘जाट’ का निर्माण मैत्री मूवी मेकर्स ने पीपल मीडिया फैक्ट्री के साथ मिलकर किया है।
10 अप्रैल को रिलीज हुई ‘जाट’ का बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन जारी है। फिल्म 60 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है।
सफलता से उत्साहित निर्माताओं ने जाट 2 की घोषणा भी कर दी है। निर्माताओं ने बताया कि जाट 2 नए मिशन के साथ दर्शकों के सामने आएगी।
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अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर साधा भाजपा पर निशाना

लखनऊ, 18 अप्रैल। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जैन समाज को लेकर भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों से उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
सपा मुखिया अखिलेश यादव ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच एक्स पर लिखा कि वर्तमान समय में देश में अल्पसंख्यक होना एक अभिशाप बनता जा रहा है। आज अल्पसंख्यक जैन समुदाय में भय, असुरक्षा और अनिश्चितता की जो भावना व्याप्त है, वह अत्यधिक चिंता का विषय है। जिसकी चर्चा, निंदा और आक्रोशपूर्ण प्रतिक्रिया संपूर्ण विश्व में हो रही है।
उन्होंने लिखा कि शांतिप्रिय जैन समाज पर अचानक बढ़ते जा रहे हमलों की कड़ी में मध्य प्रदेश के सिंगोली थाना क्षेत्र में एक मंदिर के प्रांगण में जैन मुनियों पर हुआ हिंसक हमला शारीरिक हमले की श्रेणी में आता है। जबलपुर में भाजपाई और उनके संगी-साथी के बीच लीक हुए टेलीफोनिक ऑडियो में जैनियों के बारे में की गई बेहद दुर्भावनापूर्ण-आपत्तिजनक टिप्पणियां एक वाचिक हमला रही और मुंबई में जैन मंदिर के ध्वस्तीकरण और जैन तीर्थंकरों की मूर्तियों, जिनवाणी व अन्य पूजनीय ग्रंथों और शास्त्रों का निर्वासन और निरादर बेहद गंभीर और घोर निंदनीय कुकृत्य की श्रेणी में आएगा।
अखिलेश यादव ने लिखा कि आखिर ये क्यों होता है कि जहां-जहां भी भाजपा सरकार हैं, वहां-वहां जैनियों के तीर्थस्थलों, मंदिरों, जिनालयों, चैत्यालयों, समाजसेवी संस्थानों और समाज के साथ ऐसी विद्वेषपूर्ण घटनाएं हो रही हैं। भाजपा समर्थित एक ऐसा बहुत बड़ा वर्ग है, जो जैनियों की धार्मिक, सार्वजनिक, व्यापारिक-व्यावसायिक ही नहीं बल्कि व्यक्तिगत संपत्तियों पर भी आंख गड़ाए बैठा है और जैनियों को अल्पसंख्यक ही मानकर उनसे उनका सब कुछ छीन लेना चाहता है।
उन्होंने कहा कि चाहे भाजपा शासित गुजरात में ‘श्री गिरनार जी’ के मंदिर पर कब्जे का प्रकरण हो या फिर ‘श्री सम्मेद शिखर जी’ पर केंद्र की भाजपा सरकार का आपत्तिजनक हस्तक्षेप। कुछ साल पहले भाजपा राज में ही उत्तर प्रदेश के बागपत-बड़ौत के एक जैन कॉलेज की वह घटना जिसमें जैनियों की पूज्य ‘श्रुतिदेवी’ की प्रतिमा स्थापित करने का उग्र विरोध भाजपाई संगी-साथियों ने किया था। मध्य प्रदेश के नीमच में एक बुजुर्ग जैन 65 वर्षीय ‘भंवरलाल जैन’ को भाजपा सत्ता समर्थित एक प्रभुत्वशाली व्यक्ति द्वारा थप्पड़ मार-मारकर मार डालने की वीभत्स घटना। ये सब कुछ जैन समुदाय के उत्पीड़न के ही मामले हैं।
सपा मुखिया ने कहा कि जैन समाज आज भाजपा से पूछ रहा है कि भाजपा की निगाह में हमारा महत्व क्या सिर्फ़ चंदा देने तक सीमित है, हमारे धर्म की और हमारी रक्षा कौन करेगा? जब हम दबाव डालते हैं तो हर बार बाद में माफ़ी मांगने का नाटक किया जाता है। मंदिर को दोबारा बनाने से मूर्तियों, पूजनीय पुस्तकों और जैन समाज-समुदाय का जो अपमान हुआ है, क्या वह वापस आएगा?
अखिलेश यादव ने जैन दर्शन की शिक्षा को अतुलनीय बताते हुए कहा कि सत्ताधारी भाजपाइयों द्वारा की गई ऐसी हतोत्साहित करने वाली घटनाएं जैन समुदाय को चाहकर भी कमजोर नहीं कर पाएंगी, क्योंकि वह अल्पसंख्यक के रूप में उस 90 फीसदी जनसंख्या का हिस्सा हैं, जिनकी ‘पीडीए’ के समेकित रूप में रक्षा-सुरक्षा और एकजुटता का संकल्प हम सबने लिया है। इस कठिन समय में हम सब जैन समाज के साथ हैं। जैन समाज याद रखे, भाजपाई किसी के सगे नहीं हैं।
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