राजनीति
अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर बोले पीएम मोदी- हमें योग को जानना है और हमें योग को जीना है

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को आठवें अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) के अवसर पर कर्नाटक के मैसूर पैलेस ग्राउंड में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान लोगों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘योग जीवन जीने का एक तरीका बन गया है।’ देश के 75 ऐतिहासिक केंद्रों पर योग कार्यक्रम आयोजित किए गए है।
2015 से, हर साल 21 जून को दुनिया भर में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस (आईडीवाई) मनाया जाता है। इस साल के योग दिवस का विषय ‘मानवता के लिए योग’ है। इस मौके पर कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानंद सोनोवाल भी मौजूद रहे।
पीएम मोदी ने कहा कि मैसूर जैसे भारत के आध्यात्मिक केंद्रों द्वारा सदियों से पोषित की गई योग ऊर्जा आज वैश्विक स्वास्थ्य को दिशा दे रही है। आज योग वैश्विक सहयोग का आधार बनता जा रहा है और मानव जाति को स्वस्थ जीवन प्रदान कर रहा है।
मोदी ने कहा, “आज हम देखते हैं कि योग घरों से निकलकर पूरे विश्व में फैल गया है और यह आध्यात्मिक अनुभूति की तस्वीर है, यह प्राकृतिक और साझा मानव चेतना की तस्वीर है। योग अब एक वैश्विक त्योहार बन गया है। योग किसी व्यक्ति के लिए नहीं, बल्कि पूरी मानवता के लिए है, इसलिए इस बार अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस की थीम है- ‘मानवता के लिए योग’ है।”
पीएम मोदी ने योग दिवस को विश्व स्तर पर नई पहचान देने के लिए संयुक्त राष्ट्र और सभी देशों को धन्यवाद दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा, “योग हमारे लिए शांति लाता है। योग से शांति केवल व्यक्तियों के लिए नहीं है। योग हमारे समाज में शांति लाता है। योग हमारे राष्ट्रों और दुनिया में शांति लाता है। योग हमारे ब्रह्मांड में शांति लाता है। यह पूरा ब्रह्मांड हमारे अपने शरीर और आत्मा से शुरू होता है। ब्रह्मांड हमसे शुरू होता है, और योग हमें अपने भीतर की हर चीज के प्रति जागरूक बनाता है और जागरूकता की भावना पैदा करता है।”
प्रधानमंत्री ने टिप्पणी की, कि भारत ऐसे समय में योग दिवस मना रहा है, जब देश अपनी आजादी के 75वें वर्ष, अमृत महोत्सव का जश्न मना रहा है।
पीएम मोदी ने कहा, “भारत के ऐतिहासिक स्थलों पर सामूहिक योग का अनुभव भारत के अतीत, भारत की विविधता और भारत के विस्तार को एक साथ जोड़ने जैसा है।”
पीएम मोदी ने अपने भाषण में कहा, “दुनिया के अलग-अलग देशों में सूर्योदय के साथ, सूर्य की गति के साथ, लोग योग कर रहे। योग की ये अनादि यात्रा अनंत भविष्य की दिशा में ऐसे ही चलती रहेगी। हम एक स्वस्थ और शांतिपूर्ण विश्व को योग के माध्यम से भी गति देंगे।”
मोदी ने कहा कि योग हमारे लिए केवल जीवन का हिस्सा नहीं है, आज यह जीवन का एक जीने का तरीका बन गया है। उन्होंने कहा कि योग को किसी विशेष समय और स्थान तक सीमित करने की आवश्यकता नहीं है।
उन्होंने कहा, “हम कितने भी तनावपूर्ण क्यों न हों, कुछ मिनट का ध्यान हमें आराम देता है और हमारी उत्पादकता को बढ़ाता है, इसलिए हमें योग को एक अतिरिक्त काम के रूप में नहीं लेना है। हमें योग को जानना है और हमें योग को जीना है। हमें योग को प्राप्त करना है, हमें योग को अपनाना है। जब हम योग को जीना शुरू करेंगे तो योग दिवस हमारे लिए योग करने का नहीं, बल्कि अपने स्वास्थ्य, सुख और शांति का उत्सव मनाने का माध्यम बनेगा।”
राजनीति
कांग्रेस के मंच से अमर्यादित टिप्पणी, सीएम योगी, फडणवीस से लेकर चिराग तक का जोरदार पलटवार

नई दिल्ली, 28 अगस्त। बिहार के दरभंगा में कांग्रेस सांसद राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर ऐसी टिप्पणी की गई, जिससे भाजपा से लेकर सहयोगी दलों के नेता आक्रोशित हो गए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से लेकर केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने टिप्पणी पर कड़ा ऐतराज जताया है।
सीएम योगी आदित्यनाथ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “कांग्रेस और आरजेडी के मंच से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए प्रयुक्त अभद्र भाषा अत्यंत निंदनीय एवं राजनीतिक मर्यादा का पतन है। इंडी गठबंधन के नेताओं द्वारा किया गया यह कृत्य सिर्फ प्रधानमंत्री का नहीं, बल्कि 140 करोड़ भारतवासियों की भावनाओं का अपमान है। याद रहे, एक साधारण मां ने अपने संघर्षों और संस्कारों से ऐसे पुत्र को गढ़ा, जिसने स्वयं को राष्ट्र सेवा के लिए समर्पित कर दिया और आज विश्व के सबसे लोकप्रिय नेता के रूप में जन-जन के मन में बसते हैं। बिहार की जनता निश्चित ही इस घृणित राजनीति का जवाब लोकतांत्रिक तरीके से देगी और भारतीय संस्कृति व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करेगी।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कांग्रेस के एक कार्यक्रम में प्रधानमंत्री मोदी पर अपमानजनक टिप्पणी पर कहा, “मैंने पहले भी कहा था कि राहुल गांधी का दिमाग चोरी हो चुका है और जब दिमाग चोरी हो जाता है तो लोग इस प्रकार की बातें करते हैं। आप राष्ट्रीय नेता कहलाते हो और इतनी ओछी बातें करते हो, आपको राष्ट्रीय नेता कहलाने का क्या अधिकार है? मुझे लगता है जब किसी का दिमाग चोरी हो जाता है तो उसे इग्नोर कर देना चाहिए।”
केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने कहा, “जिस भाषा का इस्तेमाल ये लोग करते हैं। राजनीति में मतभेद होंगे ही और वो स्वाभाविक है और भारत जैसे लोकतंत्र में जहां पर इतनी विविधताएं हैं और इतने राजनीतिक दल हैं। हर किसी का अपना पक्ष और मत होगा। मैंने हमेशा कहा कि राजनीति में भाषा की मर्यादा का पालन करना होगा। आप तीखा से तीखा वार आप मर्यादित शब्दों में कर सकते हैं। लेकिन, इस तरीके से टिप्पणी करना, ये कोई स्वीकार नहीं कर सकता है। इसे बिल्कुल स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कांग्रेस देश की सबसे पुरानी पार्टियों में से एक है। कांग्रेस पार्टी के रहते हुए इस तरह की भाषा का इस्तेमाल किया जा रहा है।”
उन्होंने आगे कहा कि राजद जैसी पार्टी की वजह से ही 90 के दशक से बिहार जो बदनाम हुआ है, आज तक हम अपने खोए हुए गौरव-स्वाभिमान की लड़ाई लड़ रहे हैं। यही बोलचाल और कार्यशैली की वजह से राजद जैसी पार्टियों ने 90 के दशक में बिहार को बदनाम करने का काम किया। ये इनके कार्यकर्ता हैं, जो अपशब्दों का इस्तेमाल कर रहे हैं।
अपराध
नवी मुंबई अपराध: विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त आयुक्त बनकर फर्जी पहचान पत्र के साथ 27 वर्षीय फर्जी आईएएस अधिकारी गिरफ्तार

crime
नवी मुंबई: रबाले पुलिस ने एक 27 वर्षीय व्यक्ति को आईएएस अधिकारी बनकर विदेश मंत्रालय में अतिरिक्त आयुक्त होने का दिखावा करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान डेनियल डेविड वाघमारे के रूप में हुई है और उसे ऐरोली से गिरफ्तार किया गया, जहाँ वह खुद को एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी बता रहा था।
जाली पहचान पत्र और विजिटिंग कार्ड जब्त
पुलिस ने विदेश मंत्रालय और महाराष्ट्र उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग के जाली पहचान पत्र और फर्जी विजिटिंग कार्ड ज़ब्त किए हैं। अधिकारियों को शक है कि उसने इन दस्तावेज़ों का इस्तेमाल करके कई लोगों को ठगा है। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक बालकृष्ण सावंत ने बताया, “उससे गहन पूछताछ की जा रही है।”
पुलिस के अनुसार, ऐरोली के सेक्टर-15 स्थित सप्तश्रृंगी अपार्टमेंट्स के निवासी वाघमारे ने आईएएस अधिकारी होने का झूठा दिखावा किया और उसे अक्सर स्कूल और सामुदायिक कार्यक्रमों में मुख्य अतिथि के रूप में आमंत्रित किया जाता था, जिसमें ध्वजारोहण समारोह भी शामिल था।
यह मामला तब सामने आया जब ऐरोली विधानसभा (शिवसेना-शिंदे गुट) के उपाध्यक्ष मयूर पाटिल ने वाघमारे के प्रमाणपत्रों की जाँच की। पाटिल के छोटे भाई ने खुलासा किया कि वाघमारे असल में एक कॉल सेंटर में उनके अधीन काम करता था। इसके बाद पाटिल ने रबाले पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।
शुरुआत में वाघमारे ने खुद को एक वरिष्ठ अधिकारी बताकर पुलिस को गुमराह भी किया। हालाँकि, आगे की जाँच में उसके दस्तावेज़ फ़र्ज़ी साबित हुए, जिसके बाद जालसाजी और धोखाधड़ी के आरोप में उसे गिरफ़्तार कर लिया गया।
जाँचकर्ताओं ने यह भी पाया कि वाघमारे ने सोशल मीडिया पर खुद का प्रचार किया था, अपनी ‘नियुक्ति’ पर बधाई संदेश पोस्ट किए थे, सरकारी दफ्तरों और गाड़ियों में तस्वीरें ली थीं, और यहाँ तक कि एक वीडियो भी पोस्ट किया था जिससे पता चलता था कि उसके पास राजनयिक पासपोर्ट है। गिरफ़्तारी के बाद, उसने इनमें से ज़्यादातर पोस्ट हटा दिए।
पुलिस अब उसकी गतिविधियों की जांच कर रही है और यह भी पता लगा रही है कि क्या उसने उच्च पदस्थ अधिकारी होने की आड़ में और लोगों को ठगा है।
राजनीति
चुनाव आयोग की सीपीआई के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 28 अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और राजनीतिक दलों के बीच चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
ईसीआई के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन सदन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष कई सुझाव भी रखे।
चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया कि पिछले 150 दिनों में ईसीआई ने विभिन्न स्तरों पर कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं, जिनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) द्वारा 40, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा 800 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा 3,879 बैठकें शामिल हैं। इन बैठकों में 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के नेताओं के साथ 21 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें भाजपा, बसपा, टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसे राष्ट्रीय दल शामिल हैं।
दरअसल, यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ आयोजित की जा रही चर्चाओं का हिस्सा है। इन बैठकों का उद्देश्य रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय दलों के नेताओं को उनके सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है।
यह पहल आयोग के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत सभी हितधारकों के साथ मिलकर चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में कार्यरत है।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने 21 अगस्त को जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष अपने सुझाव पेश किए। इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने बीजू जनता दल (बीजद) के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी।
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