राजनीति
मुलायम सिंह यादव पहले पहलवान फिर शिक्षक और बाद में राजनीति के माहिर खिलाड़ी बने

समाजवादी पार्टी के संस्थापक और भारतीय राजनीति के दिग्गज मुलायम सिंह ने पहलवानी, शिक्षक से लेकर सियासत की लंबी पारी खेली। उन्हें राजनीति का माहिर खिलाड़ी माना जाता रहा है। देश के असाधारण राजनेता के रूप में अपनी छवि बनाने वाले मुलायम सिंह यादव ने जमीनी राजनीति से शीर्ष तक अपना बड़ा मुकाम बनाया। पहलवान और शिक्षक रहे मुलायम ने लंबी सियासी पारी खेली। तीन बार यूपी के मुख्यमंत्री रहे। केंद्र में रक्षा मंत्री रहे।
22 नवंबर 1939 को सैफई में जन्मे मुलायम सिंह यादव की पढ़ाई-लिखाई इटावा, फतेहाबाद और आगरा में हुई। मुलायम कुछ दिन तक मैनपुरी के करहल में जैन इंटर कॉलेज में प्राध्यापक भी रहे। पांच भाई-बहनों में दूसरे नंबर पर मुलायम सिंह की दो शादियां हुईं। पहली पत्नी मालती देवी का निधन मई 2003 में हो गया था। अखिलेश यादव मुलायम की पहली पत्नी के ही बेटे हैं।
सपा के वरिष्ठ नेता ने बताया कि मुलायम सिंह यादव 1967 से लेकर 1996 तक 8 बार उत्तर प्रदेश में विधानसभा के लिए चुने गए। एक बार 1982 से 87 तक विधान परिषद के सदस्य रहे। 1996 में ही उन्होंने लोकसभा का पहला चुनाव लड़ा और चुने गए। इसके बाद से अब तक 7 बार लोकसभा में पहुंचे, निधन के वक्त भी लोकसभा सदस्य थे। 1977 में वह पहली बार यूपी में मंत्री बने। तब उन्हें कॉ-ऑपरेटिव और पशुपालन विभाग दिया गया। 1980 में लोकदल का अध्यक्ष पद संभाला। 1985-87 में उत्तर प्रदेश में जनता दल के अध्यक्ष रहे। पहली बार 1989 में यूपी के मुख्यमंत्री बने। 1993-95 में दूसरी बार मुख्यमंत्री बने। 2003 में तीसरी बार सीएम बने और चार साल तक गद्दी पर रहे। 1996 में जब देवगौडा सरकार बनी, तब मुलायम उसमें रक्षा मंत्री बने।
राजनीति के दांवपेंच उन्होंने 60 के दशक में राममनोहर लोहिया और चरण सिंह से सीखे। लोहिया ही उन्हें राजनीति में लेकर आए। लोहिया की ही संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी ने उन्हें 1967 में टिकट दिया और वह पहली बार चुनाव जीतकर विधानसभा में पहुंचे। उसके बाद वह लगातार प्रदेश के चुनावों में जीतते रहे। विधानसभा तो कभी विधानपरिषद के सदस्य बनते रहे। उनकी पहली पार्टी अगर संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी थी तो दूसरी पार्टी बनी चौधरी चरण सिंह के नेतृत्व वाली भारतीय क्रांति दल, जिसमें वह 1968 में शामिल हुए। चरण सिंह की पार्टी के साथ जब संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी का विलय हुआ तो भारतीय लोकदल बन गया। ये मुलायम के सियासी पारी की तीसरी पार्टी बनी।
शुरूआती दिनों में पहलवानी का शौक रखने वाले मुलायम सिंह ने 55 साल तक राजनीति की। मुलायम सिंह 1967 में 28 साल की उम्र में जसवंतनगर से पहली बार विधायक बने। जबकि उनके परिवार का कोई राजनीतिक बैकग्राउंड नहीं था।
मुलायम सिंह का कुनबा प्रदेश की राजनीति में खासा दखल रखता है। वह अपने पांच भाइयों में दूसरे नंबर के थे। इनमें सबसे बड़े भाई रतन सिंह यादव की मृत्यु हो चुकी है, जबकि अभयराम सिंह यादव तीसरे नंबर के, राजपाल सिंह यादव चौथे नंबर व शिवपाल सिंह यादव पांचवें भाई हैं। रतन सिंह यादव के बेटे रणवीर सिंह यादव की मृत्यु हो चुकी है। उनकी पत्नी मृदुला यादव इस समय सैफई की ब्लाक प्रमुख हैं, जबकि बेटा तेज प्रताप सिंह यादव पूर्व सांसद है।
मुलायम सिंह के पुत्र अखिलेश यादव सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री हैं। उनके दूसरे पुत्र प्रतीक यादव लखनऊ में रहते हैं उनकी पत्नी अपर्णा यादव हैं। अभय राम सिंह यादव के पुत्र धर्मेंद्र यादव पूर्व सांसद हैं और प्रदेश की राजनीतिक में खासे सक्रिय हैं, जबकि अनुराग यादव धर्मेंद्र के बड़े भाई हैं और व्यापार देखते हैं। चौथे नंबर के राजपाल सिंह यादव के दो पुत्र अभिषेक यादव व आर्यन यादव हैं। अभिषेक जिला पंचायत इटावा के अध्यक्ष हैं, जबकि आर्यन पढ़ाई कर रहे हैं।
पांचवें नंबर के शिवपाल सिंह यादव प्रसपा के अध्यक्ष हैं। इनके पुत्र आदित्य यादव प्रसपा के प्रदेश अध्यक्ष व जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष हैं। मुलायम सिंह की बहन कमला देवी हैं जो शहर के फ्रेंड्स कालोनी में रहती हैं। उनके पति डा. अजंट सिंह यादव रिटायर्ड प्रधानाचार्य हैं और बसरेहर के पूर्व ब्लाक प्रमुख रह चुके हैं। सपा के राष्ट्रीय महासचिव प्रो. राम गोपाल यादव, मुलायम सिंह के चचेरे भाई हैं। इनके पुत्र अक्षय यादव पूर्व सांसद हैं।
महाराष्ट्र
राज-उद्धव ठाकरे की एकता और समझदारी को लगा झटका, राज की मुख्यमंत्री फडणवीस से मुलाकात, उद्धव ठाकरे तनाव में

मुंबई: मुंबई बीएमसी चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी हैं। राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन की अटकलों के बीच आज बांद्रा के होटल ताजलैंड में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और राज ठाकरे की मुलाकात ने इस कोशिश को झटका दिया है, जिसके बाद अब राजनीतिक पर्यवेक्षक कह रहे हैं कि राज और मुख्यमंत्री के बीच मुलाकात दबाव की राजनीति का नतीजा हो सकती है। दोनों में से किसी ने भी इस मुलाकात पर कोई टिप्पणी तक नहीं की है। दोनों भाई एक साथ आए और सुलह के साथ ही मनसे और शिवसेना महानगरपालिका चुनाव में एक साथ हिस्सा लें। यह मराठी लोगों की भी इच्छा है, लेकिन राज और फडणवीस की मुलाकात को मराठी लोग अलग नजरिए से देख रहे हैं। राज ठाकरे और शिवसेना मराठी लोगों के विषय पर बहुत प्रभावशाली तरीके से काम करते हैं। दोनों भाइयों ने मराठी मनसे के मुद्दे पर और महाराष्ट्र के अधिकारों के लिए एक साथ आने की सकारात्मक पहल की थी अब देखना यह है कि राज और उद्धव ठाकरे के बीच गठबंधन होगा या नहीं, जबकि बीएमसी चुनाव भी जल्द ही आने वाले हैं और हर पार्टी बीएमसी पर कब्जा करने की कोशिश में लगी हुई है। राज और उद्धव के बीच गठबंधन सत्तारूढ़ शिवसेना और भाजपा के लिए परेशानी का सबब साबित होगा, इसलिए इस गठबंधन को तोड़ने की कोशिशें तेज हो गई हैं।
महाराष्ट्र
मुंबई की सड़कों पर गड्ढे भरने के लिए BMC की पहल, पोथोल क्विक फिक्स ऐप तैयार, गड्ढों की शिकायत अब सोशल मीडिया पर भी संभव

मुंबई: मुंबई में भारी और मूसलाधार बारिश के कारण सड़कों पर हुए गड्ढों की मरम्मत में तेजी लाने के लिए, मुंबई नगर निगम ने ‘पोथोल क्विकफिक्स’ (गड्ढों की मरम्मत) मोबाइल ऐप और व्हाट्सएप चैटबॉट (8999228999) सेवा शुरू की है। ‘पोथोल क्विकफिक्स’ मोबाइल ऐप 9 जून, 2025 से नागरिकों के लिए चालू हो गया है। गड्ढों की मरम्मत प्रक्रिया में नागरिक भागीदारी बढ़ाने और गड्ढों की शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर विशेष ध्यान दिया गया है। एप्लिकेशन खोलने के बाद, 5 क्लिक से भी कम समय में सफलतापूर्वक शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया उपलब्ध कराई गई है। यह ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। ‘पोथोल क्विकफिक्स’ एक उपयोगकर्ता के अनुकूल मोबाइल ऐप है। इस ऐप के जरिए नागरिकों को गड्ढों की तस्वीर, स्थान और जानकारी अपलोड करके शिकायत दर्ज करने की आसान और तेज सुविधा प्रदान की गई है। मोबाइल ऐप के जरिए की गई शिकायत सीधे संबंधित विभाग तक पहुंचती है और गड्ढों की मरम्मत की प्रक्रिया तुरंत शुरू हो जाती है। इस ऐप को मनपा आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी ने 9 जून, 2025 को लॉन्च किया था। मुंबई मनपा आयुक्त और प्रशासक भूषण गगरानी, सड़क और परिवहन विभाग ने बड़े पैमाने पर सड़क विकास कार्य शुरू किए हैं। इसी तरह, मानसून के दौरान सड़कों पर पाए जाने वाले गड्ढों को भरने/मरम्मत करने की भी योजना बनाई गई है। सड़कों पर पाए जाने वाले गड्ढों के साथ-साथ मरम्मत योग्य सड़कों के लिए, मनपा के सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) विभाग ने ‘पोथोल क्विक फिक्स’ नामक एक ऐप विकसित किया है। यह ऐप नागरिकों को एक सरल और आसान डिजिटल विकल्प प्रदान करता है, जिसमें गड्ढे की तस्वीर, स्थान और विवरण अपलोड करके तुरंत शिकायत दर्ज की जा सकती है। दर्ज की गई शिकायत स्वचालित रूप से संबंधित विभाग के कार्यालय को भेज दी जाती है, जिससे मनपा के इंजीनियर तुरंत कार्रवाई कर सकते हैं। ऐप स्थान-आधारित शिकायत पंजीकरण, फोटो और स्थान टैगिंग, शिकायत की स्थिति पर नज़र रखने, अनुमानित मरम्मत समय और काम पूरा होने के बाद प्रतिक्रिया देने की सुविधा प्रदान करता है। ऐप एंड्रॉइड और आईओएस दोनों प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध है। यह पहल सड़क सुरक्षा के लिए नागरिकों और नगर निगम की मशीनरी के बीच संचार को सुविधाजनक बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
महाराष्ट्र
नए तत्काल टिकट बुकिंग नियम 2025: भारतीय रेलवे ने 1 जुलाई से आधार प्रमाणीकरण अनिवार्य करने की घोषणा की; यात्रियों के लिए इसका क्या मतलब है

1 जुलाई से नए तत्काल टिकट बुकिंग नियम: भारतीय रेलवे ने एक बड़ा कदम उठाते हुए घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 से केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ता ही तत्काल ट्रेन टिकट बुक कर पाएंगे। रेल मंत्रालय ने 10 जून 2025 को सभी रेलवे ज़ोन को एक निर्देश जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि इस आवश्यकता का उद्देश्य “यह सुनिश्चित करना है कि तत्काल योजना का लाभ आम उपयोगकर्ताओं को मिले।
“आधिकारिक संचार में स्पष्ट किया गया है कि “01-07-2025 से, तत्काल योजना के तहत टिकट केवल आधार प्रमाणित उपयोगकर्ताओं द्वारा भारतीय रेलवे खानपान और पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) की वेबसाइट/इसके ऐप के माध्यम से बुक किए जा सकेंगे।” इसके अलावा, मंत्रालय ने निर्धारित किया है कि 15 जुलाई, 2025 से यात्रियों को तत्काल बुकिंग के लिए एक अतिरिक्त आधार-आधारित ओटीपी प्रमाणीकरण चरण पूरा करना होगा।
नए तत्काल टिकट नियम 2025 की व्याख्या:
- 1 जुलाई, 2025 से भारतीय रेलवे की तत्काल योजना के तहत ट्रेन टिकट केवल उन यात्रियों या उपयोगकर्ताओं के लिए IRCTC वेबसाइट या उसके मोबाइल एप्लिकेशन के माध्यम से बुकिंग के लिए उपलब्ध होंगे, जिन्होंने अपनी आधार प्रमाणीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली है।
- इसके अतिरिक्त, 15 जुलाई 2025 से मंत्रालय ने अनिवार्य कर दिया है कि यात्रियों को तत्काल आरक्षण करते समय आधार से जुड़ी एक अतिरिक्त ओटीपी सत्यापन प्रक्रिया से गुजरना होगा।
- निर्देश में तत्काल बुकिंग के संबंध में भारतीय रेलवे के अधिकृत टिकट एजेंटों के लिए प्रतिबंधों का भी उल्लेख किया गया है।
- इन एजेंटों को बुकिंग विंडो की शुरुआती 30 मिनट की अवधि के दौरान पहले दिन के तत्काल टिकट हासिल करने पर प्रतिबंध का सामना करना पड़ेगा। यह प्रतिबंध वातानुकूलित श्रेणियों के लिए सुबह 10 बजे से 10.30 बजे तक और गैर-वातानुकूलित श्रेणियों के लिए सुबह 11 बजे से 11.30 बजे तक लागू होता है।
रेलवे सूचना प्रणाली केन्द्र (सीआरआईएस) और आईआरसीटीसी को मंत्रालय से आवश्यक प्रणाली परिवर्तन लागू करने तथा इन अद्यतनों को प्रत्येक क्षेत्रीय रेलवे डिवीजन तक पहुंचाने के निर्देश प्राप्त हुए हैं।
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