अंतरराष्ट्रीय
एशिया कप : भारत को अफगानिस्तान के खिलाफ जीतना जरूरी

टीम इंडिया का एशिया कप 2022 के फाइनल में जाने का सपना लगभग टूट चुका है। सुपर फोर चरण के दो मैचों में पाकिस्तान और श्रीलंका से हार के कारण अफगानिस्तान के खिलाफ गुरुवार का मैच गत चैंपियन के लिए फाइनल में पहुंचने की संभावना तलाशेगा। एक हफ्ते पहले, एशिया कप में ग्रुप ए में शीर्ष पर रहने और सुपर फोर चरण में पहुंचने के बाद भारतीय खेमे में सब कुछ ठीक था। लेकिन दो टॉस हारे और एक गेंद शेष रहते दो हार का सामना करना पड़ा। आस्ट्रेलिया में टी20 विश्व कप में अब केवल 45 दिनों का समय रह गया है, और इस समय भारत के प्रदर्शन पर सवाल उठने लगे हैं।
एशिया कप फाइनल में पहुंचने की संभावना को देखते हुए भारत को अब अफगानिस्तान को एक बड़े अंतर से हराना होगा और अपने विरोधियों के लिए पाकिस्तान के खिलाफ जीत के लिए प्रार्थना करनी होगी ताकि उन्हें फाइनल में जाने का मौका मिल सके।
पाकिस्तान और श्रीलंका के हाथों अपनी हार में भारत ने कई गलतियां की हैं, जो सामने आने का इंतजार कर रही थीं। बाएं हाथ के स्पिन आलराउंडर रवींद्र जडेजा दाहिने घुटने की चोट के बाहर हो गए थे, तब उनकी जगह दीपक हुड्डा को टीम में शामिल किया गया था।
ऋषभ पंत को फिनिशिंग स्पेशलिस्ट दिनेश कार्तिक की जगह पर शामिल किया गया था।
जडेजा की जगह अक्षर पटेल को प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं दिया गया। हुड्डा को एक अतिरिक्त गेंदबाजी विकल्प के रूप में उपयोग नहीं करने का मतलब था कि भारत केवल पांच गेंदबाजों के साथ फंस गया, युजवेंद्र चहल और रविचंद्रन अश्विन ने चार विकेट लिए, जबकि पेसरों ने अर्शदीप सिंह के एक प्रभावशाली अंतिम ओवर को छोड़ दिया जाए, तो साधारण गेंदबाजी की।
दूसरी ओर, ग्रुप बी में लगातार जीत के बाद अफगानिस्तान को श्रीलंका के खिलाफ हार का सामना करना पड़ा था। उनके सलामी बल्लेबाज रहमानुल्ला गुरबाज और हजरतुल्लाह जजई प्रभावशाली रहे हैं, इसलिए मध्य क्रम में नजीबुल्लाह जादरान और इब्राहिम जादरान ने अच्छी बल्लेबाजी की थी।
वे चाहते हैं कि उनके कप्तान मोहम्मद नबी भी रनों में योगदान करें, जबकि लेग स्पिनर राशिद खान और मिस्ट्री स्पिनर मुजीब उर रहमान फिर से उनके लिए महत्वपूर्ण कारक होंगे। फजलहक फारूकी और नवीन-उल-हक तेज गेंदबाजी विभाग में अपने स्पिनरों का समर्थन करने में प्रभावशाली रहे हैं।
दोनों टीमें निम्न खिलाड़ियों में से चुनी जाएंगी:
भारतीय टीम: रोहित शर्मा (कप्तान), केएल राहुल (उपकप्तान), विराट कोहली, सूर्यकुमार यादव, दीपक हुड्डा, ऋषभ पंत (विकेटकीपर), दिनेश कार्तिक (विकेटकीपर), हार्दिक पांड्या, अक्षर पटेल, रविचंद्रन अश्विन, युजवेंद्र चहल, रवि बिश्नोई, भुवनेश्वर कुमार, अर्शदीप सिंह और आवेश खान
अफगानिस्तान टीम: मोहम्मद नबी (कप्तान), नजीबुल्लाह जदरान, अफसर जजई, अजमतुल्लाह ओमरजई, फरीद अहमद मलिक, फजलहक फारूकी, हशमतुल्ला शाहिदी, हजरतुल्लाह जजई, इब्राहिम जदरान, करीम जनत, मुजीब उर रहमान, नजीबुल्लाह जदरान, नूर उल अहमद, रहमानुल्ला गुरबाज, राशिद खान और समीउल्लाह शिनवारी।
अंतरराष्ट्रीय
अवामी लीग समर्थकों ने संयुक्त राष्ट्र में विरोध प्रदर्शन किया, पार्टी से प्रतिबंध हटाने की मांग

संयुक्त राष्ट्र, 20 मई। बांग्लादेश में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगाए जाने के विरोध में उसके समर्थकों ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। उन्होंने मांग की कि संयुक्त राष्ट्र यह सुनिश्चित करे कि देश में लोकतंत्र फिर से कायम हो।
यूएसए अवामी लीग के अध्यक्ष सिद्दीक रहमान ने कहा, “मोहम्मद यूनुस की गैरकानूनी सरकार ने अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया है, जबकि यह एक कानूनी और लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई पार्टी है।”
उन्होंने कहा कि अगर चुनाव संयुक्त राष्ट्र की मंशा के मुताबिक सभी को साथ लेकर कराए जाने हैं, तो अवामी लीग से प्रतिबंध हटाया जाना चाहिए और उसे चुनाव में हिस्सा लेने की अनुमति मिलनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि लोकतंत्र बहाल हो।
रहमान ने कहा कि भले ही यूनुस को नोबेल पुरस्कार मिला हो, लेकिन अब वह एक तानाशाह बन गए हैं। वह बिना चुनाव के सरकार चला रहे हैं और उन्होंने एक चुनी हुई वैध सरकार को हटा दिया है।
विरोध प्रदर्शन में बोलने वालों ने कहा कि अमेरिका को बांग्लादेश में लोकतंत्र फिर से बहाल करने की मांग करनी चाहिए।
यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया था।
पिछले सप्ताह बांग्लादेश चुनाव आयोग ने पार्टी का पंजीकरण रद्द कर दिया, जिससे वह चुनाव में भाग लेने के लिए अयोग्य हो गई।
बांग्लादेश ने चुनाव की तारीख तय नहीं की है।
विरोध प्रदर्शन के आयोजक प्रदीप कर ने कहा कि उन्होंने अपनी मांगों के साथ संयुक्त राष्ट्र को एक पत्र सौंपा है।
उन्होंने कहा कि शेख हसीना ‘वैध प्रधानमंत्री हैं’, जबकि यूनुस ने “जमात-ए-इस्लामी और आतंकवादियों” की मदद से सत्ता हासिल की है।
अंतरराष्ट्रीय
पाकिस्तानी ड्रोन के निशाने पर थे निर्दोष नागरिक, भारतीय सेना ने मार गिराया

नई दिल्ली, 10 मई। भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने पाकिस्तान के हमले को नाकाम कर दिया है। पाकिस्तान ने हमला ड्रोन के जरिए शनिवार की सुबह किया। हालांकि, पहले से सतर्क भारतीय सेना के आगे पाकिस्तान की एक नहीं चली और उसके ड्रोन जमीन पर औंधे मुंह गिरे।
बड़ी बात यह है कि पाकिस्तान की सेना ने विस्फोटकों से भरे ड्रोन भारतीय आबादी क्षेत्र में भेजे थे। इनका मकसद पंजाब में सामान्य नागरिकों के ठिकानों पर हमला करना था। पाकिस्तान के ड्रोन भारत में ज्यादा से ज्यादा सामान्य नागरिकों को नुकसान पहुंचाना चाहते थे। लेकिन, पाकिस्तान के नापाक मंसूबे को भारतीय सेना ने पूरी तरह से विफल कर दिया।
रक्षा अधिकारियों ने बताया कि शनिवार तड़के सुबह लगभग पांच बजे, पाकिस्तानी सेना ने सीमा पार पंजाब के अमृतसर की ओर कई कामिकेज ड्रोन भेजे। कामिकेज ड्रोन एक खतरनाक आत्मघाती मानव रहित हवाई वाहन होते हैं। ये ड्रोन विस्फोटक के साथ उड़ान भरते हैं। पेलोड यानी विस्फोटक समेत ड्रोन अपने लक्ष्य से टकराकर दुर्घटनाग्रस्त हो जाते हैं।
पाकिस्तानी सेना द्वारा भेजे गए इन ड्रोनों का लक्ष्य भारत में अमृतसर की घनी आबादी वाले रिहायशी इलाकों पर हमला करना था। हालांकि, भारतीय सेना की वायु रक्षा प्रणाली की सतर्कता और तेज प्रतिक्रिया के चलते, ये ड्रोन भारतीय हवाई क्षेत्र में प्रवेश करते ही कुछ ही क्षणों में पहचान लिए गए। सेना की वायु रक्षा प्रणाली ने इन्हें ट्रैक किया और तुरंत ही नष्ट कर दिया।
रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि सीमा क्षेत्र में तैनात त्वरित प्रतिक्रिया वाली वायु रक्षा तोपों का उपयोग कर गनर्स ने इन ड्रोनों को हवा में ही मार गिराया। इन पाकिस्तानी ड्रोन का मलबा अमृतसर के रिहायशी इलाकों में नहीं गिरा और कोई जनहानि नहीं हुई।
रक्षा जानकार बताते हैं कि प्रारंभिक जांच से संकेत मिलता है कि इन ड्रोनों में उच्च विस्फोटक सामग्री थी। पाकिस्तानी ड्रोन में मौजूद इस विस्फोटक सामग्री का उद्देश्य निर्दोष नागरिकों को अधिकतम क्षति पहुंचाना था। यह पाकिस्तान की ओर से उकसावे की एक नई और गंभीर हरकत मानी जा रही है।
अंतरराष्ट्रीय
जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट की खबर निकली झूठी, पाकिस्तान के फेक दावों की खुली पोल

नई दिल्ली, 9 मई। पाकिस्तान की ओर से भारतीय सीमा पर लगातार हमले की कोशिश जारी है, लेकिन भारतीय सेना की तरफ से भी पाकिस्तानी हमलों का मुंहतोड़ जवाब दिया जा रहा है। इस बीच, सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक दावों के साथ पोस्ट भी शेयर किए जा रहे हैं। ऐसी ही एक पोस्ट में दावा किया गया कि जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट हुआ है, लेकिन इसकी सच्चाई कुछ और ही है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने जम्मू एयरफोर्स बेस पर विस्फोट के पाकिस्तान के दावों की पोल खोल दी है। पीआईबी के फैक्ट चेक में पुष्टि हुई है कि जिस तस्वीर को जम्मू एयरफोर्स बेस का बताया जा रहा है, वह तस्वीर साल 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए ब्लास्ट की है।
पीआईबी फैक्ट चेक ने एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर बताया, “भारत में जम्मू एयरफोर्स बेस पर कई विस्फोटों के झूठे दावों के साथ एक पुरानी तस्वीर प्रसारित की जा रही है। पीआईबी फैक्ट चेक में पता चला है कि यह तस्वीर अगस्त 2021 में काबुल एयरपोर्ट पर हुए विस्फोट की है। उस समय की एक रिपोर्ट का लिंक भी शेयर किया गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “गलत सूचना के झांसे में न आएं। शेयर करने से पहले हमेशा पुष्टि करें।”
इससे पहले, पीआईबी फैक्ट चेक ने पाकिस्तान द्वारा गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमले की झूठी खबरों का भी खंडन किया था।
पीआईबी ने जानकारी साझा करते हुए बताया कि वीडियो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ खूब वायरल हो रही है कि गुजरात के हजीरा पोर्ट पर हमला हुआ है। लेकिन, यह इससे जुड़ा हुआ वीडियो नहीं है। यह वीडियो तेल टैंकर विस्फोट को दर्शा रहा है और 7 जुलाई 2021 की है। इस वीडियो को शेयर न करें।
पीआईबी फैक्ट चेक में एक और वीडियो के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें दावा किया जा रहा था कि यह जालंधर पर ड्रोन स्ट्राइक का वीडियो है। जबकि यह वीडियो फॉर्म फायर का है। इस वीडियो को शेयर न करने की अपील की गई है।
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