राष्ट्रीय समाचार
भारत बायोटेक की इंट्रानेजल कोविड बूस्टर खुराक को मंजूरी

भारतीय औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक की इंट्रानेजल ‘फाइव आर्म्स’ कोविड 19 बूस्टर खुराक के प्रतिबंधित उपयोग की मंजूरी दे दी है। एक सूत्र ने कहा कि कोवाक्सिन या कोविशील्ड वैक्सीन की खुराक दिए जाने के बावजूद वयस्कों के लिए तीसरी खुराक के रूप में प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के लिए नैजल वैक्सीन आईएनसीओवीएसीसी को आपातकालीन उपयोग की अनुमति दी गई है।
वैक्सीन निर्माता के अनुसार टीके की उत्कृष्ट क्षमता है। यह नाक में प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया पैदा कर सकता है। इससे बीमारी, संक्रमण और संचरण से बचाव होता है।
दूसरी खुराक के छह महीने बाद नाक का टीका लिया जा सकता है। चूंकि सुई रहित है, इसलिए इसे लेना आसान हो जाता है।
भारत बायोटेक ने दावा किया कि इंट्रानेजल वैक्सीन व्यापक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को उत्तेजित करता है। इसमें कोविड-19 के संक्रमण और संचरण दोनों को अवरुद्ध करने की क्षमता है।
राजनीति
कांग्रेस ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा से भाग रही है : भाजपा

नई दिल्ली, 28 जुलाई। सदन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा को लेकर पक्ष-विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। इसी बीच भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने सोमवार को कांग्रेस पर निशाना साधा।
पात्रा ने कहा, “बड़ा दुखद विषय है। पूरा देश सुनना चाहता है कि किस प्रकार से शौर्य के साथ ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को किया गया, लेकिन विपक्ष, खासकर कांग्रेस, हंगामा कर रही है। वेल में उतरकर कागज फाड़ रही है और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा नहीं होने दे रही है। यह भी समस्त भारतवर्ष आज देख रहा है। यह कहीं न कहीं प्रायोजित लग रहा है।”
उन्होंने आगे कहा, “एक तरफ ये कहते हैं कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए, सर्वदलीय बैठक में इस मुद्दे पर सहमति जताते हैं और जब चर्चा शुरू होनी होती है, तो ये चर्चा नहीं होने देते हैं। कहीं न कहीं पर्दे के पीछे हमें लगता है कि विपक्ष ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और हमारी सेना के शौर्य के साथ खड़ी नहीं है। यहां तक कि पी. चिदंबरम तो पाकिस्तान को क्लीन चिट दे रहे हैं।”
कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “विपक्ष ने फिर से चर्चा से भागने की कोशिश क्यों की। उन्होंने मांग की थी कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होनी चाहिए, लेकिन जब सरकार इस चर्चा के लिए तैयार है, तो वे इससे क्यों भाग रहे हैं। विपक्ष आतंक और आतंकवाद पर खुली चर्चा को रोक रही है। क्या उन्हें अपने चेहरे से नकाब उतरने का डर है। आतंक और आतंकवादियों से उनका क्या संबंध है।”
उन्होंने सवाल खड़ा किया, “आखिर पी. चिदंबरम यह क्यों कह रहे हैं और सबूत मांग रहे हैं कि पाकिस्तान का हाथ इसमें कहां से था। पाकिस्तान जो भाषा बोल रहा है, वही भाषा चिदंबरम और कांग्रेस बोल रही है। आखिर चर्चा क्यों नहीं होनी चाहिए? उन्हें किस बात का डर है। पूरा देश यह सब देख रहा है। वे चर्चा से भाग रहे हैं और ऐसी भाषा बोल रहे हैं, जो पाकिस्तान या देश के दुश्मनों की होती है। संपूर्ण विपक्ष के चेहरे से नकाब उतर चुका है।”
भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कहा, “मैंने सुबह भी कहा था और अब दोहरा रहा हूं। आज चिदंबरम साहब ने जो कहा और सदन में जो हुआ, उससे साफ है कि कांग्रेस अब पाकिस्तान परस्त हो गई है। कांग्रेस, चीन के सहयोग से पाकिस्तान के आतंकवादियों को समर्थन दे रही है। उन्हें डर है कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा होगी तो चीन और पाकिस्तान की सच्चाई उजागर हो जाएगी। यह भी सामने आएगा कि आतंकवाद के नाम पर हमारे निर्दोष नागरिकों की हत्या कैसे हुई और ‘ऑपरेशन सिंदूर’ में भारत ने पाकिस्तान को कैसे हराया। इस चर्चा से कांग्रेस का पिछले तीन-चार महीनों से चलाया जा रहा नाटक बेनकाब हो जाएगा। इसी कारण कांग्रेस बार-बार मुद्दा बदल रही है। उनके नेता, विपक्ष के नेता राहुल गांधी को न तो देश की चिंता है, न ही देश की सुरक्षा की। उन्हें पहलगाम में निहत्थे नागरिकों की मौत की कोई चिंता नहीं है।”
उन्होंने आगे कहा, “‘ऑपरेशन सिंदूर’ में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने जो कमाल किया है, वह अभूतपूर्व है। ‘मेक इन इंडिया’ के तहत बने हमारे हथियारों ने पाकिस्तान को पूरी तरह नेस्तनाबूद कर दिया। इस चर्चा से पाकिस्तान और उसकी जनता के सामने उसकी हार उजागर होगी। साथ ही, पाकिस्तान परस्त कांग्रेस पार्टी भी बेनकाब होगी। हम जब सांसद बनकर आते हैं, तो संसद में चर्चा होनी चाहिए। मुद्दों पर खुलकर परिचर्चा होनी चाहिए, न कि चीन और पाकिस्तान परस्त राजनीति, जैसा कि कांग्रेस कर रही है।”
सांसद मनोज तिवारी ने कहा, “ये लोग आतंकियों के समर्थक दिख रहे हैं। इसलिए पहलगाम की चर्चा से भाग रहे हैं। आप ‘ऑपरेशन सिंदूर’ पर चर्चा के लिए कमिटमेंट करके भाग रहे हैं और आतंकवादियों के समर्थन की बात कर रहे हैं। ये कांग्रेस का चरित्र है।
राष्ट्रीय समाचार
पैसों और शराब की लत को लेकर हुए झगड़े में बड़े भाई की हत्या के आरोप में विक्रोली का एक व्यक्ति गिरफ्तार

पार्कसाइट पुलिस ने विक्रोली, पार्कसाइट निवासी 27 वर्षीय आकाश बलिराम अलदार को अपने बड़े भाई 34 वर्षीय राहुल अलदार पर हमला करने और उसकी हत्या करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। यह हिंसक घटना कथित तौर पर 6 जुलाई को हुई थी, और गिरफ्तारी एक सावधानीपूर्वक पुलिस जांच और एक घातक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद हुई है, जिसमें राहुल की मौत को हत्या के रूप में पुष्टि की गई थी।
एफआईआर में दर्ज विवरण के अनुसार, यह घटना 6 जुलाई को सुबह करीब साढ़े नौ बजे विक्रोली पश्चिम के राहुल नगर स्थित जय मातादी सोसाइटी स्थित अलदार परिवार के घर पर हुई। आर्थिक मामलों को लेकर हुई तीखी बहस के दौरान, आकाश ने कथित तौर पर राहुल पर जानलेवा हमला किया, उसे लात-घूंसों से बार-बार मारा और उसका गला घोंटने की कोशिश की।
हमले में गंभीर रूप से घायल राहुल को उसके परिवार वाले तुरंत राजावाड़ी अस्पताल ले गए। हालाँकि, डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार के सदस्यों ने पहले अस्पताल के कर्मचारियों को बताया कि राहुल घर पर ही बेहोश होकर गिर पड़ा था।
अस्पताल प्रशासन की सूचना पर, पार्कसाइट पुलिस ने तुरंत राहुल के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। शुरुआत में आकस्मिक मृत्यु की रिपोर्ट दर्ज की गई और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) अधिनियम की धारा 194 के तहत जाँच शुरू की गई।
पुलिस की शुरुआती पूछताछ में राहुल के भाई आकाश ने बताया कि राहुल को शराब की बुरी लत थी। इससे छुटकारा पाने के लिए राहुल को मई 2025 में सोलापुर के एक नशा मुक्ति केंद्र में भर्ती कराया गया था। इलाज के बाद 12 जून को उसे मुंबई वापस लाया गया, लेकिन उसकी शराब पीने की आदत नहीं छूटी। आकाश ने दावा किया कि राहुल 6 जुलाई को घर पर बेहोशी की हालत में मिला था।
पुलिस ने राहुल के पिता, 58 वर्षीय बलिराम शंकर अलदार और राहुल की पत्नी से भी पूछताछ की। तीनों ने विरोधाभासी बयान दिए। पुलिस ने राहुल के दोस्तों और पड़ोसियों से भी पूछताछ की। इस बीच, राहुल के पिता और भाई अंतिम संस्कार के लिए उनके शव को अपने पैतृक गाँव, बदलेवाड़ी, माधा, सोलापुर ले गए।
आधिकारिक पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद मामला और भी उलझ गया, जिसमें स्पष्ट रूप से कहा गया कि राहुल अलदार की मौत गंभीर हमले और गला घोंटने का सीधा नतीजा थी। आगे की पुलिस जाँच ने इन निष्कर्षों की पुष्टि की और राहुल की मौत का कारण आकाश द्वारा की गई पिटाई को निर्णायक रूप से जोड़ा।
अंतिम संस्कार के बाद जब अलदार परिवार विक्रोली लौटा तो पुलिस ने उनसे दोबारा पूछताछ की और बलिराम ने कबूल किया कि आकाश ने राहुल को बुरी तरह पीटा था, जिससे वह बेहोश हो गया था।
पुलिस जाँच में पता चला कि मृतक राहुल को शराब की बुरी लत थी, जिससे परिवार पर आर्थिक बोझ बढ़ गया था। परिवार ने उसके नशामुक्ति के इलाज पर काफ़ी पैसा खर्च किया था, लेकिन कोई फ़ायदा नहीं हुआ। यही विवाद भाइयों के बीच हिंसक झगड़े की जड़ लगता है।
अंत में, पार्कसाइट पुलिस स्टेशन के पुलिस उपनिरीक्षक चंद्रकांत नंद्यप्पा माली ने सरकार की ओर से शिकायत दर्ज कराई, जिसमें इस मामले में भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) अधिनियम की धारा 103 के तहत मामला दर्ज किया गया।
राजनीति
मौलाना साजिद रशीदी अपने बयान पर कायम, बोले- ‘मैंने आतंकवादी हमला नहीं किया’

नई दिल्ली, 28 जुलाई। मौलाना साजिद रशीदी ने समाजवादी पार्टी (सपा) की सांसद डिंपल यादव पर आपत्तिजनक बयान देकर विवाद खड़ा कर दिया है। मानसून सत्र के दौरान सोमवार को सदन के बाहर एनडीए में शामिल महिला सांसदों ने विरोध जताया। दूसरी ओर मौलाना के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज कर ली गई है। मौलाना अपनी बात पर अड़े हैं और कहा कि उन्होंने कुछ गलत नहीं कहा।
चौतरफा विरोध होने के बाद मौलाना साजिद रशीदी ने सफाई पेश की है। सोमवार को मिडिया से बातचीत के दौरान वह अपने बयान पर कायम रहे। मौलाना का दावा है कि उन्होंने डिंपल यादव के खिलाफ कोई गलत बयान नहीं दिया है।
मौलाना ने कहा कि मैंने कोई आतंकवादी हमला नहीं किया है, जो कि मेरे बयान को बेवजह का मुद्दा बना रहा है। डिंपल यादव को लेकर मेरा बयान इस्लामी मान्यताओं पर आधारित था। मैं जिस समुदाय से आता हूं, वहां उनके समुदाय में महिलाओं के सिर पर पल्लू न होने को जो कहते हैं, मैंने वही कहा।
रशीदी ने अपने बयान पर कायम रहते हुए इसे गलत नहीं माना और कहा कि यह कोई ‘आतंकवादी हमला’ नहीं था कि इसे इतना बड़ा मुद्दा बनाया जाए।
मौलाना ने दावा किया कि जिस तरह से सपा और अखिलेश यादव की ओर से मस्जिद में सियासी बैठक की गई, जब इस पर सवाल उठे तो इसे छिपाने के लिए मेरे बयान को विवाद के तौर पर तूल दिया जा रहा है। रशीदी ने यह भी दावा किया कि अगर मेरा बयान अमर्यादित है तो सपा कार्यकर्ता उन्हें फोन पर जो लगातार धमकी दे रहे हैं, जैसे ‘लोकेशन भेजो, हम मारेंगे। क्या यह बयान मर्यादित है?
उन्होंने सपा को ‘गुंडों की पार्टी’ करार देते हुए कहा, “मेरे खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है, इसकी समीक्षा करेंगे और अदालत में अपना पक्ष रखेंगे, यह मानते हुए कि एक शब्द के लिए फांसी नहीं दी जाएगी।”
एनडीए की महिला सांसदों के विरोध पर रशीदी ने तंज कसते हुए कहा कि वे उन मुद्दों पर चुप रहती हैं जिन्हें उठाना चाहिए। मैं मुस्लिम हूं इसीलिए मुझे टारगेट किया जा रहा है और दबाया जा रहा है।
उन्होंने आरोप लगाया कि एक मुस्लिम होने के नाते उन्हें निशाना बनाया जा रहा है और वे अपनी धार्मिक मान्यताओं को नहीं छोड़ेंगे। माफी के सवाल पर रशीदी ने शर्त रखी कि वे तभी माफी मांगेंगे जब अखिलेश यादव या डिंपल यादव मस्जिद में सियासी बैठक के लिए माफी मांगें। उन्होंने यह भी कहा कि डिंपल यादव यह साबित करें कि वे पूजा के दौरान सिर ढकती हैं या नहीं।
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