राष्ट्रीय
हरित स्रोतों में बदल गया मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा

मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा अपनी ऊर्जा खपत की जरूरतों के लिए पूरी तरह से हरित स्रोतों में बदल गया है, जिससे यह भारत के 100 प्रतिशत स्थायी हवाईअड्डों में से एक बन गया है।
कुल 100 प्रतिशत में से, मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतर्राष्ट्रीय हवाईअड्डा (सीएसएमआईए) हवाईअड्डे की बिजली की आवश्यकता का लगभग 5 प्रतिशत अपने ऑनसाइट सौर उत्पादन के माध्यम से और शेष 95 प्रतिशत अन्य हरित स्रोतों जैसे जल और पवन ऊर्जा से खरीदता है।
एक सीएसएमआईए प्रवक्ता ने कहा कि एक स्थायी भविष्य की शुरुआत करते हुए, सीएसएमआईए ने अप्रैल 2022 में 57 प्रतिशत हरी खपत के साथ प्राकृतिक ऊर्जा खरीद में मई से जुलाई के बीच 98 प्रतिशत की वृद्धि देखी और, अंतत: अगस्त 2022 में ऊर्जा के नवीकरणीय स्रोतों के 100 प्रतिशत उपयोग को प्राप्त किया।
प्रवक्ता ने कहा कि हवाईअड्डा विभिन्न पहलों के माध्यम से ऊर्जा की खपत और कार्बन फुटप्रिंट में लगातार कमी लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इसके अलावा, सीएसएमआईए ने शुरू में 1.06 एमडब्ल्यू रूफटॉप सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने का उपाय किया, जिसे अंतत: हवाईअड्डे ने 4.66 एमडब्ल्यू तक मजबूत किया।
सीएसएमआईए भारत में पहली ऐसी हाइब्रिड तकनीक लॉन्च करने वाली थी, जो अप्रैल 2022 से पूरी तरह से हरित ऊर्जा पर चलती है, इस प्रकार विमानन के लिए अत्यधिक कुशल और निम्न कार्बन भविष्य को सक्षम करती है। प्रवक्ता ने कहा कि सीएसएमआईए द्वारा शुरू की गई यह सतत पहल हवाईअड्डे के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने के प्रयासों का हिस्सा है जो ‘नेट जीरो’ उत्सर्जन की दिशा में इसकी यात्रा को आगे बढ़ाता है।
सीएसएमआईए ने ग्रीनहाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन की पहचान, माप और प्रबंधन के लिए आईएसओ 14064-1: 2018 पर आधारित कार्बन अकाउंटिंग एंड मैनेजमेंट सिस्टम (सीएएमएस) लागू किया। सीएसएमआईए पहला भारतीय हवाई अड्डा है जिसने 2012 में एयरपोर्ट काउंसिल इंटरनेशनल (एसीआई) के एयरपोर्ट कार्बन एक्रेडिटेशन (एसीए) कार्यक्रम में भाग लिया था।
इस अवसर पर बोलते हुए, सीएसएमआईए के प्रवक्ता ने कहा, “सीएसएमआईए के लिए एक स्थायी भविष्य प्राप्त करने की दिशा में अपनी यात्रा में इस महत्वपूर्ण मील के पत्थर को हासिल करने के लिए हम बेहद खुश हैं। कई विचारशील पहल करने में हवाईअड्डे के अथक प्रयासों ने इस उपलब्धि को हासिल करने का मार्ग प्रशस्त किया है। चूंकि सीएसएमआईए 2029 तक नेट-जीरो बनने की इच्छा रखता है, इसलिए यह ऐतिहासिक घटना हमें पूरी तरह से नवीकरणीय ऊर्जा पर परिचालन करते हुए हवाईअड्डे की परिचालन दक्षता बढ़ाने के हमारे प्रयासों के लिए प्रतिबद्ध रहने के लिए प्रोत्साहित करती है।”
राष्ट्रीय
भारत में 11 वर्षों में 269 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी से निकले बाहर: विश्व बैंक

नई दिल्ली, 7 जून। विश्व बैंक के लेटेस्ट आंकड़ों के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदर्शी सरकार के तहत एक महत्वपूर्ण उपलब्धि के रूप में भारत ने पिछले दशक में अपनी अत्यधिक गरीबी दर को कम करने में प्रगति की है। देश में अत्यधिक गरीबी दर 2011-12 में 27.1 प्रतिशत से घटकर 2022-23 में 5.3 प्रतिशत दर्ज की गई है।
भारत में 2011-12 के दौरान कुल 344.47 मिलियन लोग अत्यधिक गरीबी में रह रहे थे, जो कि 2022-23 के दौरान घटकर लगभग 75.24 मिलियन लोग रह गए हैं।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार, भारत में एक महत्वपूर्ण प्रगति के रूप में लगभग 11 वर्षों में 269 मिलियन व्यक्तियों को अत्यधिक गरीबी से बाहर निकाला गया।
उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, बिहार, पश्चिम बंगाल और मध्य प्रदेश पांच राज्यों में 2011-12 के दौरान भारत के 65 प्रतिशत अत्यंत गरीब लोग रहते थे। वहीं, इन राज्यों ने 2022-23 तक अत्यधिक गरीबी में होने वाली कुल गिरावट में दो-तिहाई योगदान दिया।
विश्व बैंक के नवीनतम आंकड़ों से पता चलता है कि पूर्ण रूप से, अत्यधिक गरीबी में रहने वाले लोगों की संख्या 344.47 मिलियन से घटकर केवल 75.24 मिलियन रह गई है।
विश्व बैंक का आकलन 3.00 डॉलर प्रतिदिन की अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा (2021 की कीमतों का उपयोग कर) पर आधारित है, जो कि ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में व्यापक कमी दर्शाता है।
विश्व बैंक के अनुमानों के अनुसार, 2.15 डॉलर प्रतिदिन की खपत पर (2017 की कीमतों पर आधारित पिछली गरीबी रेखा) अत्यधिक गरीबी में रहने वाले भारतीयों की हिस्सेदारी 2.3 प्रतिशत है, जो 2011-12 में दर्ज 16.2 प्रतिशत से काफी कम है।
नवीनतम आंकड़ों के अनुसार, 2022 में 2.15 डॉलर प्रतिदिन की गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों की संख्या 33.66 मिलियन दर्ज की गई है, जो 2011 में 205.93 मिलियन दर्ज की गई थी।
आंकड़ों से यह भी पता चला कि यह तीव्र गिरावट समान रूप से देखी गई, जिसमें ग्रामीण अत्यधिक गरीबी 18.4 प्रतिशत से घटकर 2.8 प्रतिशत हो गई और शहरी अत्यधिक गरीबी पिछले 11 वर्षों में 10.7 प्रतिशत से घटकर 1.1 प्रतिशत हो गई।
इसके अलावा, भारत ने बहुआयामी गरीबी को कम करने में भी शानदार प्रगति की है।
आंकड़ों के अनुसार, बहुआयामी गरीबी सूचकांक (एमपीआई) 2005-06 में 53.8 प्रतिशत से घटकर 2019-21 तक 16.4 प्रतिशत हो गया और 2022-23 में और अधिक घटकर 15.5 प्रतिशत हो गया।
केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के 11 साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने लोगों को गरीबी से उबारने के लिए केंद्र द्वारा उठाए गए महत्वपूर्ण कदमों, इंफ्रास्ट्रक्चर और समावेशन पर फोकस को अहम बताया।
पीएम आवास योजना, पीएम उज्ज्वला योजना, जन धन योजना और आयुष्मान भारत जैसी पहलों ने आवास, स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन, बैंकिंग और स्वास्थ्य सेवा तक पहुंच को बढ़ाया है।
प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (डीबीटी), डिजिटल समावेशन और मजबूत ग्रामीण इंफ्रास्ट्रक्चर ने पारदर्शिता और अंतिम छोर तक लाभों की तेजी से डिलीवरी सुनिश्चित की है, जिससे 25 करोड़ से अधिक लोगों को गरीबी से उबरने में मदद मिली है।
राष्ट्रीय
दिल्ली : अगले दो दिन तक भारी बारिश और आंधी की आशंका, मौसम विभाग ने जारी किया ऑरेंज अलर्ट

नई दिल्ली, 29 मई। भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने अगले दो दिनों के लिए कई इलाकों में मौसम को लेकर चेतावनी जारी की है। विभाग की वेबसाइट पर उपलब्ध ताजा जानकारी के अनुसार, 29 मई और 30 मई को तेज बारिश, बिजली गिरने और 40-50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से तेज हवाएं चलने की आशंका है।
इन दोनों दिनों के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। 29 मई को अधिकतम तापमान 39 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री सेल्सियस रहने की संभावना है। ह्यूमिडिटी का स्तर 70 प्रतिशत से 49 प्रतिशत के बीच रहेगा। इसी प्रकार, 30 मई को भी मौसम का मिजाज बिगड़ा रहेगा, तापमान वही रहेगा और हवाएं 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं।
इन दोनों दिनों के लिए चेतावनी दी गई है कि लोग अनावश्यक रूप से बाहर निकलने से बचें और बिजली गिरने की स्थिति में सुरक्षित स्थानों की तलाश करें। 31 मई को मौसम विभाग ने ‘मध्यम वर्षा’ की संभावना जताई है, लेकिन आंधी-तूफान के साथ बिजली गिरने और तेज़ हवाओं की चेतावनी अब भी बनी हुई है।
हालांकि, इसके बाद मौसम सामान्य होने की ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। 1 जून को “थंडरस्टॉर्म विथ रेन” की संभावना है, लेकिन इस दिन कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है। 2 जून से मौसम में काफी सुधार देखने को मिलेगा, जहां आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना है और कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है।
3 जून को आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे और हल्की बारिश या गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ सकती हैं, लेकिन कोई विशेष चेतावनी नहीं है। 4 जून को मौसम पूरी तरह से सामान्य रहेगा, केवल आंशिक रूप से बादल छाए रहने की संभावना जताई गई है। मौसम विभाग की ओर से नागरिकों से अपील की गई है कि वे अगले दो दिनों तक सतर्कता बरतें, विशेषकर बिजली गिरने और तेज़ हवाओं के दौरान। खेतों में काम कर रहे किसान, खुले में यात्रा कर रहे लोग और निर्माण स्थलों पर कार्यरत कर्मचारी विशेष सावधानी बरतें।
राजनीति
10 साल बाद सरकार वीर सावरकर की डिग्री वापस ला रही, हम उसका स्वागत करते हैं : संजय राउत

मुंबई, 28 मई। शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री मंगाए जाने पर कहा कि हम उसका स्वागत करते हैं, लेकिन यह तो बस कागज का टुकड़ा है। हमारा सीधा सा सवाल है कि आखिर उन्हें भारत रत्न कब दिया जाएगा? दुर्भाग्य की बात है कि इसका जवाब न तो प्रधानमंत्री के पास है, न ही मुख्यमंत्री के पास और न ही गृह मंत्री के पास।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि निश्चित तौर पर सरकार ने वीर सावरकर की डिग्री मंगाकर अच्छा कदम उठाया है, लेकिन यहां पर मेरा एक सवाल है कि कल (27 मई) सरकार ने कई लोगों को भारत रत्न, पद्मभूषण, पद्मश्री और पद्मविभूषण दिया। ऐसे में सरकार ने सावरकर को भारत रत्न देना गवारा क्यों नहीं समझा?
उन्होंने महाराष्ट्र सरकार की तरफ से वीर सावरकर की डिग्री ब्रिटेन से मंगाए जाने के फैसले का स्वागत किया। उन्होंने कहा “स्वातंत्र्यवीर सावरकर की डिग्री वो स्वतंत्रता संग्राम में ब्रिटिश गवर्नर ने जब्त की थी। फिर भी हम उन्हें बैरिस्टर सावरकर कहते है। 10 साल बाद अगर महाराष्ट्र की सरकार बैरिस्टर सावरकर की पदवी, डिग्री ला रहे है तो ये अच्छी बात है। हम इस फैसले का स्वागत करते है। लेकिन हमारी एक मांग है। अगर सरकार सही मायने में वीर सावरकर को सम्मान देना चाहती है, तो इसके लिए उन्हें भारत रत्न देना चाहिए, मगर सरकार ने ऐसा नहीं किया।”
इसके अलावा, उन्होंने भाजपा की तरफ से देश की अर्थव्यवस्था को दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था कहने पर तंज कसा। कहा कि जिस देश में 85 करोड़ लोग सरकार की तरफ से मिलने मुफ्त के राशन पर आश्रित हो, जिस देश में सबसे ज्यादा बेरोजगारी हो, उसके बारे में यह कहना कि वह दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, ठीक नहीं रहेगा। पता नहीं लोग कैसे कह दे रहे हैं कि हम जापान से आगे निकल गए हैं, तो चीन से आगे निकल गए, अब कल ये लोग बोलेंगे कि हम ट्रंप से आगे निकल गए। ट्रंप ने तो आपका मुंह बंद कर दिया।
शिवसेना नेता संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर महिला की तरफ से शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के आरोप लगाए जाने पर संजय राउत ने कहा कि यह उनका निजी मामला है। मैं इस पर किसी भी प्रकार की प्रतिक्रिया नहीं करना चाहूंगा। इस विषय पर बात करने के लिए राजनीतिक दलों में महिला नेता हैं, जो इस पर अपनी बात रखेंगे। महिला आयोग भी है, जो इस मामले में हस्तक्षेप करेगा, लेकिन मेरा अभी इस पर कुछ भी कहना उचित नहीं है।
मंत्री संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर एक महिला ने अपने वकील के जरिए नोटिस भेजकर शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किए जाने का आरोप लगाया और 50 लाख रुपये के मुआवजे की मांग की है।
इसके अलावा, संजय राउत ने संजय शिरसाट के बेटे सिद्धांत पर घोटाला का आरोप लगाया। कहा कि मंत्री के बेटे ने ऑक्शन में 70 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी खरीदी है। ऐसे में उनसे यह सवाल किया जाना चाहिए कि उनके पास इतने पैसे कहां से आए? इनके पिता के पास सामाजिक न्याय जैसा विभाग है, जो मूल रूप से गरीबों के हितों का ख्याल रखता है, लेकिन इनके बेटे ने 70 करोड़ रुपये की संपत्ति खरीदी। यही नहीं, ऑक्शन की प्रक्रिया भी इस तरह से निर्धारित की जाती है, जिसमें यह सुनिश्चित हो सके कि इसका फायदा उन्हीं को मिले।
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