अंतरराष्ट्रीय
टी20 विश्व कप सेमीफाइनल 1: फाइनल में जाने के लिए पाकिस्तान और न्यूजीलैंड एससीजी में भिड़ेंगे

मेगा इवेंट के फाइनल में जगह बनाने के लक्ष्य से पाकिस्तान और न्यूजीलैंड बुधवार को यहां सिडनी क्रिकेट ग्राउंड (एससीजी) में आईसीसी टी20 विश्व कप 2022 के पहले सेमीफाइनल में आमने-सामने होंगे। बाबर आजम की अगुवाई वाली टीम भारत और जिम्बाब्वे के खिलाफ टी20 विश्व कप के अपने पहले दो मैच हार गई और नॉक आउट होने की कगार पर थी। हालांकि, बाद में उन्होंने जबरदस्त प्रदर्शन किया और टूर्नामेंट के फाइनल में जाने का सुनहरा मौका है।
दूसरी ओर, न्यूजीलैंड ने मेजबान आस्ट्रेलिया को हराकर अपने अभियान की शुरूआत शानदार तरीके से की और अंतत: पांच सुपर 12 मैचों में से चार में जीत हासिल की। वे सिर्फ इस महत्वपूर्ण प्रतियोगिता में इंग्लैंड से हार गए, लेकिन अब तक वे प्रयासों में काफी सफल रहे हैं।
पाकिस्तान के पास मोहम्मद रिजवान और बाबर आजम के रूप में दो मजबूत सलामी बल्लेबाज हैं, जिन्होंने टूर्नामेंट में रनों के लिए संघर्ष किया है, लेकिन अगर कोई ऐसा अवसर है, जहां उनकी टीम सबसे सफल टी20 बल्लेबाजों में से एक से बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद करेगी, क्योंकि यह एक नॉकआउट मैच है।
टी20 में 2022 के प्रमुख रन-स्कोरर के लिए सूर्यकुमार यादव के ठीक पीछे रिजवान न्यूजीलैंड के आक्रमण को अच्छी तरह से जानते हैं जो हाल ही में उनके खिलाफ खेले हैं, और एससीजी विकेट की प्रकृति उनकी बल्लेबाजी की शैली के अनुरूप भी होगी।
बाकी बल्लेबाजी क्रम में अच्छे विकल्प हैं , जो समय आने पर विस्फोटक अंदाज में रन बना सकते हैं।
इफ्तिखार अहमद और शादाब खान मध्य क्रम में पाकिस्तान के लिए शानदार रहे हैं और वे अपने अच्छे फॉर्म को जारी रखना चाहेंगे, जबकि शान मसूद, मोहम्मद हारिस ने भी कुछ अच्छी पारी खेली हैं।
24 वर्षीय शादाब पाकिस्तान लाइन-अप में एक्स-फैक्टर रहे हैं और उन्हें ईश सोढी और मिशेल सेंटनर की स्पिन जोड़ी का मुकाबला करने के लिए बल्लेबाजी लाइन-अप में एक फ्लोटर के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
एससीजी पर कुछ मदद की संभावना के साथ और न्यूजीलैंड के शीर्ष पांच में सिर्फ एक बाएं हाथ का बल्लेबाज होने के कारण, शादाब की भूमिका गेंदबाजी में भी काफी महत्वपूर्ण होगी। पाकिस्तान के बाकी गेंदबाजी लाइन-अप के पास विश्व स्तरीय तेज आक्रमण है, जो इस टी20 विश्व कप में हावी रहा है।
इस बीच, केन विलियमसन की अगुवाई वाली न्यूजीलैंड ने तीन अलग-अलग चरणों में एक इकाई के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया है।
फिन एलन के पावरप्ले के कारनामों से लेकर ग्लेन फिलिप्स की आतिशबाजी तक, न्यूजीलैंड के बल्लेबाज काफी अच्छे हैं। वे धुआंधार बल्लेबाजी करते हैं।
न्यूजीलैंड के सलामी बल्लेबाज एलन ने इस टूर्नामेंट में चार पारियों में केवल 91 रन बनाए हैं, लेकिन उनका 189.58 का अविश्वसनीय स्ट्राइक रेट उन्हें न्यूजीलैंड टीम का सबसे खतरनाक बल्लेबाज बनाता है। एक तेज गति के आक्रमण के खिलाफ, उनका काम चुनौतीपूर्ण होगा, लेकिन अगर वह आगे बढ़ते हैं, तो न्यूजीलैंड के शीर्ष पर आने की उम्मीद की जा सकती है।
एलन के सलामी जोड़ीदार डेवोन कॉनवे ने भी महत्वपूर्ण पारियां खेली हैं, जबकि कप्तान विलियमसन ने आयरलैंड के खिलाफ टीम के आखिरी सुपर 12 मैच के दौरान अपनी बल्लेबाजी से संतुष्ठ होंगे।
न्यूजीलैंड की एकमात्र चिंता डेरिल मिशेल और जेम्स नीशम की बल्लेबाजी फॉर्म है, जो अपनी उम्मीदों के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाए हैं। टीम चाहेगी कि वह नॉकआउट में अच्छा प्रदर्शन करे।
न्यूजीलैंड के पास एक अच्छा गेंदबाजी आक्रमण भी है। उनके पास ट्रेंट बोल्ट में एक बाएं हाथ का तेज गेंदबाज हैं, जो पावरप्ले में अच्छे रहे हैं, टिम साउदी के रूप में एक अनुभवी स्विंग गेंदबाज और लॉकी फग्र्यूसन के रूप में उच्च श्रेणी का तेज गेंदबाज है, जो डैथ ओवरों के स्पेशलिस्ट माने जाते हैं।
दो गुणवत्ता वाले स्पिनर – मिशेल सेंटनर और ईश सोढी – भी एससीजी में स्पिन के अनुकूल पिच का फायदा उठाने और विपक्षी बल्लेबाजों को चकमा देने की कोशिश करेंगे।
दोनों टीमें इस प्रकार हैं :
पाकिस्तान टीम: बाबर आजम (कप्तान), शादाब खान, आसिफ अली, फखर जमान, हैदर अली, हारिस रउफ, इफ्तिखार अहमद, खुशदिल शाह, मोहम्मद हसनैन, मोहम्मद नवाज, मोहम्मद रिजवान, मोहम्मद वसीम, नसीम शाह, शाहीन शाह आफरीदी और शान मसूद।
न्यूजीलैंड: केन विलियमसन (कप्तान), टिम साउदी, ईश सोढी, मिशेल सेंटनर, ग्लेन फिलिप्स, जिमी नीशम, डेरिल मिशेल, एडम मिल्ने, मार्टिन गुप्तिल, लैचलन फग्र्युसन, डेवोन कॉनवे, मार्क चैपमैन, माइकल ब्रेसवेल, ट्रेंट बोल्ट और फिन एलन।
अंतरराष्ट्रीय
ओबामा ने ईरान को बहुत कुछ दिया, मैं नहीं देने वाला: ट्रंप

वाशिंगटन, 30 जून। ईरान पर भविष्य में क्या अमेरिका हमला करेगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने स्थिति स्पष्ट नहीं की है। ईरान के उप-विदेश मंत्री अमेरिका के साथ भविष्य में किसी भी कूटनीतिक और न्यूक्लियर वार्ता पर शर्त रख चुके हैं। ऐसे में ट्रंप ने कहा है कि अब वह ईरान से बात नहीं कर रहे हैं।
ट्रंप ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘ट्रुथ’ पर लिखा, “मैं ईरान को कुछ भी नहीं दे रहा हूं। ओबामा की तरह, जिन्होंने ‘परमाणु हथियार जेसीपीओए (जो अब समाप्त हो जाएगा) के तहत अरबों डॉलर का भुगतान किया था। इतना ही नहीं, मैं उनसे इस विषय पर बात भी नहीं करने वाला हूं, क्योंकि हमने उनकी न्यूक्लियर फैसिलिटी को पूरी तरह से नष्ट कर दिया है।”
ट्रंप शुक्रवार को उन मीडिया रिपोर्ट्स को खारिज कर चुके थे, जिनमें कहा गया था कि उनके प्रशासन ने सिविलियन एनर्जी प्रोड्यूसिंग न्यूक्लियर प्रोग्राम बनाने के लिए ईरान को 30 बिलियन डॉलर तक की मदद करने की चर्चा की थी।
रविवार को ‘बीबीसी’ से बातचीत में माजिद तख्त-रवांची ने कहा था कि अमेरिका को ईरान के खिलाफ किसी भी हमले से इनकार करना चाहिए। इसके साथ ही उप-विदेश मंत्री ने कहा कि ईरान के खिलाफ भविष्य के हमलों पर ट्रंप प्रशासन की स्थिति स्पष्ट नहीं की गई है।
माजिद ने बताया कि अमेरिका ने मध्यस्थ देशों से कहा है कि वह ईरान के साथ बातचीत करना चाहता है, लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया कि वह भविष्य में हमले करेगा या नहीं।
अमेरिका ने ईरान की तीन न्यूक्लियर फैसिलिटी नतांज, फोर्डो और इस्फाहान को नष्ट किया था। इस फैसले के साथ अमेरिका इजरायल-ईरान के बीच संघर्ष में कूद पड़ा था।
इसके जवाब में ईरान ने कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों को निशाना बनाया। इसके बाद ट्रंप ने ईरान-इजरायल के बीच युद्ध विराम की घोषणा की थी।
अंतरराष्ट्रीय
ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरु ने ट्रंप-नेतन्याहू के खिलाफ जारी किया ‘फतवा’

तेहरान, 30 जून। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ने एक ‘फतवा’ जारी करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को ‘ऊपर वाले का दुश्मन’ बताया है। अयातुल्ला मकारिम शिराजी ईरान के शीर्ष शिया धर्मगुरुओं में से एक हैं।
शीर्ष शिया धर्मगुरु ने अपने फतवे में कहा, “कोई भी व्यक्ति या शासन जो नेता या मरजा को धमकाता है, उसे ऊपर वाले का दुश्मन माना जाता है।”
सेमी-ऑफिशियल मेहर समाचार एजेंसी के अनुसार, “रविवार को अपने ऑफिस के एक बयान में शिराजी ने दुनियाभर के मुसलमानों से ऐसी धमकियों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाने को कहा है। शिराजी ने कहा है कि अगर कोई मुस्लिम जो अपने मुस्लिम कर्तव्य का पालन करता है, उसे अपने अभियान में कठिनाई या नुकसान उठाना पड़ता है, तो उसे ऊपर वाले की राह में एक योद्धा के रूप में इनाम से नवाजा जाएगा।”
फतवे में कहा गया है, “मुसलमानों या इस्लामी देशों के जरिए उस दुश्मन को दिया जाने वाला कोई भी सहयोग या समर्थन हराम या निषिद्ध है। दुनियाभर के सभी मुसलमानों के लिए यह जरूरी है कि वह इन दुश्मनों को उनके शब्दों और गलतियों पर पछतावा करवाएं।”
रिपोर्ट्स के अनुसार यह फतवा राष्ट्रपति ट्रंप और इजरायली अधिकारियों के ईरानी सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामेनेई के खिलाफ कथित धमकियों के बाद आया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने हाल ही में कहा था कि उन्होंने खामेनेई को ‘एक बहुत ही भयावह और अपमानजनक मौत’ से बचाया है। इसके साथ ही ट्रंप ने ईरानी सर्वोच्च नेता के ऊपर इजरायल पर जीत के बारे में गलत बयान देने का आरोप लगाया।
हाल ही में इजरायल के रक्षा मंत्री इजरायल कैट्ज ने एक इंटरव्यू में कहा कि ईरान के साथ अपने 12-दिवसीय संघर्ष के दौरान, इजरायल ने खामेनेई को खत्म करने की कोशिश की, लेकिन इस ऑपरेशन को अंजाम देने का मौका कभी नहीं आया।
कैट्ज ने इजराइल के ‘चैनल 13’ को दिए एक इंटरव्यू में कहा, “अगर वह हमारी नजर में होते, तो हम उन्हें मार गिराते। हम खामेनेई को खत्म करना चाहते थे, लेकिन कोई ऑपरेशनल मौका नहीं था।”
इजरायल ने 13 जून को ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ शुरू किया, जिसमें ईरान की प्रमुख सैन्य और न्यूक्लियर एसेट्स को निशाना बनाया गया। इसके बाद दोनों देशों के बीच संघर्ष बढ़ गया।
जवाबी कार्रवाई में, ईरान ने इजरायली शहरों और बाद में कतर और इराक में अमेरिकी सैन्य ठिकानों पर मिसाइल हमले किए। तेहरान के इस कदम से पहले फोर्डो, नतांज और इस्फाहान में उसकी न्यूक्लियर फैसिलिटी पर अमेरिकी हमले हुए थे।
संघर्ष के बारह दिन बाद ट्रंप ने दोनों देशों के बीच युद्धविराम की घोषणा की।
अंतरराष्ट्रीय
सीजफायर की उम्मीदों के बीच गाजा में इजरायली सैनिक की मौत

यरूशलम, 30 जून। उत्तरी गाजा पट्टी में एक इजरायली सैनिक की मौत की सूचना सामने आई है, जिसकी जानकारी इजरायली सेना ने दी है।
‘सिन्हुआ समाचार एजेंसी’ के अनुसार सेना ने बताया है कि 401वीं ब्रिगेड की 601वीं कॉम्बैट इंजीनियरिंग बटालियन के सार्जेंट यिसरायल नतन रोसेनफेल्ड (20) लड़ाई के दौरान मारे गए।
इजरायल के सरकारी स्वामित्व वाले ‘कान टीवी’ ने बताया कि रोसेनफेल्ड की मौत जबालिया में एक विस्फोटक उपकरण की वजह से हुई। यह एक ऐसा क्षेत्र है जहां सेना ने उत्तरी गाजा में एक नियोजित बफर जोन के हिस्से के रूप में चौकियों के निर्माण की तैयारी में इमारतों को ध्वस्त करना शुरू कर दिया था।
जून की शुरुआत से गाजा पट्टी में 21 इजरायली सैनिक मारे गए हैं। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर 2023 तक सैनिकों की मौत का आंकड़ा 880 तक पहुंच चुका था।
इससे पहले रविवार को, फिलिस्तीनी सूत्रों ने उत्तरी गाजा में भारी बमबारी की सूचना दी। गाजा स्वास्थ्य अधिकारियों के अनुसार, इजरायली हमलों में करीब 88 लोग मारे गए और 365 घायल हो गए।
इजरायली डिफेंस फोर्सेज ने गाजा के भीड़भाड़ वाले रिहायशी इलाकों के अलावा स्कूल, स्टेडियम और शरणार्थी टेंट को निशाना बनाया।
यह हमला तब हुआ जब इजरायली सेना ने नई इवैक्युएशन वॉर्निंग जारी की। इस चेतावनी में गाजा शहर और जबालिया के निवासियों से तुरंत अल-मवासी क्षेत्र की ओर जाने को कहा गया।
यह हमले ऐसे समय पर हुए, जब एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अगले हफ्ते तक सीजफायर का संकेत दिया था, लेकिन इजरायल की इस कार्रवाई ने इन उम्मीदों को धूमिल कर दिया है।
इस बीच, गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने रविवार को बताया कि अक्टूबर 2023 से इजरायली सैन्य अभियानों में मरने वाले फिलिस्तीनियों की संख्या कम से कम 56,500 हो गई है।
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